मंगलवार, 3 दिसंबर 2024

नए कानूनों के केंद्र में नागरिक प्रथम की भावना

नए कानूनों के केंद्र में नागरिक प्रथम की भावना 

राणा ओबरॉय 
नई दिल्ली/चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि नए कानूनों के केंद्र में नागरिक प्रथम की भावना है। मोदी यहाँ भारतीय भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के सफल कार्यान्वयन को राष्ट्र को समर्पित करने के अवसर पर बोल रहे थे। 
उन्होंने कहा कि नए कानून बनाने की जरूरत इसलिए समझी गई। क्योंकि, पुराने कानून अंग्रेजों के समय व अंग्रेजी शासन की जरूरत के अनुसार और भारत पर अपना शिकंजा बनाए रखने के लिए बनाए गए थे। मोदी ने कहा कि 1857 में पहले स्वाधीनता संग्राम, जिससे अंग्रेजी हुकूमत की जड़ें हिला दी थीं, के तीन साल बाद अंग्रेजी हुकूमत ने 1860 में भारतीय दंड संहिता बनाई उसके बाद एविडेंस ऐक्ट और अपराध प्रक्रिया संहिता आई। 
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी हमारे कानून उसी दंड संहिता के इर्दगिर्द मंडराते रहे। समय-समय पर इन कानूनों में छोटे-मोटे सुधार होते रहे लेकिन इनका चरित्र वही बना रहा। इसीलिए नए कानून लाने का प्रस्ताव चार साल पहले लाया गया ताकि देश को औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर निकाला जाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले गरीब और कमजोर व्यक्ति पुलिस थाने या कचहरी जाने से डरता था, अब ऐसा नहीं होगा। हर पीड़ित व्यक्ति के प्रति कानून संवेदनशील है। उन्होंने यह भी कहा कि तारीख पर तारीख का समय अब खत्म हो चुका है और पीड़ित को अब त्वरित न्याय मिलेगा। उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा महिलाओं के खिलाफ बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के मामले में प्रथम सुनवाई के आठ दिनों के भीतर आरोप तय करने होंगे। सुनवाई पूरी होने के बाद 45 दिन के भीतर फैसला सुनाया जाएगा। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि नए कानूनों का फोकस दंड पर न होकर न्याय पर है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार करने से पूर्व पुलिस को परिजनों को सूचित करना होगा। तीन साल से कम सज़ा वाले अपराधों में उच्चाधिकारी की अनुमति के बिना गिरफ़्तारी नहीं होगी। जमानत के प्रावधान होंगे। पहली बार अपराध करने वालों के प्रति भी न्याय संहिता संवेदनशील होगी। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के तहत डिजिटल एविडेन्स मान्य होगा। गवाही की वीडियोग्राफी होगी। उन्होंने कहा कि नए कानूनों से आतंकवाद का मुकाबला करने में भी मदद मिलेंगी। मामलों का निबटारा समय से किए जाने के कारण अपराधी फैसले होने में लगने वाली देरी के कारण या कानूनी प्रक्रियाओं की जटिलताओं का फायदा नहीं ले सकेंगे। 
भ्रष्टाचार को काबू करने में मदद मिलेगी, उत्पादकता बढ़ेगी, अर्थ व्यवस्था बढ़ेगी। मोदी ने नए कानूनों की जानकारी सभी लोगों तक पहुंचाने का आह्वान किया और सभी राज्य सरकारों से भी सक्रिय होकर काम करने का अनुरोध किया। ताकि, नागरिकों को अपने अधिकारों की जानकारी हो। 

