सोमवार, 7 अक्तूबर 2024

महाकुंभ के दौरान मांस-मदिरा की बिक्री नहीं होगी

महाकुंभ के दौरान मांस-मदिरा की बिक्री नहीं होगी 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि जनवरी-फरवरी में आयोजित होने वाले महाकुंभ के दौरान यहां मांस और मदिरा (शराब) की बिक्री नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने 13 अखाड़ों, खाक चौक, दंडी बाड़ा और आचार्य बाड़ा के प्रतिनिधियों के साथ महाकुंभ को लेकर एक बैठक के दौरान यह बात कही। प्रयागराज में जनवरी-फरवरी में महाकुंभ लगने जा रहा है। पहला शाही स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति और अंतिम 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर होगा। 
प्रदेश सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि साधु-संतों, संन्यासियों व वैरागियों सहित समस्त सनातन समाज की भावनाओं का सम्मान रखते हुए प्रयागराज की शास्त्रीय सीमा में मांस-मदिरा का क्रय-विक्रय प्रतिबंधित किया जाना आवश्यक है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पवित्र नदियों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। लेकिन, साधु-संत समाज का भी सहयोग अपेक्षित है। आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि महाकुंभ के दौरान ब्रह्मलीन होने वाले साधु-संतों की समाधि के लिए प्रयागराज में शीघ्र ही भूमि आरक्षित कर दी जाएगी। बैठक में संत समाज की ओर से गो-हत्या पर प्रतिबंध की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गोहत्या अपराध है। गोहत्या के विरुद्ध उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही, राज्य सरकार सात हजार से अधिक गोवंश आश्रय स्थल का संचालन कर रही है, जहां 14 लाख से अधिक गोवंश संरक्षित हैं। महाकुंभ में सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ने सभी संतों-संन्यासियों व आचार्यों से अनुरोध किया कि अपने आश्रम में तब तक किसी को प्रवास की अनुमति न दें जब तक कि उनका विधिवत सत्यापन न कर लिया जाएं। 
इससे पहले, परेड स्थित हेलीपैड पर उतरने के बाद मुख्यमंत्री सबसे पहले मोटर बोट से संगम नोज पहुंचे, जहां उन्होंने गंगा यमुना का दर्शन-पूजन किया। इसके बाद आदित्यनाथ ने पवित्र अक्षयवट, पातालपुरी, सरस्वती कूप और लेटे हुए हनुमान का दर्शन किया और कुंभ के सफल आयोजन के लिए प्रार्थना की। दोपहर बाद मुख्यमंत्री भारद्वाज कोरिडोर के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने आईईआरटी सेतु का निरीक्षण करते निर्माण कार्य को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए। परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करने के दौरान मुख्यमंत्री ने वेणीमाधव मंदिर का भी दर्शन-पूजन किया। 

