शुक्रवार, 11 अक्तूबर 2024

कुरकुरी जलेबी बनाने की रेसिपी, जानिए

कुरकुरी जलेबी बनाने की रेसिपी, जानिए 

आप 5 मिनट में कुरकुरी जलेबी तैयार कर सकते हैं।

रेसिपी क्विज़ीन : इंडियन 
कितने लोगों के लिए : 4 – 6 
समय : 5 से 15 मिनट 

आवश्यक सामग्री... 

1 कप मैदा 
1 1/2 कप चीनी 
1 1/2 कप पानी 
1/4 टीस्पून से कम बेकिंग सोडा 
एक चुटकी ऑरेंज फूड कलर 
एक कोन 
तेल जरूरत के अनुसार 

विधि... 

सबसे पहले मीडियम आंच पर पैन में चीनी डाल दें। इसमें पानी डालकर चाशनी बनने के लिए रख दें। इसमें तार की कोई जरूरत नहीं है। 
एक बर्तन में मैदा डालें। फिर पानी डालकर बैटर तैयार करें। 
बैटर में फूड कलर डालकर 3-4 मिनट तक फेंटते रहें। अब दूसरी तरफ मीडियम आंच पर पैन में तेल डालकर गर्म करने के लिए रख दें। 
बैटर में बेकिंग सोडा डालकर एक बार और फेंट लें। तैयार बैटर कोन में भरकर तेल में जलेबी की शेप में डालते जाएं। 
दोनों तरफ से सुनहरा होने तक सेकने के बाद जलेबियां चाशनी में डाल दें। 
इसी तरह से सारी जलेबियां तैयार कर लें। 
जलेबियों को प्लेट पर निकाल लें। 
तैयार है कुरकुरी जलेबी। 

माधवन व फातिमा को लेकर फिल्म बनाएंगे करण

माधवन व फातिमा को लेकर फिल्म बनाएंगे करण 

कविता गर्ग 
मुंबई। बॉलीवुड फिल्मकार करण जौहर, आर माधवन और फातिमा सना शेख को लेकर रोमांटिक-कॉमेडी फिल्म बना सकते हैं। चर्चा है कि करण जौहर ,धर्मैटिक एंटरटेनमेंट के बैनर तले रोमांटिक कॉमेडी फिल्म बनाने जा रहे हैं। जिसमें आर माधवन और फातिमा सना शेख की जोड़ी नजर आएगी। 
यह फिल्म एक उम्रदराज पुरुष और एक युवा महिला के इर्द-गिर्द घूमेगी। फिल्म का निर्देशन विवेक सोनी करेंगे। राधिका आनंद और हान हांडा ने इस फिल्म की कहानी को लिखा है। अक्टूबर के अंत तक फिल्म की शूटिंग आरंभ हो सकती है। इस फिल्म को लेकर करण जौहर की बात नेटफ्लिक्स से चल रही है। यदि सबकुछ सही रहा, तो इस साल करण जौहर का यह तीसरा प्रोजेक्ट होगा, जो नेटफ्लिक्स के लिए बनेगा। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-357, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. शनिवार, अक्टूबर 12, 2024

3. शक-1945, आश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-नवमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 33 डी.सै., अधिकतम- 37 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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(सर्वाधिकार सुरक्षित) 

गुरुवार, 10 अक्तूबर 2024

नवरात्रि का नौवां दिन मां 'सिद्धिदात्री' को समर्पित

नवरात्रि का नौवां दिन मां 'सिद्धिदात्री' को समर्पित 

सरस्वती उपाध्याय 
सिद्धिदात्री हिंदू मां देवी महादेवी के नवदुर्गा (नौ रूप) पहलुओं में से नौवीं और अंतिम हैं। उनके नाम का अर्थ इस प्रकार है– सिद्धि का अर्थ है अलौकिक शक्ति या ध्यान क्षमता, और धात्री का अर्थ है देने वाली या पुरस्कार देने वाली। नवरात्रि के नौवें दिन (नवदुर्गा की नौ रातें) उनकी पूजा की जाती है। वह सभी दिव्य आकांक्षाओं को पूरा करती हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के शरीर का एक पक्ष देवी सिद्धिदात्री का है। इसलिए, उन्हें अर्धनारीश्वर के नाम से भी जाना जाता है। वैदिक शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव ने इस देवी की पूजा करके सभी सिद्धियां प्राप्त की थीं। 

शास्त्र... 