अच्छी तरह से बनाई गई 'फिल्म' सफल होती हैं

अच्छी तरह से बनाई गई 'फिल्म' सफल होती हैं 

कविता गर्ग 
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री यामी गौतम का कहना है कि यदि फिल्म अच्छी तरह से बनाई गई है, तो जरूर सफल होती हैं। वर्ष 2024 यामी गौतम के लिए खास रहा है। अपनी बेहतरीन अदाकारी से उन्होंने सभी का दिल जीत लिया है और अपनी शानदार अभिनय क्षमता को फिर से साबित किया है। जो ये बताता है कि वो इंडस्ट्री की सबसे बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक हैं। आर्टिकल 370 में उनके दमदार परफॉर्मेंस ने उन्हें 'फिल्म ऑफ द ईयर' का खिताब दिलवाया है और फिल्म भी बड़ी हिट साबित हुई है। 
यामी गौतम ने कहा, मैंने हमेशा ऐसी फिल्मों को चुना है जो किसी न किसी तरीके से खास होती हैं, और आदित्य ने भी ऐसा ही किया। उन्होंने फिल्म आर्टिकल 370 को लोकेश के साथ मिलकर प्रोड्यूस किया। यह कोई बहुत पॉपुलर किस्म की फिल्म नहीं थी, और इसके साथ कई सवाल और सलाहें आईं जैसे, 'क्या आपको यकीन है ? क्या ये फिल्म दर्शकों को पसंद आएगी? क्या ये जुड़ पाएगी ? इसमें कोई गाने नहीं हैं। यह एक गंभीर फिल्म है और डॉक्यूमेंट्री पर आधारित है।' लेकिन हमें पूरी तरह से यकीन थे कि अगर यह फिल्म अच्छी तरह से बनाई गई है, अच्छी कहानी है, अच्छे परफॉर्मेंस हैं और सही टीम का समर्थन है, तो यह जरूर सफल होगी।हमारी फिल्म की यात्रा से लेकर उसकी सफलता तक, यह दिखाता है कि हमारा दर्शक वर्ग कितना समझदार है। हर तरह की फिल्म के लिए एक दर्शक है, और एक अच्छी कहानी और स्क्रिप्ट कभी असफल नहीं होती। यामी ने बताया कि वह अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी को कैसे बैलेंस करती हैं, और यह कहा कि पिछले कुछ सालों में उनका वर्क लोड बढ़ गया है। यामी ने कहा, "असल में, मैं पहले से ज्यादा बिजी हूं, और मैं अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी को बैलेंस करने के लिए तैयार हूं। 
यह एक बड़ा बदलाव है। लेकिन, बदलाव एक रात में नहीं आता। इसके लिए बलिदान, लगातार मेहनत और बहुत से लोगों का समर्थन चाहिए। हमें इसका जश्न मनाना चाहिए और मुझे इस समय सिनेमा का हिस्सा बनकर खुशी है। 

डीएम की अध्यक्षता में समितियों की बैठक संपन्न

डीएम की अध्यक्षता में समितियों की बैठक संपन्न 

रजनीश तिवारी 
कौशाम्बी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी की अध्यक्षता में उदयन सभागार में जिला पर्यावरणीय समिति, वृक्षारोपण समिति, जिला गंगा समिति एवं वन बन्दोवस्त समिति की बैठक संपन्न हुई। 
जिलाधिकारी ने कहा कि गंगा-यमुना नदी के किनार स्थित ग्रामों के नालों की साफ-सफाई कराई जाएं एवं नालो का पानी गंगा-यमुना नदी में न बहनें पाएं इसके लिए शोकपिट बनवायें बनाएं जाएं। उन्होंने सभी अधिशासी अधिकारियों एवं एडीओ पंचायतों को निर्देशित करते हुए कहा कि गंगा-यमुना के किनारे स्थित ग्रामों का निरीक्षण करें। नालों के गंदे पानी को गंगा-यमुना नदी में न बहने दें, यदि पानी बह रहा है, तो उसके लिए समुचित उपाय किए जाएं। 
उन्होंने ससुर खदेरी नदी की साफ-सफाई एवं पुनरोद्धार के निर्माण कार्य को जल्द से जल्द प्रारंभ कराएं जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कड़ाधाम में गंगा घाट की साफ-सफाई एवं वहॉ पर डस्टबिन रखवाएं जाने के निर्देश अधिशासी अधिकारी को दिए। इसके साथ ही उन्होंने उ0प्र0 प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के उपस्थित अधिकारी को मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण, नई दिल्ली द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में उ0प्र0 प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड से सहमति प्राप्त किये बिना संचालित ईंट-भट्ठों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए। 
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव, प्रभागीय वनाधिकारी रामसिंह यादव एवं सभी विकास खण्डों के खण्ड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी एवं गंगा समिति के विनय पाण्डा सहित अन्य संबधित अधिकारीगण उपस्थित रहें। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-351, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. बुधवार, दिसंबर 04, 2024

