मंगलवार, 3 सितंबर 2024

11 सितंबर को भव्य समारोह का आयोजन होगा

11 सितंबर को भव्य समारोह का आयोजन होगा 

नीशू त्यागी 
लखनऊ। नव अंशिका फाउण्डेशन के पांचवे स्थापना दिवस के अवसर पर आगामी 11 सितंबर को भव्य समारोह का आयोजन लखनऊ में किया जाएगा। समाजसेवी आक्सीजन मैंन राजेश जैसवाल संगीता जैसवाल, दबीर सिद्दीकी, फिल्म निर्देशक आशीष कश्यप, ए आर इंटरटेनमेंट के फाउंडर डारेक्टर अरविंद चित्रांश, डी डी कंपनी के निदेशक देश दीपक कश्यप और नीशू त्यागी, के द्वारा पोस्टर लांच किया गयाI 
फाउण्डेशन की निर्देशिका नीशू त्यागी ने संवाददाताओं को बताया कि इस अवसर पर बिग बॉस और एमटीवी रोडीज के विजेता आशुतोष कौशिक इस समारोह के केन्द्रीय आकर्षण बनेंगे। समारोह में पहली बार “गोल्डन गाला अवार्ड 2024” का वितरण किया जाएगा। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली हस्तियों को अलंकृत किया जाएगा। इसके साथ ही मीडिया के प्रतिष्ठित शख्सियतों को “कलम शक्ति सम्मान” से नवाजा भी जाएगा। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
आक्सीजन मैंन समाजसेवी और फाउंडेशन के संरक्षक राजेश जैसवाल ने बताया कि नव अंशिका फाण्डेशन बीते पांच वर्षों में लखनऊ ही नहीं प्रदेश स्तर पर लगातार सक्रिय है। महिलाओं और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित नव अंशिका फाउण्डेशन हर साल आठ मार्च को ही नहीं बल्कि पूरे मार्च महीने को “महिला माह” के रूप में मनाती हैं। इसमें हर सप्ताह एक आयोजन महिलाओं को समर्पित खास थीम पर आयोजित किया जाता है। इसके साथ ही फाउण्डेशन, “शक्तिस्वरूपा सम्मान” देकर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अमूल्य योगदान देने वाली प्रेरक महिलाओं का अलंकरण भी कर रही है। फाउण्डेशन की ओर से, लखनऊ में आयोजित मिलेट्स महोत्सव से लेकर अयोध्या में हुए रामोत्सव तक में प्रभावी प्रस्तुतियां दी गई वहीं कुंभ और लखनऊ में हुए “भारत अंतरराष्ट्रीय मेगा ट्रेड फेयर” में भी सांस्कृतिक सराहनीय उपस्थिति दर्ज करवायी गई। 
इसके साथ ही फाउण्डेशन ने, भारतीय संस्कृति को प्रोत्साहित करते हुए तीज, होली, दीपावली, नवरात्र और दुर्गोत्सव में भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सफलता पूर्वक आयोजन किया है। इसी क्रम में नव अंशिका फाउंडेशन की ओर से “गुलाल टेसुओं संग राम आएंगे” महोत्सव का आयोजन भी किया जा चुका है। कोरोना की वैश्विक विभीषिका के कठिन दौर में भी फाउंडेशन के कदम थमे नहीं। उस दौरान ऑनलाइन आयोजनों के माध्यम से घर-घर में महिलाओं और युवाओं का न केवल प्रदेश स्तरीय विशेषज्ञों के माध्यम से निशुल्क करियर के प्रति मार्गदर्शन प्रदान किया गया। बल्कि, विभिन्न त्योहारों से भी उन्हें जोड़ा गया। 
रंगकर्म की अलख जगाए रखते हुए “मिसेज आंटी का गड़बड़झाला”, “दी एक्सीडेंटल डेथ ऑफ़ एन अनार्किस्ट", “पार्क” और “लाहौल विला कूवत” जैसे विभिन्न नाटकों का मंचन भी फाउण्डेशन की ओर से समय समय पर करवाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, अभी तो यह महज पड़ाव है, मंजिल नहीं। अभी तो बहुत दूरी तय करनी है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस पहल से लेकर जनजागृति की दिशा में फाउण्डेशन लगातार कार्य करती रहेगी। 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-319, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. बुधवार, सितंबर 04, 2024

