शनिवार, 24 अगस्त 2024

राष्ट्रीय सुरक्षा, कई सवाल पैदा कर रहा 'गठबंधन'

राष्ट्रीय सुरक्षा, कई सवाल पैदा कर रहा 'गठबंधन' 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कई सवाल पैदा कर रहा है। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नफरत की फसल काटने वाली कांग्रेस व नेकां की सियासी जमीन सदा के लिए बंजर हो गई है। आतंकवाद और अलगाववाद का मुद्दा वहां चिनाब की जलधारा में सदा के लिए विलीन हो चुका है। उन्होने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए का कलंक मिटाने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की थी। अब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तिथियां घोषित हो चुकी हैं। यह चुनाव न केवल वहां के लोगों, बल्कि लोकतंत्र में आस्था रखने वाले हर भारतीय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। दुनिया भर की निगाह इस ओर लगी हुई है। ऐसे महत्वपूर्ण चुनाव में इंडी गठबंधन का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस ने अब्दुल्ला एंड संस फैमिली प्राइवेट लिमिटेड की नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करके फिर से राष्ट्रविरोधी मंसूबों को देश के सामने रख दिया है। 
उन्होने कहा कि हाल ही में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपना घोषणापत्र जारी किया है। इसमें अनेक ऐसे बिंदु हैं, जो भारत की एकता-अखंडता व राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति आशंकित करती है। कांग्रेस व नेकां का गठबंधन राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अनेक बड़े सवाल खड़ा करता है और भारतीय संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा व निष्ठा रखने वाले हर व्यक्ति को चिंतित भी करता है। 
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा “ कांग्रेस नेता से पूछना चाहता हूं कि क्या उनकी पार्टी 'नेशनल कांफ्रेंस' के जम्मू-कश्मीर में फिर से 'अलग झंडे' के वादे का समर्थन करती है ? क्या राहुल गांधी व कांग्रेस अनुच्छेद 370 और आर्टिकल - 35ए को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के नेशनल कॉन्फ्रेंस की घोषणा का समर्थन करती है ? क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके अलगाववादी ताकतों का फिर से समर्थन करती है ? क्या कांग्रेस और राहुल गांधी पाकिस्तान के साथ एलओसी ट्रेड शुरू करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय और फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद व उसके इकोसिस्टम को पोषण करने का समर्थन करती है ?” 
योगी ने पूछा कि क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल उपद्रवियों के परिजनों को सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है। उन्होने आरोप लगाया कि इस गठबंधन से कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा देश के सामने आया है। क्या कांग्रेस दलितों, गुर्जरों, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ अन्याय करने के नेकां के वादे का समर्थन करती है। क्या कांग्रेस चाहती है कि 'शंकराचार्य पर्वत' 'तख़्त-ए- सुलिमान' और 'हरि पर्वत' 'कोह-ए-मारन' के नाम से जाने जाएं। उन्होने कहा कि क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंककर पाकिस्तान समर्थित गिने-चुने परिवारों के हाथों में सौंपने का समर्थन करती है। क्या कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है। क्या कांग्रेस और राहुल गांधी कश्मीर को ऑटोनॉमी देने की नेकां की विभाजनकारी सोच और नीतियों का समर्थन करते हैं। योगी ने कहा कि आजादी के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों के कथित स्वयंभू भाग्यविधाता बन बैठे नेताओं ने नौजवानों को गुमराह कर अलगाववादी साजिश का मोहरा बनाया था। इन लोगों ने उनके हाथों में पत्थर और एके-47 पकड़ाई थी। पीएम मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर के नौजवानों के हाथों में टैबलेट और स्किल डेवलपमेंट से जोड़कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। नौजवानों को गुमराह करने वालों के लिए अब जम्मू-कश्मीर में जगह नहीं है। श्रद्धेय भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने जम्मू-कश्मीर के लिए इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत का जो सपना देखा था, उन मूल्यों और सिद्धांतों से निकले सपने को पीएम मोदी ने साकार कर दिखाया है। उन्होने कहा कि जम्मू कश्मीर को जागीर समझने वाले पाकिस्तान परस्त ठेकेदार व कथित लीडरशिप ने कभी सोचा नहीं कि नफरत की फसल काटने वाली उनकी सियासी जमीन सदा के लिए बंजर हो चुकी है। कोई ऐसी सरकार भी आएगी जो अनुच्छेद 370 को समाप्त करेगी। यह इन लोगों को हजम नहीं हो रहा। अनुच्छेद-370 की समाप्ति के बाद जम्मू-कश्मीर की आबोहवा और मुद्दे बदल चुके हैं। आतंकवाद और अलगाव का मुद्दा चिनाब की जलधारा में सदा के लिए विलीन हो चुका है। अब यहां विकास, रोजगार और पहचान की बात हो रही है तो यह वोट के सौदागरों को कैसे अच्छा लग सकता है। कांग्रेस की यह दुरुभि संधि हमें सवाल करने को मजबूर करती है। उन्होने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश के सामने इन प्रश्नों का जवाब दें।

