बार-बार आंखों को रगड़ना बेहद नुकसानदायक
सरस्वती उपाध्याय
आंख हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक हैं। जिसकी मदद से हम अपने आस-पास की दुनिया देख पाते हैं। हमारी आंखें बहुत सेंसिटिव होती हैं। आंखों में इन्फेक्शन या आई फ्लू का खतरा ज्यादा रहता है। क्योंकि फंगस इन्फेक्शन फैलाने वाले वायरस और बैक्टीरिया हवा में रहते हैं। अधिकांश लोग इन्फेक्शन या एलर्जी के कारण आंखें रगड़ने लगते हैं। इससे कुछ देर के लिए से बहुत अच्छा महसूस हो सकता है। लेकिन, बार-बार ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। ज्यादा तेजी से आंखों को रगड़ने से कॉर्निया डैमेज हो सकता है।
अपनी आंखें क्यों रगड़ते हैं लोग
आंखें के रगड़ने के कई कारण हो सकते हैं। जब हमारी आंखों में खुजली होती है, हम थके हुए होते हैं या ऐसा महसूस होता है कि पलकें आंखों में फंस गईं हैं तो हम सभी अपनी आंखें रगड़ते लगते हैं। कुछ लोगों को आंखों को बार-बार रगड़ना एक रिफ्लेक्स या आदत भी हो सकती है। आंखों के रगड़ने से अलग-अलग उम्र के मुताबिक अलग-अलग परेशानियां हो सकती हैं। जो बच्चे आंखों को ज्यादा रगड़ते हैं, उनके कॉर्निया का आकार बदल जाता है। आंखों की ब्लड वेसल्स बहुत नाजुक होती हैं। आंखों के रगड़ने से वेसल्स टूटने लगती है। जिससे आंखों की सफेद परत पर खून आने लगता है और आंख लाल पड़ जाती है। इसके अलावा बच्चों के बार-बार आंखों को रगड़ने से डार्क सर्कल आने लगते हैं। वहीं एडल्ट के बार-बार आंखों को रगड़ने से केराटोकोनस नाम की बीमारी हो सकती है। इसमें कार्निया की सतह अनियमित और पतली हो जाती है।
एलर्जी से बचाना जरूरी
आमतौर पर धूल-मिट्टी या ज्यादा स्क्रीन टाइम की वजह से आंखों में एलर्जी होती है। जिसके कारण लोग आंखों को रगड़ने लगते हैं। आंखों से पानी आना, पलकों का ड्राई होना या आंखों का लाल होना जैसी किसी स्थिति को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
स्क्रीन से ब्रेक लें
लैपटॉप, टैबलेट या मोबाइल की स्क्रीन पर लगातार टकटकी लगाकर देखने से आंखों पर खिंचाव पड़ता है। जिससे आंखें ड्राई होने लगती है और बार-बार रगड़ने का मन करता है। हर 20 मिनट में स्क्रीन से नजर हटाएं और 20 फीट दूर रखी किसी चीज कर कुछ देर देखें।
लगातार पलक झपकाएं
पलकें झपकाना एक नेचुरल क्रिया है। इससे आंखें नम और स्वस्थ बनी रहती हैं। लेकिन जब हम स्क्रीन लगातार देखते हैं तो हमारी आंखें कम झपकती हैं, जिससे आंखें ड्राई हो जाती हैं। इसलिए नियमित पलक जरूर झपकानी चाहिए।
आंखों को हाइड्रेट रखने के लिए खाने-पीने का रखें ध्यान