बुधवार, 2 अक्टूबर 2024

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-348, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. बृहस्पतिवार, अक्टूबर 03, 2024

3. शक-1945, आश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-प्रतिपदा, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 36 डी.सै., अधिकतम- 41 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

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सोमवार, 30 सितंबर 2024

एक बिमारी 'संपादकीय'

एक बिमारी    'संपादकीय' 

करवट लेने को मजबूर है,
साहब, अब तो पसीना छूट गया।
शरीर का नहीं रहा ठिकाना,
उदर में विषैला बम फूट गया।

संपूर्ण पृथ्वी स्वास्थ्य के प्रति प्रौद्योगिकी तकनीक के साथ जागरूक हैं। विश्व में सर्वोच्च स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के बारे में बात करें, तो सर्वप्रथम डबल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) का नाम आता हैं। परंतु, विश्व के कुछ प्रतिशत चिकित्सक इस तकनीक का प्रयोग अपने लाभ के लिए करते हैं। विश्व के भले ही अधिक से अधिक चिकित्सक अपना कार्य पूरी लगन, श्रद्धा, सतर्कता एवं सावधानी से करतें हैं। किंतु विश्व के कुछ ऐसे चिकित्सक भी है, जो छिप-छिप कर कर अपने स्वार्थ के लिए दूसरों की जान से खिलवाड़ करते हैं। हालांकि, वे ऊंचे पदों पर नहीं है एवं अधिकतर स्थानों में प्रसिद्ध भी नहीं है। किंतु जैसे एक छोटा-सा अंगारा भी पूरा घर जलाकर राख कर सकता है। ठीक उसी प्रकार, विज्ञान के ज्ञान से रहित कुछ चिकित्सक विश्व को बहुत हानी पहुंचा सकतें हैं। यहां तक कि कुछ चिकित्सकों को इस बात का भी अंदाजा नहीं है, कि बुखार को नापने का मात्रक क्या है ? 
ऐसे चिकित्सक विश्व एवं स्वास्थ्य विभाग की आंखों में धूल झोंकने के अच्छे उदाहरण है, जो स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती की बात है। स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहना चाहिए, कि कहीं अपने स्वार्थ के लिए लोगों की जान से खिलवाड़ तो नहीं हो रहा हैं ? 
हालांकि, ऐसे चिकित्सक बहुत कम श्रेणी में आते हैं। कम से कम बैचलर-'एमबीबीएस' डिग्री प्राप्त  चिकित्सक स्वास्थ्य के मामलों में महत्वपूर्ण होते हैं। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही विश्व के अधिकतर क्षेत्रों में असहनीय प्रताड़ना का स्वरूप बन रही है। 
चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भय पुत्र' 

