सोमवार, 2 सितंबर 2024

अब्दुल की अर्जी पर सुनवाई करेंगी खंडपीठ

अब्दुल की अर्जी पर सुनवाई करेंगी खंडपीठ 

पंकज कपूर 
नैनीताल। उत्तराखंड के हल्द्वानी दंगा के प्रमुख आरोपी अब्दुल मलिक की जमानत अर्जी पर सुनवाई उच्च न्यायालय की खंडपीठ (डबल बेंच) करेगी। एकलपीठ ने सोमवार को जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। आरोपी अब्दुल मलिक की ओर से सत्र न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की गयी है। न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की एकलपीठ में इस मामले में सुनवाई हुई। 
आरोपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एवं कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की ओर से पैरवी की गई। लेकिन, जमानत पर सुनवाई से पहले सहायक सरकारी (एजीए) अधिवक्ता मनीषा सिंह राना की ओर से अपील की पोषणीयता (मेंटेनेबिलिटी) पर सवाल उठाया दिया गया। उन्होंने कहा कि गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) जैसे गंभीर मामलों में राष्ट्रीय जांच अधिनियम (एनआईए एक्ट) के तहत शेषन कोर्ट को विशेष कोर्ट की शक्तियां प्राप्त हैं और शेषन कोर्ट के आदेश को उच्च न्यायालय की एकल पीठ के बजाय खंडपीठ में चुनौती दी जा सकती है। इसके उलट आरोपी की ओर से कहा गया कि एनआईए एक्ट के तहत यूएपीए जैसे मामलों के लिये स्पेशल कोर्ट का प्रावधान है और शेषन कोर्ट स्पेशल कोर्ट नहीं है। इसलिए एकलपीठ अपील पर सुनवाई कर सकती है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 30 अगस्त को निर्णय सुरक्षित रख लिया था। आज अदालत ने निर्णय जारी करते हुए कहा कि सत्र न्यायालय को विशेष अदालत का अधिकार प्राप्त है और उसके आदेश को डबलबेंच में ही चुनौती दी जा सकती है। अदालत के आदेश से साफ है कि अब आरोपी की अपील पर सुनवाई हाईकोर्ट की डबलबेंच करेगी। जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत के समक्ष एक कानूनी प्रश्न खड़ा किया गया कि दंगा के आरोपी पर प्रदेश पुलिस ने यूएपीए जैसी गंभीर धारायें आरोपित की हैं। निचली अदालत (शेषन कोर्ट) आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर चुकी है। ऐसे में आरोपी के जमानत प्रार्थना पत्र पर हाईकोर्ट की एकलपीठ को सुनवाई का अधिकार नहीं है। जमानत प्रार्थना पत्र पर युगलपीठ (डबलबेंच) ही सुनवाई कर सकती है। आरोपी की ओर से उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की ओर से दलील दी गयी कि एनआईए एक्ट के अनुसार ऐसे मामलों की सुनवाई के लिये सरकार की ओर से विशेष अदालतों (स्पेशल कोर्ट) के गठन का प्रावधान है। प्रदेश में विशेष अदालत का गठन नहीं है। इस मामले की जांच प्रदेश की पुलिस कर रही है। इसलिये शेषन कोर्ट के निर्णय के खिलाफ एकलपीठ में जमानत अर्जी लगायी जानी उचित है। अदालत को मामले के वरियता के आधार पर जमानत अर्जी पर सुनवाई करनी चाहिए। वहीं सरकारी अधिवक्ता मनीषा राणा सिंह की ओर से जोरदार पैरवी करते हुए कहा गया कि एनआईए एक्ट में प्रावधान है कि यदि प्रदेश में स्पेशल कोर्ट का प्रावधान नहीं है तो शेषन कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगी। यह भी कहा गया कि शेषन कोर्ट ने एनआईए एक्ट के तहत ही आरोपी की जमानत अर्जी खारिज की है। अदालत ने लंबी चली बहस के बाद इस मामले में निर्णय सुरक्षित रख लिया है कि जमानत अर्जी पर सुनवाई हाईकोर्ट की एकलपीठ करेगी या युगलपीठ। यह तय होने के बाद ही आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई हो सकेगी। 
यहां बता दें कि इसी साल 08 फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण हटाने के दौरान दंगा भड़क गया था। एक समुदाय विशेष के लोगों ने आगजनी, तोड़फोड़ और हथियारों से हमला कर दिया था। पुलिस के अनुसार इस दौरान पांच लोगों की मौत हो गयी थी। 
इस मामले में पुलिस ने लगभग 100 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस की ओर से आरोपियों पर यूएपीए और अन्य गंभीर धाराएं आरोपित की गई थीं।

