शनिवार, 14 दिसंबर 2024

समानता को 'संविधान की आत्मा' करार दिया

समानता को 'संविधान की आत्मा' करार दिया 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने समानता को संविधान की आत्मा करार देते हुए लोकसभा में शनिवार को कहा कि इसमें सभी नागरिकों के लिए बराबरी का अधिकार और अवसर प्रदान किया गया। इसलिए, यह दुनिया का सबसे बड़ा और खूबसूरत संविधान है। 
संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ‘संविधान अंगीकार करने के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर शनिवार को दूसरे दिन चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि संविधान की भावना के अनुसार ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास औऱ सबका प्रयास के साथ सरकार का कामकाज शुरू किया। उऩ्होंने कहा कि संविधान की बदौलत ही आज देश के सर्वोच्च पद पर एक आदिवासी महिला विराजमान है। उऩ्होंने कहा कि हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा ही नहीं, बल्कि सबसे खूबसूरत भी है, जिसमें सभी के लिए प्रावधान है। इस संविधान को लेकर हम लोग गौरव महसूस करते हैं। रिजिजू ने कहा कि हमारे देश में अल्पसंख्यक आयोग है, जबकि अन्य देश में ऐसा नहीं है। अल्पसंख्यकों के लिए विशेष कानून बनाया गया है। अल्पसंख्यकों के लिए कई योजनाएं बनाई गई, जिसका उनको लाभ मिल रहा है। कांग्रेस की सरकार हो या हमारी सरकार सबने अपने तरीके से काम किया है। लेकिन, अल्पसंख्यक यहां सुरक्षित नहीं है, यह कहना गलत है। इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए, जिससे देश की छवि खराब हो। देश में अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं। तभी तो दूसरे देशों के पीड़ित यहां आते हैं। 
उन्होंने कहा कि बाबा साहब नहीं होते, तो हम जैसे लोग यहां चुनकर सदन में नहीं आते। बाबा साहब ने जो कहा उसकी कुछ लोग ग़लत व्याख्या कर कहने लगे कि उन्होंने हिन्दू विरोधी बात की है, जबकि ऐसा उन्होंने नहीं कहा है। बाबा साहब ने किसी एक धर्म को लेकर कोई बात नहीं की है। उन्होंने कहा कि देश प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उस समय के सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा था कि अगर आरक्षण को बढावा देंगे, तब प्रतिभावान लोगों का नुकसान होगा। इस प्रकार की बात पंडित नेहरू ने कई बैठकों में भी कहीं। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत प्रतिभावान को हम लोग भी बढाना चाहते हैं। लेकिन, गरीबों पिछड़ों और वंचितों को कुचलकर नहीं हैं। 
रिजिजू ने कहा कि बाबा साहब दोबारा 1952 में चुनकर सदन में आना चाहते थे। लेकिन, कांग्रेस ने षड्यंत्र करके उनको हराने का काम किया। कांग्रेस को इसके लिए देशवासियों से माफ़ी माँगनी चाहिए। बाबा साहब को कांग्रेस ने अपने शासन काल में भारत रत्न नहीं दिया। उन्होंने भारत रत्न उस समय दिया गया, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित सरकार केंद्र में आई। रिजिजू ने कहा कि देश को आगे ले जाने के लिए सबको एकजुट होकर काम करना होगा। भारत को जब आजादी मिली उस समय कई अन्य देशों को आजादी मिली। भारत में लोकतंत्र सबसे मजबूत हैं। लेकिन, अर्थव्यवस्था में पीछे रह गये, इसलिए मोदी ने विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया। हमारै देश में किसी चीज की कमी नहीं है। फिर भी देश गरीब कैसे रहा ? देश विकसित क्यों नहीं बना यह सोचने की जररूत है। देश को विकसित करने का लक्ष्य 2014 के बाद आया है। बिना लक्ष्य के कुछ नहीं हासित कर सकते है। उऩ्होंने कहा कि पूरा देश मिलकर काम करेगा। तब 2047 में भारत विकसित बनेगा। 
उन्होंने कहा कि मोदी के आने के बाद सीमावर्ती इलाकों का तेजी से विकास किया गया। जबकि, कांग्रेस की नीतियों की वजह से सीमावर्ती इलाकों में कोई विकास हुआ था। कांग्रेस ने पूर्वोत्तर की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया था। लेकिन, आज आंसू बहा रहे हैं। 

