रविवार, 15 दिसंबर 2024

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-363, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. सोमवार, दिसंबर 16, 2024

3. शक-1945, कार्तिक, कृष्ण-पक्ष, तिथि-प्रतिपदा, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 26 डी.सै., अधिकतम- 19 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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(सर्वाधिकार सुरक्षित) 

शनिवार, 14 दिसंबर 2024

'राष्ट्रीय लोक अदालत' का शुभारंभ किया: जज

'राष्ट्रीय लोक अदालत' का शुभारंभ किया: जज 

सुशील केसरवानी 
कौशाम्बी। उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कौशाम्बी के तत्वाधान में माननीय जनपद न्यायाधीश अनुपम कुमार की अध्यक्षता में 14 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया। न्यायिक अधिष्ठान के सभी सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण एवं बैंक अधिकारी व कर्मचारीगण तथा जनमानस उपस्थित रहें। 
उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में वादों के निस्तारण के क्रम में माननीय जनपद न्यायाधीश महोदय द्वारा कुल 02 वाद का निस्तारण कर 500/- रु. का अर्थदण्ड वसूला गया। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय द्वारा कुल 49 परिवारिक वादों का निस्तारण किया गया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण न्यायालय द्वारा 31 वादों का निस्तारण कर प्रतिकर के रूप में 1,42,29,000/- रू. दिलाया गए तथा इसी क्रम में अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम् द्वारा कुल 01 वाद का निस्तारण किया गया। अपर जनपद न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी  द्वारा 01 वाद का निस्तारण कर 500/- रू. का अर्थदण्ड वसूला गया। अपर जनपद न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट द्वारा 01 वाद का निस्तारण कर 500/- का अर्थदंड वसूला गया। 
अपर जनपद न्यायाधीश सप्तम द्वारा कुल 03 वाद का निस्तारण कर 1,500/- रू. का अर्थदंड वसूला गया। अपर जनपद न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय प्रथम द्वारा विद्युत अधिनियम के 105 वादों निस्तारण किया गया। अपर जनपद न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय द्वितीय द्वारा कुल 01 वाद का निस्तारण किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा कुल 1150 फौजदारी वादों का निस्तारण कर 7,96,150/- रू. अर्थदण्ड वसूला गया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सिविल जज सी.डि. द्वारा कुल 216 वादों का निस्तारण कर 6,020/- रू. का अर्थदण्ड अधिरोपित करने के अतिरिक्त 51,63,264 रू0 का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किया गया। अपर सिविल जज सी0डि0 द्वारा कुल 231 वादों का निस्तारण कर 1,155/- रू. अर्थदंड वसूला गया। सिविल जज जू0डि0 द्वारा कुल 256 वादों का निस्तारण के अतिरिक्त 4,04,000/- रू. का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किया गया। 
न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 235 वादों का निस्तारण कर 15,950/- रू. अर्थदण्ड वसूला गया। इसी प्रकार अपर सिविल जज जू.डि. द्वितीय द्वारा 50 वादों का निस्तारण कर 2,500/- रू. अर्थदण्ड वसूला गया। सिविल जज जू.डि./त्वरित न्यायालय प्रथम् द्वारा कुल 142 वाद निस्तारित कर 2,720/- रू. अर्थदण्ड वसूला गया। ग्राम न्यायालय, चायल द्वारा कुल 100 वाद निस्तारित कर 10,470/- रू. का अर्थदंड वसूला गया। 
अपर सिविल जज जू.डि. प्रथम द्वारा कुल 106 वाद का निस्तारण कर 28,100/- रू. का अर्थदण्ड वसूला गया। जिलें के समस्त राजस्व न्यायालयों द्वारा 25521 वादों व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा 604 वादों का निस्तारण कर 12,51,505 रू. जमा कराया गया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कौशाम्बी द्वारा 05 वाद निस्तारित कर 1,69,077 रू. जमा कराया गया। 
न्यायालय, स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवायें), कौशाम्बी द्वारा सुलह समझौते के आधार कुल 01 मामले का निस्तारण किया गया तथा बैंक के ऋण वसूली वादों से सम्बन्धित जनपद के सभी बैंको के द्वारा 598 वादों का निस्तारण कर 1,10,28,218 रू. जमा कराया गया। 
इस प्रकार राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल वाद 29409 का निस्तारण कर 3,31,11,129 रू0 वसूला गया। तदोपरान्त राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी श्रीमती शीरीन जैदी द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया। 