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकील को फटकार लगाई

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकील को फटकार लगाई 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने एक वकील को फटकार लगाई है। साथ ही, कोर्ट में बहस कर रहे एक व्यक्ति को भी कोर्ट रूम की मर्यादा का पाठ पढ़ाया। दरअसल, याचिकाकर्ता पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ जांच की मांग कर रहे थे। CJI के एक सवाल के जवाब में उन्होंने ‘या, या’ कह दिया। इससे CJI चंद्रचूड़ नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि कोर्ट कोई ‘कॉफी शॉप नहीं है’। CJI चंद्रचूड़ ने कहा, ”ऐसे या, या, या’ मत बोलिए। ‘यस’ कहिए। यह कोई कॉफी शॉप नहीं है, कोर्ट है। मुझे ‘या, या’ कहने वाले लोग बिलकुल पसंद नहीं।’ 
सुप्रीम कोर्ट 2018 में फाइल की गई एक याचिका की सुनवाई कर रहा था जिसमें पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ इन-हाउस इन्क्वायरी की मांग की गई थी। सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा, ‘लेकिन क्या ये आर्टिकल 32 के तहत याचिका है? आप एक जज को रिस्पॉन्डेंट बताकर पीआईएल कैसे फाइल कर सकते हैं ?’ 
ये कॉफी शॉप नहीं है! ये Yeah, Yeah क्या है? मुझे इस Yeah, Yeah से अलर्जी है। इसकी इजाजत नहीं दे सकते। 
इस पर याचिकाकर्ता ने सीजेआई से कहा, ‘या-या…तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई…मुझसे क्यूरेटिव पिटिशन फाइल करने को कहा गया है…।' इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता को बीच में ही टोकते हुए कहा कि कोर्ट में ‘Yeah’ मत बोलिए। उन्होंने कहा, ‘ये कॉफी शॉप नहीं है! ये Yeah, Yeah क्या है? मुझे इस Yeah, Yeah से अलर्जी है। इसकी इजाजत नहीं दे सकते।’ यह पहली बार नहीं है जब CJI ने कोर्ट में किसी के लहजे पर ऐतराज जताया है और उन्हें कोर्ट रूम की मर्यादा याद दिलाई है। इससे पहले मार्च में NEET-UG की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील मैथ्यूज नेदुम्परा और नरेंद्र हुड्डा के बीच बहस हो गई थी। नेदुम्परा लगातार हुड्डा को टोक रहे थे। हालांकि, CJI ने नेदुम्परा से इंतजार करने को कहा था, लेकिन वह नहीं माने। उन्होंने खुद को सबसे वरिष्ठ वकील और एमिकस बताते हुए बोलने की जिद की। 
इस पर CJI चंद्रचूड़ ने कहा, ‘मैंने किसी को एमिकस नियुक्त नहीं किया है।’ नेदुम्परा कोर्ट रूम में मौजूद लोगों को संबोधित करने लगे। CJI ने उन्हें ऐसा करने से रोका। नेदुम्परा ने कहा, ‘अगर आप मेरा सम्मान नहीं करते हैं, तो मैं बाहर चला जाऊँगा।’ इसके बाद CJI ने सुरक्षाकर्मियों को नेदुम्परा को कोर्ट रूम से बाहर निकालने का आदेश दिया। CJI ने कहा, ‘श्री नेदुम्परा, मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं। आप गैलरी को संबोधित नहीं करेंगे। मैं यहाँ कोर्ट की कार्यवाही देख रहा हूं। कृपया सुरक्षाकर्मियों को बुलाइए और इन्हें कोर्ट रूम से बाहर निकालिए।’

सरकार ने गाय को ‘राज्य माता’ का दर्जा दिया

सरकार ने गाय को ‘राज्य माता’ का दर्जा दिया 

कविता गर्ग 
मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा फैसला लिया गया हैं। जहां शिंदे सरकार ने गाय को ‘राज्य माता’ का दर्जा दिया है। सरकार का कहना हैं कि भारत की संस्कृति और हिंदुत्व में गाय की बड़ी महिमा हैं। इसलिए गाय का संरक्षण किया जाएगा। इसलिए, उसे राज्य माता का दर्जा दिया जा रहा हैं।
इसका ऐलान करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘देसी गायें हमारे किसानों के लिए वरदान हैं। इसलिए हमने उन्हें राज्य माता का दर्जा देने का फैसला लिया हैं। हमने यह भी तय किया हैं कि गोशालाओं में गायों के संरक्षण की व्यवस्था की जाएं। इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास करेगी।’ गायों के संरक्षण के लिए सरकार प्रति दिन 50 रुपये का भत्ता भी जारी करेगी। इस संबंध में राज्य के डेयरी विकास विभाग की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी हो गया हैं। इसमें कहा गया हैं कि प्राचीन काल से ही भारत में लोगों की जिंदगी में गायों का अहम स्थान रहा हैं। इस नोटिफिकेशन में कहा गया हैं कि गाय का वैज्ञानिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व हैं। इसीलिए, गाय को कामधेनु कहा जाता रहा हैं। मराठवाड़ा में गायों की कई देसी नस्लें मौजूद हैं, जैसे- मराठवाड़ा में देवनी और लाल कंधारी। इसके अलावा पश्चिम महाराष्ट्र में खिल्लर और उत्तर महाराष्ट्र में डांगी नस्ल की गायें हैं। 
डेयरी विभाग ने अपने आदेश में कहा कि राज्य में तेजी से देसी गायों की नस्ल कम हो रही हैं। इसलिए, यह जरूरी हैं कि उनका संरक्षण किया जाएं। विभाग की ओर से कहा गया कि देसी गाय की हमारी डाइट में भी महत्ता रही हैं। घी से लेकर गोबर, मूत्र तक का इस्तेमाल आयुर्वेद में बताया गया हैं। इसलिए, गाय को हम राज्य माता का दर्जा दे रहे हैं। 