जज ने यूपी बार कौंसिल के भवन का उद्घाटन किया

जज ने यूपी बार कौंसिल के भवन का उद्घाटन किया 

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। अधिवक्ताओं की हड़ताल न केवल न्याय प्रक्रिया को लंबा खींचती है, बल्कि इससे समाज का भी नुकसान होता है। ऐसे में अधिवक्ताओं को छोटी-छोटी बातों व मुद्दों पर हड़ताल करने से बचने की सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने सलाह दी। शनिवार को यूपी बार कौंसिल के प्रशासनिक भवन का उन्होंने उद्घाटन किया। इस मौके पर अधिवक्ताओं को उनके कार्य की अहमियत बताते हुए शेर सुनाया कि ''अदालत सूर्य है वो, न्याय का जिससे उजाला है। मुसीबत जब पड़ी है मुल्क पर, इसने संभाला है। हमारे काम को देखो, हमारे वस्त्र न देखो, हमारी आत्मा उजली है, केवल वस्त्र काला है।''
शनिवार को प्रशासनिक भवन के शिलापट्ट का अनावरण कर न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली व बार कौंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया गया। इस दौरान यूपी बार कौंसिल के अध्यक्ष शिवकिशोर गौड़ ने प्रशासनिक भवन की खूबियां अतिथियों को बताईं। कहा कि इस भवन के बनने से रजिस्ट्रेशन के लिए आने वाले अधिवक्ताओं को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
एक जगह पर उनके सारे कार्य हो जाएंगे। साथ ही सारे कागजात सुरक्षित रहेंगे। वहीं, इसके बाद ''पेशे में नैतिकता और समाज के प्रति अधिवक्ताओं की भूमिका'' विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा कि अधिवक्ता शार्टकट न अपनाएं। ईमानदारी के साथ अपने न्यायिक कार्य को करें। तभी सफलता मिलेगी। वहीं, उन्होंने महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए भी बार कौंसिल को प्रयास करने के लिए कहा। महिलाएं अब किसी से कम नहीं है। न्यायिक सेवा में इनकी संख्या तेजी से बढ़ी है। यह अच्छी बात है। उन्होंने अपने जीवन के कई अनुभवों को भी साझा किया।

जल्द ही लागू होगा एडवोकेट प्रोटेक्टशन एक्ट व बीमा व मेडिकल बीमा

बार कौंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने जिला बार एसोसिएशन से हड़ताल न करने के लिए कहा। साथ ही कहा कि हमारी सरकार से दो ही मांग है। एक एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट और दूसरा वकीलों के लिए बीमा व मेडिकल क्लेम लागू करना। बताया कि जल्द ही सरकार इसे लागू करने जा रही है। आगे उन्होंने कहा कि बिना मानक लॉ कॉलेज बड़ी संख्या में खुल गए हैं। इनसे सिर्फ डिग्रियां बांटी जा रही हैं। इन कॉलेजों पर अंकुश न लगाया गया तो न्यायिक पेशे का स्तर और गिर जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्यरूप से इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, न्यायमूति विवेक कुमार बिड़ला, न्यायमूर्ति अश्विनी मिश्र, न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह, न्यायमूर्ति शेखर बी शर्राफ, न्यायमूर्ति जेजे मुनीर, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ, न्यायमूर्ति नीरज तिवारी, न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव, महानिबंधक राजीव भारती, जिला जज संतोष राय उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय व उपाध्यक्ष श्रीनाथ त्रिपाठी ने किया। इस दौरान हरिशंकर, इमरान मसूद खान, अमरेंद्र नाथ सिंह, अजय यादव, देवेंद्र मिश्र नगरहा, प्रदीप कुमार सिंह, अंकज मिश्रा, प्रशांत सिंह अटल, अखिलेश कुमार अवस्थी, जानकी शरण पांडेय, दीपक चतुर्वेदी, अपूर्व कुमार शर्मा चेयरमैन कार्यकारिणी परिषद बीसीआई, अमित वैद्य सदस्य बीसीआई, रामप्रसाद सिंघानिया सदस्य बार कौंसिल राजस्थान, कुलदीप सिंह उपाध्यक्ष बार कौंसिल उत्तराखंड आदि मौजूद रहे।

