बुधवार, 14 अगस्त 2024

भारत: आज मनाया जाएगा 78वां 'स्वतंत्रता दिवस'

भारत: आज मनाया जाएगा 78वां 'स्वतंत्रता दिवस' 

सरस्वती उपाध्याय 
नई दिल्ली। 14 अगस्त 1947 को पंडित जवाहर लाल नहरू ने तब के संसद भवन से भारत के आज़ाद हो जाने की घोषणा की। 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' का भाषण देकर नेहरू ने आज़ादी के बाद के नए भारत का जिक्र किया। हर ओर खुशी की लहर थी। पूरा हिंदुस्तान इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने संसद भवन पहुंचा था। वो पहली बार था, जब भारत की आज़ादी का जश्न मनाया गया। नेहरू ने उस रात जो भाषण दिया, वो आज भी 20वीं सदी का सबसे महान भाषण माना जाता है। 15 अगस्त 2024 को भारत एक बार फिर आजादी का जश्न मनाएगा। लोगों के मन में दुविधा है कि आने वाले 15 अगस्त 2024 को आज़ादी की 77वीं सालगिरह होगी या 78वीं ? आइए जानते हैं ऐसा क्यों?

इस साल कौन-सा स्वतंत्र दिवस बनाएगा भारत ?

देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था और इसके एक साल बाद यानी कि 15 अगस्त 1948 को आजादी की पहली सालगिरह मानई गई। 1948 से 2024 तक देखा जाए तो इस साल भारत आजादी की 77वीं सालगिरह मना रहा है। लेकिन, भारत को आजाद हुए 78 साल हो चुके हैं। इस साल भारत 78वां आजादी का जश्न मना रहा है।

15 अगस्त 2024 की थीम और सेलिब्रेशन

15 अगस्त 2024 को भारत पूरी तरह से आज़ादी के 78 साल का जश्न मनाने की तैयारी में हैं। हर ओर ज़ोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। इस साल 15 अगस्त की थीम है 'विकसित भारत'। इस थीम का मुख्य उद्देश्य है प्रधानमंत्री द्वारा साल 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के सपने को साकार करना। एक ऐसा देश जो सही मायने में हर तरह से आज़ाद हो जाएगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए 'हर घर तिरंगा' अभियान को भी 3 साल पूरे हो जाएंगे। इस साल भी हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत 9 अगस्त से शुरू हो चुका है और 15 अगस्त तक चलेगा। इस अभियान को शुरू करने के पीछे सरकार का एकमात्र उद्देश्य था देशवासियों को देश के मान-सम्मान, देश के प्रति लोगों के मनों में देशभक्ति की भावना को जागृत करना। 
बता दें कि हर साल की तरह इस बार भी 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी लाल किला पर तिरंगा फहराकर पूरे देश को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल का ये पहला स्वतंत्रता दिवस है। इसके साथ ही पीएम मोदी इस साल 15 अगस्त को लाल किला से अपना 11वां संबोधन देंगे। इस संबोधन में पीएम मोदी देश में होने वाले विकास, देश की सभ्यता और संस्कृति पर बात करते हैं। इसके साथ ही देशवासियों के साथ मिलकर उन तमाम शहीदों और क्रांतिकारियों को याद कर उन्हें श्रद्धांजली देंगे।

