सूरत के तक्षशिला कॉम्पलेक्स में लगी आग, एक टीचर समेत 12 लोगों की मौतसूरत के तक्षशिला कॉम्पलेक्स में आग लग गई है और यहां ट्यूशन क्लास चल रही थी। सूरत में आग लगने की घटना में अब तक 12 लोगों की मौत हो गई है जिसमें एक टीचर भी शामिल हैं। तक्षशिला कॉम्पलेक्स के दूसरे फ्लोर पर बच्चे पढ़ रहे थे। आग लगने के बाद बच्चों ने जान बचाने के लिए चौथी मंजिल से छलांग लगा दी और इसके चलते 12 लोगों की मौत हो गई है।खबर हैं कि कुल 40 बच्चे ट्यूशन सेंटर में मौजूद थे। इस घटना में फंसे बच्चों को अस्पताल ले जाया गया है। फायर ब्रिगेड की पंद्रह गाड़ियां लगातार आग बुझाने की कोशिश कर रही हैं। अभी आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।आग तक्षशिला कॉम्पलेक्स के आगे वाले हिस्से पर लगनी शुरू हुई और आग लगने के बाद कॉम्पलेक्स में अफरातफरी मच गई। दूसरे फ्लोर पर मौजूद बच्चों ने आग से बचने के लिए ऊपर से नीचे छलांग लगा दी। बताया जा रहा है कि आग में फंसे कई बच्चों के शव अभी भी कॉम्पलेक्स में
शुक्रवार, 24 मई 2019
देश को अपना कब समझेंगे ओवैसी
नई दिल्ली,
नरेन्द्र मोदी ने गेरुआ नकाब ओढ़ कर हिन्दुओं को भरमाया।
आखिर असदुद्दीन औवेसी इस देश को अपना कब समझेंगे?
543 में 302 सीटें अकेले दम पर जीतने के बाद 23 मई की रात को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव की खास बात यह रही कि कोई भी राजनीतिक सेकुलरिज्म का नकाब ओढ़कर सामने नहीं आया। भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में ऐसा होना वाकई अच्छी शुरुआत है। सभी ने प्रधानमंत्री के इस कथन की प्रशंसा की, लेकिन 24 मई को एआईएआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी ने प्रधानमंत्री पर इसी मुद्दे पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सनातन संस्कृति के प्रतीत बाबा केदारनाथ के दर्शन और गुफा में साधना करने के प्रधानमंत्री के कार्य का मजाक उड़ाते हुए औवेसी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने गेरुआ नकाब ओढ़ कर हिन्दुओं को भरमाया है। फिल्म अभिनेता कमल हसन के कथन को दोहराते हुए औवेसी ने भी कहा कि आजादी के बाद नाथूराम गौडसे ही पहला हिन्दू आतंकवादी था। औवेसी ने कहा कि वे हिन्दुत्व की विचारधारा का विरोध करते रहेंगे। सवाल उठता है कि आखिर औवेसी जैसे नेता इस देश को अपना कब समझेंगेे? नरेन्द्र मोदी यदि अपनी सनातन संस्कृति के अनुरूप गेरुआ वस्त्र पहन कर मंदिर जाते हैं तो इसमें ऐतराज की क्या बात है? क्या अब मोदी गेरुआ वस्त्र पहन कर मंदिर भी न जाएं? असदुद्दीन औवेसी जिस हैदराबाद शहर से बार बार चुनाव जीतते हैं उसे हैदराबाद का इतिहास किसी से छिपा नहीं है। यदि भारतीय संविधान के अनुरूप औवेसी हैदराबाद से चुनाव जीतते हैं तो उन्हें भी नरेन्द्र मोदी की तरह एक सांसद के तौर पर सभी सुविधाएं मिलती हैं। हिन्दुओं की सनातन संस्कृति का मजाक उड़ाने पर भी लोकसभा में औवेसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होता। औवेसी राजनीतिक कारणों से मोदी पर जातिवाद का तो आरोप लगाते हैं, लेकिन स्वयं हर बाद हैदराबाद से ही चुनाव लड़ कर बहादुरी क्यों दिखाते हैं? क्या औवेसी हैदराबाद से बाहर किसी अन्य संसदीय क्षेत्र से चुनाव लडऩे की हिम्मत दिखा सकते हैं? औवेसी माने या नहीं, लेकिन इस चुनाव में सेकुलरिज्म का नकाब वाकई उतर गया है। इतना ही नहीं घोर जातिवाद की राजनीति भी ध्वस्त हो गई है। यूपी में मायावती और अखिलेश ने जातिवाद के कारण ही गठबंधन किया था, लेकिन नरेन्द्र मोदी की सुनामी की वजह से गठबंधन ढेर हो गया। भाजपा के उम्मीदवारों को तीन तीन, चार-चार लाख मतों की जीत बताती है कि मतदाताओं ने जाति की विचारधारा को छोड़ कर राष्ट्रहित में नरेन्द्र मोदी को वोट दिया है। लोगों ने उम्मीदवार के बारे में जाने बगैर ही मोदी के नाम वोट दिए। देश के लोगों के इस मिजाज को औवेसी जैसे नेताओं को समझना होगा।