समानता को 'संविधान की आत्मा' करार दिया

समानता को 'संविधान की आत्मा' करार दिया 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने समानता को संविधान की आत्मा करार देते हुए लोकसभा में शनिवार को कहा कि इसमें सभी नागरिकों के लिए बराबरी का अधिकार और अवसर प्रदान किया गया। इसलिए, यह दुनिया का सबसे बड़ा और खूबसूरत संविधान है। 
संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ‘संविधान अंगीकार करने के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर शनिवार को दूसरे दिन चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि संविधान की भावना के अनुसार ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास औऱ सबका प्रयास के साथ सरकार का कामकाज शुरू किया। उऩ्होंने कहा कि संविधान की बदौलत ही आज देश के सर्वोच्च पद पर एक आदिवासी महिला विराजमान है। उऩ्होंने कहा कि हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा ही नहीं, बल्कि सबसे खूबसूरत भी है, जिसमें सभी के लिए प्रावधान है। इस संविधान को लेकर हम लोग गौरव महसूस करते हैं। रिजिजू ने कहा कि हमारे देश में अल्पसंख्यक आयोग है, जबकि अन्य देश में ऐसा नहीं है। अल्पसंख्यकों के लिए विशेष कानून बनाया गया है। अल्पसंख्यकों के लिए कई योजनाएं बनाई गई, जिसका उनको लाभ मिल रहा है। कांग्रेस की सरकार हो या हमारी सरकार सबने अपने तरीके से काम किया है। लेकिन, अल्पसंख्यक यहां सुरक्षित नहीं है, यह कहना गलत है। इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए, जिससे देश की छवि खराब हो। देश में अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं। तभी तो दूसरे देशों के पीड़ित यहां आते हैं। 
उन्होंने कहा कि बाबा साहब नहीं होते, तो हम जैसे लोग यहां चुनकर सदन में नहीं आते। बाबा साहब ने जो कहा उसकी कुछ लोग ग़लत व्याख्या कर कहने लगे कि उन्होंने हिन्दू विरोधी बात की है, जबकि ऐसा उन्होंने नहीं कहा है। बाबा साहब ने किसी एक धर्म को लेकर कोई बात नहीं की है। उन्होंने कहा कि देश प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उस समय के सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा था कि अगर आरक्षण को बढावा देंगे, तब प्रतिभावान लोगों का नुकसान होगा। इस प्रकार की बात पंडित नेहरू ने कई बैठकों में भी कहीं। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत प्रतिभावान को हम लोग भी बढाना चाहते हैं। लेकिन, गरीबों पिछड़ों और वंचितों को कुचलकर नहीं हैं। 
रिजिजू ने कहा कि बाबा साहब दोबारा 1952 में चुनकर सदन में आना चाहते थे। लेकिन, कांग्रेस ने षड्यंत्र करके उनको हराने का काम किया। कांग्रेस को इसके लिए देशवासियों से माफ़ी माँगनी चाहिए। बाबा साहब को कांग्रेस ने अपने शासन काल में भारत रत्न नहीं दिया। उन्होंने भारत रत्न उस समय दिया गया, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित सरकार केंद्र में आई। रिजिजू ने कहा कि देश को आगे ले जाने के लिए सबको एकजुट होकर काम करना होगा। भारत को जब आजादी मिली उस समय कई अन्य देशों को आजादी मिली। भारत में लोकतंत्र सबसे मजबूत हैं। लेकिन, अर्थव्यवस्था में पीछे रह गये, इसलिए मोदी ने विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया। हमारै देश में किसी चीज की कमी नहीं है। फिर भी देश गरीब कैसे रहा ? देश विकसित क्यों नहीं बना यह सोचने की जररूत है। देश को विकसित करने का लक्ष्य 2014 के बाद आया है। बिना लक्ष्य के कुछ नहीं हासित कर सकते है। उऩ्होंने कहा कि पूरा देश मिलकर काम करेगा। तब 2047 में भारत विकसित बनेगा। 
उन्होंने कहा कि मोदी के आने के बाद सीमावर्ती इलाकों का तेजी से विकास किया गया। जबकि, कांग्रेस की नीतियों की वजह से सीमावर्ती इलाकों में कोई विकास हुआ था। कांग्रेस ने पूर्वोत्तर की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया था। लेकिन, आज आंसू बहा रहे हैं। 