'ऑनलाइन गेम्स' की लत बिगाड़ देगी जिंदगी

'ऑनलाइन गेम्स' की लत बिगाड़ देगी जिंदगी 

सरस्वती उपाध्याय 
स्कूली बच्चों में ऑनलाइन गेम्स की लत स्वयं बच्चों के लिए व उनके परिवार के लिए बहुत ही घातक सिद्ध हो रही है। सच तो यह है कि आज के समय में जब हम संचार क्रांति के युग में सांस ले रहे हैं। तब घंटों ऑनलाइन गेमिंग की लत बच्चों को मानसिक रूप से बीमार बना रही है। दरअसल, कोरोना महामारी के बाद से बच्चों को मोबाइल यूज करने की ज्यादा लत लग गई है। 
कहना गलत नहीं होगा कि कोरोना महामारी (कोविड-19) के दौरान हुए लॉकडाउन की वजह से बच्चों की कोचिंग व स्कूल की ऑनलाइन क्लासेज लगने लगी और बच्चों को एंड्रॉयड मोबाइल फोन या टैबलेट या कंप्यूटर देना माता पिता और अभिभावकों के लिए मजबूरी बन गया था। बच्चों को मोबाइल मिलने की वजह से वे ऑनलाइन गेमिंग के आदि हो गए और मानसिक तौर पर बीमार होने लगे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ज्यादा समय तक ऑनलाइन गेम खेलने वाले बच्चों के व्यवहार में उग्रता आ जाती है, जिसके बाद उनमें तनाव बढऩे लगता है। 
कुछ मामलों में उनको दौरे तक भी पडऩे लगते हैं। आज मोबाइल गेम्स के चक्कर में बच्चे अभिभावकों का कहना तक नहीं मानते हैं, क्यों कि आनलाइन गेम्स उन्हें आनंद व खुशी की अनुभूति प्रदान करते हैं। मोबाइल छीनने पर वे उग्र, कभी कभी तो हिंसक भी हो जाते हैं। आनलाइन गेम्स खेलने से बच्चे जहां एक ओर पढ़ाई से दूर होने लगे हैं वहीं पर दूसरी ओर इससे उनकी आंखों, दिमाग पर भी प्रभाव पड़ता है। वास्तव में ऑनलाइन गेम्स खेलने के कारण बच्चों की आंखों की रौशनी कम होना, मोटापा, स्लीपिंग डिस ऑर्डर डिप्रेशन, अग्रेसिवनेस, एकाग्रता में कमी जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। 
बहरहाल, यदि हम यहां आंकड़ों की बात करें तो एक सर्वे के मुताबिक, भारत के 40 प्रतिशत अभिभावकों ने माना था कि उनके बच्चे सोशल मीडिया इस्तेमाल करने, वीडियोज देखने और ऑनलाइन गेम खेलने के आदि हैं। इन बच्चों की उम्र 9 साल से 17 साल के बीच है। इस सर्वे में शामिल 49 प्रतिशत अभिभावक मानते हैं कि उनके 9 साल से 13 साल के आयुवर्ग के बच्चे रोजाना 3 घंटे से ज्यादा समय इंटरनेट पर बिताते हैं। 
वहीं, 47 प्रतिशत अभिभावकों का मानना था कि उनके बच्चे को ऑनलाइन गेमिंग, सोशल मीडिया और शॉर्ट वीडियोज देखने की बुरी लत लग गई है। सर्वे में भाग लेने वाले 62 प्रतिशत अभिभावकों का मानना है कि उनके 13 साल से 17 साल के बच्चे प्रतिदिन 3 घंटे से ज्यादा समय स्मार्टफोन पर बिताते हैं। हाल ही में महाराष्ट्र के पुणे जिले से एक बहुत ही चौंकाने व दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है। यहां एक पन्द्रह वर्षीय बालक ने एक बहुमंजिला इमारत की चौदहवीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी। प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि नाबालिग ने कथित तौर पर ब्लूव्हेल चैलेंज गेम की लत के चलते यह खतरनाक कदम उठाया है। 
मीडिया के हवाले से खबर आई है कि जिस बच्चे ने चौदहवीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी वह ऑनलाइन गेम खेलने का आदी था। यह भी बताया जा रहा है कि मृतक लड़का पढ़ाई में बेहद अच्छा था और हाल ही में उसने अच्छे अंकों के साथ 9 वीं कक्षा पास की थी। पिछले कुछ महीनों से उसे ऑनलाइन मोबाइल गेम खेलने की लत लग गई थी। आज इंटरनेट व आनलाइन का जमाना है। बच्चे आनलाइन गेम्स के चक्कर में फंसकर अपनी जान से हाथ धो रहे हैं। बच्चों का मन बहुत ही कोमल होता है और वे इन आनलाइन गेम्स के चक्कर में फंसकर ऐसे खतरनाक कदम उठा रहे हैं, जिसके बारे में सोचकर भी किसी का दिल कांप उठता है। 