3. शक-1945, कार्तिक, शुक्ल-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 27 डी.सै., अधिकतम- 19 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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सोमवार, 2 दिसंबर 2024

एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया

एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया 

पंकज कपूर 
देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को डाट काली मंदिर देहरादून में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने एक्सप्रेस वे के निर्माण में इस्तेमाल हो रही आधुनिक तकनीकों और पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों के बारे में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे का कार्य अन्तिम चरण में हैं। 
इस एक्सप्रेसवे का तेजी से निर्माण होने पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी मोदी एवं केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस वे के पूर्ण होने पर देहरादून से दिल्ली का सफर मात्र दो से ढ़ाई घण्टे में पूर्ण हो जाएगा। इससे जहां लोगों का आवागमन सरल होगा। चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को और सुगमता होगी। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की आर्थिकी को बढ़ाने, पयर्टन और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी यह प्रोजेक्ट सहायक सिद्ध होगा। इस प्रोजेक्ट में इकोलॉजी और इकोनॉमी का समन्वय करते हुए एशिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर भी बनाया गया है, जो वन्यजीवों की सुरक्षा एवं उनकी आवाजाही को मुक्त और पूर्ण तरीके से सुरक्षित बनाएगा। 

संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करने का आग्रह किया: सीएम

संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करने का आग्रह किया: सीएम 

मिनाक्षी लोढी 
कोलकाता। बांग्लादेश में फिलहाल तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। इस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिंता जताई है। उन्होंने सोमवार को केंद्र से पड़ोसी देश में शांति लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करने का आग्रह किया। इसके साथ ही विदेशी धरती पर सताए गए भारतीयों को वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग की। 
उन्होंने यह भी मांग की कि विदेश मंत्री को बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति पर भारत के रुख से संसद को अवगत कराना चाहिए। सीएम ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी खुद यह काम करने के लिए उपलब्ध नहीं हैं तो विदेश मंत्री को मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान इस पर बात रखनी चाहिए। 
दिन के सत्र के पहले चरण के दौरान विधानसभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर टिप्पणी करना उनके अधिकार क्षेत्र से परे है, क्योंकि बंगाल देश के संघीय ढांचे में केवल एक राज्य है। हालांकि, हालिया घटनाक्रम और बांग्लादेश में रहने वाले कई लोगों के रिश्तेदारों द्वारा बताए गए अनुभव, हमारी तरफ आने वाले लोगों की गिरफ्तारी और इस्कॉन के प्रतिनिधियों के साथ मेरी बातचीत ने, मुझे इस सदन में यह बयान देने के लिए मजबूर किया है। 
मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि वह इस मामले पर आधिकारिक टिप्पणी करने के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। इसलिए विदेश मंत्रालय से इस मुद्दे को बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ और यदि आवश्यक हो, तो संयुक्त राष्ट्र के साथ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़े तो बांग्लादेश की (अंतरिम) सरकार से बात कर एक अंतरराष्ट्रीय शांति सेना को भेजा जाए ताकि सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद मिल सकें। यह कहते हुए कि सताए गए भारतीयों को बचाने और सीमा के इस ओर उनका पुनर्वास करने की तत्काल आवश्यकता है। 
मुख्यमंत्री ने कहा, 'अगर जरूरी हुआ, तो हम बांग्लादेश में जिन भारतीयों पर हमला हो रहा है उनका पुनर्वास कर सकते हैं। जरूरत पड़ने पर हमें अपनी एक रोटी उनके साथ साझा करने में कोई समस्या नहीं है। उनके लिए भोजन की कोई कमी नहीं होगी। 
बनर्जी ने जोर देकर कहा कि वह बांग्लादेश और अन्य जगहों पर रहने वाले सभी समुदायों के बीच सद्भाव, भाईचारे के संबंध और सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने की आशा करती हैं। 
कुछ समय पहले गलती से बांग्लादेश के जलक्षेत्र में प्रवेश करने वाले 79 भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी के बारे में उन्होंने कहा कि हमारे मछुआरे अब भी उनके कब्जे में हैं और उन्हें रिहा किया जाना बाकी है। उन्होंने याद करते हुए कहा, 'जब बांग्लादेश के मछुआरे हमारे जल क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे, तो हमने उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की थी। 
सीमा के दूसरी ओर कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के बावजूद केंद्र सरकार पर पिछले 10 दिनों से चुप रहने का आरोप लगाते हुए बनर्जी ने भाजपा का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, 'वे अपने केंद्रीय नेतृत्व से बांग्लादेश की स्थिति में केंद्र को सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करने के लिए क्यों नहीं कहते ? इसके बजाय, उनके नेता हमारी भूमि सीमाओं के साथ माल की आवाजाही को बंद करने की मांग कर रहे हैं।' 
उन्होंने कहा, 'उन्हें पता होना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय सीमा समझौतों के अनुसार, वस्तुओं की आवाजाही रोकना हमारे हाथ में नहीं है। हम केवल केंद्र द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य कर सकते हैं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सोमवार को विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के छह नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और स्पीकर बिमान बनर्जी भी मौजूद रहें। 13 नवंबर को हुए उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले छह विधायकों में सीताई से संगीता रॉय, मदारीहाट से जयप्रकाश टोप्पो, नैहाटी से सनत डे, हरोआ से एसके रबीउल इस्लाम, मेदिनीपुर से सुजॉय हाजरा और तलडांगरा से फाल्गुनी सिंहबाबू शामिल हैं। राज्यपाल द्वारा नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाते ही तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने 'जय बांग्ला' के नारे लगाएं। 

निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक की गई: डीएम

निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक की गई: डीएम 

सुशील केसरवानी 
कौशाम्बी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी द्वारा सम्राट उदयन सभागार में राष्ट्रीय पोषण मिशन एवं आंगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक तहसीलों के एक-एक विकास खण्ड में कैम्प का आयोजन कर अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं की गोद भराई, बच्चों का अन्नप्राशन एवं सैम/मैम बच्चां का वजन कराया जाय। उन्होंने कहा कि कैम्प में महिला ग्राम प्रधानों को आमन्त्रित किया जाएं, जिससे सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को महिलाओं तक पहुॅचाकर लाभान्वित/सम्मानित किया जा सकें। उन्होंने अच्छा कार्य करने वाली ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सम्मानित भी किया जाएं। 
उन्होंने कहा कि जो भी ऑगनबाड़ी केन्द्र समय से खुलता हुआ न पाया जाएं, उस केन्द्र के ऑगनबाड़ी कार्यकत्री के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए। मूरतगंज ब्लॉक के ग्राम-फादिलाबाद में आंगनबाड़ी भवन के हो रहें निर्माण कार्य की प्रगति धीमी पाये जाने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए ऑगनबाड़ी भवन के निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण कराने एवं जब तक हैण्डओवर नहीं हो जाता है। तब तक जे.ई. का वेतन रोकने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने ऑगनबाड़ी भवनों में चल रहें कायाकल्प के कार्य का निरीक्षण एडीओ पंचायतों द्वारा कराये जाने के निर्देश दिए। 
जिलाधिकारी ने सीडीपीओ, ऑबनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सुपरवाइजरों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिन ऑबनबाड़ी केन्द्रों में कायाकल्प का कार्य कराया जाना है, उसकी सूची एक सप्ताह के अन्दर अवश्य उपलब्ध कराएं। उन्होंने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सैम बच्चों को चिहिन्त कर मैम/सासान्य श्रेणी में परिवर्तित करने के लिए पूरे मनोयोग से कार्य करें। 
उन्हांने सभी सुपरवाइजरों एवं सीडीपीओ को घर-घर जाकर सैम बच्चों को चिहिन्त कर उन्हें एनआरसी में भर्ती कराने के निर्देश दिए। उन्होंने जनपद में मातृ शिशु मृत्यु दर कम से कम करने के लिए आरबीएसके की टीम एवं ऑगनबाड़ी सुपरवाइजरों की एक टीम बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। 
