मंगलवार, 21 मई 2019

प्रणय ने माउंट एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा

भारतवासी प्रणय ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा


भारतवासी प्रणय बंदबुच ने 13 अन्य लोगों के साथ सोमवार को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा दिया। पर्यटन मंत्रालय की पर्वत शाखा के अनुसार, चीन, ग्रीस व भारत के सात पर्वतारोही और सात नेपाली शेरपा 8,848 मीटर ऊंची चोटी पर सोमवार की सुबह पहुंच गए। नेपाल ने 14 मई को विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर चढ़ाई के लिए रास्ता खोला था। तब आठ नेपाली शेरपा माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में कामयाब रहे थे।


यह पहली टीम थी जो इस रास्ते माउंट एवरेस्ट पर पहुंची थी। माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने वालों में चार चीन, दो ग्रीस व एक भारत से हैं। भारतीय पर्वतारोही की पहचान प्रणय बंदबुचा के रूप में हुई।


इस मौसम में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए 41 अलग-अलग टीमों के 378 पर्वतारोहियों को पर्यटन मंत्रालय ने अनुमति दी है। इनमें से 200 पर्वतारोहियों ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी का रुख भी कर लिया है।


 


ब्रिटेन में लैंडिंग कार्ड व्यवस्था की खत्म

ब्रिटिश सरकार ने भारत से आने वाले यात्रियों के लिए लैंडिंग कार्ड भरने की अनिवार्यता खत्म कर दी


ब्रिटिश सरकार ने भारत जैसे देशों से ब्रिटेन आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए लैंडिंग कार्ड भरने की अनिवार्यता खत्म कर दी है। इसका मकसद ब्रिटेन में प्रवेश को सुगम बनाना है।


यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र (ईईए) के बाहर के देशों से आने वाले विमान यात्रियों को अब ब्रिटेन के हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद फार्म भरकर पासपोर्ट के साथ उसे आव्रजन अधिकारियों के हवाले करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह सुविधा सोमवार से ही लागू हो गई है। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार सभी गैर ईईए यात्रियों को ब्रिटेन पहुंचने पर लैंडिंग कार्ड भरने की जरूरत को खत्म कर रही है। इससे देश में आना आसान होगा।


ब्रिटेन के एयरपोर्ट ऑपरेटर एसोसिएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी करेन डी. ने कहा कि हवाई अड्डे व्यस्त मौसम की तैयारी कर रहे हैं। हमें पता है कि पासपोर्ट कंट्रोल के लिए कोई भी कतार में इंतजार नहीं करना चाहता।


ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के यात्री इस सप्ताह से समूचे ब्रिटेन के हवाई अड्डों पर स्वचालित द्वार का इस्तेमाल कर पाएंगे।


 


बंगाल में हिंसा जारी, ट्रेन पर फेंके बम

पश्चिम बंगाल:भाटपारा में हिंसा जारी, ट्रेन पर फेंके गए देसी बम


पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के भाटपारा में लगातार हिंसा जारी है। ट्रेन पर देसी बम फेंके गए जिसके बाद रेल यात्रियों ने भागकर किसी तरह अपनी बचाई। भाटपाड़ा में कल से ही धारा 144 लागू है।


वहीं एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक बंगाल के कूच बिहार स्थित सिताई में पिछली रात हिंसा में भारतीय जनता पार्टी के पांच कार्यकर्ता घायल हो गए। बीजेपी ने इस हिंसा के लिए टीएमएसी कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाय है।


चुनाव बाद किसी भी तरह की हिंसक घटना से बचने के लिए पश्चिम बंगाल के भाटापारा में सोमवार को धारा-144 लगा दी गई है। लोकसभा चुनावों के साथ ही भाटापारा में विधानसभा के लिए उपचुनाव हुए थे। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार मदन मित्रा का एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें वे केंद्रीय बल के एक जवान से बहस करते हुए दिखाई दे रहे थे।


 


विपक्ष के दावों को आयोग ने किया खारिज

विपक्ष के दावों को चुनाव आयोग ने किया खारिज, कहा- बिल्कुल सुरक्षित है ईवीएम


लोकसभा चुनाव परिणाम से पहले ईवीएम को लेकर नए सिरे से विवाद शुरू हो गया है। विपक्षी दलों के नेता ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए छेड़छाड़ की कोशिश का दावा कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष प्रियंका गांधी, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मनीष सिसोदिया समेत कई नेताओं ने स्ट्रॉन्ग रूम (जहां वोटिंग के बाद ईवीएम रखे गए हैं) पर निगरानी रखने के लिए कार्यकर्ताओं से अपील की है।


वहीं चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों के दावों को खारिज किया है। चुनाव आयोग ने कहा, ''गाजीपुर, चंदौली, डुमरियागंज और झांसी में ईवीएम को लेकर जो आरोप लगाए गए वो सही नहीं हैं। जिन ईवीएम का मतदान में इस्तेमाल हुआ है वो पूरी तरह सुरक्षित हैं।