सपा व कांग्रेस को एससी-एसटी विरोधी करार दिया

सपा व कांग्रेस को एससी-एसटी विरोधी करार दिया 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने आरक्षण को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर अपना निशाना साधते हुए भारत बंद को समर्थन नहीं देने पर इन दोनों ही राजनीतिक दलों को एससी-एसटी विरोधी करार दिया है। 
शनिवार को सोशल मीडिया के मुख्य प्लेटफार्म एक्स पर की गई पोस्ट के माध्यम से बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को लेकर कहा है कि इन दोनों ही दलों की चाल चरित्र और चेहरा हमेशा एससी एसटी विरोधी रहा है। भारत बंद को सक्रिय रूप से समर्थन नहीं देना इस बात को साबित करता है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एससी एसटी विरोधी है। 
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि आरक्षण संबंधी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की ओर से दिए गए बयानों से यह स्पष्ट नहीं है कि यह दोनों राजनीतिक दल अदालत के फैसले के पक्ष में है या विरोध में ? ऐसी भ्रम की स्थिति आखिर इन दोनों ही दलों ने क्यों पैदा कर रखी है ? आरक्षण को लेकर सपा कांग्रेस एवं अन्य पार्टियों फिर से अंदर ही अंदर एक होती दिखाई दे रही है।

सरकार ने 'यूनिफाइड पेंशन' स्कीम को मंजूरी दी

सरकार ने 'यूनिफाइड पेंशन' स्कीम को मंजूरी दी 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। नई पेंशन स्कीम में सुधार की मांग पर ध्यान देते हुए सरकार ने 'यूनिफाइड पेंशन' स्कीम को मंजूरी दे दी है। नई पेंशन स्कीम में सुधार को लेकर डॉ. सोमनाथ कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी ने विस्तार से चर्चा के बाद रिपोर्ट पेश की। 
दरअसल, शनिवार (24 अगस्त) को केंद्रीय कैबिनेट ब्रीफिंग के बारे में जानकारी केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। जिसमें यूनिफाइड पेंशन स्कीम का ऐलान भी शामिल है। नौकरी के बाद मिलने वाली पेंशन को ध्यान में रखते हुए इस स्कीम को लाया जा रहा है। 
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "विपक्ष सिर्फ ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लेकर राजनीति करता रहा है. दुनिया भर के देशों में क्या स्कीम है ? उनको देखने के बाद तमाम लोगों से चर्चा करने के बाद इस कमेटी ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम का सुझाव दिया। कैबिनेट ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को अप्रूव कर दिया है। कर्मचारियों की तरफ से एश्योर्ड अमाउंट की मांग किया जा रही थी।" उन्होंने जानकारी देते हुए कहा, "पेंशनधारियों को 50 प्रतिशत एश्योर्ड पेंशन दी जाएगी। रिटायरमेंट के पहले के 12 महीना का एवरेज बेसिक पे का 50 प्रतिशत होगा। ये पेंशन 25 साल की सर्विस करने के बाद ही मिलेगी। एनपीएस की जगह अब सरकार यूनिफाइड पेंशन स्कीम, यानि यूपीएस ला रही है। सरकार ने ओपीएस की काट निकाली है।