'शिक्षक-अभिभावक' संगोष्ठी का आयोजन किया

'शिक्षक-अभिभावक' संगोष्ठी का आयोजन किया 

सुशील केसरवानी 
कौशाम्बी। रिद्धि सिद्धि ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के हेलो किड्स, केपीएस भरवारी और एन.डी. कॉन्वेंट स्कूल में शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रों की शैक्षणिक प्रगति, व्यक्तित्व विकास, और उनके भविष्य को लेकर अभिभावकों और शिक्षकों के बीच संवाद को सशक्त बनाना था। 
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के शिक्षकों द्वारा अभिभावकों का हार्दिक स्वागत करते हुए हुई। उपस्थित अभिभावकों को बच्चों की प्रगति रिपोर्ट, परीक्षा परिणाम और उनकी सह-शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। स्कूल के प्रत्येक कक्षा-शिक्षक ने अभिभावकों के साथ छात्रों की उपलब्धियों और उनके सुधार के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की। 
संगोष्ठी में न केवल छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों को उजागर किया गया, बल्कि उनके व्यवहार, नैतिक मूल्यों और स्कूल में उनके प्रदर्शन पर भी चर्चा की गई। शिक्षकों ने छात्रों की कमजोरी और उनकी सुधार की रणनीतियों पर अभिभावकों से चर्चा की। अभिभावकों को बच्चों के सह-शैक्षणिक कौशल, जैसे खेलकूद, कला, और सांस्कृतिक गतिविधियों में उनकी भागीदारी के बारे में भी जानकारी दी गई। अभिभावकों ने अपने बच्चों के लिए शिक्षा को अधिक प्रभावी बनाने के सुझाव भी साझा किए। 
उन्होंने विद्यालय की शिक्षण विधियों और अनुशासनात्मक प्रक्रियाओं की सराहना की। कई अभिभावकों ने कहा कि इस तरह की संगोष्ठियां उनके बच्चों के विकास को सही दिशा देने में सहायक हैं। संगोष्ठी के दौरान स्कूल प्रशासन ने आगामी परीक्षा प्रणाली, पाठ्यक्रम में बदलाव, और अतिरिक्त गतिविधियों को लेकर अभिभावकों को जानकारी दी। साथ ही, बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल में चलाए जा रहें विशेष कार्यक्रमों की भी जानकारी दी गई। 
कार्यक्रम के अंत में संस्थान के चेयरमैन निवर्तमान विधायक संजय कुमार गुप्ता ने कहा कि "शिक्षक-अभिभावक संवाद बच्चों की शिक्षा और व्यक्तित्व विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के आयोजन न केवल बच्चों के विकास की दिशा में सहयोग बढ़ाते हैं। बल्कि, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच मजबूत संबंध स्थापित करते हैं।" 
डायरेक्टर श्रीमती सीमा पवार ने अपने संदेश में कहा हमारा लक्ष्य न केवल छात्रों को शैक्षणिक सफलता दिलाना है। बल्कि, उन्हें नैतिक और सामाजिक मूल्यों से भी संपन्न बनाना है। ऐसी संगोष्ठियां अभिभावकों और शिक्षकों के सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाती हैं। "डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मयंक मिश्रा ने कहा,आज की यह संगोष्ठी एक संवाद का पुल है, जो बच्चों के भविष्य को सुनहरा बनाने में मदद करेगा। हम अभिभावकों के सुझावों और समर्थन के लिए आभारी हैं।" 
अंत में, विद्यालय प्रशासन ने अभिभावकों का आभार व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि उनकी हर चिंता पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। इस संगोष्ठी ने शिक्षक-अभिभावक संवाद को और अधिक प्रभावी और उपयोगी बनाने का अवसर प्रदान किया। इस आयोजन को अभिभावकों और शिक्षकों ने बेहद उपयोगी और प्रेरणादायक बताया। 
यह संगोष्ठी न केवल छात्रों के शैक्षिक भविष्य को मजबूत करने का एक प्रयास था, बल्कि उनके सर्वांगीण विकास को भी सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुई। 