घोषणा के साथ स्वामी को जिलाध्यक्ष चुना

घोषणा के साथ स्वामी को जिलाध्यक्ष चुना 

भानु प्रताप उपाध्याय 
शामली। क्षेत्र के गाँव जगनपपुर में भारतवर्षीय वैष्णव बैरागी/स्वामी (चतुःसम्प्रदाय) समाज द्वारा आयोजित सभा में शामली जनपद की जिला कार्यकारणी की घोषणा के साथ महिपाल स्वामी को जिलाध्यक्ष चुना गया। 
जनपद व अन्य जनपदों से आएं व्यक्तियों ने महिपाल स्वामी को पगड़ी और फूल-मालाएं पहनाकर हार्दिक शुभकामनाओं के साथ स्वागत किया। राष्ट्रीय संगठन मंत्री जितेन्द्र कुमार बली ने अध्यक्ष के रूप में महिपाल स्वामी, उपाध्यक्ष विनोद जगनपपुर, कोषाध्यक्ष पीतम सिंह तितरवाड़ा, महासचिव संजय खन्द्रवली, सचिव राजेन्द्र कण्डेला, विधि सलाहकार कपिल पंडोरा, मुख्य सलाहकार जसवंत स्वामी, संगठन मंत्री पवन घसौली, मीडिया प्रभारी नितिन स्वामी और संरक्षक के रूप में  राजेन्द्र भग्तजी एवं संदीप प्रधान की घोषणा की। 
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. भोपाल स्वामी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री जितेन्द्र कुमार बली और राष्ट्रीय सलाहकार रविकुमार एडवोकेट ने महिपाल स्वामी को नियुक्ति-पत्र देकर नवनियुक्त जिला कार्यकारणी को संगठन व समाज के प्रति समर्पित रहते हुए समाज हित में पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी से कार्य करने का संकल्प दिलाया।
सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष भोपाल स्वामी ने कहा समाज के उत्थान के लिए युवाओं और महिलाओं को सामाजिक स्तर पर भागीदारी देकर संगठन का विस्तार किया जाएगा। समाज की ग्रामीण क्षेत्र की छोटी से छोटी ईकाई को संगठन से जोडा जायेगा। राष्ट्रीय सलाहकार रविकुमार एडवोकेट ने कहा कि अब समाज को राजनीति में हिस्सेदारी के लिए संघर्ष करना होगा। बिना राजनैतिक महत्वाकांक्षा के समाज उत्थान की ज्योति को प्रज्जवलित नहीं किया जा सकता। नवनियुक्त जिला अध्यक्ष ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं समाज की इच्छाओं और समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य करूगा।
सभा की अध्यक्षता ब्रजपाल स्वामी और संचालन रविकुमार एडवोकेट ने किया। इस अवसर पर विशेष रूप से  जितेन्द्र कुमार बली, अजय एडवोकेट मेरठ, अजय स्वामी शामली, नितिन स्वामी, बिजेंद्र वैष्णव सहारनपुर आदि उपस्थित रहें। 

