मंगलवार, 22 अक्तूबर 2024

बालों की सेहत के लिए फायदेमंद हैं 'तिल'

बालों की सेहत के लिए फायदेमंद हैं 'तिल' 

सरस्वती उपाध्याय 
बालों की सेहत के लिए तिल एक बेहतरीन सामग्री है। विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर तिल स्कैल्प को पोषण देता है और बालों को मजबूत बनाता है। तिल में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, मिनरल, और हेल्दी फैट्स पाए जाते हैं। इसके अलावा, तिल में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। 
तिल में मौजूद ओमेगा-3, ओमेगा-6, और ओमेगा-9 फैटी एसिड स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं और बालों को आवश्यक पोषक तत्व और ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, बालों का विकास तेज़ होता है, और समय से पहले बाल झड़ने की समस्या कम होती है। इसके अलावा, तिल में मौजूद विटामिन और मिनरल स्कैल्प को स्वस्थ रखने और बालों के टूटने को कम करने में मदद करते हैं। 
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर तिल ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ने में मदद करता है। तिल में मौजूद ज़रूरी पोषक तत्व जैसे कॉपर और आयरन, मेलेनिन के उत्पादन के लिए ज़रूरी होते हैं, जो बालों को रंग प्रदान करता है। इन ज़रूरी तत्वों को शरीर को प्रदान करके, तिल स्वस्थ बालों के रंग को बनाए रखने और समय से पहले सफेद बाल आने से रोकने में मदद कर सकता है। 
अच्छी तरह से गर्म किए हुए नारियल तेल में दो चम्मच तिल डालें और इसे अपने स्कैल्प पर लगाकर मालिश करें। 15 मिनट बाद हर्बल शैम्पू से धो लें। यह पैक समय से पहले सफेद बाल आने से रोकने के लिए बेहतरीन है। एक कटोरी में थोड़ा सा तिल का तेल लें। फिर इसमें थोड़ा सा जेल मिलाएं। अच्छी तरह मिलाने के बाद इसे अपने स्कैल्प पर लगाएं। यह बालों के विकास के लिए एक बेहतरीन पैक है। 

स्कूलों में अस्त्र-शस्त्र व शास्त्र की कक्षा लागू करें

स्कूलों में अस्त्र-शस्त्र व शास्त्र की कक्षा लागू करें 

हरिओम उपाध्याय 
नई दिल्ली। हिंदूवादी भाजपा सनातनी नेता धर्मगुरु राजू चंदेल ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मांग करते हुए कहा कि देश के तमाम राज्यों के स्कूलों में सनातनी जाति के तमाम वर्गों के बच्चों के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में शस्त्र व शास्त्र के ज्ञान की कक्षा शुरू की जाएं। 
त्रेता युग से लेकर द्वापर युग तक यह तमाम शिक्षा विद्यालयों में शिक्षा के साथ-साथ शास्त्र और शस्त्र की शिक्षा भी सनातनी जाति के बच्चों को दी जाती थी। परंतु मुगल काल और अंग्रेजी हुकूमत के चलते यह शिक्षा प्रणाली एवं कक्षाएं बंद कर दी गई। ऐसा करने से सनातनी वर्ग के बच्चे कमजोर व निर्बल-दुर्बल साबित हो रहे हैं। 
चंदेल ने कहा कि सनातनी हिंदू जाति के बच्चे निर्बल-दुर्बल ना हो। इसीलिए उनके प्रथम कक्षा से लेकर 12 वीं कक्षा तक बच्चों को शस्त्र और शास्त्र की शिक्षा दी जाए। ऐसा करने से शास्त्रों के पढ़ने से हमारे गौरवशाली इतिहास के बारे में सनातनी हिंदू जाति के बच्चों को अपने देवी-देवता और अपने गौरवशाली भारत के इतिहास की जानकारी होगी। शस्त्र के ज्ञान होने से वह निर्बल-दुर्बल नहीं रहेगा। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-309, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. बुधवार, अक्टूबर 23, 2024

3. शक-1945, कार्तिक, कृष्ण-पक्ष, तिथि-सप्तमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 35 डी.सै., अधिकतम- 39 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

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7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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सोमवार, 21 अक्तूबर 2024

