मंगलवार, 12 नवंबर 2024

अभिनेता शाहरूख को धमकी देने वाला गिरफतार

अभिनेता शाहरूख को धमकी देने वाला गिरफतार 

दुष्यंत टीकम 
रायपुर। बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान को जान से मारने की धमकी देने वाला डाॅन पुलिस के हाथ लग गया है। छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार किया गया मोहम्मद फैजान पेशे से वकील है और उसने शाहरुख खान से 50 लाख रुपए की डिमांड की थी। मंगलवार को बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान को जान से मारने की धमकी देने के मामले की जांच कर रही पुलिस ने दौड़ धूप करते हुए झारखंड के रायपुर से मोहम्मद फैजान नामक वकील को गिरफ्तार किया है। 
आरोप है कि उसने बॉलीवुड एक्टर को धमकी देते हुए 50 लाख रुपए की डिमांड की थी, गिरफ्तार किए गए वकील मोहम्मद फैजान को संदेह होने के चलते पुलिस द्वारा थाने बुलाया गया था। जब वह बुलावे पर थाने नहीं पहुंचा तो पुलिस ने घर पर दबिश देते हुए वकील को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ किए जाने पर पुलिस को बरगलाते हुए फैजान ने पुलिस से कहा था कि उसका मोबाइल चोरी हो गया है। आरोप है कि वकील ने इसी मोबाइल से बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान को धमकी देते हुए 50 लाख रुपए डिमांड की थी। गिरफ्तार किए गए मोहम्मद फैजान के खिलाफ पुलिस ने जान से मारने की धमकी देकर उगाही करने और आपराधिक साजिश के तहत मुकदमा दर्ज क्या है। 
उल्लेखनीय है कि धमकी के बाद मुंबई पुलिस द्वारा बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान की सुरक्षा में इजाफा करते हुए उसे जैड प्लस की सिक्योरिटी दी गई है, जिसके चलते शाहरुख खान के आसपास सुरक्षा के लिए हथियारबंद आधा दर्जन जवान रहते हैं। जबकि, इससे पहले दो ही जवान बॉलीवुड एक्टर की सुरक्षा में लगे हुए थे। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-330, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. बुधवार, नवंबर 13, 2024

3. शक-1945, कार्तिक, शुक्ल-पक्ष, तिथि-द्वादशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 33 डी.सै., अधिकतम- 25 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

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सोमवार, 11 नवंबर 2024

यूपी: महिलाओं को फ्री 'अल्ट्रासाउंड' की सुविधा

यूपी: महिलाओं को फ्री 'अल्ट्रासाउंड' की सुविधा 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेशवासियों को सुगम, सस्ता और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराने के लिए लगातार अहम कदम उठा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि पिछले साढ़े सात वर्ष में प्रदेश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव हुआ है, जिसने कभी बीमारू प्रदेश कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश को आज उत्तम प्रदेश की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है। इसी के तहत योगी सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं को निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर फ्री अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक 6 लाख से अधिक गर्भवती महिलाएं सुविधा का लाभ उठा चुकी हैं। इतना ही नहीं, योगी सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं को प्रदेश के किसी भी जिले के इम्पैनल्ड निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र पर फ्री अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है ताकि उन्हे सुविधा का लाभ उठाने के लिए भटकना न पड़ें। 

प्रदेश के 1,861 निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर दी जा रही फ्री अल्ट्रासाउंड की सुविधा 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य को लेकर काफी गंभीर हैं। ऐसे में, उन्हें गुणवत्तापूर्ण इलाज के साथ ही पुष्टाहार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश की गर्भवती महिलाओं को पीपीपी मोड पर फ्री अल्ट्रासाउंड के लिए ई रुपी वाउचर की सुविधा फरवरी 2023 उपलब्ध करायी जा रही है। यह सुविधा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर दी जा रही है। मिशन निदेशक ने बताया कि सुविधा का लाभ देने के लिए प्रदेश के 75 जिलों में 1,861 निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों को इम्पैनल्ड किया गया है। शासन द्वारा अब तक गर्भवती महिलाओं को 14,50,238 ई-रुपी वाउचर जारी किये जा चुके हैं। वहीं गर्भवती महिलाओं द्वारा 6,81,341 ई-रुपी वाउचर का लाभ उठाया जा चुका है। बता दें कि गर्भवती महिलाएं एक माह तक जारी ई-रुपी वाउचर का लाभ उठा सकती हैं। इसके बाद यह स्वत: कैंसिल हो जाता है। वहीं गर्भवती महिला द्वारा समय सीमा में लाभ न उठा पाने पर वह दोबारा ई-रुपी वाउचर प्राप्त कर सकती हैं। 

