मंगलवार, 17 दिसंबर 2024

सरकार ने अपना दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया

सरकार ने अपना दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने 17 दिसंबर को शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन यूपी विधानसभा में 2024-2025 के लिए अपना दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 17865 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया है। इसके पहले योगी कैबिनेट की बैठक में 20 अहम निर्णय लिए गए। यह बजट नगर विकास, बुनियादी ढांचे और महाकुंभ से जुड़ी सुविधाओं पर केंद्रित है। जेवर एयरपोर्ट के लिए भी धन आवंटन किया गया है। 
बता दें कि 2024-25 के लिए सरकार ने मूल बजट में 736437.71 करोड़ रुपये आवंटित किया था। इसके बाद सरकार ने बाीते जुलाई में पहला अनुपूरक बजट पेश किया था। जिसका आकार 12209.92 करोड़ रुपये था। इस प्रकार प्रदेश का इस साल का बजट 748647.63 करोड़ रुपये हो गया। अब दूसरा अनुपूरक बजट आने के साथ ही इस वित्तीय वर्ष के बजट का आकार 7.50 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जाएगा। 

बजट का आकार... 

₹17 हजार 865.72 करोड़

मूल बजट... 

₹7 लाख 36 हजार 437.71 करोड़ का 2.42% है। 

₹790.49 करोड़ के नए प्रस्ताव... 

कांग्रेस पार्टी का लखनऊ में कल बड़ा प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस 18 को विधानसभा घेराव करेगी। दिल्ली के कई बड़े नेता प्रदर्शन में शामिल होंगे। विधानसभा घेराव करने प्रदेशभर से कार्यकर्ता आएंगे। प्रमोद तिवारी, सुप्रिया श्रीनेत भी प्रदर्शन में शामिल होंगी। प्रदेश के हर जिले से कार्यकर्ताओं को बुलाया गया। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-365, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. बुधवार, दिसंबर 18, 2024

3. शक-1945, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 26 डी.सै., अधिकतम- 19 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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सोमवार, 16 दिसंबर 2024

