शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2024

सड़क पर थूकने के मामलें को लेकर चिंता जताई

सड़क पर थूकने के मामलें को लेकर चिंता जताई 

कविता गर्ग 
नागपुर। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत आयोजित किए गए कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पान मसाला खाकर सड़क पर थूकने के मामलें को लेकर गहरी चिंता जताई है। 
उन्होंने कहा है कि सड़क पर थूकने वाले लोगों की तस्वीर खींचकर उन्हें अखबारों में प्रकाशित किया जाना चाहिए, ताकि लोग उन्हें देख सके। दरअसल नागपुर नगर निकाय द्वारा आयोजित किए गए स्वच्छ भारत अभियान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि लोग जब दूसरे देशों में जाते हैं, तो वहां पर खुद के सभ्य होने का दिखावा करते हुए साफ सफाई के मामले को लेकर अच्छा व्यवहार करते हैं। 
लेकिन, अपने देश में वापस लौटते ही वह साफ सफाई के महत्व को नजरंदाज करते हुए आसानी के साथ सड़क पर कचरे को फेंक देते हैं। इस मौके पर उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए स्वच्छता बनाए रखने पर जोर दिया और सिंगल प्लास्टिक यूज से दूरी बनाकर रखने की लोगों से अपील की। 

24 विमान बनाने के वादे को पूरा करना होगा

24 विमान बनाने के वादे को पूरा करना होगा 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा है कि यदि भविष्य के युद्धों में जीत हासिल करनी है, तो स्वदेशी लड़ाकू विमानों और हथियारों की संख्या बढानी होगी और इसके लिए हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को हर वर्ष 24 विमान बनाने के वादे को पूरा करना होगा। 
दिनों-दिन बदलती परिस्थितियों और मौजूदा युद्धों को देखते हुए वायु सेना की ताकत के बढते महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यदि एचएएल इस चुनौती को पूरा नहीं कर पाता है, तो देश के निजी क्षेत्र को इसके लिए आगे आना होगा। उन्होंने बेबाक अंदाज में कहा कि वायु सेना में लड़ाकू विमानों के स्क्वैड्रनों की संख्या रातों रात नहीं बढायी जा सकती। उन्होंने कहा कि वायु सेना को अभी उसके पास जो विमान और हथियार हैं, उन्हीं के साथ लड़ना होगा। साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी कि वर्ष 2047 तक वायु सेना के बेड़े के सभी विमान और हथियार स्वदेशी होंगे। उन्होंने कहा कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा विशेष रूप से लद्दाख क्षेत्र में तेजी से ढांचागत निर्माण और सुविधाएं बढा रहा है और हम भी अपने क्षेत्र में ढांचागत निर्माण और सुविधा बढाने में लगे हैं। वायु सेना प्रमुख ने वायु सेना के 92 वें स्थापना दिवस आठ अक्टूबर से पहले शुक्रवार को यहां वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में सवालों के जवाब में माना कि वायु सेना के पास लड़ाकू विमानों के स्कवाड्रनों की संख्या कम है। लेकिन इसे रातों-रात नहीं बढाया जा सकता। 
उन्होंने कहा कि इस स्थिति में एकदम कुछ नहीं किया जा सकता क्योंकि यह अल्पावधि या ऐसा मामला नहीं है कि इसे रातों रात खरीद लिया जाये। उन्होंने कहा कि खरीद के साथ साथ प्रशिक्षण भी उतना ही जरूरी है और उसमें समय लगता है। उन्होंने कहा कि न केवल विमान का चयन बल्कि, उसे वायु सेना में शामिल करने में भी समय लगता है। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि यदि वायु सेना दो या तीन स्कवाड्रन एकदम खरीद भी लेती है तो उन विमानों के लिए प्रशिक्षण में भी समय लगता है जो जरूरी है। उल्लेखनीय है कि वायु सेना में लड़ाकू विमानों के स्कवैड्रनों की संख्या स्वीकृत संख्या 42 से कहीं कम 31 है। वायु सेना को पिछले करीब एक दशक से विमानों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि हल्के लड़ाकू विमान तेजस की परियोजना में देरी हो रही है। एच एएल ने प्रत्येक वर्ष 24 विमान बनाने का वादा किया था और इसे पूरा कर लिया जाता है तो विमानों के मामले में वायु सेना की स्थिति सुधर जायेगी। उन्होंने