हर समय 'संविधान' पर हमला करती हैं भाजपा

हर समय 'संविधान' पर हमला करती हैं भाजपा 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हर समय संविधान पर हमला करती हैं और मोदी सरकार देशवासियों का हक एक उद्योगपति के हवाले कर देश के किसानों, मजदूरों, गरीबों, दलितों तथा पिछड़ों का हिस्सा उनको दे रही है। 
गांधी ने शनिवार को ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा’ में हिस्सा लेते हुए कहा कि अभय मुद्रा का आईडिया भगवान शिव, भगवान कृष्ण, गुरुनानक, महात्मा बुध, कबीर आदि महापुरुषों से मिला। यह संविधान इन्हीं महापुरुषों की अभय मुद्रा के भाव से आया है, जिसमें सबको निर्भय रहने की बात कही गई है। 
मनुस्मृति आज का कानून है और यह बात उन्हीं सावरकर ने कहा है, जो आरएसएस की विचारधारा को आगे बढाने का काम करते रहे हैं। संविधान को लेकर जब आरएसएस के लोग बात करते हैं, तो वे अपने नेता और अपनी विचारधारा को गाली देते हैं। उनका अपमान करते हैं। उत्तर प्रदेश में संविधान का नहीं ‘मनुस्मृति’ का कानून चल रहा है और वहां गरीब की सुनवाई नहीं हो रही है। 
उन्होंने कहा कि ‘भारत के संविधान के बारे में सबसे बुरी बात यह है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है’ यह बात भाजपा की विचारधारा के पोषक महापुरुष नेता ने कही थी जिनकी भाजपा के लोग पूजा करते हैं। दलितों के संदर्भ में एकलव्य का जिक्र करते हुए उन्होंने कि गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य की जाति के आधार पर उनका गुरु बनने से इनकार कर दिया था, तो एकलव्य अकेले धनुषवाण चलाने की तपस्या करने लगें। काफी समय बाद उसी जंगल में एकलव्य ने अपने बाणों से एक कुत्ता बाधक बना लिया और कुत्ते को नुकसान पहुंचाए बिना उसे चारों ओर से बाणों से घेर लिया। जब द्रोणाचार्य उस वन से निकल रहें, तो उन्हें कुत्ते की यह हालत देखकर आश्चर्य हुआ, तो बोले यह काम किसने किया। एकलव्य ने स्वीकार किया और बोले कि आपकी मूर्ति बनाकर उसके सामने मैंने धनुष विद्या हासिल की है। द्रोणाचार्य ने कहा कि आपने शिक्षा ली है, इसलिए दक्षिणा दीजिए। गुरु द्रोणाचार्य ने गुरु दक्षिणा के रूप में एकलव्य से उसका अंगूठा मांग लिया। इसी तरह से भाजपा हिंदुस्तान के युवकों का अंगूठा काटने में लगी है और भाजपा सरकार आज इसी तरह से अडानी को सारे काम देकर देश के युवाओं, गरीबों, कमजोरों का अंगूठा काट रहे हैं। उनका कहना था कि सरकार ने अग्निवीर योजना लेकर युवकों का अंगूठा काटा है। 70 बार पेपर लीक करवा कर सरकार ने युवाओं का अंगूठा काटा है। किसान अपने हक की लड़ाई के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन किसान की बात नहीं की जा रही है और उसका भी अंगूठा काटा जा रहा है। 
गांधी ने भाजपा पर हर समय और 24 घंटे संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है। जबकि विपक्षी गठबंधन मिलकर देश के संविधान को बचाने का काम कर रहा है। भाजपा के राज में संवैधानिक संस्थाओं को खत्म किया जा रहा हैं। इसलिए, गठबंधन देश के दलितों आदिवासियों, पिछडों किसानों के हित के लिए जाति जनगणना करवाने का काम करेंगे। ताकि, देश में नयी तरह की राजनीति शुरु की जा सकें। देश में 50 प्रतिशत आरक्षण की जो दीवार खडी की गई है, उसे इसी संसद में तोड़ा जाएगा। 