पीडीए अभ्यर्थियों को हक नहीं दे रहीं सरकार

पीडीए अभ्यर्थियों को हक नहीं दे रहीं सरकार 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 69000 शिक्षक भर्ती के पीडीए अभ्यर्थियों को उनका हक या अधिकार नहीं दे रहीं है। अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि भाजपा की नीति पीडीए विरोधी है। भाजपा पिछड़ों, दलितों के आरक्षण के साथ लूट कर रही है। सरकार नौजवानों, किसानों, कर्मचारियों का शोषण कर रही है। 
उच्च न्यायालय के फैसले के बाद शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों को लेकर भाजपा की नीयत साफ नहीं है। अपने हक और आरक्षण को बचाने के लिए शिक्षक अभ्यर्थी लम्बे समय से लगातार संघर्ष कर रहे है। उन्होने कहा कि कई वर्षों की लम्बी लड़ाई के बाद शिक्षक अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से न्याय मिला लेकिन सरकार उनका हक नहीं देना चाहती है। भाजपा सरकार मामले को उलझाये रखना चाहती है। मुख्यमंत्री और सरकार के अन्य लोग शिक्षक अभ्यर्थियों की झूठी दिलासा दे रहे हैं। हाईकोर्ट के निर्णय पर अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला लेने के बजाय वे उसे लटकाये रखना चाहते है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार लगातार असंवैधानिक कार्य कर रही है। भाजपा सरकार संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है। इसका रवैया तानाशाही पूर्ण है। यह सरकार नौजवानों को अपमानित कर रही है। मामला 69000 शिक्षक अभ्यर्थियों का हो, शिक्षामित्रों या अन्य कर्मचारी व नौजवानों का हो, भाजपा सरकार ने सभी के साथ अन्याय किया है। अपने हक के लिए लोकतांत्रिक ढंग से मांग करने वालों पर सरकार पुलिस से लाठियां बरसाती है। 
69 हजार पदों पर आरक्षण की मांग कर रहे अभ्यर्थियों और शिक्षामित्रों को न जाने कितनी बार लाठियों से पीटा गया है। हिरासत में लिया गया और अपमानित किया गया, लेकिन उनकी मांगे नहीं मानी गई। उन्होने कहा कि सरकार के खिलाफ जनता का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। आने वाले विधानसभा उपचुनाव और 2027 के आम विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा को सत्ता से हटाकर उसके अहंकार को तोड़ देगी।

कैबिनेट मंत्री ने समाधान दिवस का आयोजन किया

कैबिनेट मंत्री ने समाधान दिवस का आयोजन किया 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। जिले में पुरकाजी विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोकदल के विधायक और उत्तर प्रदेश की सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने अपने विधानसभा क्षेत्र में समाधान दिवस का आयोजन किया। इस समाधान दिवस में काफी भीड़ देखने को मिली। जिसमें विभिन्न समस्याओं को लेकर फरियादी कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार से मिले और अपनी समस्या से अवगत कराया।
वहीं, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कैबिनेट मंत्री के इस समाधान दिवस कार्यक्रम में संबंधित पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। इस दौरान जो भी फरियादी अपनी समस्या लेकर कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार के दरबार पहुंचा तो लोकल की समस्या का मौके पर ही निस्तारण किया गया। बाकी प्रार्थना पत्र को संबंधित अधिकारियों को निस्तारण के लिए भेजे गए हैं।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र के बहुत लोग ऐसे होते हैं जो मंत्री या विधायक तक किसी कारण से नहीं पहुंच पाते, इसलिए उन लोगों के लिए समाधान दिवस का आयोजन किया गया। आपको बता दें कि कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने पहले ही घोषणा की थी, कि वह हर माह के आखिरी शुक्रवार को अपने विधानसभा पुरकाजी क्षेत्र के बदला स्थित डाक बंगले पर मौजूद रहकर विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को सुनेंगे और उनका निस्तारण भी कराएंगे

