बुधवार, 2 अक्तूबर 2024

मोदी का जीवन अनुशासन व सादगी से भरा

मोदी का जीवन अनुशासन व सादगी से भरा 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत जीवन अनुशासन व सादगी से भरा है। जिन्होने सामान्य नागरिक, कार्यकर्ता के रूप में शून्य से यात्रा प्रारंभ की और अपनी कर्मठता, विचार, परिवार से मिले अनुशासन के जरिए हर काम देश के नाम के लक्ष्य के साथ पूरा किया। लोकभवन सभागार में आयोजित सेवा पखवाड़ा संगोष्ठी को संबोधित करते हुए योगी ने आर बालासुब्रमण्यम द्वारा लिखित पुस्तक पॉवर विदिनः द लीडरशिप लीगेसी ऑफ नरेंद्र मोदी से जुड़े बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होने कहा कि आर बालासुब्रमण्यम द्वारा लिखित पुस्तक प्रधानमंत्री के संपूर्ण व्यक्तित्व को देश-दुनिया के सामने प्रस्तुत करती है। यह केवल पुस्तक नहीं है, बल्कि शून्य से शिखर की यात्रा का नाम है। जिसे नया भारत न केवल देख रहा है, बल्कि उसके अनुसार जीवन भी जी रहा है। श्री मोदी के सक्षम व विजनरी लीडरशिप में नए भारत का दर्शन हो रहा है। वे सेवा के संकल्प की जिस यात्रा को लेकर बढ़े हैं, उसे समृद्धि की नई ऊंचाई तक पहुंचाने और विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों के प्रतिफल को इस पुस्तक के माध्यम से देश-दुनिया के सामने रखने का प्रयास किया गया है। योगी ने कहा कि कोई भी देश अचानक विकसित नहीं हुआ। उन सभी ने बड़े विजन व लक्ष्य के साथ काम किया। जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा था तो पीएम मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का रोडमैप दिया और इसके लिए पंच प्रण का रास्ता भी बताया। लक्ष्य देने के साथ ही रास्ता बताना विजनरी नेतृत्व का गुण होता है। दस वर्ष के कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल को धरातल पर उतारने का कार्य भी दिया। भारत को इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में समृद्ध किया। जहां कोई नहीं पहुंच पाया, वहां भारत का चंद्रयान पहुंचा है। 
उन्होने कहा कि पीएम मोदी के समावेशी विकास व कल्याण योजनाओं का हर किसी ने अनुभव किया। 'सर्वे भवन्तु सुखिन, सर्वे सन्तु निरामया' भारत की ऋषि परंपरा की देन रही है, तो वहीं 2014 में पीएम मोदी ने सबका साथ, सबका विकास का मंत्र दिया। संकट आने पर नेतृत्वकर्ता का गुण होता है कि डटकर मुकाबला करने के लिए खुद को तैयार करें और जनता के उद्धार का मार्ग प्रशस्त कर सकें। 

वजन कंट्रोल करने में मददगार हैं 'लहसुन व शहद'

वजन कंट्रोल करने में मददगार हैं 'लहसुन व शहद' 

सरस्वती उपाध्याय 
शरीर की चर्बी कम करने के लिए लोग तरह-तरह की तरकीबें अपनाते हैं। इसके लिए लोग तरह-तरह के वेट लॉस सप्लीमेंट्स का भी सेवन करते हैं। 
क्या आपको पता है, हमारे किचन में कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जो वजन कम करने में सहायक साबित हो सकती हैं ? 
रोज सुबह एक चम्मच शहद के साथ लहसुन की एक कली चबाने से भी वेट लॉस कंट्रोल करने में मदद मिल सकती हैं। 
बता दें कि लहसुन और शहद दोनों में ही एंटीऑक्सीडेंट्, एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं। 
लहसुन को शहद के साथ चबाने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिसके चलते पाचन तंत्र बेहतर होता है और वजन में कमी आ सकती है। 
अगर आप नियमित सुबह खाली पेट शहद और लहसुन का सेवन करते हैं, तो कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में आ सकता है। 
ऐसा होने से लोगों में हार्ट संबंधी बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।