इम्तियाज के साथ पुन: काम करना चाहती हैं श्रेया

इम्तियाज के साथ पुन: काम करना चाहती हैं श्रेया 

कविता गर्ग 
मुंबई। अभिनेत्री श्रेया चौधरी फिल्मकार इम्तियाज अली के साथ फिर से काम करना चाहती हैं। ‘बंदिश बैंडिट्स’ सीज़न 2 रिलीज़ हो चुका है और दर्शकों की निगाहें एक बार फिर इस बहुप्रतीक्षित वेब सीरीज़ की प्रमुख अदाकारा श्रेया चौधरी पर टिकी हुई हैं। अपनी बेहतरीन अदाकारी और आकर्षक व्यक्तित्व के लिए चर्चा में आईं श्रेया ने इस सफलता का श्रेय निर्देशक इम्तियाज़ अली को दिया है। 
बहुत कम लोग जानते हैं कि श्रेया ने इम्तियाज़ अली की शॉर्ट फिल्म ‘द अदर वे’ में भी काम किया था। 2020 में रिलीज़ हुए ‘बंदिश बैंडिट्स’ के पहले सीज़न के साथ ही श्रेया रातों-रात स्टार बन गई थीं। इम्तियाज़ अली के साथ दोबारा काम करने की ख्वाहिश जाहिर करते हुए श्रेया चौधरी ने कहा,इम्तियाज़ सर ने मुझे यकीन दिलाया कि मैं एक्टिंग को अपना करियर बना सकती हूं। उनके साथ काम करके मुझे ये समझ आया कि बड़े सपने देखना और उन्हें पूरा करने की कोशिश करना मुमकिन है। 
उनके साथ काम करने का अनुभव मेरे लिए बेहद खास और सीखने लायक था। मैं बस दुआ कर रही हूं कि एक दिन मैं इम्तियाज़ अली की फिल्म में मुख्य भूमिका निभा सकूं। 
श्रेया चौधरी, बोमन ईरानी की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘द मेहता बॉयज़’ में भी नजर आएंगी, जिसमें वह अविनाश तिवारी के साथ मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म 2025 में रिलीज होगी। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-362, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. रविवार, दिसंबर 15, 2024

3. शक-1945, कार्तिक, शुक्ल-पक्ष, तिथि-पूर्णिमा, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 24 डी.सै., अधिकतम- 17 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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शुक्रवार, 13 दिसंबर 2024

'सफाई व्यवस्था' सुदृढ़ करने का निर्णय लिया

'सफाई व्यवस्था' सुदृढ़ करने का निर्णय लिया 

संतलाल मौर्य 
कौशाम्बी। कुंभ मेला के विशाल आयोजन को देखते हुए नगर पंचायत अझुवा प्रशाशन ने सफाई व्यवस्था सुदृढ़ करने का निर्णय लिया है। अधिशाषी अधिकारी अझुवा रश्मि सिंह ने निर्देश दिया है कि नगर क्षेत्र में कहीं भी गंदगी नहीं दिखनी चाहिए, विशेषकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर। अधिशासी अधिकारी रश्मि सिंह ने सभी सफाई नायकों को निर्देश दिया की नेशनल हाईवे की विशेष निगरानी रखी जाएं। 
इस मार्ग पर लोगों का आवागमन ,व्यापारिक गतिविधियां अधिक होने के कारण गंदगी पसरने की सबसे अधिक संभावना है। इस तथ्य को देखते हुए अधिशासी अधिकारी रश्मि सिंह ने राष्ट्रीय राजमार्ग के व्यापारियों व फुटकर विक्रताओं को आगाह किया। सड़कों व नालियों में किसी भी तरह की गंदगी ना फेंकी जाएं। 
महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए सफाई अभियान चलाया जा रहा हैं, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग की दोनों पटरियों की सफाई कराई जा रही है। इसके अतिरिक्त नगर पंचायत अझुवा सीमांतर्गत कानपुर प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास के सभी शौचायलयों को साफ सुथरा किया जा रहा है। नगर पंचायत अझुवा की अधिशासी अधिकारी रश्मि सिंह ने सभी सफाई नायकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर एवं सार्वजनिक स्थानों पर कहीं भी कूड़ा-करकट दिखाई ना दे। 