'शिक्षक-अभिभावक' संगोष्ठी का आयोजन किया

'शिक्षक-अभिभावक' संगोष्ठी का आयोजन किया 

सुशील केसरवानी 
कौशाम्बी। रिद्धि सिद्धि ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के हेलो किड्स, केपीएस भरवारी और एन.डी. कॉन्वेंट स्कूल में शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रों की शैक्षणिक प्रगति, व्यक्तित्व विकास, और उनके भविष्य को लेकर अभिभावकों और शिक्षकों के बीच संवाद को सशक्त बनाना था। 
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के शिक्षकों द्वारा अभिभावकों का हार्दिक स्वागत करते हुए हुई। उपस्थित अभिभावकों को बच्चों की प्रगति रिपोर्ट, परीक्षा परिणाम और उनकी सह-शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। स्कूल के प्रत्येक कक्षा-शिक्षक ने अभिभावकों के साथ छात्रों की उपलब्धियों और उनके सुधार के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की। 
संगोष्ठी में न केवल छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों को उजागर किया गया, बल्कि उनके व्यवहार, नैतिक मूल्यों और स्कूल में उनके प्रदर्शन पर भी चर्चा की गई। शिक्षकों ने छात्रों की कमजोरी और उनकी सुधार की रणनीतियों पर अभिभावकों से चर्चा की। अभिभावकों को बच्चों के सह-शैक्षणिक कौशल, जैसे खेलकूद, कला, और सांस्कृतिक गतिविधियों में उनकी भागीदारी के बारे में भी जानकारी दी गई। अभिभावकों ने अपने बच्चों के लिए शिक्षा को अधिक प्रभावी बनाने के सुझाव भी साझा किए। 
उन्होंने विद्यालय की शिक्षण विधियों और अनुशासनात्मक प्रक्रियाओं की सराहना की। कई अभिभावकों ने कहा कि इस तरह की संगोष्ठियां उनके बच्चों के विकास को सही दिशा देने में सहायक हैं। संगोष्ठी के दौरान स्कूल प्रशासन ने आगामी परीक्षा प्रणाली, पाठ्यक्रम में बदलाव, और अतिरिक्त गतिविधियों को लेकर अभिभावकों को जानकारी दी। साथ ही, बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल में चलाए जा रहें विशेष कार्यक्रमों की भी जानकारी दी गई। 
कार्यक्रम के अंत में संस्थान के चेयरमैन निवर्तमान विधायक संजय कुमार गुप्ता ने कहा कि "शिक्षक-अभिभावक संवाद बच्चों की शिक्षा और व्यक्तित्व विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के आयोजन न केवल बच्चों के विकास की दिशा में सहयोग बढ़ाते हैं। बल्कि, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच मजबूत संबंध स्थापित करते हैं।" 
डायरेक्टर श्रीमती सीमा पवार ने अपने संदेश में कहा हमारा लक्ष्य न केवल छात्रों को शैक्षणिक सफलता दिलाना है। बल्कि, उन्हें नैतिक और सामाजिक मूल्यों से भी संपन्न बनाना है। ऐसी संगोष्ठियां अभिभावकों और शिक्षकों के सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाती हैं। "डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मयंक मिश्रा ने कहा,आज की यह संगोष्ठी एक संवाद का पुल है, जो बच्चों के भविष्य को सुनहरा बनाने में मदद करेगा। हम अभिभावकों के सुझावों और समर्थन के लिए आभारी हैं।" 
अंत में, विद्यालय प्रशासन ने अभिभावकों का आभार व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि उनकी हर चिंता पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। इस संगोष्ठी ने शिक्षक-अभिभावक संवाद को और अधिक प्रभावी और उपयोगी बनाने का अवसर प्रदान किया। इस आयोजन को अभिभावकों और शिक्षकों ने बेहद उपयोगी और प्रेरणादायक बताया। 
यह संगोष्ठी न केवल छात्रों के शैक्षिक भविष्य को मजबूत करने का एक प्रयास था, बल्कि उनके सर्वांगीण विकास को भी सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुई। 

