रविवार, 20 अक्तूबर 2024

महिला के पेट में 12 साल तक फंसी रही कैंची

महिला के पेट में 12 साल तक फंसी रही कैंची 

इकबाल अंसारी 
गंगटोक। सिक्किम के गंगटोक स्थित सर थंटोब नामग्याल मेमोरियल अस्पताल में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला के पेट में 12 साल तक सर्जिकल कैंची फंसी रही। 
साल 2012 में महिला का अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद भी महिला को लगातार पेट में दर्द रहता था। कई डॉक्टरों को दिखाने के बाद भी दर्द में कोई आराम नहीं मिला। हाल ही में जब महिला ने फिर से उसी अस्पताल में जांच करवाई तो एक्स-रे में उसके पेट में सर्जिकल कैंची दिखाई दी। 
इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने महिला के पेट में कैंची छोड़ दी थी। महिला का तुरंत ऑपरेशन किया गया और कैंची को उसके पेट से निकाला गया। फिलहाल महिला की हालत स्थिर है। इस मामले में राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच में दोषी पाए जाने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह पहली बार नहीं है, जब किसी मरीज के शरीर में सर्जिकल उपकरण छूट जाने का मामला सामने आया हो। 
इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें डॉक्टरों की लापरवाही की बात सामने आई है। 

रबी सीजन की 6 फसलों का समर्थन मूल्य घोषित

रबी सीजन की 6 फसलों का समर्थन मूल्य घोषित 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से कृषि मूल्य व लागत आयोग की सिफारिश पर केंद्रीय केबिनेट की मंजूरी के बाद रबी सीजन की 6 फसलों का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से गेहूं , सरसों , चना , जौ , मसूर व कुसुम का समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। गेहूं में 150 रुपए, सरसों में 300 रुपए, चना में 210 रुपए, जौ में 130, मसूर में 275 व कुसुम में 140 रुपए के समर्थन मूल्य की बढ़ोतरी की गई है। 
समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी का लाभ किसानों को आगामी सीजन की फसलों की खरीद में मिलेगा। समर्थन मूल्य पर अधिसूचित फसलें गेहूं, सरसों व चना की बड़े पैमाने पर बुवाई होती है। इस बार खरीफ सीजन में अच्छी बरसात होने से जमीन में नमी के चलते सेवज की बुवाई रकवा बढ़ने की उम्मीद है, वहीं सरकार की ओर से तिलहन फसलों में आयात शुल्क में बढ़ोतरी के चलते सरसों में आई तेजी से भी किसान सरसों की बुवाई को लेकर उत्साहित हैं। ऐसे में समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी किसानों को सरसों बुवाई की तरफ प्रोत्साहित करेगी। देश में पैदावार के मामले में सरसों पहले, चना में दूसरा व गेहूं में चौथे स्थान पर है। 

प्रदेश में बुवाई लक्ष्य 

कृषि विभाग की ओर से इस रबी सीजन लाख प्रदेश में गेहूं के लिए 31 लाख, सरसों के लिए 41 लाख, चना के लिए 21 लाख व जौ में के लिए 3 लाख 65 हजार हेक्टेयर का बुवाई लक्ष्य निर्धारित किया है।

प्रदेश में अधिसूचित रबी फसलों की बुवाई व पैदावार 

1- फसल बुवाई- पैदावार
2- चना 20.57-26.60
3- सरसों 37.98-64.75
4- गेहूं 31.00- 150.00। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-307, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. सोमवार, अक्टूबर 21, 2024

3. शक-1945, कार्तिक, कृष्ण-पक्ष, तिथि-पंचमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 35 डी.सै., अधिकतम- 40 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

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शनिवार, 19 अक्तूबर 2024

आयुर्वेद: अपने दिन की शुरुआत कैसे करें ?

आयुर्वेद: अपने दिन की शुरुआत कैसे करें ? 

सरस्वती उपाध्याय 
अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी जीवनशैली आवश्यक हैं। आजकल के भाग-म-भाग वाले समय में हमारे पास सबसे बड़ी कमी समय की है। ऐसे में अपने लिए समय निकालना और सेहत का ख़याल रखना जरूरी है। कहते हैं कि बचाव ही उपचार है। बीमारियों से बचने और अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हमें दिन की शुरुआत सही करना चाहिए। आयुर्वेद में इस बात का विस्तार से उल्लेख है कि अपने दिन की शुरुआत कैसे करें ? जिससे स्वास्थ्य बेहतर रहे। इससे आपके शरीर के साथ मेंटल हेल्थ भी अच्छी रहती है। 
आयुर्वेद हमारे देश की एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य को बनाए रखना और रोगों का उपचार करना है। यह शब्द संस्कृत के दो शब्दों “आयु” (जीवन) और “वेद” (ज्ञान) से बना है, जिसका अर्थ है “जीवन का ज्ञान”। आयुर्वेद केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक संपूर्ण दृष्टिकोण है जो शरीर, मन और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर जोर देता है।