कहा कि यदि एच ए एल का यह वादा पूरा नहीं हो पाता है तो यह चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि एच ए एल की कुछ सीमाएं और वास्तविक दिक्कतें होंगी। उन्होंने कहा कि वह भी देशभक्त संगठन है और किसी कारण से काम नहीं हो पा रहा होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि वैसे भी हम एक एजेन्सी पर निर्भर नहीं कर सकते स्वदेशी विमानों की जरूरत को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र को आगे आना होगा। वायु सेना की स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि वायु सेना के पास जो विमान और हथियार हैं उसे उनसे ही लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की स्थिति में प्रशिक्षण का महत्व बढ जाता है और हम उस पर बहुत जोर दे रहे हैं। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि वायु सेना युद्ध जैसी स्थितियों में गहन प्रशिक्षण कर रही है और इस पर निरंतर ध्यान दिया जा रहा है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सेनाओं की जरूरतों को पूरा करने तथा उन्हें युद्ध जीतने में सक्षम बनाने के लिए देश की विनिर्माण एजेन्सियों को उत्पादन बढाना होगा। युद्ध और टकराव की स्थिति में यदि आप बाहरी हथियारों पर निर्भर हैं तो निहित स्वार्थ वाले तत्व आपकी आपूर्ति श्रंखला को बाधित कर सकते हैं। उन्होंने कहा , “ यदि आप को युद्ध लड़ना है तो आपके हथियार स्वदेशी होने चाहिए। आप खरीदे हुए हथियारों की आपूर्ति श्रंखला पर भरोसा नहीं कर सकते। हमारे पास अपने देश में बने हथियार होने चाहिए। ” वायु सेना प्रमुख ने देश में बनाये जा रहे विभिन्न विमानों और अन्य हथियारों विशेष रूप से तेजस के सभी स्वरूपों के विनिर्माण की समय सीमा का उल्लेख करते हुए उम्मीद जतायी कि वर्ष 2047 तक वायु सेना के सभी विमान और हथियार स्वदेशी होंगे। चीन के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चीन नियंत्रण रेखा विशेष रूप से लद्दाख क्षेत्र में बहुत तेजी से ढांचागत निर्माण और सुविधाएं बना रहा है। उन्होंने कहा कि भारत भी अपने क्षेत्र में ढांचागत निर्माण और सुविधा बढाने लगा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में राज्य सरकारों के साथ बात कर ऊंचे तथा दुर्गम इलाकों में उन्नत हवाई पट्टियां बनायी जा रही हैं। चीन से मुकाबले और तुलना से संबंधित एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चीन को लेकर हमारे अपने आकलन हैं और उन पर हमारा भरोसा है। उन्होंने कहा कि हम प्रशिक्षण तथा एक्सपोजर व अभ्यास के मामले में चीन से बेहतर हैं। साथ ही उन्होंने माना कि प्रौद्योगिकी के मामले में चीन हमसे आगे है। मिसाइलों से सुरक्षा के लिए इजरायल की तर्ज पर आयरन डोम की जरूरत से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत इसके लिए रक्षा प्रणाली खरीद रहा है। यह दूसरी बात है कि समूचे देश में हर महत्वपूर्ण जगह की रक्षा के लिए बड़ी संख्या में हवाई रक्षा प्रणाली की जरूरत होगी। अग्निवीरों के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बारे में फीडबैक बहुत सकारात्मक है और उनका मनोबल बहुत ऊंचा है। चार वर्ष के कार्यकाल के बाद अग्निवीरों को स्थायी रूप से वायु सेना में शामिल किये जाने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि वायु सेना 25 प्रतिशत से ज्यादा को भी ले सकती है लेकिन इस संबंध में निर्णय वायु सेना को लेना है। इस बार वायु सेना का स्थापना दिवस चेन्नई में मनाया जाएगा। 
इस अवसर पर 6 अक्टूबर को मरीना बीच पर शानदार एयर शो का आयोजन किया गया है। जबकि मुख्य समारोह में 8 अक्टूबर को चेन्नई के तामबरम वायु सेना स्टेशन पर होगा। मरीना बीच पर एयर शो में वायु सेना के 22 तरह के 72 विमान करतबबाजी दिखायेंगे। इस एयर शो काे दस से 12 लाखों लोगों द्वारा देखे जाने का अनुमान है। वायु सेना की इस बार दर्शकों के मामले में लिमिका बुक ऑफ रिकार्ड का रिकार्ड तोड़ने की कोशिश है। 