हर माह की 1,9,16 और 24 तारीख को जारी किए जा रहे अल्ट्रासाउंड के ई-रुपी वाउचर 

मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर गर्भवती महिलाओं को जिला महिला चिकित्सालय, संयुक्त चिकित्सालय, सीएचसी के साथ पीएचसी पर हर माह की 4 पीएमएसएमए दिवसों क्रमश: 1, 9, 16 और 24 तारीख को ई-रुपी वाउचर जारी किये जाते हैं। उन्होंने बताया कि उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुविधा का ज्यादा लाभ देने के लिए अभियान और प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये हैं। ऐसे में, सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आशा कार्यकत्रियों द्वारा घर-घर जाकर सुविधा के बारे में बताया जा रहा है। 

'भारत-रूस व्यापार मंच' को संबोधित किया

'भारत-रूस व्यापार मंच' को संबोधित किया 

सुनील श्रीवास्तव 
मुंबई। भारत और रूस की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे की पूरक हैं और 8 प्रतिशत विकास दर वाले भारत और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज रूस के बीच साझेदारी दोनों देशों के साथ ही दुनिया के लिए भी अच्छी साबित होगी। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोमवार को यहां आयोजित भारत-रूस व्यापार मंच को संबोधित करते हुए यह बात कहीं। 
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा मैं 10 महत्वपूर्ण घटनाक्रमों पर प्रकाश डालना चाहता हूं, जिन पर हमें ध्यान देने की आवश्यकता है। आज हमारा द्विपक्षीय व्यापार 66 अरब अमेरिकी डॉलर है। इससे 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का लक्ष्य यथार्थवादी से कहीं अधिक है। हालांकि व्यापार संतुलन को तत्काल सुधारने की आवश्यकता है, क्योंकि यह बहुत एकतरफा है। ऐसा होने के लिए यह आवश्यक है कि गैर-टैरिफ बाधाओं और नियामक बाधाओं को शीघ्रता से दूर किया जाए। भारत-यूरेशियन आर्थिक संघ के बीच वस्तुओं के व्यापार पर बातचीत इस वर्ष मार्च में शुरू हुई। हमें इसे जोरदार तरीके से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। 
विदेश मंत्री ने आगे कहा पहला द्विपक्षीय निवेश मंच अप्रैल 2024 में मास्को में आयोजित किया गया। हमें द्विपक्षीय निवेश संधि पर बातचीत में भी तेजी लाने की आवश्यकता है। 2024-29 तक रूसी सुदूर-पूर्व के संबंध में सहयोग के कार्यक्रम पर वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान जुलाई में हस्ताक्षर किए गए थे। यह कनेक्टिविटी क्षेत्र सहित अन्य संबंधित गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है। राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार का पारस्परिक निपटान वर्तमान परिस्थितियों में बहुत महत्वपूर्ण है। 
जयशंकर ने यह भी कहा कि रूस ने 2022 से एशिया पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है, जिससे सहयोग के कई और अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया पहले से कहीं अधिक बहुध्रुवीयता की ओर बढ़ रही है और अगर हमें साथ चलना है तो सहयोग के उचित तरीके तैयार करना आवश्यक है। इस बिजनेस फोरम में रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव और मंत्री सर्गेई चेरेमिन के साथ ही फिक्की के अध्यक्ष डॉ. अनीश शाह ने भी हिस्सा लिया। 