3. शक-1945, भाद्रपद, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दूज, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 34 डी.सै., अधिकतम- 39 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

राज्य को पहचान बनाने में पुलिस बल की भूमिका

राज्य को पहचान बनाने में पुलिस बल की भूमिका 

संदीप मिश्र 
मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य को सुशासन के मॉडल के रूप में अपनी अलग पहचान बनाने में पुलिस बल की बड़ी भूमिका है। डॉ.भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी में सोमवार को 74 पुलिस उपाधीक्षकों के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये सीएम योगी ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े सिविल पुलिस बल के तौर पर विख्यात उत्तर प्रदेश पुलिस बल में नवनियुक्त होने वाले उपाधीक्षकों को स्मार्ट पुलिसिंग की ओर बढ़ना होगा। हमें स्मार्ट पुलिसिंग की ओर बढ़ना होगा। जो टेक्नो सेवी व ट्रेंड हो, जो स्ट्रिक्ट हो मगर सेंसिटिव भी, मॉडर्न हो मगर मोबाइल भी, अलर्ट हो मगर अपने काम के प्रति उतना ही अकाउंटेबल भी हो, रिलायबल के साथ रिस्पॉन्सिव भी हो। उन्होंने 18 डिप्टी एसपी के पदों पर प्रदेश की बेटियों की नियुक्ति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये उन्होंने कहा कि सात वर्ष में पुलिस बल में एक लाख साठ हजार कार्मिकों की नियुक्ति के साथ ही पुलिस बल के लिए उपलब्ध संसाधनों में भी अपार वृद्धि हुई है। पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता को भी तीन गुना से अधिक बढ़ाने में सफलता प्राप्त हुई है। साथ ही, सीएम योगी ने सृष्टि अकांक्षा पाण्डेय को आंतरिक प्रशिक्षण, उदित नारायण पालीवाल को बाह्य प्रशिक्षण तथा 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' से प्रखर पाण्डेय को सम्मानित भी किया। 
74 पुलिस उपाधीक्षकों को प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को विधि, मानव विकार, साइबर क्राइम, भाषा समेत तीन नए कानून के विशिष्ट प्रशिक्षण दिया गया है। योगी ने कहा “ हम जानते हैं हमारी वर्दी धारी बलों के बारे में कहा जाता है जितना पसीना बहाओगे उतना ही कम रक्त बहाने की स्थिति आएगी। दुनिया के सबसे बड़े पुलिस बल का आप हिस्सा बनने जा रहे हैं। इसके लिए आप अभिनंदन के पात्र हैं। हमें कानून परिवर्तन के भविष्य के लिए निरंतर और स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है। जांच व दंड के पुराने मानदंडों से बाहर निकलकर आधुनिक फॉरेंसिक तकनीक और साक्ष्य का उपयोग करना न केवल न्याय की दृष्टि से बेहतर है बल्कि इस प्रक्रिया से न्याय में होने वाले अपव्यय की रोकथाम होगी। इसी के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेस की स्थापना भी की गई है।” 
उन्होने कहा “ आप पुलिस बल में एक जिम्मेदार पद पर नियुक्त हो रहे हैं। अपराध नियंत्रण के साथ ही कानून व्यवस्था का पालन कराकर पीड़ित व्यक्ति को न्याय प्रदान करने लिए भी आपकी सक्रिय भूमिका होगी। आपसे हम इस बात की अपेक्षा करते हैं कि आम जनमानस की सुरक्षा समाज में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने व मित्र पुलिस की छवि को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए आप सबको अपना शत प्रतिशत योगदान देना होगा। अपने कर्तव्य पालन के दौरान कठोरता के साथ विनम्रता के अद्भुत समन्व्य को बनाए रखना होगा। कर्तव्यपरायणता, अनुशासन और सत्यनिष्ठा का उदाहरण आप सभी स्थापित करेंगे। ” सीएम योगी ने कहा कि पुलिस सेवा में चुनौतियां कभी खत्म नहीं होती हैं। पुलिस बल को हमेशा मुकाबले में डटकर खड़े रहना और कर्तव्य की वेदी पर स्वयं को अर्पण करना ही होता है। समाज के आम जनमानस में पुलिस की यूनीफॉर्म को देखकर सुरक्षा और विश्वास का भाव जाग्रत होना चाहिए। आपको उनके विश्वास को सही साबित करना है। उन्हें सुरक्षा प्रदान करना है। आपकी दक्षता और कर्तव्यपरायणता ही किसी पीड़ित की पीड़ा को कम कर सकती है, उसके चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। एक संवेदनशील पुलिस अधिकारी के लिए शीर्ष आयामों की कोई कमी नहीं है। वे चाहें तो अपने आचरण से जनमानस की कसौटियों पर खरा उतरते हुए अपनी कर्तव्यनिष्ठा का ईमानदारी से पालन कर सकते हैं। उन्होने