अपराध के मामलें में भाजपाई व सरकार सर्वोच्च

अपराध के मामलें में भाजपाई व सरकार सर्वोच्च 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलें में भाजपाई और भाजपा सरकार सबसे ऊपर है। 
उन्होंने कहा कि महिलाओं के ऊपर घोषित रूप से अत्याचार करने में देश में सबसे ज्यादा 54 सांसद, विधायक भाजपा के है। इसके अलावा भाजपा ने अपराध बढ़ाने में भी रिकार्ड बनाया है। नकारात्मक राजनीति में भाजपा को महारत हासिल है। उत्तर प्रदेश सहित भाजपा शासित राज्यों में महिला अपराध सबसे ज्यादा हो रहे है। भाजपा सरकारें अपराधियों को संरक्षण देती है और दूसरे दलों और नेताओं को बदनाम करने का षड्यंत्र करती है। झूठे मुकदमें लगाकर अन्याय करती है। महिला अपराध ही नहीं भाजपा ने धांधली, भ्रष्टाचार समेत कई जनविरोधी रिकार्ड बनाए है। सपा प्रमुख ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में बहू-बेटियां सुरक्षित नहीं है। भाजपा सरकार में बेटियों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। मुख्यमंत्री सुरक्षा के हवाई दावे करते रहते हैं। रूदौली में लगातार छेड़छाड़ की हो रही घटनाओं से बेटियां दहशत में जीने को मजबूर है। पीड़ितों को कई-कई दिन थाना-चौकियों के चक्कर लगाने पड़ते है तब भी सुनवाई नहीं होती है। ⁠चुनावी घपलों की सबसे शर्मनाक घटना का रिकॉर्ड भाजपा ने कैमरे के सामने बनाया है। सबसे अधिक पेपर लीक का रिकॉर्ड भाजपा के शासनकाल में बना है। भाजपा सरकार ने लोगों पर सबसे अधिक झूठे मुक़दमे थोपे गये हैं। छुट्टा पशुओं से सबसे अधिक मौतें भाजपा काल में हुई। पुलिस हिरासत में मौत का रिकॉर्ड भाजपा काल में बना। ⁠सबसे कम समय में सबसे ज़्यादा आरक्षण विरोधी क़ानून भाजपा ने लाने की साज़िश की। सबसे बड़ा आरक्षण घोटाला (69000 शिक्षक भर्ती में) भाजपा के समय में हुआ। भाजपा ने खिलाड़ियों के उत्पीड़न का भी अलिखित रिकार्ड बनाया। ⁠भाजपा ने सबसे ज़्यादा चलती हुई, निर्वाचित सरकारें तोड़ी। भाजपा काल में किसानों की हत्या और आत्महत्या का रिकार्ड बना है। ⁠अनाथ पशुओं से किसानों की फसल को सबसे अधिक हानि होने का रिकॉर्ड भाजपा राज में बना। ⁠भाजपा ने बेरोज़गारी का अभूतपूर्व रिकार्ड बनाया है। भाजपा ने महँगाई के पिछले सभी रिकार्ड तोड़ दिए है। ⁠भाजपा ने सबसे कम समय में सबसे अधिक क़ानून वापस लेने का हालिया रिकार्ड बनाया है। 
भाजपा ने नकारात्मक राजनीति का सबसे बड़ा रिकार्ड बनाया है। भाजपा ने अविश्वास और भय की नफ़रत भरी राजनीति से देश के सौहार्द को ऐतिहासिक क्षति पहुंचाने का भी निंदनीय रिकार्ड बनाया है। आगामी 2027 के चुनावों में भाजपा अपनी हार का भी एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाएगी यह सुनिश्चित है।

156 कॉकटेल दवाओं पर प्रतिबंध लगाया: केंद्र

156 कॉकटेल दवाओं पर प्रतिबंध लगाया: केंद्र 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 156 कॉकटेल दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमे से कई दवाइयां आप भी इस्तेमाल करते हैं। इन दवाओं का उपयोग दर्द से राहत के लिए, बालों के विकास और त्वचा की देखभाल के लिए किए जाते हैं। इन दवाओं का इस्तेमाल मल्टीविटामिन, एंटीपैरासिटिक्स, एंटीएलर्जिक्स और अन्य चीजों के लिए किया जाता है।