गाजीपुर प्रशासन ने भी महागठबंधन के उम्मीदवार अफजाल अंसारी के दावों को खारिज किया है। गाजीपुर प्रशासन ने ट्वीट कर कहा, ''ईवीएम को लेकर आशंकाएं निराधार हैं। ईवीएम 24×7 सीआईएसएफ की सुरक्षा में है। उम्मीदवारों को स्ट्रॉन्ग रूम की निगरानी के लिए अपने एजेंटों को रखने की अनुमति दी गई है।'' इस ट्वीट को चुनाव आयोग ने रिट्वीट किया है।


बीजेपी ने भी इसे विपक्ष की हताशा करार दिया। बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि ये हार तय देखकर ऐसा कर रहे हैं। मोदी को गाली देते देते अब चुनाव आयोग और ईवीएम को गाली देने लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने तो अपना फ़ैसला दे दिया है।


 


एनएनपी विधायक सहित 7 की मौत

अरुणाचल प्रदेश: एनएनपी विधायक तिरोंग अबो सहित 7 की संदिग्ध आतंकी हमले में मौत


अरुणाचल प्रदेश में एनएनपी के विधायक तिरोंग अबो और 6 अन्य लोगों की एक हमले में मौत हो गई है बताया जा रहा है कि इस हमले में अबो के परिवार वालों के साथ सुरक्षाकर्मी भी इस हमले में मारे गए हैं।


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, संदिग्ध एनएससीएन (नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड) के आतंकवादी हमले के पीछे हो सकते हैं, ये घटना अरुणाचल प्रदेश में तिरप जिले के बोगापानी गाँव में हुई है।


अबो अरुणाचल प्रदेश की खोंसा-पश्चिम सीट से विधायक हैं। वहीं मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने इस क्रूर हमले की निंदा की और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। 'एनपीपी श्री तिरंग अबोह और उनके परिवार और उनके सुरक्षा कर्मियों पर हुए क्रूर हमले की कड़ी निंदा करता है।


 


कर्ज में डूबे किसान ने की आत्महत्या


कर्ज में डूबे किसान ने आत्महत्या की।
27 हजार पंचायत सहायकों की नौकरी दांव पर।
आखिर राजस्थान में कांग्रेस सरकार राहुल गांधी के शब्दों का मान कैसे रखेगी?

लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान की सभाओं में बार बार कहा कि अब किसी भी किसान को बैंक कर्ज की वजह से आत्महत्या नहीं करनी पड़ेगी और न ही लोन नहीं चुकाने पर किसी किसान को जेल जाना पड़ेगा। इसी प्रकार राहुल ने कहा था कि नरेन्द्र मोदी ने दो लाख रिक्त पदों पर भर्तियां नहीं की। कांग्रेस ने राहुल गांधी के कथनों से जुड़े विज्ञान भी जारी किए। चूंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है ऐसे उम्मीद रही कि राजस्थान में तो राहुल गांधी के शब्दों और वायदों का मान रखा ही जाएगा। लेकिन राजस्थान पत्रिका ने 21 मई के अजमेर संस्करण में अंतिम पृष्ठ भूमि पर बैंक कर्ज में डूबे किसान ने खुदकुशी शीर्षक से एक खबर प्रकाशित की है। इस खबर में बताया गया कि अजमेर जिले के मसूदा विधानसभा क्षेत्र के भिनाय थानांर्गत तेलाड़ा गांव के चालीस वर्षीय किसान लादू सिंह ने विषाक्त पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली। भारतीय स्टेट बैंक की भिनाय शाखा की ओर से लादू सिंह को 6 लाख रुपए के कर्ज की वूसली का नोटिस 19 मई को प्रात: 11 बजे मिला और लादू सिंह ने दोपहर एक बजे विषाक्त पदार्थ खा लिया। बैंक अधिकारी स्वीकार करते हैं कि लादू सिंह के घर पर नोटिस चस्पा किया गया था। अब सवाल उठता है कि राहुल गांधी के कथन का क्या होगा? जब कांगे्रस के शासन में कर्ज में डूबा किसान खुदकुशी कर रहा है तो फिर आम किसान को राहत कैसे मिलेगी? हालांकि मसूदा के कांग्रेस विधायक राकेश पारीक ने किसान की खुदकुशी से इंकार किया है। पारीक का कहना है कि लादू सिंह बीमार था और उसने गलती से दवाई की जगह विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। विधायक के दावे में कितना दम है यह जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन यह सही है कि लादू सिंह ने 6 लाख रुपए की वसूली का नोटिस मिलने के बाद ही विषाक्त पदार्थ खाया।
27 हजार युवाओं की नौकरी दांव पर:
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार में 27 हजार ग्राम पंचायत सहायकों की नौकरी भी दांव पर लग गई है। पिछली भाजपा सरकार ने पंचायत सहायकों की सेवा की अवधि 18 मई तक बढ़ा दी थी, लेकिन 21 मई गुजर जाने के बाद भी सेवा विस्तार नहीं किया गया है, जबकि ऐसे पंचायत सहायक 2007 से लगातार काम कर रहे हैं। इन्हीं युवाओं ने पहले विद्यार्थी मित्र के रूप में कार्य किया। भाजपा की सरकार ने 2017 में इन्हें ग्राम पंचायत सहायक के तौर पर नियुक्त कर दिया। प्रति वर्ष सेवा विसतार किया जाता है, लेकिन इस बार कांग्रेस के शासन में सेवा विस्तार नहीं हुआ। 18 मई के बाद से ही 27 हजार ग्राम पंचायत सहायकों के सिर पर तलवार लटक गई है। राहुल ने तो कहा कि राजस्थान के हजारों युवाओं को भी सरकारी स्थायी तौर नौकरी मिलेगी, लेकिन राजस्थान में उल्टा हो गया। जो 27 हजार युवा पहले से नौकरी कर रहे थे, उनकी नौकरी भी छीनी जा रही है। आखिर परेशान लोग हां जाएं? ग्राम पंचायत सहायकों के प्रतिनिधि कमल टेलर ने बताया कि कांग्रेस भी अपने घोषणा पत्र में अस्थायी कार्मिकों को सायी करने का वायदा किया था, लेकिन हमारी तो अस्थायी नौकरी पर भी खतरा हो गया है। ग्राम पंचायत सहायक की समस्याओं के संबंध में मोबाइल नम्बर 9413894235 पर कमल टेलर से जानकारी ली जा सकती है।
एस.पी.मित्तल