कहा कि किसी भी प्रदेश में सुशासन की नींव, अपराधों की रोकथाम और कानून व्यवस्था की स्थापना से मजबूत होती है। यह तभी मजबूत हो सकता है, जब प्रदेश में उत्तरदायी पुलिसिंग व्यवस्था और व्यवसायिक रूप से दक्ष संवेदनशील पुलिस बल हो। सुदृढ़ कानून व्यवस्था हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए हमारे सरकार की अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति प्रभावी है। पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करने करने के लिए हमारी सरकार ने अनेक रिफॉर्म किए हैं, पुलिस का आधुनीकिकरण किया है। पिछले सात वर्ष में पुलिस बल में नई भर्तियों को लेकर संसाधनों की उपलब्धता में अपार वृद्धि हुई है। पुलिस बल को सुदृढ़ करने के लिए एक लाख साठ हजार कार्मिकों की भर्ती की गई है। अभी हाल ही में आपने देखा होगा कि उत्तर प्रदेश में साठ हजार दो सौ से अधिक पदों पर चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए लिखित परीक्षा सफलतापूर्वक करायी गई है। पिछले 7 वर्षों के दौरान पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता को भी तीन गुना से अधिक बढ़ाने में सफलता प्राप्त हुई है। मिशन शक्ति के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण के लिए लखनऊ, गोरखपुर व बदायूं में महिला पीएसी बटालियन की स्थापना का कार्य तेजी के साथ आगे बढ़ा है। योगी ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा किए गए रिफॉर्म्स और आधुनिकीकरण के अभियान का हिस्सा है। पिछले साढ़े सात वर्ष में उत्तर प्रदेश के अंदर कोई दंगा नहीं हुआ, पर्व और त्योहार शांतिपूर्वक आयोजित हो रहे हैं। कहीं भी कोई अराजकता और गुंडागर्दी की कोई गुंजाइश नहीं है, बल्कि आज उत्तर प्रदेश सुशासन के मॉडल के रूप में अपनी पहचान बना रहा है, तो इसमें एक बड़ी भूमिका उत्तर प्रदेश पुलिस बल की है। आज रूल ऑफ लॉ को लागू कराने के माध्यम से उत्तर प्रदेश ने अपने परसेप्शन को बदला है। स्वभाविक रूप से प्रदेश में हमने जो एक बेंचमार्क रखा था कि हर हाल में लगभग 20 फीसदी महिला कार्मिक हो। ऐसे में, मुझे प्रसन्नता है कि उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन से सिलेक्शन प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसमें 18 डिप्टी एसपी प्रदेश की बेटियां बनी हैं। मैं विशेष रूप से उन्हें और उनके अभिभावकों का अभिनंदन करता हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि दक्ष, न्यायप्रीय, पारदर्शी, जवाबदेह, जनसेवा के प्रति निष्ठावान, संवेदनशील पुलिस बल की स्थापना के लिए आपका प्रशिक्षण अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। डॉ.भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी, मुरादाबाद में दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान के साथ हुआ जिसके बाद सीएम योगी ने परेड की सलामी ली। उनकी उपस्थिति में दीक्षांत समारोह में नवनियुक्त पुलिस उपाधीक्षकों ने शपथ ली। विश्व के सबसे बड़े पुलिस बल के तौर पर कार्यरत उत्तर प्रदेश पुलिस के नवनियुक्त उपाधीक्षकों ने परेड में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस बैंड द्वारा 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा' जैसे राष्ट्रभक्ति गीत समेत परेड धुनों का वादन किया गया। परेड का नेतृत्व उदित नारायण पालीवाल ने किया। वहीं, परेड में नवनियुक्त उपाधीक्षकों की विभिन्न टोलियों ने हिस्सा लेकर अपने कौशल का प्रदर्शन किया। इनका नेतृत्व आयुषी सिंह, प्रखर पाण्डेय, रोहन चौरसिया व अन्य ने किया। आंतरिक कक्षीय प्रशिक्षण में सर्वोच्च प्रदर्शन करने वाली सृष्टि अकांक्षा पाण्डेय, बाह्य कक्षीय प्रशिक्षण में उदित नारायण पालीवाल तथा अंतर कक्षीय व बाह्य कक्षीय विषयों को सम्मिलित कर अकादमी का सर्वश्रेष्ठ अवॉर्ड स्वॉर्ड ऑफ ऑनर जीतने वाले प्रखर पाण्डेय को योगी ने सम्मानित किया। 
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव (गृह) दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार, महानिदेशक (प्रशिक्षण) तिलोत्तमा वर्मा, अपर महानिदेशक राजीव सभरवाल समेत अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, चयनित उपाधीक्षक व उनके के परिजनों समेत अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