देवी को चार हाथों से दर्शाया गया है, जिनमें एक चक्र (चक्र), शंख (शंख), गदा और कमल है। वह या तो पूरी तरह से खिले हुए कमल पर या फिर सिंह पर सवार है। कुछ चित्रात्मक चित्रणों में, उनके दोनों ओर गंधर्व, यक्ष, सिद्ध, असुर और देवता हैं। जिन्हें देवी को प्रणाम करते हुए दिखाया गया है। 

दंतकथा... 

उस समय जब ब्रह्माण्ड अंधकार से भरा एक विशाल शून्य था, कहीं भी दुनिया का कोई संकेत नहीं था। लेकिन फिर दिव्य प्रकाश की एक किरण, जो हमेशा विद्यमान रहती है, हर जगह फैल गई, शून्य के हर कोने को रोशन कर दिया। प्रकाश का यह समुद्र निराकार था। अचानक, यह एक निश्चित आकार लेने लगा, और अंत में एक दिव्य महिला की तरह दिखने लगा, जो कोई और नहीं बल्कि स्वयं देवी महाशक्ति थीं। सर्वोच्च देवी प्रकट हुईं और उन्होंने त्रिदेवों, ब्रह्मा, विष्णु और शिव को जन्म दिया। उन्होंने तीनों प्रभुओं को दुनिया के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करने की अपनी भूमिका को समझने के लिए चिंतन करने की सलाह दी। देवी महाशक्ति के शब्दों पर अमल करते हुए, त्रिमूर्ति एक महासागर के तट पर बैठे और कई वर्षों तक तपस्या की। प्रसन्न देवी सिद्धिदात्री के रूप में उनके सामने प्रकट हुईं। उन्होंने उन्हें उनकी पत्नियाँ प्रदान कीं, उन्होंने लक्ष्मी, सरस्वती और पार्वती को बनाया और उन्हें क्रमशः विष्णु, ब्रह्मा और शिव को दिया। देवी सिद्धिदात्री ने ब्रह्मा को सृष्टि के रचयिता, विष्णु को सृष्टि और उसके प्राणियों की रक्षा करने तथा शिव को समय आने पर सृष्टि का संहार करने का दायित्व सौंपा। उन्होंने उन्हें बताया कि उनकी शक्तियां उनकी पत्नियों के रूप में हैं, जो उनके कार्यों को करने में उनकी सहायता करेंगी। देवी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह उन्हें दिव्य चमत्कारी शक्तियां भी प्रदान करेंगी, जो उनके कर्तव्यों को पूरा करने में भी उनकी सहायता करेंगी। यह कहकर उन्होंने उन्हें आठ अलौकिक शक्तियां प्रदान कीं, जिनमें अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रकाम्ब्य, ईशित्व और वशित्व नाम