विपक्षी दल फिर पहुंचा चुनाव आयोग


एक्जिट पोल के अनुरूप परिणाम नहीं आए तो क्या ईवीएम सही हो जाएगी?
आखिर हार का ठिकरा ईवीएम पर क्यों। विपक्षी दल फिर पहुंचे चुनाव आयोग।



21 मई को देश के प्रमुख विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग के दफ्तर पर दस्तक दी है। दिग्गज नेताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त से कहा कि 23 मई को ईवीएम में दर्ज मतों की गणना वीवीपेट की पर्चियों से करवाई जावे। विपक्षी नेताओं ने ईवीएम को लेकर अपनी आशंकाओं के बारे में भी चुनाव आयोग को जानकारी दी। आयोग ने विपक्षी दलों को स्पष्ट कर दिया कि मतगणना के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो दिशा निर्देश दिए हैं उन्हीं के अनुरूप मतगणना होगी। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के पांच मतदान केन्द्रों की ईवीएम के मतों की गणना वीवीपेट की पर्चियों से करवाई जाएगी। आयोग ने कहा कि यदि कोई गडबड़ी होगी तो इन पांच ईवीएम के माध्यम से सामने आ जाएगी। आयोग ने विपक्षी दलों को आश्वस्त किया कि ईवीएम की मतगणना में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई तकनीक नहीं है जिससे ईवीएम में दर्ज मतों में कोई बदलाव हो सके। सवाल उठता है कि आखिर विपक्षी दल ईवीएम पर शक क्यों कर रहे हैं? क्या एक्जिटपोल से विपक्ष में घबराहट है? यदि 23 मई को मतगणना के परिणाम एक्जिटपोल के विपरीत आ गए तो क्या ईवीएम सही हो जाएगी? ईवीएम पर तभी शक होगा, जब परिणाम विपक्षी दलों के खिलाफ आएंगे? ईवीएम को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठाए गए हैं, लेकिन इन सवालों का आयोग की ओर से ठोस जवाब भी दिया गया है। सब जानते हैं कि मतदान के बाद राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में ही ईवीएम को सील किया जाता है और फिर मतगणना के समय भी इन्हीं प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सील को तोड़ा जाता है। ऐसे में ईवीएम में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नजर नहीं आती है। विपक्षी दलों ने भाजपा और नरेन्द्र मोदी को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यूपी में पुश्तैनी दुश्मन मायावती और अखिलेश यादव ने हाथ मिला लिया तो बिहार में कांगे्रस ने लालू प्रसाद यादव की पार्टी के साथ गठबंधन किया। बंगाल में तो ममता बनर्जी के समर्थकों ने हिंसा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। राजनीति में यह सब जायज है। जो लोग ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं उन्हें इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि कांग्रेस शासित प्रदेशों और अन्य प्रदेशों में जहां गैर भाजपा सरकारें हैं, वहां सरकार द्वारा नियुक्त जिला कलेक्टर ही जिला निर्वाचन अधिकारी की भूमिका निभाते हैं। सब जानते हैं कि राज्य सरकारें अपने नजरिए से कलेक्टरों की नियुक्ति करती हैं। ऐसे में यदि किसी भी ईवीएम पर गड़बड़ी की आशंका होगी तो सबसे पहले निर्वाचन अधिकारी की ही जिम्मेदारी होगी। जब विपक्षी सरकारों की निगरानी में ईवीएम रखी हुई है तो फिर गड़बड़ी कैसे हो सकती है।
एस.पी.मित्तल


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...