इसके साथ ही उन्होंने आरबीएसके की टीम को गॉव-गॉव भ्रमण कर ऑगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण एवं पोषण ट्रैकर को चेक करने के निर्देश दिए। जिला कार्यक्रम अधिकारी रेनू वर्मा द्वारा बताया गया पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषण की जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अप्रैल 24 से नवंबर 24 तक जिले के सभी विकास खंड से कुल 112 बच्चे पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराए गए, जिसमें से 35 बच्चे सुधार होकर मध्यम श्रेणी में और 40 बच्चे पूरी तौर से सामान्य की श्रेणी में आ गए हैं। 
अन्य बच्चों के भी वजन और लंबाई में वृद्धि हो रही है। अगस्त 24 में आंगनबाड़ी कार्यकत्री के मोटिवेट करने से कसिया मूरतगंज की मोनी चौरसिया द्वारा अपने बच्चे प्रतीक चौरसिया को पोषण पुनर्वास केंद्र भर्ती होकर 14 दिन रूककर इलाज कराया गया। आज बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। इतना ही नहीं मोनी चौरसिया ने कसिया क्षेत्र के अन्य कमजोर बच्चों की माताओ को अपने बच्चे के पोषण पुनर्वास केंद्र से इलाज करा कर स्वस्थ होने का उदाहरण बता कर निखिल पिता राकेश,रिवांश पिता राम मूरत, हिमांशु पिता रमेश चंद्र को पोषण पुनर्वास केंद्र भेजने के लिए प्रेरित किया। आज यह सभी बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। 
डीपीओ द्वारा अवगत कराया गया कि कड़ा गांव विकासखंड कड़ा के इशू और अंश पिता दिलीप, नगर पंचायत अझुवा के अंबेडकर नगर से प्रिंस पिता संजय कुमार सिद्धार्थ पिता जगत नारायण विश्वकर्मा ने भी अपने बच्चों का इलाज करा कर पूरी तौर से अपने बच्चों को स्वस्थ कर लिया गया है। पोषण पुनर्वास केंद्र में 14 दिन भर्ती होने पर अभिभावक को खाना नाश्ता, रू0-50 प्रतिदिन के अनुसार अभिभावक के खाते में धनराशि भी प्रेषित किया जाता है। कार्यक्रम अधिकारी द्वारा लोगों से आग्रह किया गया कि प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को सभी आंगनबाड़ी केद्रो पर आयोजित होने वाले वजन दिवस पर अपने 06 वर्ष तक के बच्चों का वजन एवं लंबाई-ऊंचाई की माप जरूर कराएं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ती बहन से अपने बच्चों की पोषण ई-श्रेणी की जानकारी भी जरूर प्राप्त करें, यदि बच्चे का वजन और लंबाई नियमित रूप से बढ़ रहा है, तो बच्चा स्वस्थ की श्रेणी में है। 
स्वस्थ बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास उसके पोषण एवं पढ़ाई को निर्धारित करता है। सभी अभिभावको को अपने बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य के प्रति अच्छे तरह से ध्यान देने की जरूरत है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हिन्द प्रकाशमणि एवं प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी रेनू वर्मा सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहें। 

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...