सोमवार, 2 सितंबर 2024

डीएम की अध्यक्षता में समितियों की बैठक संपन्न

डीएम की अध्यक्षता में समितियों की बैठक संपन्न 

गणेश साहू 
कौशाम्बी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी की अध्यक्षता में उदयन सभागार में जिला पर्यावरणीय समिति, वृक्षारोपण समिति, जिला गंगा समिति एवं वन बंदोबस्त समिति की बैठक सम्पन्न हुई।
जिलाधिकारी ने कहा कि गंगा जमुना के किनारे जैविक खेती को बढावा देने के लिए किसानों को जागरूक किया जाए। गंगा/जमुना नदियों में नालों का पानी न गिरने पाएं। जहां कही भी गांव क्षेत्रों में नालियों की निकासी नदियां के तरफ हो उन्हें रोका जाएं। ग्रामवासियो को जागरूक भी किया जाएं। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के किनारे जैविक खेती कर रहें कृषकों/संस्थाओं एवं नमामि गंगे के अन्तर्गत किये जा रहें कार्यों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो भी योजनाएं शासन द्वारा चल रही है। उनका सबसे पहला लाभ नदी के किनारे स्थित ग्रामों को मिले।
जिलाधिकारी ने बैठक में गंगा/जमुना के किनारे स्थित ग्रामों में स्वच्छता एवं शौचालयों की स्थिति भी जानी। जिलाधिकारी ने पौधारोपण स्थलों कि जियो टैगिंग की प्रगति रिपोर्ट जानी व अधिकारियों को निर्देशित किया कि जो वृक्षारोपण अभियान के तहत जो पौधे रोपित किए गए है। उनका सौ प्रतिशत जियो टैगिंग किया जाएं। इसके साथ ही उन्होंने उ.प्र. प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के उपस्थित अधिकारी को मा. राष्ट्रीय हरित अधिकरण, नई दिल्ली द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में उ.प्र. प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड से सहमति प्राप्त किये बिना संचालित ईंट-भट्ठों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी रामसिंह यादव सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहें।