हर समय 'संविधान' पर हमला करती हैं भाजपा

हर समय 'संविधान' पर हमला करती हैं भाजपा 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हर समय संविधान पर हमला करती हैं और मोदी सरकार देशवासियों का हक एक उद्योगपति के हवाले कर देश के किसानों, मजदूरों, गरीबों, दलितों तथा पिछड़ों का हिस्सा उनको दे रही है। 
गांधी ने शनिवार को ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा’ में हिस्सा लेते हुए कहा कि अभय मुद्रा का आईडिया भगवान शिव, भगवान कृष्ण, गुरुनानक, महात्मा बुध, कबीर आदि महापुरुषों से मिला। यह संविधान इन्हीं महापुरुषों की अभय मुद्रा के भाव से आया है, जिसमें सबको निर्भय रहने की बात कही गई है। 
मनुस्मृति आज का कानून है और यह बात उन्हीं सावरकर ने कहा है, जो आरएसएस की विचारधारा को आगे बढाने का काम करते रहे हैं। संविधान को लेकर जब आरएसएस के लोग बात करते हैं, तो वे अपने नेता और अपनी विचारधारा को गाली देते हैं। उनका अपमान करते हैं। उत्तर प्रदेश में संविधान का नहीं ‘मनुस्मृति’ का कानून चल रहा है और वहां गरीब की सुनवाई नहीं हो रही है। 
उन्होंने कहा कि ‘भारत के संविधान के बारे में सबसे बुरी बात यह है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है’ यह बात भाजपा की विचारधारा के पोषक महापुरुष नेता ने कही थी जिनकी भाजपा के लोग पूजा करते हैं। दलितों के संदर्भ में एकलव्य का जिक्र करते हुए उन्होंने कि गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य की जाति के आधार पर उनका गुरु बनने से इनकार कर दिया था, तो एकलव्य अकेले धनुषवाण चलाने की तपस्या करने लगें। काफी समय बाद उसी जंगल में एकलव्य ने अपने बाणों से एक कुत्ता बाधक बना लिया और कुत्ते को नुकसान पहुंचाए बिना उसे चारों ओर से बाणों से घेर लिया। जब द्रोणाचार्य उस वन से निकल रहें, तो उन्हें कुत्ते की यह हालत देखकर आश्चर्य हुआ, तो बोले यह काम किसने किया। एकलव्य ने स्वीकार किया और बोले कि आपकी मूर्ति बनाकर उसके सामने मैंने धनुष विद्या हासिल की है। द्रोणाचार्य ने कहा कि आपने शिक्षा ली है, इसलिए दक्षिणा दीजिए। गुरु द्रोणाचार्य ने गुरु दक्षिणा के रूप में एकलव्य से उसका अंगूठा मांग लिया। इसी तरह से भाजपा हिंदुस्तान के युवकों का अंगूठा काटने में लगी है और भाजपा सरकार आज इसी तरह से अडानी को सारे काम देकर देश के युवाओं, गरीबों, कमजोरों का अंगूठा काट रहे हैं। उनका कहना था कि सरकार ने अग्निवीर योजना लेकर युवकों का अंगूठा काटा है। 70 बार पेपर लीक करवा कर सरकार ने युवाओं का अंगूठा काटा है। किसान अपने हक की लड़ाई के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन किसान की बात नहीं की जा रही है और उसका भी अंगूठा काटा जा रहा है। 
गांधी ने भाजपा पर हर समय और 24 घंटे संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है। जबकि विपक्षी गठबंधन मिलकर देश के संविधान को बचाने का काम कर रहा है। भाजपा के राज में संवैधानिक संस्थाओं को खत्म किया जा रहा हैं। इसलिए, गठबंधन देश के दलितों आदिवासियों, पिछडों किसानों के हित के लिए जाति जनगणना करवाने का काम करेंगे। ताकि, देश में नयी तरह की राजनीति शुरु की जा सकें। देश में 50 प्रतिशत आरक्षण की जो दीवार खडी की गई है, उसे इसी संसद में तोड़ा जाएगा। 