₹99 में खरीद सकेंगे दारू की बोतल, नीति लागू

₹99 में खरीद सकेंगे दारू की बोतल, नीति लागू 

इकबाल अंसारी 
अमरावती। सरकार की ओर से दारु पीने के शौकीनों को अब सस्ते दामों पर शराब उपलब्ध कराई जाएगी। नई शराब नीति का ऐलान करने वाली सरकार की ओर से कहा गया है कि नई नीति के अंतर्गत अब शराब के शौकीन दारू की बोतल ₹99 में खरीद सकेंगे। आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार की ओर से राज्य में नई शराब नीति लागू करने का ऐलान करते हुए कहा गया है कि वह कम इनकम वाले लोगों को अब सस्ते दामों पर सरकार उपलब्ध कराएगी। 
सरकार की ओर से राज्य की आबकारी नीति में किए गए कई बदलाव के अंतर्गत दारू की बोतल ₹99 में देने का बंदोबस्त किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य सरकार के राजस्व को बढ़ाना है। नई आबकारी नीति के अंतर्गत सरकार इस बात को मानकर चल रही है कि राज्य में नई आबकारी नीति लागू होने से राज्य में अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लग सकेगी। नई आबकारी नीति 12 अक्टूबर से लागू कर दी जाएगी। सरकार ने राज्य भर में 3736 खुदरा दुकानें अधिसूचित करते हुए कहा है कि निजी विक्रेता या कंपनियों को भारत में तैयार विदेशी शराब और विदेशी शराब बेचने की अनुमति चयन प्रक्रिया के जरिए दी जाएगी। 

सीएम ने 'स्वच्छता अभियान' की शुरुआत की

सीएम ने 'स्वच्छता अभियान' की शुरुआत की 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। देश भर के साथ-साथ विश्व में मनाई जा रही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयंती के मौके पर हजरतगंज स्थित गांधी आश्रम पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चरखा चलाया और झाड़ू लगाकर स्वच्छता अभियान की शुरुआत की। 
बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155 वीं जयंती के मौके पर राजधानी के हजरतगंज स्थित गांधी आश्रम पहुंचे और गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए राष्ट्रपिता को अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।  मुख्यमंत्री ने इस मौके पर चरखा चलाया और झाड़ू लगाकर स्वच्छता अभियान की शुरुआत की। 
इस अवसर पर स्कूली छात्रों द्वारा रामधुन भजन प्रस्तुत किए गए। मुख्यमंत्री ने छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे भजनों का श्रवण करते हुए गांधी के विचारों को स्मरण किया। इस मौके पर राज्य सरकार के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और उत्तर प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी तथा भारतीय जनता पार्टी के महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी भी मौजूद रहे। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-348, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. बृहस्पतिवार, अक्टूबर 03, 2024

3. शक-1945, आश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-प्रतिपदा, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 36 डी.सै., अधिकतम- 41 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

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सोमवार, 30 सितंबर 2024

एक बिमारी 'संपादकीय'

एक बिमारी    'संपादकीय' 

करवट लेने को मजबूर है,
साहब, अब तो पसीना छूट गया।
शरीर का नहीं रहा ठिकाना,
उदर में विषैला बम फूट गया।

संपूर्ण पृथ्वी स्वास्थ्य के प्रति प्रौद्योगिकी तकनीक के साथ जागरूक हैं। विश्व में सर्वोच्च स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के बारे में बात करें, तो सर्वप्रथम डबल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) का नाम आता हैं। परंतु, विश्व के कुछ प्रतिशत चिकित्सक इस तकनीक का प्रयोग अपने लाभ के लिए करते हैं। विश्व के भले ही अधिक से अधिक चिकित्सक अपना कार्य पूरी लगन, श्रद्धा, सतर्कता एवं सावधानी से करतें हैं। किंतु विश्व के कुछ ऐसे चिकित्सक भी है, जो छिप-छिप कर कर अपने स्वार्थ के लिए दूसरों की जान से खिलवाड़ करते हैं। हालांकि, वे ऊंचे पदों पर नहीं है एवं अधिकतर स्थानों में प्रसिद्ध भी नहीं है। किंतु जैसे एक छोटा-सा अंगारा भी पूरा घर जलाकर राख कर सकता है। ठीक उसी प्रकार, विज्ञान के ज्ञान से रहित कुछ चिकित्सक विश्व को बहुत हानी पहुंचा सकतें हैं। यहां तक कि कुछ चिकित्सकों को इस बात का भी अंदाजा नहीं है, कि बुखार को नापने का मात्रक क्या है ? 
ऐसे चिकित्सक विश्व एवं स्वास्थ्य विभाग की आंखों में धूल झोंकने के अच्छे उदाहरण है, जो स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती की बात है। स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहना चाहिए, कि कहीं अपने स्वार्थ के लिए लोगों की जान से खिलवाड़ तो नहीं हो रहा हैं ? 
हालांकि, ऐसे चिकित्सक बहुत कम श्रेणी में आते हैं। कम से कम बैचलर-'एमबीबीएस' डिग्री प्राप्त  चिकित्सक स्वास्थ्य के मामलों में महत्वपूर्ण होते हैं। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही विश्व के अधिकतर क्षेत्रों में असहनीय प्रताड़ना का स्वरूप बन रही है। 
चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भय पुत्र' 