26 डॉक्टरों को बर्खास्त करने का निर्देश: पाठक

26 डॉक्टरों को बर्खास्त करने का निर्देश: पाठक 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। यूपी में लापरवाही करने और ड्यूटी से लगातार गैर हाजिर रहने वाले 26 डॉक्टरों पर गाज गिरी है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इन सभी को बर्खास्त करने का निर्देश दिया है।
ड्यूटी के प्रति लापरवाह रहने और गैर हाजिर होने के कारण स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को इन सभी डॉक्टरों को बर्खास्त करने का निर्देश दिया है। वहीं, तीन चिकित्सकों की दो साल के लिए दो-दो वेतन वृद्धियां रोकीं गई गई हैं और एक को परनिंदा प्रविष्टि दी गई है।
जिन डॉक्टरों पर गाज गिरी है।  उनमें जालौन, बरेली, मैनपुरी, सिद्धार्थनगर, ललितपुर और बलिया के चिकित्सक शामिल हैं। इस सूची में बस्ती, रायबरेली, मथुरा, फिरोजाबाद, बहराइच, सहारनपुर और शाहजहांपुर के भी डॉक्टर शामिल हैं।

सीएम ने अधिकारियों के साथ आपात बैठक की

सीएम ने अधिकारियों के साथ आपात बैठक की 

संदीप मिश्र 
लखनऊ/बहराइच। यूपी के बहराइच जिले में भेड़िए के आतंक को देखते हुए सीएम योगी प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। बैठक के बाद पूरा प्रशासन हरकत में आ गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में हाल के दिनों में घटित मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में उन्होंने विभागीय मंत्री और संबंधित विभाग के अधिकारियों को मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को रोकने, उनकी मॉनीटरिंग करने एवं घटनाओं के बढ़ने के कारणों पर मंथन करने के निर्देश दिये ताकि इन पर अंकुश लगाया जा सके। सीएम योगी के निर्देश के बाद मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को लेकर कई जिलाधिकारी सक्रिय हो गये और आनन-फानन में टीम बनाकर कॉम्बिंग एवं गांव-गांव में जाकर जन जागरुकता फैलाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के विभिन्न जिलों से आदमखोर भेड़िये या तेंदुए द्वारा हमले की सूचना आ रही है। उन्होंने इन घटनाओं को नियंत्रित करने, वन्यजीव को पकड़ने एवं आवश्यकतानुसार आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित जिलों में प्रशासन, पुलिस, वन विभाग, स्थानीय पंचायत, राजस्व विभाग द्वारा व्यापक जन जागरूकता पैदा करने एवं लोगों को सुरक्षा के उपायों के बारे में भी बताने के आदेश दिए। बैठक के बाद वन मंत्री और संबंधित अधिकारी हरकत में आ गए।