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने 'पीएम' से मुलाकात की

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने 'पीएम' से मुलाकात की 

सुनील श्रीवास्तव 
नई दिल्ली/कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके तीन दिवसीय भारत की राजकीय यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने वादा किया कि श्रीलंका अपनी धरती का इस्तेमाल भारत की सुरक्षा के खिलाफ किसी भी तरह से नहीं होने देंगे। यह आश्वासन ऐसे समय में आया हैं, जब चीन हिंद महासागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है, जो भारत के लिए चिंता का विषय है। दिसानायके ने अभूतपूर्व आर्थिक संकट के दौरान भारत के अत्यधिक समर्थन के लिए पीएम मोदी को आभार जताया। इसी दौरान उन्होंने कहा कि श्रीलंकाई जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होगा। 
अनुरा कुमार दिसानायके ने हाल ही में श्रीलंका के राष्ट्रपति का पदभार संभाला है। राष्ट्रपति बनने के बाद वो अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा पर भारत आए हैं। रविवार को नई दिल्ली पहुंचे श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने यहां मिले समर्थन और गर्मजोशी भरे आतिथ्य की जमकर तारीफ की। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया। उनकी यात्रा ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सहयोग और विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। 
श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने दिल्ली में पीएम मोदी से बातचीत के बाद कहा कि मैंने भारत के प्रधानमंत्री को यह आश्वासन दिया है कि हम अपनी जमीन को किसी भी तरह से भारत के हितों खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देंगे। भारत के साथ सहयोग निश्चित रूप से बढ़ेगा और मैं भारत के लिए अपने निरंतर समर्थन का आश्वासन देना चाहता हूं। दोनों राष्ट्राध्यक्षों की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई हैं, जब चीन हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। चीन का ‘मिशन इंडियन ओशन’ भारत के लिए खतरा माना जाता है। 
श्रीलंका के हम्बनटोटा बंदरगाह पर चीन की बढ़ती गतिविधियों से भारत की चिंता और बढ़ गई है। चीन ने कर्ज के बदले यह बंदरगाह अपने कब्जे में ले लिया है। वह यहां अपने जासूसी जहाज भेजता रहा है। पिछले दो सालों में चीन ने कई बार अपना 25,000 टन का युआन वांग 5 जहाज हम्बनटोटा में तैनात किया है। यह जहाज सैटेलाइट और बैलिस्टिक मिसाइलों पर नजर रखने में सक्षम है। भारत के लिए यह चिंता की बात है। क्योंकि, श्रीलंका भारत के बहुत करीब है। 
इस संबंध में अगस्त 2022 में भारत ने अपनी चिंता श्रीलंका से जाहिर की थी। श्रीलंका ने पहले चीन से जहाज की तैनाती टालने को कहा था। लेकिन बाद में उसे ‘रसद’ लेने के लिए बंदरगाह पर रुकने की इजाजत दे दी। तब से चीनी जासूसी जहाज नियमित रूप से हिंद महासागर में गश्त लगा रहे हैं और हम्बनटोटा बंदरगाह पर रुक रहे हैं। युआन वांग 5 शिप में मजबूत ट्रैकिंग, सेंसिंग और कम्युनिकेशन सिस्टम है। यह विदेशी उपग्रहों, हवाई संपत्तियों और मिसाइल सिस्टम का पता लगा सकता है। 
चीन ने हम्बनटोटा बंदरगाह 99 साल की लीज पर लिया है। श्रीलंका इस बंदरगाह के निर्माण के लिए चीन से लिए गए 1.7 बिलियन डॉलर के कर्ज का सालाना 100 मिलियन डॉलर का भुगतान नहीं कर पा रहा था। बंदरगाह का पहला फेज 2010 में पूरा हुआ था। भारत के साथ हुए इस नए समझौते में श्रीलंका ने आश्वासन दिया है कि उसकी जमीन और पानी का इस्तेमाल भारत की सुरक्षा के खिलाफ किसी भी तरह से नहीं किया जाएगा। साथ ही, ऐसे किसी भी काम के लिए नहीं किया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता प्रभावित हो। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायक के बीच नई दिल्ली में विस्तृत बातचीत हुई। इसमें दोनों देशों के रिश्तों के सभी पहलुओं पर चर्चा की गई। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-श्रीलंका संबंध गहरे सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों, भौगोलिक निकटता और लोगों के आपसी संबंधों पर आधारित हैं। 
राष्ट्रपति दिसानायक ने 2022 के आर्थिक संकट के दौरान भारत की ओर से श्रीलंका के लोगों को दिए गए सपोर्ट के लिए आभार व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने माना कि पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हुए हैं। इससे श्रीलंका के सामाजिक-आर्थिक विकास में काफी मदद मिली है। 