आयुर्वेद के अनुसार, सुबह की दिनचर्या 

आयुर्वेद में सुबह की दिनचर्या को लेकर कुछ नियम और अनुशासन बताए गए हैं जो हमारे स्वास्थ्य और जीवनशैली को संतुलित रखने में मदद करते हैं। ये नियम शरीर, मन और आत्मा को ताजगी और ऊर्जा से भरते हैं। आयुर्वेद के अनुसार सुबह की शुरुआत एक विशेष दिनचर्या के साथ की जानी चाहिए जो पूरे दिन के लिए स्वस्थ जीवनशैली का आधार बनाती है।

1. ब्रह्ममुहूर्त में उठना: आयुर्वेद के अनुसार सुबह ब्रह्ममुहूर्त में (सूर्योदय से लगभग 45 मिनट पहले) उठना शरीर के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह समय लगभग 4:30 से 5:30 के बीच होता है। इस समय में वातावरण में प्राणवायु (ऑक्सीजन) सबसे अधिक होती है, जो शरीर और मस्तिष्क के लिए लाभकारी होती है।

2. तुलसी या ताजे पानी से गरारे: सुबह उठने के बाद सबसे पहले मुख की शुद्धि की जाती है। गुनगुने पानी से कुल्ला करने और ताजे पानी से गरारे करने से मुंह की सफाई होती है और विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं। 

3. आँखों और मुँह की सफाई : 
आँखे साफ करने के लिए त्रिफला या गुलाब जल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे आँखों की रोशनी बनी रहती है और थकान दूर होती है।

4. तैल अभ्यंग (तेल मालिश):
पूरे शरीर पर तिल के तेल से मालिश करने की परंपरा है। यह शरीर के अंगों को मजबूत बनाती है। त्वचा में नमी बनाए रखती है और रक्त संचार को सुधारती है। मालिश के बाद स्नान करना चाहिए। 

5. व्यायाम और योग: सुबह हल्के व्यायाम और योग शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी माने गए हैं। योगासन और प्राणायाम करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक तनाव दूर होता है। इससे शरीर का संतुलन और लचीलापन बढ़ता है। 

6. ध्यान और प्रार्थना: योग के बाद ध्यान करने से मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ती है। प्रार्थना करने से मानसिक शांति और सकारात्मकता आती है। यह आत्मा को सुदृढ़ बनाने में मदद करता है। 

7. संतुलित और सुपाच्य नाश्ता:
आयुर्वेद में सुबह का नाश्ता हल्का, ताजगी भरा और पोषक तत्वों से भरपूर होना चाहिए। इसमें ताजे फल, सूखे मेवे, ओट्स, मूंग दाल का सूप आदि शामिल हो सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार सुबह खाने में ताजगी और प्राकृतिक पोषण का ध्यान रखना चाहिए, जो दिन भर ऊर्जा बनाए रखें। इसी के साथ कुछ अन्य सुझाव भी दिए गए हैं। इसमें सूर्य का स्वागत करना शामिल है। सूर्य की पहली किरण को नमस्कार करने की प्रक्रिया को आयुर्वेद में “सूर्य नमस्कार” के रूप में जाना जाता है, जो बहुत अच्छा योगासन है। इसी के साथ अपने शरीर की साफ़ सफ़ाई रखना अत्यंत आवश्यक है। आयुर्वेद के अनुसार दिन की शुरुआत में एक गिलास गुनगुना पानी पीने से शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और पाचन क्रिया सक्रिय होती है। 

'पीएम' बेंजामिन के आवास पर लेबनान का हमला

'पीएम' बेंजामिन के आवास पर लेबनान का हमला 

अखिलेश पांडेय 
जेरूसलम/बेरूत। लेबनान की ओर से इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आवास पर हमला किया गया है। एक इमारत पर ड्रोन से किए गए विस्फोट में अभी किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है। पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के आवास के अलावा दो अन्य ड्रोन से भी एक बडे इलाके में निशाना बनाया गया है। 
शनिवार को इजरायल सेना की ओर से किए गए दावे में कहा गया है कि लेबनान की ओर से आ रहा एक ड्रोन साइजेरिया इलाके में घुस गया और उसने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आवास पर हमला कर दिया। लेबनान की ओर से साइजेरिया एरिया इलाके में घुसाए गए ड्रोन ने एक इमारत पर अटैक करते हुए ब्लास्ट किया है। हालांकि, ड्रोन से किए गए इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। 
इसके अलावा लेबनान की ओर से दागे के दो अन्य ड्रोन अटैक में दो बिल्डिंगों को निशाना बनाया गया है। मामले को लेकर विस्तृत जानकारी का अभी इंतजार किया जा रहा है। इजरायली सेना के मुताबिक, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस ड्रोन अटैक में बाल बाल बच गए हैं। 