इम्तियाज के साथ पुन: काम करना चाहती हैं श्रेया

इम्तियाज के साथ पुन: काम करना चाहती हैं श्रेया 

कविता गर्ग 
मुंबई। अभिनेत्री श्रेया चौधरी फिल्मकार इम्तियाज अली के साथ फिर से काम करना चाहती हैं। ‘बंदिश बैंडिट्स’ सीज़न 2 रिलीज़ हो चुका है और दर्शकों की निगाहें एक बार फिर इस बहुप्रतीक्षित वेब सीरीज़ की प्रमुख अदाकारा श्रेया चौधरी पर टिकी हुई हैं। अपनी बेहतरीन अदाकारी और आकर्षक व्यक्तित्व के लिए चर्चा में आईं श्रेया ने इस सफलता का श्रेय निर्देशक इम्तियाज़ अली को दिया है। 
बहुत कम लोग जानते हैं कि श्रेया ने इम्तियाज़ अली की शॉर्ट फिल्म ‘द अदर वे’ में भी काम किया था। 2020 में रिलीज़ हुए ‘बंदिश बैंडिट्स’ के पहले सीज़न के साथ ही श्रेया रातों-रात स्टार बन गई थीं। इम्तियाज़ अली के साथ दोबारा काम करने की ख्वाहिश जाहिर करते हुए श्रेया चौधरी ने कहा,इम्तियाज़ सर ने मुझे यकीन दिलाया कि मैं एक्टिंग को अपना करियर बना सकती हूं। उनके साथ काम करके मुझे ये समझ आया कि बड़े सपने देखना और उन्हें पूरा करने की कोशिश करना मुमकिन है। 
उनके साथ काम करने का अनुभव मेरे लिए बेहद खास और सीखने लायक था। मैं बस दुआ कर रही हूं कि एक दिन मैं इम्तियाज़ अली की फिल्म में मुख्य भूमिका निभा सकूं। 
श्रेया चौधरी, बोमन ईरानी की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘द मेहता बॉयज़’ में भी नजर आएंगी, जिसमें वह अविनाश तिवारी के साथ मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म 2025 में रिलीज होगी। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-362, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. रविवार, दिसंबर 15, 2024

3. शक-1945, कार्तिक, शुक्ल-पक्ष, तिथि-पूर्णिमा, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 24 डी.सै., अधिकतम- 17 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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जन्मदिन: 52 वर्ष के हुए अभिनेता अब्राहम

जन्मदिन: 52 वर्ष के हुए अभिनेता अब्राहम  कविता गर्ग  मुंबई। बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता जॉन अब्राहम मंगलवार को 52 वर्ष के हो गए। केरल में 1...