भाकियू: टिकैत ने 'पीएम' मोदी को चिट्ठी भेजी

भाकियू: टिकैत ने 'पीएम' मोदी को चिट्ठी भेजी 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने किसानों के अनेक मुद्दों को उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी भेजी है। इसमें उन्होंने कहा कि सोमवार को किसान चौतरफा परेशानियों से घिरा हुआ है। दिल्ली आंदोलन के बाद केन्द्र सरकार ने जो वादे किए, उनको पूरा नहीं किया जा रहा है। किसानों के लिए आज चल रही नीतियों के कारण खेती घाटे का सौदा हो गया। फसलों के दाम दूसरी चीजों के अनुपात में नहीं बढ़ रहे हैं। 
भूमि का मुआवजा मांगने पर किसानों को जेल में बंद कर उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से किसानों की जमीनी हकीकत को समझते हुए नीतियां बनाने की मांग की है। देश के किसान के मौजूदा हालात और उनकी समस्याओं को लेकर चलाये जा रहे आन्दोलन को लेकर भाकियू अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अनेक समस्याओं को उठाते हुए नीतियों पर भी सवाल उठाये हैं। नरेश टिकैत ने अपने पत्र में कहा कि देश की आर्थिक स्थिति में कृषि का सबसे अहम योगदान रहता है। अन्न भण्डार से लेकर गरीब की थाली तक अगर कोई अन्न पहुँचा रहा है, तो वह देश का अन्नदाता है। समय-समय पर सरकारें किसान हितैषी नीतियों के निर्माण हेतु अपना सर्वस्व लगा देती है, लेकिन किसान के हित से ज्यादा उसका नुकसान अधिक हो जाता है। नीतियों का निर्माण कर रहे कृषि विशेषज्ञों को जमीनी हकीकत को समझना होगा, तब जाकर इस खेत कमाऊँ वर्ग का ( उत्तर ) हो सकता है। 
उन्होंने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरणसिंह जी ने कहा था कि देश की तरक्की का रास्ता खेत-खलिहानों से होकर गुजरता है। आज के दौर में देश के द्वितीय नागरिक होने के नाते उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों के दर्द को समझा और उसे अपने वक्तव्य में जाहिर किया। कहा कि हम सभी किसान आज संकट के उस दौराहे पर आकर खड़े हो गये हैं, जहाँ से खेती घाटे का सौदा होती चली जा रही है। फसलों के भाव भी उसी अनुपात में बढ़ने चाहिए जिस तरीके से डीजल, पेस्टीसाईडस सहित खेती में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं के मूल्य बढ़ रहे हैं। ज्यादातर बीज सरकार के द्वारा किसानों को ऐसे उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिसमें अत्यधिक पेस्टीसाईडस का इस्तेमाल करना पड़ रहा है, जिसका बोझ किसान वहन नहीं कर पा रहा है। नरेश टिकैत ने कहा कि जब दिल्ली का आन्दोलन स्थगित किया गया, तब से लेकर आज तक किसान एमएसपी गारंटी कानून सहित सभी किसान मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहा है। 
देश का यह वर्ग पिछले 10 माह से शंभू व खनौरी बॉर्डर पर आन्दोलनरत है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 20 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। उनका स्वास्थ्य का स्तर प्रतिदिन गिरता जा रहा है, जिसे लेकर हम सभी बहुत चिन्तित हैं। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के जनपद गौतमबुध नगर के किसान भूमि अधिग्रहण को लेकर अपनी जमीन का मुआवजा माँग रहें हैं। उन्हें मुआवजा न देेकर जेलों में बन्द कर दिया गया है। महिला किसानों के साथ में दुर्व्यवहार किया गया जिसने सभी की अन्तरात्मा को अन्दर से झकझोर दिया है। 
इस कठिनाई के दौर से गुजर रही खेती, किसानी और ग्रामीण परिवेश को बचाने के लिए आप देश के प्रधानमंत्री होने के नाते इन सभी विषयों का संज्ञान लेते हुए किसान हितों में एक उत्तम निर्णय लेने का कष्ट करें, जिससे देश का किसान आने वाले समय में खुशहाल हो सकें। 

डीएम को विद्यालयों के निरीक्षण का अधिकार नहीं

डीएम को विद्यालयों के निरीक्षण का अधिकार नहीं 

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि जिलाधिकारी को बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा स्थापित विद्यालयों के निरीक्षण और उसके कार्यों में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने जिलाधिकारी के निर्देश पर किए गए विद्यालय के निरीक्षण और उसके आधार पर शिक्षिका के निलंबन आदेश को अवैधानिक करार दिया है। कोर्ट ने जिलाधिकारी संभल और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संभल से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है कि किस अधिकार के तहत उन्होंने विद्यालय के कार्यों में हस्तक्षेप किया। 
संभल के एक विद्यालय में कार्यरत सहायक अध्यापिका संतोष कुमारी की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने दिया है। याची का पक्ष रख रहे अधिवक्ता चंद्रभूषण यादव का कहना था कि जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम और खंड शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया और शिक्षिका को कार्य में खराब प्रदर्शन के आधार पर निलंबित कर दिया गया। इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। 
कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया 25 अक्टूबर 2024 को पारित निलंबन आदेश कई कारणों से अवैधानिक है। प्रथम तो यह कि विद्यालय का निरीक्षण जिलाधिकारी के निर्देश पर उप जिलाधिकारी द्वारा किया गया, जिनको बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा स्थापित विद्यालयों के निरीक्षण का अधिकार नहीं है, न ही उसके कार्यों में उनकी कोई भूमिका है। बेसिक स्कूल बेसिक शिक्षा परिषद के तहत काम करते हैं, जिनका नियंत्रण बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास होता है। बीएसए अपर निदेशक, निदेशक और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के प्रति जवाबदेह है, जिसका अध्यक्ष एक शिक्षा मंत्री होता है। कोर्ट ने कहा कि डीएम राजस्व अधिकारी हैं। उनकी विद्यालयों के कार्यों में कोई भूमिका नहीं है। प्रथमदृष्टया स्कूल के निरीक्षण का आदेश बिना क्षेत्राधिकार का है। कोर्ट ने कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी भी इसके लिए बराबर जिम्मेदार हैं। 
उन्होंने डीएम को यह नहीं बताया कि विद्यालय के निरीक्षण का आदेश देने का उनको अधिकार नहीं है। बल्कि, उन्होंने डीएम के निर्देश का पालन किया तथा निलंबन आदेश उप जिलाधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी के संयुक्त निरीक्षण के बाद पारित किया गया। इसलिए यह माना जाएगा कि उक्त आदेश डीएम के निर्देश पर किया गया है। कोर्ट ने कहा कि अगर इन बातों को एक तरफ रख दिया जाएं। तब भी निलंबन आदेश शिक्षिका के खराब प्रदर्शन के आधार पर पारित किया गया है, जो कि उसकी प्रोन्नति और इंक्रीमेंट में बाधा बन सकता है। कदाचरण का कोई आरोप नहीं हैं। इसलिए, निलंबन जैसा दीर्घ दंड अनुचित है। कोर्ट ने कहा कि निलंबन आदेश मनमाना है। कोर्ट ने निलंबन आदेश को निलंबित करते अगली सुनवाई सात जनवरी नियत की है। 