यूपी सरकार ने 'धान खरीद' नीति को मंजूरी दी

यूपी सरकार ने 'धान खरीद' नीति को मंजूरी दी 

भानु प्रताप उपाध्याय 
शामली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ वर्ष 2024-25 में मूल्य समर्थन योजना के तहत धान खरीद नीति को मंजूरी दी है। 
इस नीति के अन्तर्गत सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,300 रुपये प्रति कुन्तल और ग्रेड-ए धान का 2320 रूपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया है। जिसमें गतवर्ष से 117 रुपये प्रति कुन्तल की दर से बढ़ोत्तरी की गई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) एक सलाहकार मूल्य संकेत है, जो भारत के विभिन्न हिस्सों में कृषि नीतियों के एक बड़े समूह का हिस्सा है। यह अनौपचारिक ‘‘समर्थन’’ मूल्य के विपरीत सरकार द्वारा अनुशंसित है और इसका उद्देश्य किसान को फसल के लिए न्यूनतम लाभ सुनिश्चित करना है और साथ ही देश में खाद्य सुरक्षा बढ़ाना है। एमएसपी शुरू में 1960 के दशक में कृषि भूमि की उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से किसानों को प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए एक प्रोत्साहन था। हालांकि, वर्ष 2000 के दशक से इसे बाजार हस्तक्षेप और किसान आय योजना के रूप में देखा जाता है। ऐसी मूल्य नीति की प्रभावशीलता राज्यों और वस्तुओं के बीच व्यापक रूप से भिन्न होती है। एमएसपी के अस्तित्व के बारे में किसानों के बीच जागरूकता लाया जा रहा है। भारत सरकार दो दर्जन से अधिक कृषि फसलों की कीमत साल में दो बार निर्धारित करती है। समर्थन मूल्य एमएसपी कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर तय किया जाता है। 
कृषि मंत्रालय के तहत मूल्य निर्धारण नीति के लिए एक शीर्ष सलाहकार निकाय है। सीएसीपी राष्ट्रीय आवश्यकताओं, उपलब्ध संसाधनों, किसान, मजदूरी, जीवन यापन की लागत और उत्पाद प्रतिस्पर्धात्मकता सहित विभिन्न कारकों के अनुसार मूल्य निर्धारण की सिफारिश करता है। हालांकि, कभी-कभी सीएसीपी द्वारा अनुशंसित कीमतों और सरकार द्वारा अनुशंसित कीमतों के बीच बड़े अंतर होते है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) राज्य स्तर पर एमएसपी लागू करने में शामिल है। किसानों को समर्थन मूल्य प्रदान करते समय, एमएसपी सार्वजनिक वितरण प्रणाली का भी समर्थन करता है, जो रियायती दर पर भोजन प्रदान करता है। किसी कृषि उपज (जैसे गेहूँ धान आदि) का न्यूनतम समर्थन मूल्य वह मूल्य है जिससे कम मूल्य देकर किसान से सीधे वह उपज नहीं खरीदी जा सकती। न्यूनतम समर्थन मूल्य, भारत सरकार तय करती है। प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों का धान क्रय कर उन्हें उनकी फसल का वाजिब मूल्य दे रही है। 
धान की बिक्री हेतु किसानों को खाद्य तथा रसद विभाग की बेवसाइट fcs.up.gov.in अथवा विभाग के मोबाइल ऐप UPKISAN MITRA पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। प्रदेश के पंजीकृत किसानों से ही धान क्रय किया जा रहा है। कृषक का बैंक खाता, आधार सीडेड (बैंक खाता आधार कार्ड से जुड़ा हो) एवं बैंक द्वारा एनपीसीआई पोर्टल पर मैप एवं सक्रिय होना आवश्यक है। किसानों से क्रय किये गये धान के मूल्य का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से सीधे किसानों के आधार लिंक्ड बैंक खाते में की जा रही है। धान खरीद वर्ष 2024-25 में किसानों को कामन धान का मूल्य रु0 2300 प्रति कुन्तल एवं ग्रेड-ए धान का रु0 2320 प्रति कुन्तल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल रहा है। प्रदेश सरकार ने इस वर्ष बटाईदार कृषकों द्वारा भी पंजीकरण/नवीनीकरण कराते हुए धान को क्रय केन्द्रो पर बेचने की स्वीकृति दी है। किसान को धान की उतराई, छनाई वे सफाई की मद में अधिकतम रू0 २० प्रति कुन्तल की दर से दिया जाएगा। शासन स्तर से 4000 क्रय केन्द्र निर्धारित किए गए है। किंतु स्थानीय किसानों पर बेचने की सुविधा और आवश्यकताओं के दृष्टिगत जिलों पर अतिरिक्त क्रय केन्द्र खोले जा सकते है। प्रदेश के समस्त क्रय केन्द्रों पर समस्त व्यवस्थायें पूर्ण कराते हुए किसानों के बैठने, पीने के पानी आदि की व्यवस्था की गई है। 
क्रय केन्द्रों पर पंजीकृत किसानों से राजस्व विभाग द्वारा सत्यापन के उपरान्त इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज के माध्यम से किसानों का बायोमेट्रिक सत्यापन के उपरान्त धान खरीद की जा रही है। प्रदेश में किसानों से धान क्रय करते हुए सरकार उनकी उपज का उचित मूल्य दे रही है। इस खरीद नीति से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। 