दरअसल, आज विभिन्न प्लेटफार्म पर ऐसे ऑनलाइन गेम्स उपलब्ध हैं और बच्चे इनका आसानी से शिकार बन जाते हैं। वे खेल के मैदानों में न जाकर इंटरनेट के माध्यम से वर्चुअल गेम्स में रचे-बसे रहते हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स, इंटरनेट, एंड्रायड फोन ने जहां हमें बहुत सी सुविधाएं प्रदान कीं हैं, वहीं दूसरी ओर इनके बहुत से खतरे भी हैं। आज न तो अभिभावकों के पास अपने बच्चों के लिए समय बचा है और न ही बच्चों के पास अभिभावकों के लिए समय है। जिंदगी की आपाधापी में हम बच्चों को खेल के मैदानों से नहीं जोड़ पा रहे हैं और न ही आज पहले के जमाने की भांति दादी-नानी की कहानियां ही बची हैं। 
परिवार भी आज संयुक्त नहीं रहे हैं अथवा कम ही परिवार हैं, जो संयुक्त बचें हैं और इसका खामियाजा कहीं न कहीं हम सभी को भुगतना पड़ रहा है। एकल परिवार में हम आपसी संवाद कम ही करते हैं और स्वयं में ही व्यस्त रहते हैं। किसी को भी आज देखिए, सब सोशल नेटवर्किंग साइट्स व्हाट्स एप, फेसबुक, इंस्टाग्राम यू-ट्यूब, ट्विटर, गेम्स, इंटरनेट पर भी व्यस्त नजर आते हैं। इस वर्चुअल दुनिया में हम रम-बस से गये हैं और हमें हमारे आसपास के वातावरण तक का भी ध्यान नहीं रहता है कि कहां, क्या और कैसे हो रहा है ? बच्चे अपने में मस्त रहते हैं और हम अभिभावक अपने में। 
आज हमें यह चाहिए कि हम अपने बच्चों का ध्यान रखें कि वे कब, कहां क्या कर रहे हैं और क्या नहीं। सच तो यह है कि पुणे में हुई घटना की और कहीं पर भी पुनरावृत्ति न होने पाएं इसके लिए हमें यह चाहिए कि हम अपने बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग की लत से बचाने के लिए उनके रोज के खेल का समय सीमित करें, हमें यह चाहिए कि हम गेमिंग डिवाइस को सोने से पहले बेडरूम से हटा दें, और बेकार ऐप्स को डिलीट कर दें और बच्चों से स्ट्रेस-फ्री एक्टिविटीज करवाएं। बच्चों को खेल के मैदानों से जोड़ें, उनके साथ समय समय पर संवाद करें, उनकी समस्याओं को जानें, समझें, उन्हें समझाएं,उनकी समस्याओं का मिल बैठकर समाधान करें। आज विभिन्न सेलिब्रिटी, क्रिकेटर, बड़े बड़े अभिनेता, अभिनेत्री , फिल्मी दुनिया के सितारे आनलाइन जुए के विभिन्न एप्स का प्रचार करते नजर आते हैं। भारी भरकर प्रचार से आनलाइन गेम्स की लोकप्रियता लगातार बढ़ती चली जा रही है। 
आज हमें हर कहीं ऐसे विज्ञापन ज़रूर देखने को मिल जाएंगे जिसमें ये प्रचार किया जाता है, घर बैठे लाखों, करोड़ों रुपये कमाएं। बच्चे इन सबके बारे में समझ नहीं पाते हैं, क्यों कि समयाभाव के कारण हम अभिभावक बच्चों पर पर्याप्त ध्यान नहीं रख पाते हैं और बच्चों को गाइडेंस का अभाव रहता है। यह बहुत ही चिंताजनक है कि आज कम कीमत पर मोबाइल फ़ोन और कनेक्टिविटी मौजूद हैं और इसकी वजह से ऑनलाइन जुए की लोकप्रियता न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में फ़ैल रही है। वास्तव में विडियो गेम्स से जहां एक ओर हमारा धन व समय बर्बाद होता है वहीं दूसरी ओर इससे व्यक्तिगत, सामाजिक, शैक्षिक और व्यावसायिक जिम्मेदारियों सहित दैनिक कामकाज पर भी बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वास्तव में अभिभावकों, माता पिता को आनलाइन गेम्स के जोखिमों के बारे में जानना चाहिए और बच्चों को इसके प्रति आगाह करना चाहिए। 