दिए गए। अणिमा का अर्थ है अपने शरीर को एक टुकड़े के आकार में छोटा करना, महिमा का अर्थ है अपने शरीर को अनंत रूप से बड़ा करना, गरिमा का अर्थ है अनंत रूप से भारी होना, लघिमा का अर्थ है भारहीन होना, प्राप्ति का अर्थ है सर्वव्यापक होना, प्रकाम्ब्य का अर्थ है जो कुछ भी इच्छा हो उसे प्राप्त करना, ईशित्व का अर्थ है पूर्ण प्रभुत्व प्राप्त करना और वशित्व का अर्थ है सभी को वश में करने की शक्ति होना। ऐसा माना जाता है कि देवी सिद्धिदात्री ने त्रिमूर्ति को जो आठ सर्वोच्च सिद्धियाँ प्रदान की थीं। उनके अतिरिक्त उन्होंने उन्हें नौ निधियाँ तथा दस अन्य प्रकार की अलौकिक शक्तियाँ या क्षमताएँ भी प्रदान की थीं। पुरुष और स्त्री, इन दो भागों से देव, देवियाँ, दैत्य, दानव, असुर, गंधर्व, यक्ष, अप्सराएँ, भूत, दिव्य प्राणी, पौराणिक जीव, पौधे, जलचर, स्थलीय और वायुचर, नाग, गरुड़ आदि उत्पन्न हुए तथा उनसे संसार की अनेक प्रजातियाँ उत्पन्न हुईं और इस प्रकार उनकी उत्पत्ति हुई। अब संपूर्ण संसार की रचना पूर्ण हो चुकी थी, असंख्य तारों, आकाशगंगाओं तथा नक्षत्रों से परिपूर्ण। नौ ग्रहों सहित सौरमंडल पूर्ण हो चुका था। पृथ्वी पर दृढ़ भूभाग निर्मित हो चुका था, जिसके चारों ओर विशाल महासागर, झीलें, नदियाँ, जलधाराएँ तथा अन्य जल निकाय थे। सभी प्रकार की वनस्पतियाँ और जीव-जंतु उत्पन्न हो चुके थे तथा उन्हें उनके उचित आवास प्रदान किए गए थे। 14 लोकों की रचना और निर्माण एक साथ किया गया, जिससे उपर्युक्त प्राणियों को रहने के लिए निवास स्थान प्राप्त हुए। जिसे वे सभी अपना घर कहते थे। 
इस रूप में दुर्गा कमल पर विराजमान हैं और चार भुजाओं वाली हैं। उनके हाथ में कमल , गदा , चक्र और शंख है। इस रूप में दुर्गा अज्ञानता को दूर करती हैं और ब्रह्म को जानने के लिए ज्ञान प्रदान करती हैं । वे सिद्धों , गंधर्वों , यक्षों , देवों (देवताओं) और असुरों (राक्षसों) से घिरी हुई हैं और उनकी पूजा करती हैं। वे जो सिद्धि प्रदान करती हैं, वह यह अहसास है कि केवल वे ही मौजूद हैं। वे सभी उपलब्धियों और सिद्धियों की स्वामिनी हैं। 