यूके: मदरसों में 'संस्कृत' की पढ़ाई करेंगे विधार्थी

यूके: मदरसों में 'संस्कृत' की पढ़ाई करेंगे विधार्थी 

पंकज कपूर 
देहरादून। मदरसों के स्टूडेंट्स भी अब जल्दी ही संस्कृत की पढ़ाई करेंगे। उत्तराखंड के 400 से भी ज्यादा मदरसों में संस्कृत को ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर रखा जाएगा। इसकी लंबे समय से तैयारी की जा रही है। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती समून के मुताबिक राज्य के 400 से भी ज्यादा मदरसों के भीतर शिक्षा ग्रहण कर रहे स्टूडेंट को अब संस्कृत की शिक्षा देने की तैयारी की जा रही है। 
उन्होंने बताया है कि हम राज्य के मदरसों में संस्कृत पढ़ाने की योजना पर लंबे समय से काम कर रहे हैं। अब केवल राज्य सरकार की परमिशन का इंतजार रह गया हैं। धामी सरकार की अनुमति मिलते ही इस राज्य भर के मदरसों में लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मदरसे में शिक्षा ग्रहण करने के लिए जाने वाले बच्चों को स्ट्रीम से जोड़ना चाहते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने राज्य के मदरसों में संस्कृत की शिक्षा देना शुरू करने की यह योजना बनाई है। 

महत्व: आज मनाया जाएगा 'करवा चौथ' का पर्व

महत्व: आज मनाया जाएगा 'करवा चौथ' का पर्व 

सरस्वती उपाध्याय 
करवा चौथ का व्रत सौभाग्यवती महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के बारे में भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को बताया था और भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया था। करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण-पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। करवा चौथ पर मुख्यतः भगवान गणेश, माता गौरी और चंद्रमा की पूजा की जाती है। इस बार करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर यानी कल रखा जाएगा। करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करके महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में सुख शांति की कामना करती हैं और पति की लंबी आयु की प्रार्थना भी करती हैं। 

'करवा चौथ' शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस बार चतुर्थी तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर यानी कल सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 21 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर होगा। 
वहीं, करवा चौथ के लिए दो पूजन मुहूर्त मिलेंगे- पहला अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा और फिर, दोपहर 1 बजकर 59 मिनट से लेकर 2 बजकर 45 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा। 

'करवा चौथ' चंद्रोदय का समय 

इस बार करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय शाम 7 बजकर 54 मिनट बताया जा रहा है। 

'करवा चौथ' की पूजन-विधि 

सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और पूजा घर की सफाई करें। फिर सास द्वारा दिया हुआ भोजन करें और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें। यह व्रत सूर्य अस्त होने के बाद चन्द्रमा के दर्शन करके ही खोलना चाहिए और बीच में जल भी नहीं पीना चाहिए। संध्या के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें। इसमें 10 से 13 करवे (करवा चौथ के लिए ख़ास मिट्टी के कलश) रखें। पूजन-सामग्री में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर आदि थाली में रखें। दीपक में पर्याप्त मात्रा में घी रहना चाहिए, जिससे वह पूरे समय तक जलता रहें। 
चन्द्रमा निकलने से लगभग एक घंटे पहले पूजा शुरू की जानी चाहिए। अच्छा हो कि परिवार की सभी महिलाएं साथ पूजा करें। पूजा के दौरान करवा चौथ कथा सुनें या सुनाएं। चन्द्र दर्शन छलनी के द्वारा किया जाना चाहिए और साथ ही दर्शन के समय अर्घ्य के साथ चन्द्रमा की पूजा करनी चाहिए। चन्द्र-दर्शन के बाद बहू थाली में मिष्ठान, फल, मेवे, रुपये आदि रखें और अपनी सास को देकर उनका आशीर्वाद ले और सास उसे अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद दें। 

'करवा चौथ' पर इन बातों का रखें ध्यान 

करवा चौथ की पूजा करने के बाद करवा विवाहित महिलाओं को ही बांट देने चाहिए। 
निराहार रह कर दिन भर गणेश मंत्र का जाप करना चाहिए। 
रात्रि में चंद्र देव के उदय होने के बाद परंपरा अनुसार उनको विधिपूर्वक अर्घ्य प्रदान करें। इसके साथ ही गणेश जी और चतुर्थी माता को भी अर्घ्य देना चाहिए। 
ध्यान रखें कि व्रत करने वाले नमक युक्त भोजन से दूर रहें। 
व्रत कम से कम 12 या 16 साल तक करना चाहिए। इसके बाद उद्यापन कर सकते हैं। 

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...