23 दिसंबर की 'महापंचायत' में चर्चा करेंगे संगठन

23 दिसंबर की 'महापंचायत' में चर्चा करेंगे संगठन 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। किसान संगठन 23 दिसंबर को यूपी में महापंचायत करेंगे। किसान संगठन 23 दिसंबर की महापंचायत में कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। साथ ही नोएडा और आसपास के इलाके के किसानों के चल रहे विरोध के बारे में अंतिम निर्णय भी इसी महापंचायत में लेंगे। ये महापंचायत मुजफ्फरनगर के सुसौली में आयोजित की जाएगी। महापंचायत भाकियू के मुख्यालय में आयोजित की जाएगी। 23 दिसंबर को होने वाली इस महापंचायत में 15 से अधिक संगठनों के नेता और सदस्य हिस्सा लेंगे। 
नोएडा के किसान आंदोलन में हुई किसानों की गिरफ्तारियों और भूमि अधिग्रहण नियमों को लेकर रविवार को सिसौली में रविवार को किसान संयुक्त मोर्चा के किसान संगठन की आपात बैठक हई। सिसौली के किसान भवन पर किसानों की गिरफ्तारी को लेकर विरोध जताया गया। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने चेताया कि सरकार के पास 23 दिसंबर तक का समय है। उससे पहले सरकार किसानों से बातचीत करें और जेल में बंद लोगों को रिहा करें। नहीं तो 23 दिसंबर को पंचायत में बड़ा निर्णय लिया जाएगा। बैठक में किसान संगठनों से कई नेता मौजद रहें। 
महापंचायत के लिए हर बार की तरह इस बार भी यूपी पुलिस सुसौली के सभी प्रवेश मार्गों पर सुरक्षा बढ़ाएगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस दौरान किसी भी तरह के विवाद को रोकने के लिए बैरिकेड्स और अतिरिक्त बल लगाए जाएंगे। हमारा लक्ष्य सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और व्यवस्था बनाए रखना है। 
इस महापंचायत के लिए मेरठ, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जैसे जिलों से बड़ी संख्या में किसानों के साथ आने की उम्मीद है, जिनमें से कुछ ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और निजी वाहनों से पहुंचेंगे। भारतीय किसान संगठन समेत अन्य किसान संगठनों ने भी एकजुटता व्यक्त की है। 
एक प्रतिनिधि ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को जेल भेजना लोकतंत्र का मजाक है। हम इस अन्याय के खिलाफ राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे। 
किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे अपने विरोध प्रदर्शन को दिल्ली की ओर मोड़ सकते हैं, जिससे अधिकारियों पर दबाव बढ़ जाएगा। 