आरोप: 'सुरक्षा के कवच' को तोड़ने की कोशिश

आरोप: 'सुरक्षा के कवच' को तोड़ने की कोशिश 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भारत के संविधान को देश के आम नागरिकों के लिए न्याय, अभिव्यक्ति, अधिकारों का सुरक्षा कवच बताया और सरकार पर आरोप लगाया कि देश में जनता पर सुरक्षा के इस कवच को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। लेकिन, देश साहस के साथ फिर से उठेगा और कहेगा कि सत्यमेव जयते। 
लोकसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में विपक्ष की ओर से वाड्रा के पहले भाषण को सदन ने पूरी शांति के साथ सुना। वाड्रा ने भी बहुत ही संयत तरीके से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि देश में विवाद एवं संवाद की परंपरा शुरू से रही है। हमारी आज़ादी की लड़ाई अहिंसा एवं सत्य पर इसी परंपरा के कारण चल सकी। आज़ादी की लड़ाई में देश को लेकर लेकर जो सामूहिक आवाज़ उठी, वही संविधान के रूप में दर्ज हुई। उन्होंने कहा, “हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद, अभिव्यक्ति और आकांक्षा की वो ज्योत है, जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जल रही है। इस ज्योत ने हर भारतीय को शक्ति दी है कि उसे न्याय मिलने का अधिकार है। अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने की क्षमता है। इस संविधान ने हर देशवासी को ये अधिकार दिया है कि वो सरकार बना भी सकता है और सरकार बदल भी सकता है। देश के संसाधनों पर उसका अधिकार है। देश बनाने में उसकी भागीदारी है। 
इस ज्योत ने हर हिंदुस्तानी को ये विश्वास दिया कि देश की संपत्ति में उसका भी हिस्सा है। उसे एक सुरक्षित भविष्य का अधिकार है। उम्मीद और आशा की ये ज्योत मैंने देश के कोने-कोने में देखी है।” वाड्रा ने उन्नाव में बलात्कार पीड़िता के मामले, आगरा के अरुण वाल्मीकि के साथ अत्याचार और एक दंगे में एक मुस्लिम दर्जी की गोली लगने से मौत की घटना का उल्लेख किया और कहा कि न्याय की अपेक्षा की जोत संविधान के कारण जल रही है। उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि दस साल के शासन के दौरान संविधान के इस सुरक्षा कवच को तोड़ने का प्रयास किया। आरक्षण को हटाने के लिए लैटेरल इंट्री लाई गई है। संविधान को बदलने काम करने की कोशिश की। 
उन्होंने कहा कि आज ये संविधान संविधान इसलिए कर रहे हैं। क्योंकि, इस चुनाव में हारते हारते जीतने के बाद उन्हें पता चल गया है कि जनता ने संविधान को बचाया है और जनता ऐसा होने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि सरकार की गंभीरता कितनी है ? यह इस बात से पता चलता है कि जब हमने जाति जनगणना की बात कहीं, तो उन्होंने भैंस की चोरी और मंगलसूत्र चुराने की बात कहीं। 
उन्होंने कहा कि हमारे संविधान से आर्थिक न्याय के लिए भूमि सुधार सुनिश्चित किए। उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू का नाम लिये बिना कहा कि जिन्होंने इस देश में एचएएल, आईआईटी, आईआईएम बनाएं, सार्वजनिक उपक्रम स्थापित किए। उनका नाम भाषणों एवं पुस्तकों से मिटाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन, कृतित्व से मिटाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने बैंकों, खदानों, का राष्ट्रीयकरण किया। भोजन एवं शिक्षा का अधिकार दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि जनता को लगता है कि कोई आर्थिक नीति बनेगी, तो उसके लाभ के लिए बनेगी। जमीनों के कानून का संशोधन लोगों की भलाई के लिए होगा। 