थाईलैंड: थाविसिन को 'पीएम' पद से हटाया

थाईलैंड: थाविसिन को 'पीएम' पद से हटाया 

अखिलेश पांडेय 
बैंकॉक। बांग्लादेश की आजादी के समय से चली आ रही सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था ने इस देश में आखिरकार सरकार ही बदल दी। शेख हसीना प्रधानमंत्री पद और देश दोनों छोड़ चुकी हैं। साल 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर अस्तित्व में आए बांग्लादेश में नई अंतरिम सरकार बन चुकी है। हालांकि, हालात पूरी तरह से अभी भी नियंत्रित नहीं हो पाए हैं। इसी बीच एशिया के एक और देश में राजनीतिक संकट गंभीर हो गया है। हम बात कर रहे हैं थाईलैंड की जहां के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को पद से हटा दिया गया है। 10 पॉइंट्स में समझिए थाईलैंड में चल रहा पूरा घटनाक्रम और अब वहां हालात कैसे हैं।
थाईलैंड की सांविधानिक अदालत ने बुधवार को प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को उनके पद से हटाने का फैसला सुना दिया। यह फैसला थाविसिन के खिलाफ नैतिकता से जुड़े एक केस में सुनाया गया है। अदालत ने कहा कि श्रेथा थाविसिन ने संविधान का उल्लंघन किया है। जजों ने कहा कि श्रेथा को यह अच्छी तरह से पता था कि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति की है जिसके अंदर नैतिकता को लेकर निष्ठा है ही नहीं। बता दें कि श्रेथा थाविसिन एक रियल एस्टेट टायकून हैं और उनका राजनीतिक करियर तुलनात्मक रूप से काफी नया है।
राजधानी बैंकॉक में स्थित इस संवैधानिक अदालत ने कहा कि श्रेथा ने जेल की सजा काट चुके वकील को कैबिनेट में नियुक्ति देकर नैतिकता के नियमों का उल्लंघन किया है। 9 जजों की बेंच में से 5 जजों ने श्रेथा और उनकी कैबिनेट को डिसमिस करने के लिए वोट किया। यह फैसला आने के एक सप्ताह पहले ही थाईलैंड की सुप्रीम कोर्ट ने यहां की ‘प्रोग्रेसिव मूव फॉरवर्ड पार्टी’ को भंग कर दिया था और इसके नेताओं पर 10 साल तक पॉलिटिक्स से बैन कर दिया था। इस पार्टी ने पिछले साल हुए चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं।
श्रेथा के खिलाफ यह केस सेना की ओर से नियुक्त 40 सीनेटरों के ग्रुप की ओर से फाइल किया गया था। उन्होंने कैबिनेट में पिचिट चुएनबेन को नियुक्त करने के लिए श्रेथा को पीएम कार्यालय से हटाने की मांग की थी। पिचिट पूर्व प्रधानमंत्री थकसिन शिनावात्रा के भी करीबी हैं। फैसला आने के बाद श्रेथा ने कि मैंने प्रधानमंत्री के तौर पर अपने कर्तव्य जिता संभव हो सकते थे उतनी निष्ठा के साथ निभाए। मैं अदालत का फैसला स्वीकार करता हूं। वहीं, भविष्य को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि नई सरकार हमारी नीतियां जारी रखेगी या नहीं।
श्रेथा पिछले साल अगस्त में प्रधानमंत्री बने थे। इसके साथ ही वहां 3 महीने से चल रहा गतिरोध भी खत्म हो गया था। लेकिन इसका परिणाम यह रहा था कि उनकी फ्यू थाई पार्टी अपने लंबे समय से चले आ रहे सैन्य प्रतिद्वंद्वियों के साथ एक सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा बन गई थी। इस फैसले का मतलब पहले से ही उथल-पुथल का सामना कर रही थाईलैंड की राजनीति में और संकट की आमद हो सकता है। यहां राजनीति में बदलाव की मांग करने वाले अक्सर, सत्ता, सेना, राजशाही के समर्थकों और बड़े कारोबारियों के पावरफुल समूह से टकराते रहते हैं।
सरकार को बर्खास्त किए जाने के बाद अब यहां नई सरकार का गठन किया जाएगा। सत्ताधारी ‘फ्यू थाई’ पार्टी की अगुवाई वाला गठबंधन प्रधानमंत्री पद के लिए नया कैंडिडेट चुनेगा, जिस पर 500 सदस्यों वाली संसद में वोटिंग की जाएगी और नया प्रधानमंत्री चुना जाएगा। पिछले 2 दशक के दौरान थाईलैंड में दर्जनों सांसदों को प्रतिबंध का सामना करना पड़ा है। कई राजनीतिक दल भंग किए गए हैं और प्रधानमंत्री को तख्तापलट या फिर अदालत के आदेशों के जरिए पद से हटाया जाता रहा है। यहां की ज्यूडीशियरी का सत्ता की लड़ाई में अहम रोल है।