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-318, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. मंगलवार, सितंबर 03, 2024

3. शक-1945, भाद्रपद, शुक्ल-पक्ष, तिथि-प्रतिपदा, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 36 डी.सै., अधिकतम- 41 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय  (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

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रविवार, 1 सितंबर 2024

डीएम को विभाग की कुछ खबर लेनी चाहिए

डीएम को विभाग की कुछ खबर लेनी चाहिए 

धर्मवीर उपाध्याय 
गाजियाबाद। जनपद में हिन्दुस्तान, भारत और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के मध्यम से स्थान-स्थान पर गैस एजेंसी का लाइसेंस जरी किया गया है। एजेंसी के द्वारा उपभोक्ता को घरेलू गैस सिलेंडर की आपूर्ति की जाती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। परंतु, धांधली और अनियमितता की शुरुआत यहीं से शुरू हो जाती है।  
प्राप्त जानकारी के अनुसार, एजेंसी के द्वारा उपभोक्ताओं का वर्गीकरण कर लिया जाता है। आपूर्ति के लिए उपभोक्ताओं की एक निर्धारित संख्या के लिए एक आपूर्ति कर्ता नियुक्त किया जाता है। एजेंसी के द्वारा मात्र एक नियुक्ति की जाती है। खास बात यह है कि आपूर्ति कर्ता अनाधिकृत सहायकओं की सहायता से घर-घर आपूर्ति करने का कार्य करता है। एक ऐसे संदिग्ध व्यक्ति के द्वारा आपूर्ति की जाती है। जिसका कॉरपोरेशन, एजेंसी से कोई वास्ता नहीं है और किसी भी उपभोक्ता से कोई संबंध नहीं है। यहीं से शुरू हो जाता है चोरी का असली खेल। 
अधिकृत आपूर्ति कर्ता और अनधिकृत सहायक मिलकर गैस की चोरी का काम शुरू कर देते हैं। सहायकों की कोई जवाबदेही नहीं होती है। जिसका सीधा-सीधा लाभ आपूर्ति कर्ता को प्राप्त होता है। उपभोक्ताओं की आपूर्ति में घटतौली की जाती है। इस प्रकरण में आपूर्ति कर्ता ही अंतिम कड़ी नहीं है। कुछ एजेंसी लाइसेंस धारक भी उपभोक्ताओं को लूटने में भरपूर सहयोग करते हैं और मोटा मुनाफा पाते हैं। इसके पीछे मुख्य करण यह है कि संबंधित विभाग और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की सांठ-गांठ अथवा कर गुजारी से इंकार नहीं किया जा सकता है। उपभोक्ता प्रतिदिन धांधली का शिकार होता है। प्रतिदिन लोग शिकायतें भी करते रहते हैं। लेकिन, कोई आपूर्ति कर्ता और एजेंसी लाइसेंस धारक विधि अनुरूप दंडित नहीं किया जाता है। जिला अधिकारी को जनहित में खाध आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की कुछ तो खबर लेनी चाहिए ?