जरूरतमंद लोगों ने सीएम से मदद की गुहार लगाई

जरूरतमंद लोगों ने सीएम से मदद की गुहार लगाई 

संदीप मिश्र 
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन में पहुंचे गंभीर बीमारियों के इलाज में आर्थिक रूप से असमर्थ लोगों ने सीएम से मदद की गुहार लगाई। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि जिन जरूरतमंद लोगों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं है। उनके इलाज का खर्च उनकी सरकार उठाएगी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में विभिन्न स्थानों से आए तकरीबन 300 लोगों से मुलाकात की और एक-एक करके उनकी समस्याओं को सुना। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समस्याओं के निस्तारण के लिए पीड़ितों को आश्वस्त करते हुए उनके प्रार्थना पत्र संबंधित अधिकारियों को हस्तगत किये और लोगों को आश्वस्त किया कि किसी को भी अपनी समस्या को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि, सरकार की ओर से सभी लोगों की समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। मुख्यमंत्री के जनता दर्शन कार्यक्रम में कई लोग इलाज के लिए आर्थिक सहायता संबंधित प्रार्थना पत्र लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंचे थे। योगी आदित्यनाथ ने सभी को मदद का भरोसा दिया है। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-350, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. शनिवार, अक्टूबर 05, 2024

3. शक-1945, आश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 36 डी.सै., अधिकतम- 41 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024

नवरात्रि का दूसरा दिन मां 'ब्रह्मचारिणी' को समर्पित

नवरात्रि का दूसरा दिन मां 'ब्रह्मचारिणी' को समर्पित 

सरस्वती उपाध्याय 
ब्रह्मचारिणी मां की नवरात्र पर्व के दूसरे दिन पूजा-अर्चना की जाती है। साधक इस दिन अपने मन को माँ के चरणों में लगाते हैं। ब्रह्म का अर्थ है, तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है। यह जानकारी भविष्य पुराण से ली गई हैं। 

श्लोक... 

दधाना कर पद्माभ्यामक्ष माला कमण्डलु | देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा || 

शक्ति... 

इस दिन साधक कुंडलिनी शक्ति को जागृत करने के लिए भी साधना करते हैं। जिससे उनका जीवन सफल हो सके और अपने सामने आने वाली किसी भी प्रकार की बाधा का सामना आसानी से कर सकें।

फल... 

मां दुर्गाजी का यह दूसरा स्वरूप भक्तों और सिद्धों को अनन्तफल देने वाला है। इनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। जीवन के कठिन संघर्षों में भी उसका मन कर्तव्य-पथ से विचलित नहीं होता। 
मां ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से उसे सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। दुर्गा पूजा के दूसरे दिन इन्हीं के स्वरूप की उपासना की जाती है। इस दिन साधक का मन ‘स्वाधिष्ठान ’चक्र में शिथिल होता है। इस चक्र में अवस्थित मनवाला योगी उनकी कृपा और भक्ति प्राप्त करता है। 
इस दिन ऐसी कन्याओं का पूजन किया जाता है कि जिनका विवाह तय हो गया है। लेकिन, अभी शादी नहीं हुई है। इन्हें अपने घर बुलाकर पूजन के पश्चात भोजन कराकर वस्त्र, पात्र आदि भेंट किए जाते हैं।

उपासना... 