'भाजपा' नाटक कर लें, हार को रोक नहीं पाएगी

'भाजपा' नाटक कर लें, हार को रोक नहीं पाएगी 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव में धांधली की आशंका जताते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कितना भी शासकीय प्रशासकीय नाटक कर लें, मगर वह अपनी हार को रोक नहीं पाएगी। अखिलेश यादव ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट किया “ जब उपचुनावों में भी भाजपा को हराने के लिए जनता फ़ील्ड में उतर चुकी है, तो भाजपा कुछ अधिकारियों को हटाने का कितना भी शासकीय-प्रशासकीय नाटक कर ले, कोई उनको पराजय से रोक नहीं सकता। देखना ये भी है कि इनकी जगह जो अफ़सर आएंगे, उनकी निष्पक्षता पर मोहर कौन लगाएगा। ” 
उन्होने कहा “ भाजपा उपचुनावों में अपनी 10/10 की हार के अपमान से बचने के बहाने ना ढूँढे। अगर भाजपा जन-विरोधी नहीं होती तो आज ये दिन नहीं देखने पड़ते। महँगाई, बेरोज़गारी, बेकारी, पुलिस भर्ती, नीट परीक्षा, महिला-सुरक्षा, संविधान और आरक्षण की रक्षा, नज़ूल भूमि जैसे मुद्दों से लड़ने के लिए भाजपा कब और किसे नियुक्त करेगी।” 
सपा प्रमुख ने कहा “ कुछ विशेष अधिकारियों को चुनावी ज़िम्मेदारी से हटाने की बात कहकर, भाजपाइयों ने ये बात स्वीकार कर ली है कि उनकी सरकार में शायद कुछ चुनावी घपले अधिकारियों के स्तर पर होते हैं। ये भाजपा की अपनी सरकार के साथ-ही-साथ चुनाव आयोग के ऊपर भी… चुनाव आयोग स्वत: संज्ञान ले।” अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का नाम लिये बगैर निशाना साधते हुए कहा “ और आपसी ‘खटपट’ का क्या… अंदरूनी बात दब गयी या दबा दी गई… ख़त्म हुई रार-तकरार या झूठी मुस्कानों से ढकी है दरार… कई हैं सवाल।” 
गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में विधायकों के सांसद निर्वाचित होने के बाद उत्तर प्रदेश में दस सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसके लिए भाजपा और सपा समेत अन्य दलों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है।

रेसलर फोगाट के पक्ष में ही आएगा फैसला: चौधरी

रेसलर फोगाट के पक्ष में ही आएगा फैसला: चौधरी 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के उपाध्यक्ष भारतीय रेसलर विनेश फोगाट के ओलंपिक गेम्स- 2024 के सिल्वर मेडल के मामले के फैसले में हो देरी को लेकर कहा है कि उन्हें लगता है कि फैसला विनेश फोगाट के पक्ष में ही आएगा। 
बुधवार को भारतीय कुश्ती महासंघ के उपाध्यक्ष जयप्रकाश चौधरी ने कहा है कि मुझे लगता है कि विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल को लेकर खेल पंचाट की ओर से सुनाया जाने वाला फैसला रेसलर के पक्ष में ही आएगा, क्योंकि कुछ ताकतवर लोग अब इसमें शामिल है, जिसके चलते विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल हासिल होगा।  उन्होंने कहा है कि रेसलर का वजन बढ़ने के पीछे स्टाफ की गलती है, वजन कैसे कम करना है ? यह स्टाफ का काम और उसकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा है कि लेकिन देखते हैं कि 16 अगस्त को क्या होता है? क्योंकि बड़े वकील अब इस मामले में शामिल है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विनय फोगाट के सिल्वर मेडल के मामले का संज्ञान लिया है, जिसके चलते मुझे लगता है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा। 
बुधवार को भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार खेल पंचाट के तदर्थ पर प्रभाग के अध्यक्ष ने विनेश फोगाट बनाम यूनाइटेड विश्व कुश्ती एवं अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति मामले में एकमात्र मध्यस्थ डॉक्टर ऐनाबेले बैनेट को अपना फैसला सुनाने के लिए शुक्रवार 16 अगस्त 2024 पेरिस समय के अनुसार शाम 6:00 बजे और भारतीय समय के अनुसार रात 9:30 बजे तक अनुमति दी है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-299, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. बृहस्पतिवार, अगस्त 15, 2024