लेकिन, आज ऐसा सिर्फ एक उद्योगपति के लाभ के लिए हो रहा है। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति को वोट बैंक में बदला गया है लेकिन नारी शक्ति को अधिकार दस साल बाद देंगे। दस साल कौन इंतजार करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का हर नेता सालों पुरानी बातें करके कहता है कि नेहरू जी ने ऐसा किया वैसा किया। तो उन्हें आज की बात भी करनी चाहिए कि आज क्या स्थिति है। कृषि कानून एक उद्योगपति के लिए बन रहे हैं। गोदाम एक उद्योगपति के लिए दिये जा रहे हैं। खान, बंदरगाह, हवाईअड्डे सब एक ही उद्योगपति को दिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आमलोगों में धारणा बनती जा रही है कि यह सरकार अडानी के मुनाफे के लिए चल रही है। जो अमीर है वह और अमीर हो रहा है, जो गरीब हैं, वो और गरीब हो रहा है। वाड्रा ने कहा कि सरकार के लोगों को भी अपनी गलती स्वीकार करके माफी मांगनी चाहिए। यदि वे मतपत्रों से चुनाव करा लें तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। महाराष्ट्र, गोवा की सरकारों को पैसे के बल पर गिरा दिया गया। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपी नेताओं के भारतीय जनता पार्टी में आने पर तंज कसते हुए कहा कि इनके यहां वाशिंग मशीन लगी है। जो जाता है, वह धुल जाता है। कई लोग हमारे यहां थे जो अब उधर बैठे हैं। वे धुल गये हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि जो संविधान को माथे से लगाते हैं लेकिन संभल एवं मणिपुर पर न्याय की गुहार को अनसुना कर देते हैं। 
उन्होंने कहा, “ये भारत का संविधान है, संघ का विधान नहीं है।” उन्होंने कहा कि यह संविधान एकता की मोहब्बत की बात करता है। करोड़ों देशवासी एक दूसरे से प्रेम करते हैं, घृणा नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अभिव्यक्ति की सुरक्षा को कमजोर करके भय का वातावरण बना दिया है। पहले जनता ने खुल कर सरकार की आलोचना की है, धरने प्रदर्शन किये हैं। सरकार को ललकारा है और न्याय मांगा है। नुक्कड़ों, गली मोहल्लों, चौराहों पर चर्चा बंद नहीं हुई। आज जनता को डराया जाता है। छात्र नेता, प्रोफेसर हो, पत्रकार हो, सरकार के विरोध में बोले तो धमकाया जाता है। इस सरकार ने किसी को नहीं छोड़ा। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को देशद्रोही करार दे दिया। मीडिया की मशीन झूठ फैला रही है। वाड्रा ने कहा, “ये प्रकृति का नियम है कि जो लोग भय फैलाने के आदी हैं, वे खुद भी भयभीत होते हैं और चर्चा से डरते हैं। हम कह रहे हैं कि चर्चा करिये लेकिन उनमें चर्चा करने की हिम्मत नहीं है।” उन्होंने कहा कि जनता में बहुत विवेक है। उसे पता है कि क्या सही है ? यह देश भय से नहीं बल्कि साहस एवं संघर्ष से बना है। गरीब मजदूर, मेहनती मध्य वर्ग रोजाना भयंकर परिस्थितियों का साहस एवं आत्मविश्वास से सामना करते हैं। यह शक्ति उन्हें संविधान से मिलती है।” 
उन्होंने कहा कि भय की एक सीमा होती है। इतना दबाया जाता हैं, तो उसके बाद जनता उठ खड़ी हाेती है। उन्होंने कहा, “ये देश कायरों के हाथों ज्यादा दिन नहीं रहा है। यह देश फिर से उठेगा और कहेगा सत्यमेव जयते।” 

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...