कितना मायने रखता है नरेंद्र मोदी का आडवाणी के पैर छूना
नई दिल्ली, 4 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह के साथ वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी और मुरली मनोहर जोशी के दिल्ली स्थिति निवास पर पहुंचे और पैर छू कर दोनों से आशीर्वाद लिया। आशीर्वाद लेने के बाद मोदी ने ट्वीट किया कि आडवानी और जोशी जैसे नेताओं की वजह से ही भाजपा आज इस मुकाम पर पहुंची है। मुलाकात के बाद आडवानी ने तो मीडिया से संवाद नहीं किया, लेकिन जोशी ने कहा कि यह हमारी पार्टी की परंपरा है। जोशी ने कहा कि हमने जो पेड़ लगाया था, उस पर अब फल आ रहे हैं। मैं उम्मीद करता हंू कि नरेन्द्र मोदी देश के लोगों को स्वादिष्ट फल खिलाएंगे। सवाल उठता है कि आडवानी और जोशी के घर जाकर मोदी का आशीर्वाद लेना कितना मायने रखता है? राजनीतिक पंडित चाहे जो मायने निकाले लेकिन मेरा मानना है कि मोदी ने यह कार्य पार्टी के बड़े नेताओं को सम्मान देने के लिए किया। भले ही आडवानी और जोशी को भाजपा के पांच वर्ष के शासन में कोई बड़ा पद नहीं मिला हो, लेकिन मोदी को इस बात का एहसास है कि आडवानी और जोशी ने भाजपा के लिए जो कुछ भी किया उसी वजह से आज भाजपा को 302 सीटें अपने दम पर मिली है। पिछले पांच वर्ष में मोदी और आडवानी के बीच भले ही अच्छे संबंध नहीं रहे हो, लेकिन मोदी ने अपनी तरफ से सकारात्मक पहल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वर्ष 2014 में आडवानी और जोशी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार दोनों ने ही चुनाव नहीं लड़ा। यह खोज का विषय हो सकता है कि दोनों को चुनाव क्यों नहीं लडवाया गया। लेकिन मोदी ने साफ कर दिया कि आडवानी और जोशी भले ही सांसद न बने हो, लेकिन पार्टी और सरकार में उनका सम्मान बना रहेगा। हाल ही के लोकसभा चुनाव के परिणाम बताते हैं कि नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट डला है। भले ही इस चुनाव में आडवानी और जोशी की कोई भूमिका न रही हो, लेकिन फिर भी नरेन्द्र मोदी ने दोनों को सम्मान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इससे ज्यादा और क्या हो सकता है कि जब मोदी का सामना आडवानी और जोशी से हुआ तो मोदी ने झुककर दोनों के चरणस्पर्श किए। दोनों के यहां मोदी 15-15 मिनट बैठे रहे और अनेक विषयों पर चर्चा की। कुछ लोग इस आशीर्वाद में भी राजनीति निकालेंगे। लेकिन मोदी ने जो कुछ भी किया वह सनातन संस्कृति के अनुरूप था। हमारी संस्कृति में यही सिखाया जाता है कि बड़ा का सम्मान होना चाहिए। मोदी ने उसी परंपरा का निर्वाह किया है। र्फ
बिल्डर कर रहे एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन
खनन माफिया करा सकते विधायक नन्द किशोर गुर्जर की हत्या
लोनी विधायक की हत्या का रचा जा रहा षडयंत्र
क्षेत्रीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने बालू खनन माफिया पर एक अधिकारी एवं अपराधियों से सांठगांठ कर बदनाम करने एवं हत्या का षडयंत्र रचने का आरोप लगाया है विधायक ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर यह आशंका प्रकट की है विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने बताया गत दिनों उन्होंने यमुना की बीच धार से नाव में पंपसेट लगाकर अवैध बालू खनन की सूचना मिली थी जिस पर उन्होंने रात को खान पर छापा मारा था आरोप है कि खनन माफिया ने उनके ऊपर गोली दागी थी जिसमें वह बाल बाल बचे उन्होंने मौके पर पुलिस बुलाकर खनन माफिया को पुलिस के सुपुर्द किया था लेकिन रात में पुलिस ने उसे छोड़ दिया