प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। मां जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में द्वितीय दिन इसका जाप करना चाहिए।

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

अर्थ: हे माँ! सर्वत्र विराजमान और ब्रह्मचारिणी के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूं। 

6 अक्टूबर को संतों के साथ बैठक करेंगे 'सीएम'

6 अक्टूबर को संतों के साथ बैठक करेंगे 'सीएम' 

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। मुख्यमंत्री की छ: अक्टूबर को प्रयागराज आगमन पर अखाड़ा के संतों के साथ महत्वपूर्ण बैठक होगी। उसमें मेला का खाका तैयार करने के साथ लोगो भी जारी हो सकता है। इसके अलावा शाही स्नान एवं अन्य प्रमुख पर्वों की तारीखों की घोषणा करने की भी तैयारी है। 
अभी प्रोटोकाल तो नहीं आया है। लेकिन, छ: अक्टूबर को मुख्यमंत्री का आना तय माना जा रहा है। इसे ध्यान में रखकर तैयारी शुरू कर दी गई है। इस दौरान मुख्यमंत्री महाकुंभ के कार्यों का निरीक्षण करेंगे। साथ में समीक्षा बैठक करेंगे। इसी क्रम में सुबह करीब 11 बजे अखाड़ा के संतो के साथ बैठक में महाकुंभ आयोजन पर चर्चा करेंगे। 
बताया जा रहा है कि इस बैठक में पूरे आयोजन का खाका तैयार किया जाएगा। स्नान पर्वों की तारीखें तो तय हैं लेकिन अभी तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। बैठक में शाही तथा अन्य स्नान पर्वों की तारीखों पर मुहर लगने की उम्मीद है। मेला प्रशासन की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है जिसे बैठक में रखा जाएगा। 
इसके अलावा लोगो भी तैयार है। लेकिन, अभी तक इसे जारी नहीं किया गया है। संतों संग बैठक में लोगो भी जारी होने की उम्मीद है। हालांकि, अभी मुख्यमंत्री के आगमन का प्रोटोकाल जारी नहीं हुआ है। इसलिए अफसर कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि संतों संग बैठक में लोगो जारी होने के बाद महाकुंभ के देश-विदेश में प्रचार-प्रसार की औपचारिक शुरुआत होगी। फाइलों पर भी यही लोगो रहेगा। 
मुख्यमंत्री और अखाड़ा के संतों के बीच बैठक में शाही और पेशवाई की जगह संस्कृत के शब्दों के उपयोग पर चर्चा भी संभावित है। संतों की ओर से इसका प्रस्ताव रखे जाने की तैयारी है। हालांकि, इनकी जगह नए शब्द क्या होंगे ? इसे लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है।

मां 'विंध्यवासिनी' के दरबार में उमड़ीं भीड़

मां 'विंध्यवासिनी' के दरबार में उमड़ीं भीड़ 

संदीप मिश्र 
मिर्जापुर। शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन गुरुवार को मां विंध्यवासिनी के दरबार में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालु रात में ही विंध्याचल में कतारबद्ध हो गए थे। भोर में भव्य मंगला आरती के बाद जैसे ही मंदिर का कपाट खुला, दर्शन-पूजन का दौर आरंभ हो गया। दोपहर 11 बजे तक करीब दो लाख श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी मंदिर में मत्था टेक चुके थे। पूरा मेला क्षेत्र को 250 कैमरों के जरिए निगरानी की जा रही है।
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन व पुलिस अधीक्षक अभिनंदन की ओर से खुद मेले की तैयारियों का जायजा लिया जा रहा है। सुबह मंगला आरती के साथ ही मां विंध्यवासिनी का धाम खुलने के साथ ही आस्था की कतार दूर-दूर तक लग गई।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...