बड़ी कंपनियों की दवाएं शामिल

हालांकि जिन दवाओं को बैन किया गया है, उनकी कंपनियों की ओर से अभी तक सरकार के फैसले से होने वाले आर्थिक असर की घोषणा नहीं की गई है। सिप्ला, टोरेंट, सन फार्मा, आईपीसीए लैब्स और ल्यूपिन जैसी प्रमुख फार्मा कंपनियों की कुछ दवाइयां शामिल हैं, जिनपर बैन लगाया गया है।
सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक इन 156 फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं के उपयोग से इंसानों के लिए जोखिम होने की संभावना है। FDC ऐसी दवाओं को कहा जाता है, जिसमे एक से अधिक दवाओं को मिलाकर गोली बनाई जाती है। इन्हें ही कॉकटेल दवाएं भी कहा जाता है।

ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने की दवाइयों की जांच

जिन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है, सरकार ने इनकी जांच की। इस दौरान सामने आया कि मेडिकल साइंस के हिसाब से इन 156 दवाइयों का कोई मतलब नहीं है। ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने इन दवाइयों की जांच की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सूची में कुछ ऐसी दवाएं भी शामिल हैं, जिन्हें कई कंपनियों ने पहले ही बंद कर दिया था। एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन का एडैपेलीन के साथ मिक्स किया जाता है और उपयोग मुंहासे के इलाज के लिए किया जाता है। इसे सरकार ने पहले ही बंद कर दिया है। इस लिस्ट में एसेक्लोफेनाक 50mg + पैरासिटामोल 125mg के टैबलेट पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसे भी कंपनी ने बनाना बंद कर दिया है।

पतंजलि की 14 दवाओं पर लग चुका है प्रतिबंध

बता दें कि करीब तीन महीने पहले बाबा रामदेव की पतंजलि को बड़ा झटका लगा था। पतंजलि आयुर्वेदिक फार्मा कंपनी की 14 दवाओं की बिक्री पर उत्तराखंड सरकार ने रोक लगा दी थी। बैन किए गए प्रोडक्ट्स में कई ऐसी चीजें हैं, जिनका इस्तेमाल खूब होता है। उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था, जिसमे कहा गया कि पतंजलि आयुर्वेद उत्पादों के बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के कारण हमने कंपनी की 14 दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है।

यादव ने भाजपा विधायक पर कार्रवाई की मांग की

यादव ने भाजपा विधायक पर कार्रवाई की मांग की 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। भाजपा विधायक के बसपा सुप्रीमो मायावती पर की गई टिप्प्णी को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा विधायक पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि उत्तर प्रदेश के एक भाजपा विधायक द्वारा उप्र की एक भूतपूर्व महिला मुख्यमंत्री के प्रति कहे गये अभद्र शब्द दर्शाते हैं कि भाजपाइयों के मन में महिलाओं और खासतौर से वंचित-शोषित समाज से आनेवालों के प्रति कितनी कटुता भरी है।
राजनीति में मतभेद अपनी जगह होते हैं। लेकिन एक महिला के रूप में उनका मान-सम्मान खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। भाजपाई कह रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर हमने गलती की थी, ये भी लोकतांत्रिक देश में जनमत का अपमान है और बिना किसी आधार के ये आरोप लगाना, कि वो सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री थीं, बेहद आपत्तिजनक है। भाजपा के विधायक के ऊपर, सार्वजनिक रुप से दिये गये इस वक्तव्य के लिए मानहानि का मुक़दमा होना चाहिए।
भाजपा ऐसे विधायकों को प्रश्रय देकर महिलाओं के मान-सम्मान को गहरी ठेस पहुंचा रही है। अगर ऐसे लोगों के खिलाफ भाजपा तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करती है तो मान लेना चाहिए, ये किसी एक विधायक का व्यक्तिगत विचार नहीं है।  बल्कि, पूरी भाजपा का है।
बता दें कि एक टीवी डिबेट के दौरान भाजपा विधायक राजेश चौधरी ने कहा था कि मायावती पहली बार भाजपा के समर्थन से ही मुख्यमंत्री बनी थीं। हमने उन्हें बनाया था। ये हमारी गलती थी। आगे उन्होंने कहा कि वो प्रदेश की अब तक की सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री रही हैं। इस पर अखिलेश यादव ने आपित्त जताई है।

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...