न्यायपालिका के सम्मेलन को संबोधित किया

न्यायपालिका के सम्मेलन को संबोधित किया 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि महाभारत में उच्चतम न्यायालय के ध्येय वाक्य, ‘यतो धर्मः ततो जयः’ का उल्लेख कई बार हुआ है। जिसका भावार्थ है कि ‘जहां धर्म है, वहां विजय है’।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘न्याय और अन्याय का निर्णय करने वाला धर्म शास्त्र है। मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका में लोगों का विश्वास सुनिश्चित करने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया है। न्याय की तरफ आस्था और श्रद्धा का भाव हमारी परंपरा का हिस्सा रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘इस देश में हर न्यायाधीश और न्यायिक अधिकारी पर सत्य और धर्म, न्याय की प्रतिष्ठा करने का नैतिक दायित्व है। यह दायित्व न्यायपालिका का दीर्घ स्तंभ है। हमारे पास लंबित मामले हैं। जिन्हें इन सम्मेलनों, लोक अदालतों आदि के माध्यम से निपटाया जा सकता है।’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘लंबित मामले और बैकलॉग न्यायपालिका के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए और समाधान ढूंढ़ा जाना चाहिए। इस पर चर्चा की गई है और मुझे यकीन है कि इसका परिणाम सामने आएगा।’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘रेप के मामलों में इतने वक्त में फैसला आता है। देरी के कारण लोगों को लगता है कि संवेदना कम है। भगवान के आगे देर है अंधेर नहीं। देर कितने दिन तक, 12 साल, 20 साल ? न्याय मिलने तक जिंदगी खत्म हो जाएगी। मुस्कुराहट खत्म हो जाएगी। इस बारे में गहराई से सोचना चाहिए।’

यूपी: किसानों को फंड देगी 'बीजेपी' सरकार

यूपी: किसानों को फंड देगी 'बीजेपी' सरकार 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। उत्तर-प्रदेश के किसानों के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से बड़ी खुशखबरी हाथ लगी है। अब प्रदेश में बड़े पैमाने पर मखाना की खेती की जाएगी। इसके लिए यूपी की डबल इंजन वाली बीजेपी सरकार किसानों को फंड देगी। दरअसल, यूपी सरकार कृषि को बढ़ावा देने और किसानों को सशक्त बनाने के लिए बड़े कदम उठा रही है। इसी सिलसिले में यूपी में बड़े पैमाने पर मखाना की खेती करने की योजना बनाई गई है। जिसमें राज्य, केंद्र सरकार मिलकर फंड देंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। जिसके बाद किसानों का खेती की ओर रुझान तेजी से बढ़ा है।

पीएम मोदी ने रखा यह लक्ष्य

बता दें कि, किसानों की आय बढ़ाने के लिए पीएम मोदी कई ऐसी योजनाएं ला रहे हैं। जिसका सीधा फायदा किसानों को होगा। इसी सिलसिले में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर मखाना की खेती की जाएगी। इसकी शुरुआत एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत की जाएगी। वहीं इस पूरी योजना के बारे में किसान पवन सिंह ने बताया कि उद्यान विभाग पहले फलों के पौधों पर काम करता था। लेकिन अब जलीय पौधों पर काम करना शुरू कर दिया है। इसके तहत मखाना और सिंघाड़ा को बढ़ावा दिया जा रहा है। देश का 80 से 90 प्रतिशत मखाना बिहार में उगाया जाता है। हमें मखाना की खेती का प्रशिक्षण देने के लिए दरभंगा और उसके आसपास के इलाकों में भेजा जाएगा। वहां किसानों को मखाना उत्पादन और उससे जुड़ी सावधानियों के बारे में सिखाया जाएगा। 

इस फसल की खेती से किसान होंगे मलामाल

दरअसल, मखाना की खेती के लिए वाराणसी के आठ विधानसभा क्षेत्रों से 25 किसानों का चयन किया गया है। जिनका प्रशिक्षण दरभंगा स्थित मखाना संस्थान में होगा। वहीं, वाराणसी के कई तालाबों को मखाना की खेती के लिए चिन्हित किया गया है और तालाब से जुड़े किसानों की पहचान की गई है। उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। बता दें कि, इस योजना के तहत 25 किसान 10 हेक्टेयर क्षेत्र से खेती शुरू करेंगे। जिसकी लागत 80 हजार प्रति हेक्टेयर है, जिसमें 50 फीसदी राशि उद्यान विभाग किसानों को देगा। मखाना की खेती के लिए केंद्र और राज्य से फंडिंग आ रही है।

सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी

सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी  संदीप मिश्र  लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भी 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी के टैक्स फ्री ...