वन मंत्री ने बहराइच, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, बिजनौर सहित अन्य जिलों में तत्काल वन विभाग के अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती के निर्देश दिये। साथ ही ज्वाइंट पेट्रोलिंग बढ़ाने का आदेश दिया। इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों में कैंप करने, जनप्रतिनिधियों से सहयोग लेने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लाइट की समस्या हो, वहां पेट्रोमैक्स की व्यवस्था करने का आदेश दिया। बता दें कि उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जिसने मानव-वन्यजीव संघर्ष को आपदा घोषित किया है। इसके जरिये वन्य जीवों के हमले में घायल लोगों अथवा असमय काल-कवलित हुए लोगों के परिवारीजनों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
मानव-वन्यजीव संघर्ष से प्रभावित बहराइच जिलाधिकारी मोनिका रानी, सीतापुर जिलाधिकारी अभिषेक आनंद और लखीमपुर खीरी जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने अपने-अपने जिले में पुलिस, वन विभाग, स्थानीय पंचायत और राजस्व विभाग को अावश्यक दिशा निर्देश जारी किये। इसमें रेंज स्तर पर वन क्षेत्रों में गश्त के साथ जंगल से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में गश्त के लिए कार्य योजना के अनुसार वन कर्मियों की टीम रोजाना गश्त करें, इसकी सूचना रजिस्टर पर अंकित करें। आरक्षित वन क्षेत्रों से लगे ग्रामों में मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए बैठकों का आयोजन किया जाए एवं वन्य जीवों से सावधानी बरतने के लिए ग्रामीणों को सजग किया जाए। ग्रामीणों को यह समझाया जाए कि वह अपने खेतों में कृषि कार्य के लिए समूहों में आवाज करते हुए जाएं, जिससे वन्य जीव रास्ते से हट जाएं।
संवेदनशील क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। सार्वजनिक स्थलों पर (मन्दिर, गुरूद्वारा, मस्जिद, स्कूल, स्थानीय बाजार, गन्ना क्रय केन्द्र, खण्ड विकास कार्यालय, तहसील) वन्यजीवों से सावधानी रखने से संबंधित होर्डिंग्स लगवाए जाएं। वन्यजीव प्रभावित क्षेत्रों में रास्ते के किनारे एवं सार्वजनिक स्थलों पर प्रचार-प्रसार के लिए पोस्टर चिपकाए जाएं। साथ ही ग्रामीणों में सतर्कता के लिए पम्पलेट्स बंटवाये जाएं। संयोगवश यदि किसी क्षेत्र में मानव वन्य जीव संघर्ष की कोई घटना घटित होती है, तो तत्काल स्थानीय स्टाफ एवं रेंज स्टाफ द्वारा रेस्क्यू करने के साथ उच्चाधिकारियों को सूचित किया जाए। वन्यजीव प्रभावित क्षेत्रों में गश्त के दौरान रेंज स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग किया जाए। इसके अलावा स्थानीय स्वयं सहायता समूह, बुद्धिजीवी संवर्ग, ग्राम प्रधान एवं वन्य जीव पशुओं के प्रति संवेदनशील व्यक्तियों से सहयोग लिया जाए। आरक्षित वन क्षेत्र से लगी ग्रामीण सीमाओं एवं पगडंडियों पर स्थानीय स्टाफ द्वारा गश्त एवं एंटी स्नेयर बाक लगातार की जाए। जंगल सीमा से लगे गांवों के ग्राम प्रधानों से स्थानीय वन कर्मियों द्वारा आपस में मोबाइल द्वारा संपर्क रखा जाए।