लक्ष्य को प्रथम स्थान प्राप्त करने पर बधाई दी

लक्ष्य को प्रथम स्थान प्राप्त करने पर बधाई दी 

भानु प्रताप उपाध्याय 
शामली। अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण सभा ने लक्ष्य शर्मा को प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान प्राप्त करने पर उसे बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण सभा कि एक बैठक मौहल्ला राजपत नगर मे पं. विपिन शास्त्री के आवास पर पं. पंकज शर्मा प्रदेश अध्यक्ष कि अध्यक्षता में व पं. अरविंद कौशिक के संचालन मे आयोजित की गई। 
बैठक को संबोधित करते हुए अरविंद कौशिक ने कहा मुज्जफरनगर के जिला अध्यक्ष पं. पंकज शर्मा के पुत्र  लक्ष्य शर्मा ने कडी मेहनत के साथ प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक हासिल कर ब्राह्मण समाज का गौरव बढ़ाया है। पं. पंकज शर्मा प्रदेश ने कहा रूद्र इंटरनेशनल स्कूल मवाना में नॉर्थ जोन वन ताइक्वांडो बॉयज आयोजित प्रतियोगिता के लगभग 180 स्कूल और करीब 1800 खिलाड़ियों ने भाग लिया और 5 दिवसीय इस कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपनी दावेदारी पक्की की। 
उन्होंनेे कहा अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण सभा के पं. पंकज शर्मा जिला अध्यक्ष मुज्जफर नगर के होनहार पुत्र पं. लक्ष्य शर्मा ने प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक हासिल कर प्रथम स्थान प्राप्त किया  लक्ष्य शर्मा ने प्रतियोगिता जीत कर अपने माता पिता का नाम रोशन करते हुए समाज का कद बढ़ाया है। इस लिए अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण सभा के सभी पदाधिकारी लक्ष्य शर्मा के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। इस अवसर पर  पं. केसी गौड (राष्ट्रीय प्रभारी ), पं. हमेन्त कौशिक (राष्ट्रीय अध्यक्ष ), पं. पंकज शर्मा, पं. अरविंद कौशिक, पं. विपिन शास्त्री, पं. प्रदीप पाण्डा, पं. सुभाष शर्मा, पं. मुकेश शर्मा (एडवोकेट), पं. रविदत्त शर्मा, पं. प्रमोद शर्मा, आचार्य उमेश कौशिक, दीपक शर्मा, पं. राजेन्द्र शर्मा, पं. प्रवीण कौशिक, पं. अरविंद शर्मा, पं. पीयूष  शर्मा, पं. सुमित कौशिक, पं. नीरज शर्मा, पं. अजित श्रीवास्तव, पं. सूरज कौशिक, पं. मनोज शर्मा, पं. अरूणशर्मा, पं. वरूण शर्मा आदि ने पं. लक्ष्य शर्मा  को हार्दिक बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की।

'आत्मनिर्भर भारत' पर विचार गोष्ठी का आयोजन

'आत्मनिर्भर भारत' पर विचार गोष्ठी का आयोजन 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। श्री राम कॉलेज ऑफ लॉ, मुजफ्फरनगर में ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को प्रारंभ करते हुए कार्यक्रम संयोजक आंचल अग्रवाल ने कहा कि आत्म निर्भर भारत एक योजना या अभियान नही है। बल्कि राष्ट्र की नई सोच व दृष्टिकोण का प्रतीक है। आत्म निर्भरता का अर्थ केवल आर्थिक स्वतंत्रता नही है। बल्कि यह ऐसा विचार है, जो हमें सामाजिक सांस्कृतिक तथा मानसिक रूप से सषक्त बनाता है। भारत के ज्ञान विज्ञान कला संस्कृति का विष्व में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। लेकिन इतिहास के अनेक मोडो पर हमने अपनी क्षमता का पूर्णतः प्रयोग नही किया है। आज हमार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, के नेतृत्व में आत्म निर्भन भारत का आवाहन भारत के निर्माण की दिषा में महत्वपूर्ण कदम है। इसके बाद अनेक छात्र/छात्राओं तथा वक्ताओं ने भी इस विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। 
इस अवसर पर श्री राम कॉलेज ऑफ लॉ, की प्राचार्या डॉ. पूनम शर्मा ने कहा कि आत्म निर्भर भारत का लक्ष्य केवल आर्थिक निर्भरता न होकर बल्कि, सभी क्षेत्रों जैसे-कृषि, षिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा के क्षेत्रों में निर्भर होना है। हमें वाहरी संसाधनों पर निर्भरता कम करनी है तथा अपने संसाधनों का अधिकतम प्रयोग करना है। विचार गोष्ठी में सभी प्रवक्ताओं तथा छात्र/छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में संजीव कुमार, सोनिया गौड़, आंचल अग्रवाल, राममनू प्रताप सिंह, आकांक्षा त्यागी, डॉ. हीना गुप्ता, अमितोष कुमार, अभिषेक त्यागी, मिनी सिंघल, रितु धीमान, विनय तिवारी, प्रीती व त्रिलोकचन्द का सहयोग रहा। 

सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित

सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज।‌ उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष अंतर्गत जनपद ...