25 अक्टूबर को रायपुर पहुंचेंगी 'राष्ट्रपति' मुर्मू

25 अक्टूबर को रायपुर पहुंचेंगी 'राष्ट्रपति' मुर्मू 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली/रायपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर 25 अक्टूबर को रायपुर पहुंचेंगी। दो दिनों में यहां वे आधा दर्जन कार्यक्रमों में शामिल होंगी। राष्ट्रपति के दौरे को लेकर सरकार ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह दूसरा दौरा है। राष्‍ट्रपति के दो दिवसीय दौरे का मिनट टू मिनट कार्यक्रम राष्‍ट्रपति भवन ने पहले ही राज्‍य सरकार को भेज दिया था। 
राष्‍ट्रपति के इस दौरे की सुरक्षा तैयारी भी शुरू हो गई है। सुरक्षा व्‍यवस्‍था को लेकर डीजीपी अशोक जुनेजा की तरफ से निर्देश जारी कर दिया गया है। राष्‍ट्रपति के सुरक्षा की पूरी कमान रायपुर रेंज आईजी अमरेश मिश्रा को सौंपी गई है। बता दें कि अमरेश मिश्रा को वीवीआईपी सुरक्षा का अच्‍छा अनुभव है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान वे एनआईए इ में काम कर चुके हैं। 
राष्‍ट्रपति के प्रवास के दौरान एयरपोर्ट से लेकर राजभवन सहित राष्‍ट्रपति जहां-जहां जाएंगी। वहां के लिए अलग-अलग अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके लिए दूसरे जिलों के अफसरों और बल को रायपुर बुलाया गया है। राष्‍ट्रपति की सुरक्षा में आईजी अमरेश मिश्रा के नेतृत्‍व में 8 डीआईजी और करीब 10 एसपी रैंक के अफसर तैनात रहेंगे। अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक और डीएसपी रैंक के करीब दो दर्जन से ज्‍यादा अफसरों की ड्यूटी राष्‍ट्रपति की सुरक्षा में लगाई गई है। 

'यूपीआई' को पेश करने के लिए कदम उठाएं

'यूपीआई' को पेश करने के लिए कदम उठाएं 

अखिलेश पांडेय 
नई दिल्ली/माले। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने द्वीपसमूह देश में भारत के एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) को पेश करने के लिए जरूरी कदम उठाएं हैं। जिससे मालदीव की अर्थव्यवस्था को काफी लाभ मिलने की उम्मीद है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित UPI मोबाइल फोन के जरिए अंतर-बैंक लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए एक त्वरित वास्तविक समय भुगतान प्रणाली है। 
राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, मुइज्जू ने देश में यूपीआई शुरू करने के लिए रविवार को एक संघ का गठन किया। ट्रेडनेट मालदीव कॉर्पोरेशन लिमिटेड को इसकी अग्रणी एजेंसी नियुक्त किया है। राष्ट्रपति ने संघ में देश के बैंक, दूरसंचार कंपनियों, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों की भागीदारी का भी सुझाव दिया। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि उन्होंने मंत्रिमंडल की सिफारिश पर कि आवश्यक कदम उठाने का फैसला लिया है। 
इसमें कहा गया इस कदम से मालदीव की अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण लाभ मिलने की उम्मीद है। जिसमें वित्तीय समावेश में वृद्धि, वित्तीय लेनदेन में बेहतर दक्षता और डिजिटल बुनियादी ढांचे में वृद्धि शामिल है। 

अगर इजरायल ने हमला किया, हम छोड़ेंगे नहीं

अगर इजरायल ने हमला किया, हम छोड़ेंगे नहीं 

सुनील श्रीवास्तव 
जेरूसलम। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आवास पर बीते दिन हुए ड्रोन अटैक को लेकर चल रही इजरायल की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए ईरान ने इजरायल को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इजरायल ने हमला किया, तो हम भी उसे छोड़ेंगे नहीं। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने इसराइल को वार्निंग देते हुए कहा है कि ईरान के विरुद्ध किसी भी इजरायली हमले का मतलब खतरे की सीमा को पार करना होगा और इसका माकूल जवाब दिया जाएगा। 
विदेश मंत्री ने तुर्की प्रसारक एनटीवी को बताया कि ईरान पर किसी भी हमले का मतलब हमारे लिए लाल रेखा को पार करना है। 
उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि हम किसी भी प्रकार के हमले का इजरायल को जवाब जरूर देंगे। उन्होंने कहा है कि ईरान की परमाणु सुविधाओं या किसी भी तरह के हमले पर हमारी ओर से पूरी प्रतिक्रिया दी जाएगी। उल्लेखनीय कि अमेरिका से लीक हुए कुछ दस्तावेजों के मुताबिक, इजरायल की ओर से ईरान पर बड़ा हमला करने की तैयारियां की जा रही हैं। 

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...