हमें अपने बच्चों को जानकारी देनी चाहिए कि ये गेम दूसरे लोगों के साथ ऑनलाइन खेले जाते हैं और खास तौर पर नशे की लत वाले होते हैं क्योंकि इनका कोई अंत नहीं होता। आज प्रतिस्पर्धा का युग है और वीडियो गेम डिज़ाइनर, विभिन्न कंपनियां, मुनाफ़ा कमाने की कोशिश करने वाले किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह, हमेशा ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को अपना गेम खेलने के लिए प्रेरित करने के तरीके खोजते रहते हैं। वे इन गेम्स को इतना चुनौतीपूर्ण बनाकर ऐसा करते हैं कि कोई भी बार-बार इन्हें खेलने के लिए आते रहें। और हम या हमारे बच्चे या कोई भी इनका अत्यंत आसानी से शिकार बन जाते हैं, यह बहुत ही चिंताजनक है। 
वैसे 18 साल से कम बच्चों के लिए साइबर कानून बनाए गए हैं। इसके अनुसार 13 साल से कम उम्र के बच्चे सोशल मीडिया में शामिल नहीं हो सकते। 
इतना ही नहीं,16 साल से कम उम्र के बच्चे माता-पिता और अभिभावकों के संरक्षण में ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हो सकते हैं। गेमिंग में पैसे का लेन-देन और कारोबार होता है, इसलिए इंडियन कांट्रेक्ट एक्ट, मिजोरिटी एक्ट और डेटा सुरक्षा के प्रस्तावित बिल के अनुसार 18 साल से ऊपर की उम्र के बच्चे ही वैध एग्रीमेंट कर सकते हैं। इसलिए गेमिंग कम्पनियों का 18 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ कारोबार ग़लत और ग़ैर-क़ानूनी है। बहरहाल,आनलाइन गेम्स देश का भविष्य खराब कर रहे हैं। धन व समय तो बर्बाद हो ही रहा है। 
आज युवाओं की जिंदगी भी दांव पर लगी है। इसलिए अभिभावकों को यह चाहिए कि वह अपने बच्चों की गतिविधियों पर पर्याप्त ध्यान रखें, उन्हें ज्यादा से ज्यादा समय दें, उनकी समस्याओं को सुनें, उन्हें खेल के मैदानों से अधिकाधिक जोड़े। अधिकाधिक किताबें पढऩे के लिए प्रेरित करें। किताबें सबसे अच्छी मित्र होती हैं, यह बच्चों को बताया जाए। बच्चों को दादा-दादी नाना-नानी, अभिभावकों से कहानियां,किस्से सुनाए जाएं। बच्चों के मनोरंजन की पर्याप्त व्यवस्था हो। बच्चे क्रिकेट , वॉलीबॉल, फुटबॉल, खो-खो जैसे आउटडोर गेम खेल सकते हैं या स्विमिंग, जिम, पेंटिंग और कुकिंग आदि भी कर सकते हैं। 
बच्चों को जो काम अच्छा लगता हो, मतलब कुछ क्रिएटिव वो कर सकते हैं। ये एक्टिविटी बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग से अपना ध्यान हटाने में मदद करेंगी। बच्चों को चिडिय़ाघर, म्यूजियम, किसी ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक व किसी पर्यटन स्थल की सैर कराई जा सकती है, उन्हें पिकनिक पर ले जाया जा सकता है। परिवार के साथ टाइम बिता कर गेमिंग लत को छुड़ाया जा सकता है। 
किसी मनोवैज्ञानिक की सहायता से इस संबंध (गेमिंग छुड़ाने) में मदद ली जा सकती है। बच्चों के साथ अभिभावकों को क्वालिटी टाइम स्पेंड करना चाहिए। इसके अलावा बच्चों को आनलाइन गेम्स के साइड इफेक्ट्स के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। फ्री टाइम का सदुपयोग किया जाना चाहिए। 
इलैक्ट्रोनिक गैजेट्स को बच्चों से दूर रखा जाना चाहिए। पैरेंट्स को बच्चों के साथ अपनी बैंक डिटेल्स साझा करने से बचना चाहिए। बच्चों को कुछ हॉबी फॉलो करने की सलाह देनी चाहिए। 
अभिभावकों को यह चाहिए कि वे कभी भी अपने बच्चों को अकेलापन महसूस नहीं होने दें। वास्तव में कार्य, घर के अंदर जीवन, बाहर के मनोरंजन तथा सामाजिक व्यस्तताओं के बीच संतुलन कायम रखना सबसे महत्वपूर्ण काम है। इसके अलावा प्रति सप्ताह चार घंटों के डिजिटल डिटॉक्स को जरूर अपनाना चाहिए। बच्चे इस देश का भविष्य हैं। इसलिए अभिभावकों को यह चाहिए कि वे अपने बच्चों को पर्याप्त समय दें। उनमें संस्कृति संस्कार विकसित करें, अच्छी शिक्षा दें। हमारी थोड़ी सी जागरुकता देश का भविष्य बचा सकती है। 

अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, 2 अरेस्ट

अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, 2 अरेस्ट 

अविनाश श्रीवास्तव 
नवादा। बिहार में नवादा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में पुलिस ने अवैध रूप से संचालित अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर भारी मात्रा में हथियार के साथ दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। 
पुलिस सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि सूचना के आधार पर रविवार की रात ढिबरी गांव स्थित एक ठिकाने पर विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और नवादा पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी की। इस दौरान अवैध रूप से संचालित एक मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया। मौके से तीन देशी थारनट, तीन देशी पिस्तौल, हथियार बनाने का उपकरण बरामद किया गया है। 
सूत्रों ने बताया कि मौके से कारू मिस्त्री और उसके सहयोगी गोरू मियां को गिरफ्तार किया गया है। कारू मिस्त्री के विरुद्ध मुफस्सिल थाना में पूर्व से ही आर्म्स एक्ट के मामले में प्राथमिकी दर्ज है। गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ की जा रही है। 

हिजबुल्लाह ने हाईफा पर रॉकेट से हमलें किए

हिजबुल्लाह ने हाईफा पर रॉकेट से हमलें किए 

अखिलेश पांडेय 
जेरूसलम/बेरूत। इसराइल के साथ अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहे हिजबुल्ला की ओर से अब इजरायल के शहर हाईफा पर रॉकेट से किए गए हमले में तकरीबन दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। हिजबुल्ला ने हाईफा के दक्षिण में स्थित एक सैन्य ठिकाने को निशाना बनाते हुए रॉकेट से हमलें किए हैं। 
सोमवार को हिजबुल्ला की ओर से इजरायल के तीसरे सबसे बड़े शहर हाईफा पर रॉकेट से हमले किए जाने का दावा करते हुए कहा है कि इस अटैक में 10 लोग घायल हुए हैं। हिजबुल्लाह के मुताबिक हाईफा के दक्षिण में स्थित सैन्य ठिकाने को निशाना बनाते हुए उसने फादी-1 मिसाइल का इस्तेमाल करते हुए इसराइल पर अटैक किया है। 
सोमवार को हिजबुल्ला की ओर से किए गए हमले से पहले इसराइल ने रविवार को लेबनान के उतरी गज और दक्षिणी लेबनान में हवाई हमला किया था। जिसमें फिलिस्तीनियों के मुताबिक 19 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इजरायली सेना की ओर से कहा गया है कि सोमवार की सवेरे हिजबुल्ला की ओर से दागे गए रॉकेट में से दो हाईफा और पांच तिबेरियास पर गिरे हैं। जो हाईफा से तकरीबन 65 किलोमीटर दूर है। 

भारतीय पर्यटकों से मालदीव जाने की गुहार लगाई

भारतीय पर्यटकों से मालदीव जाने की गुहार लगाई 

सुनील श्रीवास्तव 
नई दिल्ली/माले। इंडिया आउट कैंपेन चलाने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत पहुंचते ही यू-टर्न लेते हुए भारतीय पर्यटकों से मालदीव जाने की गुहार लगाई है। इस दौरान मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। सोमवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद पर्यटकों से मालदीव पहुंचने की गुहार लगाई है। कभी इंडिया आउट कैंपेन चलाने वाले मोहम्मद मुइज्जू ने भारत पहुंचते ही यू-टर्न ले लिया है और कहा है कि भारत के साथ मालदीव के रिश्ते सम्मान एवं साझा हितों पर आधारित है। 
मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा है कि भारत व्यापार और विकास साझेदारी में से उसका एक महत्वपूर्ण सहयोगी रहा है और आगे भी रहेगा। उन्होंने कहा है कि पड़ोसियों और दोस्तों के लिए सम्मान मालदीव और हमारे डीएनए में मौजूद है। इस दौरान राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारतीय पर्यटकों को अपने देश आने का आमंत्रण देते हुए कहा कि भारतीय हमेशा ही सकारात्मक योगदान देते हैं। हमारे देश में भारतीय पर्यटकों का हम स्वागत करते हैं। 

किसान यूनियन का धरना 11वें दिन जारी रहा

किसान यूनियन का धरना 11वें दिन जारी रहा 

सत्येंद्र पंवार 
मेरठ। गन्ना विकास समिति के चुनाव में मोहिउद्दीनपुर और मवाना में डेलीगेट्स पद के लिए नामांकन करने वाले किसानों के बड़ी संख्या में पर्चे रद्द करने के विरोध में भारतीय किसान यूनियन द्वारा परतापुर थाने में दिया जा रहा धरना 11वें दिन भी जारी रहा है। किसानों ने प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि इसके बाद टोल प्लाजा फ्री कर दिए जाएंगे। 
सोमवार को भारतीय किसान यूनियन का परतापुर थाने में दिया जा रहा धरना 11वे दिन भी जारी रहा है। मोहिउद्दीनपुर एवं मवाना गन्ना विकास समिति के चुनाव में धांधली के विरोध में धरना दे रहे किसानों ने तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि किसानों की बात नहीं मानी गई, तो वह इलाके के टोल प्लाजा फ्री कर देंगे। 
सोमवार से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने रविवार को धरना स्थल पर अनशन पर बैठे मवाना के किसान अरुण एवं विजयपाल घोपला का जूस पिलाकर अनशन समाप्त करा दिया था। वह पिछले 9 दिनों से भूख हडताल पर थे। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के मुखिया चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों की जान सरकार से कहीं अधिक बढ़कर है। किसान अपनी सेहत का ध्यान रखें और बातचीत कर समस्या का हल निकाले। उन्होंने कहा है कि अगर समाधान नही निकलता है, तो वह खुद यहां पर बड़ा आंदोलन करेंगे। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-353, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. मंगलवार, अक्टूबर 08, 2024

3. शक-1945, आश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-षष्ठी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 33 डी.सै., अधिकतम- 37 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

(सर्वाधिकार सुरक्षित) 

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