प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर लाठियां बरसाई

प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर लाठियां बरसाई 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के सामने सोमवार को प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों से झड़प के बाद पुलिस ने उन पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी। आरोप है कि पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़कर पीटा। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि प्रशासन चाहे जितना बल प्रयोग कर ले हम बटेंगे नहीं और न्याय पाने तक हटेंगे नहीं। एमपी, बिहार सहित दूसरे राज्यों से भी आए हजारों अभ्यर्थियों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी और गेट के अंदर घुस गए। परिसर में पहुंचने का प्रयास कर रहे अभ्यर्थियों को रोकने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इस लाठीचार्ज में कई अभ्यर्थियों को चोट भी आई है। 
पीसीएस-आरओ, एआरओ पद की सभी परीक्षा को एक दिन कराने की मांग को लेकर सोमवार को अभ्यर्थी एकजुट होकर लोक सेवा आयोग गेट पर पहुंच गए। हजारों की संख्या में पहुंचे अभ्यर्थियों को देख पुलिस के हाथ पांव फूल गए। हलांकि पुलिस ने पहले से ही 500 मीटर की दूरी पर बैरिकेडिंग लगा रखी थी। अभर्थियों के पहुंचने पर पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो अपनी जिद पर अड़े अभ्यर्थियों की भीड़ बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए गेट के अंदर घुस गई। 
इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, तो अभ्यर्थियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। अभ्यर्थियों की मांग है कि सभी परीक्षा को एक दिन ही कराया जाएं। अभ्यर्थियों का कहना था कि जो मानक तय किए गए हैं। उसे तत्काल निरस्त किया जाएं। अभ्यर्थियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि जबतक आयोग एक दिन परीक्षा कराने और नॉर्मलाइजेशन को निरस्त करने का नोटिस नहीं जारी करेगा तब तक प्रदर्शन चलता रहेगा। वहीं आयोग के सचिव अशोक कुमार ने परीक्षा की तैयारी को लेकर सभी जिले के जिलाधिकारियों (नोडल अधिकारियों) की एक बैठक 21 नवंबर को बुलाई है। आयोग इस परीक्षा को दो दिन में कराने की तिथि को भी घोषित कर चुका है। 

अभ्यर्थियों ने कहा, नॉर्मलाइजेशन नहीं लागू किया जाना चाहिए 

यूपी लोक सेवा आयोग की पीसीएस-प्री 2024 और समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी प्रारंभिक परीक्षा  2023 एक दिन एक शिफ्ट में कराए जाने और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लागू ना किए जाने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों का यूपी लोक सेवा आयोग के बाहर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। हजारों की संख्या में प्रतियोगी छात्र आयोग के गेट नंबर-2 के बाहर हाथों में बैनर पोस्टर लेकर लगातार नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्र नारेबाजी करते हुए तालियां बजाकर और पानी की खाली बोतलें पीट कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। 
करीब 5 घंटे हुए बवाल के बाद भी आयोग के जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से कोई बयान नहीं आया। प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हजारों छात्रों के साथ ही प्रदेश के अलग-अलग जिलों और दिल्ली से भी बड़ी संख्या में छात्र इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे हैं। विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन का जो फॉर्मूला आयोग ने दिया है उससे उनका नुकसान होगा। इसलिए नॉर्मलाइजेशन कतई नहीं लागू किया जाना चाहिए। आरओ, एआरओ 2023 की प्रारंभिक परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को आयोजित की जानी है। पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में 5 लाख 76 हजार और समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती में 11 लाख से ज्यादा प्रतियोगी शामिल हो रहे हैं। 