प्रतीक... 

सिद्धिदात्री देवी पार्वती का मूल रूप या आदि रूप हैं। उनके पास आठ अलौकिक शक्तियाँ या सिद्धियाँ हैं, जिन्हें अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रकाम्ब्य, ईशित्व और वशित्व कहा जाता है। अणिमा का अर्थ है अपने शरीर को एक अणु के आकार तक कम करना; महिमा का अर्थ है अपने शरीर को अनंत रूप से बड़े आकार तक फैलाना। गरिमा का अर्थ है, अनंत रूप से भारी हो जाना। लघिमा का अर्थ है, भारहीन हो जाना। प्राप्ति का अर्थ है सर्वव्यापी होना। प्रकाम्ब्य जो भी इच्छा हो, उसे प्राप्त करना। ईशित्व का अर्थ है, पूर्ण प्रभुत्व रखना और वशित्व का अर्थ है, सभी को अपने अधीन करने की शक्ति होना। भगवान शिव को सिद्धिदात्री ने सभी आठ शक्तियों से आशीर्वाद दिया था। 

'जन जागरूकता अभियान' कार्यक्रम का आयोजन

'जन जागरूकता अभियान' कार्यक्रम का आयोजन 

नेता आपके द्वार समस्याओं के निराकरण के लिए दृढ़संकल्पित- जितेंद्र सोनकर

कौशाम्बी। सिराथू ब्लांक के केशवापुर गांव में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत जन जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने को लेकर योजनाओं की जानकारी दी गई। 
जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि जितेन्द्र सोनकर ने बताया गया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजना महिलाओं के उत्थान के लिए है। समूह का गठन कर हजारों महिलाएं रोजगार के साथ जुड़ कर दूसरों को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग प्रदान करती है। नारी शक्ति करण के तहत बुधवार को केशवापुर गांव में देवी पूजा  पंडाल के पास राष्ट्रीय अजीवका  मिशन द्वारा जन जागरूकता अभियान के तहत जितेन्द्र सोनकर सरकार के द्वारा संचालित कई योजनाओं को जनता से अवगत कराया। भैंस पालन, दुकान, ई रिक्शा चलाना, सिलाई ,कढ़ाई सेंटर, अगरबत्ती, धूप बत्ती बनाने का काम किया जा सकता है। इसके लिए अनुदान के साथ  बैंकों से कम ब्याज पर ऋण मिलता है। इस दौरान ग्रामीणों ने अध्यक्ष प्रतिनिधि को पेयजल, जल निकासी साफ-सफाई, प्रधानमंत्री आवास को लेकर शिकायत की। जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि ने सभी ग्रामवासियों को समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया तथा अति प्राचीन स्थल गहनेरूआ बाबा के जीर्णोद्धार का भी आश्वासन दिया गया। कार्यक्रम में ईं. मंजुल तिवारी, सुनील  द्विवेदी तथा नवदुर्गा पूजा कमेटी के मुख्य यजमान जयसिंह सहित तमाम लोग मौजूद रहे हैं। 
राजकुमार 

12 अक्टूबर को शपथ ग्रहण नहीं कर पाएंगे सैनी

12 अक्टूबर को शपथ ग्रहण नहीं कर पाएंगे सैनी 

राणा ओबरॉय 
चंडीगढ़। हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिलें भारी बहुमत के बाद निर्वतमान मुख्यमंत्री नायब सैनी निर्धारित की गई 12 अक्टूबर की तिथि पर शपथ ग्रहण नहीं कर पाएंगे। क्योंकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे की वजह से शपथ ग्रहण कार्यक्रम को टाल दिया गया है। बृहस्पतिवार को हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के तौर पर 12 अक्टूबर को शपथ ग्रहण करने वाले नायब सैनी के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। 
हालांकि, पंचकूला के परेड ग्राउंड में नए मुख्यमंत्री के रूप में नायब सैनी के शपथ ग्रहण की तैयारियां भी शुरू की जा चुकी थी और भीड़ इकट्ठा करने के लिए सरकारी बसों का भी इंतजाम कर लिया गया था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे की वजह से नायब सैनी के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह को स्थगित कर दिया गया है। नायब सैनी का नए मुख्यमंत्री के तौर पर अब 15 अक्टूबर तक कभी भी शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जा सकता है। शपथ ग्रहण समारोह से पहले राजधानी चंडीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल की बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें दो केंद्रीय पर्यवेक्षक भी शामिल होंगे। 

स्कूल-कॉलेज एवं दफ्तरों में अवकाश का ऐलान

स्कूल-कॉलेज एवं दफ्तरों में अवकाश का ऐलान 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को रामनवमी के मौके पर राज्य के सभी स्कूल-कॉलेज एवं दफ्तरों में अवकाश का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के मुताबिक अब शुक्रवार, शनिवार और रविवार को स्कूल कॉलेज में छुट्टी रहेगी। बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से विभिन्न संगठनों के लोगों की डिमांड पर शुक्रवार को रामनवमी पर्व के अवकाश का ऐलान किया गया है। 
मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद अब राज्य के स्कूल-कॉलेज और दफ्तर शुक्रवार, शनिवार एवं रविवार को बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री की ओर से शुक्रवार के अवकाश के ऐलान को लेकर उत्तर प्रदेश के कई संगठनों की ओर से नवमी पर अवकाश की मांग की जा रही थी। संगठनों के आग्रह के बाद मुख्यमंत्री द्वारा और शुक्रवार को नवमी की छुट्टी का ऐलान किया गया है। 

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...