3. शक-1945, श्रावण, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दशमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 36 डी.सै., अधिकतम- 41 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय  (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

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मंगलवार, 13 अगस्त 2024

पहली बार आसाराम को 7 दिन की पैरोल दी

पहली बार आसाराम को 7 दिन की पैरोल दी 

नरेश राघानी 
जोधपुर। जोधपुर सेंट्रल जेल में नाबालिग अनुयायी से रेप के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम बापू को आखिर 7 दिन की जमानत मिली है। ये बीते 11 सालों में पहली बार है, जब उन्हें जमानत दी जा रही है। बता दें कि कोर्ट ने महाराष्ट्र के पुणे में एक आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में इलाज कराने के लिए पैरोल पर बेल दी है। दरअसल, सांस एवं अन्य गंभीर परेशानियों से परेशान आसाराम पिछले 4 दिन से जोधपुर के एम्स अस्पताल में भर्ती थे। लेकिन, उन्होंने अपनी जमानत याचिका में आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट की बात को शामिल किया। इसी बात पर कोर्ट राजी हो गया।
आसाराम सितंबर 2013 से ही जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद है। उल्लेखनीय है पिछले 11 साल के दौरान सैकड़ों बार कोर्ट में अलग-अलग ग्राउंड पर जमानत याचिका लगाई। लेकिन, एक बार भी जमानत को स्वीकार नहीं किया। हेल्थ इश्यू आने के बाद जेल में ही इलाज किया गया और गंभीर बीमारियां होने पर जोधपुर एम्स अस्पताल में कड़ी पुलिस सुरक्षा में भर्ती किया गया।
बता दें, कि 25 अप्रैल 2018 को पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग अनुयायी से रेप और यौन शोषण का आरोप लगाते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। देश-विदेश से आने वाले उनके भक्त और अनुयायी गुरु पूर्णिमा के समय बड़ी संख्या में जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर जमा होते हैं। किसी को भी उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी जाती। ऐसे में दीवारों को ही गुरु मानते हुए लोग पूजा पाठ करते हैं। तिलक लगाते हैं और छूकर माथा टेकते हैं। इतना ही नहीं, आसाराम को पैरोल देने के लिए कई बार उनके अनुयायी प्रदर्शन भी कर चुके हैं।

उपचुनाव: सपा ने प्रभारियों की सूची जारी की

उपचुनाव: सपा ने प्रभारियों की सूची जारी की 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने उत्तर-प्रदेश उपचुनाव को लेकर तैयारियां तेज करते हुए सोमवार को प्रभारियों की सूची जारी कर दी। कोटहरी में शिवपाल सिंह यादव को प्रभारी बनाया गया है। वहीं मिल्कीपुर की जिम्मेदारी अवधेश प्रसाद को सौंपी गई है। मिर्जापुर का वीरेंद्र सिंह, करहल का चंद्रदेव यादव, फुलपुर का इंद्रजीत सरोज व सीसामऊ का राजेंद्र कुमार को प्रभारी नियुक्त किया गया है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इनमें से छह सीटों पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रभारियों के नामों का ऐलान कर दिया है। शेष चार सीटों पर जल्द ही प्रभारियों के नामों का ऐलान कर दिया जाएगा। राज्य में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रत्याशियों की सूची अभी तक जारी नहीं की गई है। इन सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करने को लेकर खींचतान चल रही है। इस संबंध में शनिवार को पार्टी संगठन की ओर से बैठक भी हुई थी। 
बैठक में फूलपुर सीट कांग्रेस को दिए जाने की मांग उठी थी। महामंत्री अनिल यादव ने कहा था कि नेताओं और कार्यकर्ताओं की भावनाओं से हम पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराएंगे और इसके बाद आगे क्या फैसला लेना है, इस संबंध में रूपरेखा तैयार करेंगे।

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...