राष्ट्रपति ने संजीव को 'सीजेआई' की शपथ दिलाई

राष्ट्रपति ने संजीव को 'सीजेआई' की शपथ दिलाई 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में शीर्ष अदालत के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति खन्ना को 51वें मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ दिलाई। वह 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, शीर्ष अदालत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के अलावा मौजूदा और पूर्व न्यायाधीश, कई केंद्रीय मंत्री और अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे। 
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ रविवार 10 नवंबर को शीर्ष अदालत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने अक्टूबर में केंद्र सरकार को पत्र लिखकर न्यायमूर्ति खन्ना को शीर्ष अदालत का अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी। इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 24 अक्टूबर 2024 को केंद्र सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग ने न्यायमूर्ति खन्ना के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने से संबंधित एक अधिसूचना जारी की। न्यायमूर्ति खन्ना 2018 की 'चुनावी बॉन्ड योजना' को रद्द करने वाली पांच सदस्यीय पीठ में शामिल थे। न्यायमूर्ति खन्ना को 18 जनवरी 2019 को शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत किया गया था, तब वह दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। उन्हें 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और एक साल बाद उन्हें यहां स्थायी न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया गया था। न्यायमूर्ति खन्ना संविधान के अनुच्छेद 370 का प्रभाव जम्मू कश्मीर से हटाने और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (नई संसद भवन और इसके आसपास के क्षेत्रों का पुर्नविकास) हरी झंडी देने वाली पीठ सहित कई महत्वपूर्ण फैसलों के हिस्सा थे। उनकी अगुवाई वाली पीठ ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय के एक मामले में अंतरिम जमानत दी थी। न्यायमूर्ति खन्ना का जन्म 14 में 1960 को एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। वह अपने चाचा सर्वोच्च न्यायालय न्यायमूर्ति हंस राज खन्ना की उल्लेखनीय वंशावली और विरासत को आगे ले जा रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के पिता देव राज खन्ना दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। वह 1985 में सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी मां सरोज खन्ना दिल्ली के लेडी राम कॉलेज में हिंदी की लेक्चरर थीं। न्यायमूर्ति खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के 'कैंपस लॉ सेंटर' से विधि में स्नातक (एलएलबी) की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराया। उन्होंने शुरुआत में दिल्ली के तीस हजारी परिसर में जिला न्यायालयों में और बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय और न्यायाधिकरणों में संवैधानिक कानून, प्रत्यक्ष कराधान, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून, कंपनी कानून, भूमि कानून, पर्यावरण कानून और चिकित्सा लापरवाही जैसे विविध क्षेत्रों में वकालत की। 
आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में भी उनका कार्यकाल लंबा रहा। उन्हें 2004 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) के रूप में नियुक्त किया गया था। न्यायमूर्ति खन्ना को 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उन्होंने दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्रों के अध्यक्ष/प्रभारी न्यायाधीश का पद संभाला। न्यायमूर्ति खन्ना 18 जनवरी 2019 को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। 
उन्होंने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक शीर्ष अदालत की लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष का पद शोभा बढ़ाई। 

'एससी' ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई

'एससी' ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। दीपावली के मौके पर अदालत की ओर से पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर पुलिस की कार्यवाही को दिखावा बताते हुए शीर्ष अदालत ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है और कहा है कि कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाले कामों को बढ़ावा नहीं देता है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वातावरण में चारों तरफ बढ़ते प्रदूषण एवं पटाखों पर लगाएं गए प्रतिबंध से जुड़े मामले को लेकर की गई सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने दीपावली के मौके पर आदेशों का उल्लंघन होने पर दिल्ली पुलिस की क्लास लेते हुए उसे जमकर फटकार लगाई है। 
अदालत ने कहा है कि पटाखों पर लगाएं गये प्रतिबंध को क्रियान्वित करने को लेकर पुलिस ने जो कुछ किया है, वह केवल दिखावा है। पुलिस ने सिर्फ कच्चे माल को जब्त करने के कार्यवाही की। लेकिन, निर्मित पटाखों को कब्जे में लेकर प्रबंध को गंभीरता से लागू नहीं किया गया। जस्टिस अभय ओका एवं जस्टिस आगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को पटाखों पर बैन लगाने के लिए पुलिस की स्पेशल ब्रांच बनाने का निर्देश दिया है। 

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा  गणेश साहू  कौशाम्बी। सैनी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में खेत से लौट रही बालिका के साथ 27 वर्ष पहले स...