अब्दुल की अर्जी पर सुनवाई करेंगी खंडपीठ

अब्दुल की अर्जी पर सुनवाई करेंगी खंडपीठ 

पंकज कपूर 
नैनीताल। उत्तराखंड के हल्द्वानी दंगा के प्रमुख आरोपी अब्दुल मलिक की जमानत अर्जी पर सुनवाई उच्च न्यायालय की खंडपीठ (डबल बेंच) करेगी। एकलपीठ ने सोमवार को जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। आरोपी अब्दुल मलिक की ओर से सत्र न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की गयी है। न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की एकलपीठ में इस मामले में सुनवाई हुई। 
आरोपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एवं कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की ओर से पैरवी की गई। लेकिन, जमानत पर सुनवाई से पहले सहायक सरकारी (एजीए) अधिवक्ता मनीषा सिंह राना की ओर से अपील की पोषणीयता (मेंटेनेबिलिटी) पर सवाल उठाया दिया गया। उन्होंने कहा कि गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) जैसे गंभीर मामलों में राष्ट्रीय जांच अधिनियम (एनआईए एक्ट) के तहत शेषन कोर्ट को विशेष कोर्ट की शक्तियां प्राप्त हैं और शेषन कोर्ट के आदेश को उच्च न्यायालय की एकल पीठ के बजाय खंडपीठ में चुनौती दी जा सकती है। इसके उलट आरोपी की ओर से कहा गया कि एनआईए एक्ट के तहत यूएपीए जैसे मामलों के लिये स्पेशल कोर्ट का प्रावधान है और शेषन कोर्ट स्पेशल कोर्ट नहीं है। इसलिए एकलपीठ अपील पर सुनवाई कर सकती है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 30 अगस्त को निर्णय सुरक्षित रख लिया था। आज अदालत ने निर्णय जारी करते हुए कहा कि सत्र न्यायालय को विशेष अदालत का अधिकार प्राप्त है और उसके आदेश को डबलबेंच में ही चुनौती दी जा सकती है। अदालत के आदेश से साफ है कि अब आरोपी की अपील पर सुनवाई हाईकोर्ट की डबलबेंच करेगी। जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत के समक्ष एक कानूनी प्रश्न खड़ा किया गया कि दंगा के आरोपी पर प्रदेश पुलिस ने यूएपीए जैसी गंभीर धारायें आरोपित की हैं। निचली अदालत (शेषन कोर्ट) आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर चुकी है। ऐसे में आरोपी के जमानत प्रार्थना पत्र पर हाईकोर्ट की एकलपीठ को सुनवाई का अधिकार नहीं है। जमानत प्रार्थना पत्र पर युगलपीठ (डबलबेंच) ही सुनवाई कर सकती है। आरोपी की ओर से उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की ओर से दलील दी गयी कि एनआईए एक्ट के अनुसार ऐसे मामलों की सुनवाई के लिये सरकार की ओर से विशेष अदालतों (स्पेशल कोर्ट) के गठन का प्रावधान है। प्रदेश में विशेष अदालत का गठन नहीं है। इस मामले की जांच प्रदेश की पुलिस कर रही है। इसलिये शेषन कोर्ट के निर्णय के खिलाफ एकलपीठ में जमानत अर्जी लगायी जानी उचित है। अदालत को मामले के वरियता के आधार पर जमानत अर्जी पर सुनवाई करनी चाहिए। वहीं सरकारी अधिवक्ता मनीषा राणा सिंह की ओर से जोरदार पैरवी करते हुए कहा गया कि एनआईए एक्ट में प्रावधान है कि यदि प्रदेश में स्पेशल कोर्ट का प्रावधान नहीं है तो शेषन कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगी। यह भी कहा गया कि शेषन कोर्ट ने एनआईए एक्ट के तहत ही आरोपी की जमानत अर्जी खारिज की है। अदालत ने लंबी चली बहस के बाद इस मामले में निर्णय सुरक्षित रख लिया है कि जमानत अर्जी पर सुनवाई हाईकोर्ट की एकलपीठ करेगी या युगलपीठ। यह तय होने के बाद ही आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई हो सकेगी। 
यहां बता दें कि इसी साल 08 फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण हटाने के दौरान दंगा भड़क गया था। एक समुदाय विशेष के लोगों ने आगजनी, तोड़फोड़ और हथियारों से हमला कर दिया था। पुलिस के अनुसार इस दौरान पांच लोगों की मौत हो गयी थी। 
इस मामले में पुलिस ने लगभग 100 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस की ओर से आरोपियों पर यूएपीए और अन्य गंभीर धाराएं आरोपित की गई थीं।

कौशाम्बी: 'पीएम' नेहरू की जयंती मनाई गई

कौशाम्बी: 'पीएम' नेहरू की जयंती मनाई गई  गणेश साहू  कौशाम्बी। जिला कांग्रेस कार्यालय में कौशाम्बी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गौरव पाण्डे...