चेयरपर्सन ने विभिन्न कार्यालयों का निरीक्षण किया

चेयरपर्सन ने विभिन्न कार्यालयों का निरीक्षण किया 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने सोमवार की सुबह अचानक टाउनहाल पहुंचकर पालिका के विभिन्न कार्यालयों का निरीक्षण करते हुए जहां पालिका अफसरों और कर्मचारियों की उपस्थिति को परखा, वहीं विभागीय कार्यों की प्रगति को भी लेकर भी उन्होंने विभिन्न पटलों पर पहुंचकर जानकारी ली। साथ ही शहर की सफाई व्यवस्था, निर्माण कार्य और पथ प्रकाश के लिए चल रहे कार्यों की प्रगति को लेकार अद्यतन स्थिति की जानकारी भी ली। यहां पर लेट लतीफ कुछ कर्मचारियों के प्रति उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कड़ी नसीहत भी दी। 
नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप सोमवार को करीब दस बजे टाउनहाल पहुंची और उनके द्वारा कर्मचारियों की उपस्थिति को परखने के लिए उपस्थिति पंजिका अपने कब्जे में लेते हुए जांच की। कुछ कर्मचारी नहीं पहुंच पाएं थे। लेकिन, थोड़ी देर में ही वो ड्यूटी पर उपस्थित हुए, तो देरी से आने के कारण चेयरपर्सन ने उनको कार्य के प्रति जवाबदेह बनने की नसीहत देते हुए कहा कि यदि सुधार नहीं हुआ, तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, पथ प्रकाश विभाग, जलकल आदि कार्यालयों का भी निरीक्षण किया तथा विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को जनता की शिकायतों का तत्काल निस्तारण करने, साफ सफाई और पेयजलापूर्ति के साथ ही पथ प्रकाश की व्यवस्था तथा प्रस्तावित कार्यों को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस दौरान सभासद मनोज वर्मा, अन्नू कुरैशी, अमित पटपटिया, शलभ गुप्ता एडवोकेट, मुख्य सफाई निरीक्षक योगेश गोलियान भी उनके साथ रहें। 
इसके बाद उन्होंने शाम के समय कम्पनी बाग का निरीक्षण करते हुए वहां पर चल रहे कार्यों और सफाई आदि का भी जायजा लिया। चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप यहां पर मालियों और सफाई कर्मचारियों की हाजिरी भी चैक की गई। सभी उपस्थित पाएं गए। उन्होंने सफाई पर विशेष जोर देते हुए कहा कि यहां किसी भी स्तर पर इसमें चूक न की जाएं। यहीं पर अर्वाचीन पब्लिक स्कूल एवं इण्टर कॉलेज के बच्चों के साथ उत्तर प्रदेश भारत एवं स्काउट गाइड का चल रहें शिविर में भी चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। भारत भूषण अरोरा ने उनका व सभासदों राजीव शर्मा, मनोज वर्मा का कॉलर भेंट कर सम्मान किया गया। स्काउट एवं गाइड ने यहां पर कैम्पिंग का शानदार प्रदर्शन किया गया। 
वहीं, रविवार की शाम चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप द्वारा पालिका सभाकक्ष में सभासदों और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ गोधरा कांड पर बनी फिल्म साबरमती द रिपोर्ट भी देखी। उन्होंने कहा कि यह फिल्म समाज को कई सीख देने का काम करती है। इसकी कहानी ने यही साबित किया है कि आप अन्याय के खिलाफ सच का रास्ता न छोडें तो अन्ततः आपकी जीत होगी। उस दौर में हुई एक गलत घटना को दिखाया गया है। इसमें गलत और सही सभी को पता है। लेकिन, ऐसी कहानियों से नई पीढ़ी को सीख लेनी है और सीख यही है कि किसी भी परिस्थिति में सच का साथ नहीं छोड़ना चाहिए और समाज तथा राष्ट्र-हित के लिए सभी को अपना योगदान देना चाहिए। 
इस दौरान चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के साथ ही सभासद राजीव शर्मा, मनोज वर्मा, हनी पाल, मोहित मलिक, अमित पाल, नवनीत गुप्ता, अमित पटपटिया, भाजपा उपाध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह, सभासद पति शोभित गुप्ता आदि मौजूद रहें। 

वर्ष 2025 से 'समान नागरिक संहिता' लागू होगी

वर्ष 2025 से 'समान नागरिक संहिता' लागू होगी  पंकज कपूर  देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड में जनवरी...