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकील को फटकार लगाई

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकील को फटकार लगाई 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने एक वकील को फटकार लगाई है। साथ ही, कोर्ट में बहस कर रहे एक व्यक्ति को भी कोर्ट रूम की मर्यादा का पाठ पढ़ाया। दरअसल, याचिकाकर्ता पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ जांच की मांग कर रहे थे। CJI के एक सवाल के जवाब में उन्होंने ‘या, या’ कह दिया। इससे CJI चंद्रचूड़ नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि कोर्ट कोई ‘कॉफी शॉप नहीं है’। CJI चंद्रचूड़ ने कहा, ”ऐसे या, या, या’ मत बोलिए। ‘यस’ कहिए। यह कोई कॉफी शॉप नहीं है, कोर्ट है। मुझे ‘या, या’ कहने वाले लोग बिलकुल पसंद नहीं।’ 
सुप्रीम कोर्ट 2018 में फाइल की गई एक याचिका की सुनवाई कर रहा था जिसमें पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ इन-हाउस इन्क्वायरी की मांग की गई थी। सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा, ‘लेकिन क्या ये आर्टिकल 32 के तहत याचिका है? आप एक जज को रिस्पॉन्डेंट बताकर पीआईएल कैसे फाइल कर सकते हैं ?’ 
ये कॉफी शॉप नहीं है! ये Yeah, Yeah क्या है? मुझे इस Yeah, Yeah से अलर्जी है। इसकी इजाजत नहीं दे सकते। 
इस पर याचिकाकर्ता ने सीजेआई से कहा, ‘या-या…तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई…मुझसे क्यूरेटिव पिटिशन फाइल करने को कहा गया है…।' इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता को बीच में ही टोकते हुए कहा कि कोर्ट में ‘Yeah’ मत बोलिए। उन्होंने कहा, ‘ये कॉफी शॉप नहीं है! ये Yeah, Yeah क्या है? मुझे इस Yeah, Yeah से अलर्जी है। इसकी इजाजत नहीं दे सकते।’ यह पहली बार नहीं है जब CJI ने कोर्ट में किसी के लहजे पर ऐतराज जताया है और उन्हें कोर्ट रूम की मर्यादा याद दिलाई है। इससे पहले मार्च में NEET-UG की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील मैथ्यूज नेदुम्परा और नरेंद्र हुड्डा के बीच बहस हो गई थी। नेदुम्परा लगातार हुड्डा को टोक रहे थे। हालांकि, CJI ने नेदुम्परा से इंतजार करने को कहा था, लेकिन वह नहीं माने। उन्होंने खुद को सबसे वरिष्ठ वकील और एमिकस बताते हुए बोलने की जिद की। 
इस पर CJI चंद्रचूड़ ने कहा, ‘मैंने किसी को एमिकस नियुक्त नहीं किया है।’ नेदुम्परा कोर्ट रूम में मौजूद लोगों को संबोधित करने लगे। CJI ने उन्हें ऐसा करने से रोका। नेदुम्परा ने कहा, ‘अगर आप मेरा सम्मान नहीं करते हैं, तो मैं बाहर चला जाऊँगा।’ इसके बाद CJI ने सुरक्षाकर्मियों को नेदुम्परा को कोर्ट रूम से बाहर निकालने का आदेश दिया। CJI ने कहा, ‘श्री नेदुम्परा, मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं। आप गैलरी को संबोधित नहीं करेंगे। मैं यहाँ कोर्ट की कार्यवाही देख रहा हूं। कृपया सुरक्षाकर्मियों को बुलाइए और इन्हें कोर्ट रूम से बाहर निकालिए।’

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...