विधायक नंदकिशोर गुर्जर का कहना है अवैध बालू खनन का धंधा बंद होने के बाद खनन माफिया व एकअधिकारी को लाखों रुपए महीने की आमदनी बंद हो गई है जिसके कारण वह बौखला गए हैं और उन पर झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं विधायक को आशंका है कि खनन माफिया एवं अधिकारी कुछ विरोधी एवं अपराधियों से मिलकर उनकी हत्या करा सकते हैं
हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को भेजा नोटिस
दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र को भेजा नोटिस
दिल्ली लोकसभा चुनाव 2019 का सफलतापूर्वक समापन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में लगातार दूसरी बार राजग गठबंधन की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। चुनावों के नतीजे सामने आने के एक ही दिन बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र को एक नोटिस जारी किया है।दरअसल हाईकोर्ट में कुछ राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में हाईकोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि ऐसे राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द कर देना चाहिए जो धार्मिक, जातिगत, नस्ल या भाषाई आधार पर पंजीकृत हैं। याचिका में यह भी कहा था कि ऐसे दलों को तीन महीने का समय दिया जाना चाहिए। अगर वे तब भी अपने में सुधार नहीं करते तो उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाए।यह याचिका भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर की गई है और इसमे तर्क दिया गया है कि धर्मों से जुड़े नाम का इस्तेमाल करने या राष्ट्रीय ध्वज जैसे प्रतीकों का उपयोग उम्मीदवार की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है और यह जनप्रतिनिधित्व कानून (आरपीए) 1951 के तहत भ्रष्ट गतिविधि के समान है। याचिका में हिंदू सेना, ऑल इंडिया मज्लिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग जैसे दलों का भी जिक्र किया है।
गुरुवार, 23 मई 2019
राफेल प्रबंधन की टीम के दफ्तर में घुसपैठ
फ्रांस में भारतीय वायुसेना की राफेल परियोजना प्रबंधन टीम के दफ्तर में घुसपैठ
फ्रांस में भारतीय राफेल परियोजना प्रबंधन टीम के कार्यालय में विमान से संबंधित डेटा चोरी करने के संभावित जासूसी के प्रयास में अज्ञात व्यक्तियों ने रविवार रात घुसपैठ की है। ये जानकारियां भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाओं से संबंधित और संवेदनशील हैं।
भारतीय वायु सेना के सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "भारतीय वायु सेना राफेल परियोजना प्रबंधन टीम कार्यालय में घुसपैठ हुई है, जो फ्रांस में पेरिस के एक उपनगर में स्थित है। कोई हार्ड डिस्क या दस्तावेज चोरी नहीं हुआ है। घुसपैठियों के मकसद के बारे में अधिक जानकारी पता की जा रही है।"
राफेल परियोजना टीम का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन-रैंक के एक अधिकारी कर रहे हैं। वे भारत को मिलने वाले 36 राफेल लड़ाकू विमानों से संबंधित विषयों का पर्यवेक्षण कर रहे हैं, जिसमें उत्पादन समयसीमा और भारतीय कर्मियों का प्रशिक्षण शामिल है, जिन्हें विमान के रखरखाव और उड़ान संचालन के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जिसे भारत प्राप्त कर रहा है।
सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित
सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित बृजेश केसरवानी प्रयागराज। उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष अंतर्गत जनपद ...
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उपचुनाव: 9 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी संदीप मिश्र लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतगणना जारी है। यूपी कीे क...
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