मंगलवार, 6 अगस्त 2024

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-291, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. बुधवार, अगस्त 07, 2024

3. शक-1945, श्रावण, शुक्ल-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 36 डी.सै., अधिकतम- 41 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय  (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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सोमवार, 5 अगस्त 2024

भारत ने हसीना को शरण देने से इंकार किया

भारत ने हसीना को शरण देने से इंकार किया 

इकबाल अंसारी/अखिलेश पांडेय 
नई दिल्ली/ढाका। बांग्लादेश में हुए सत्ता पलट के बाद देश छोड़कर भारत भाग कर आई शेख हसीना को सूत्रों के अनुसार, भारत ने शरण देने से इंकार कर दिया है। सूत्रों ने मीडिया को बताया कि बातचीत के बाद भारत ने उनसे कहा कि वह हरसंभव मदद करेगा, लेकिन शरण नहीं दे पाएगा।पता चला है कि अब वह फिनलैंड या स्विट्जरलैंड जा रही हैं।
बांग्लादेश में राजनीतिक संकट के बीच क्या पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में रहेंगी? पूर्व विदेश सचिव और बांग्लादेश में पूर्व राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने एएनआई से कहा, “मेरे लिए यह कहना मुश्किल है। ध्यान रखें कि शेख हसीना 1975 से लेकर 1979 तक यहीं थीं, जब वह अपने पिता शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के बाद अपने देश वापस चली गईं। भारत ने कभी भी अपने पड़ोस में रहने वालों को सुरक्षित पनाह या शरण देने से इनकार नहीं किया है। लेकिन मेरा मानना ​​है कि कई अन्य स्थान हैं, जहां प्रधानमंत्री जा सकती हैं…।हम इस समय अटकलें नहीं लगा सकते।”
विदित रहे कि पडोसी देश बांग्लादेश में चल रहे आरक्षण विरोधी आंदोलन के चलते वहाँ हालात इस तरह बेकाबू हो गये कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा।
आपको बता दें कि एक दिन पहले यानी रविवार को बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में झड़प में सैकड़ों लोगों की मौत हो गयी थी। बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए थे। देशभार में कर्फ्यू लगा दिया गया था और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। 
रविवार को हुई झड़पों से कुछ दिन पहले ही बांग्लादेश में पुलिस और मुख्य रूप से छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें देखने को मिली थीं। जिसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। प्रदर्शनकारी विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है। बांग्लादेश में आरक्षण प्रणाली के तहत कुल 56 फीसदी सरकारी नौकरियां आरक्षित हैं। अब इन नौकरियां में से 30 फीसदी आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों के लिए, 10 फीसदी आरक्षण पिछड़े प्रशासनिक जिलों के लिए, 10 प्रतिशत महिलाओं के लिए, पांच प्रतिशत आरक्षण जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए और एक प्रतिशत दिव्यांग लोगों के लिए आरक्षित है।

आरक्षण: 21 अगस्त को 'भारत बंद' का ऐलान

आरक्षण: 21 अगस्त को 'भारत बंद' का ऐलान 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की ओर से एससी-एसटी आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले से उबाल खाए दलित संगठनों की ओर से आगामी 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया गया है। 
देश की सर्वोच्च अदालत की ओर से पिछले सप्ताह एससी एसटी आरक्षण में उप कोटा तय करने को मंजूरी के बाद दलित संगठनों में उबाल आया हुआ है। अदालत का कहना है कि यदि राज्य सरकारों को लगता है कि एसी और एसटी वर्ग की कोई जाति ज्यादा पिछड़ी हुई है, तो उसके लिए सब कोटा निर्धारित किया जा सकता है। इतना ही नहीं सात जजो की संवैधानिक बेंच ने कहा है कि एससी और एससी-एसटी में क्रीमी लेयर की भी पहचान होनी चाहिए। 
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर जहां दलित नेता अपने वोट बैंक को सहेज कर रखने के लिए अदालत के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, वहीं दलित संगठनों की ओर से आगामी 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया गया है। ट्विटर पर पिछले दो दिनों से लगातार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में चल रहे ट्रेंड के बीच सोमवार को कई दलित संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार को संसद के जरिए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को रोकना होगा।

पहले शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे 'विदेश मंत्री'

पहले शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे 'विदेश मंत्री' 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर यहां मंगलवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय पहले बिम्सटेक व्यापार शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। समिट को वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ ही कई अन्य गणमान्य व्यक्ति संबोधित करेंगे। 
बिम्सटेक बिजनेस समिट के पहले संस्करण का आयोजन विदेश मंत्रालय भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से कर रहा है, जिसका उद्देश्य बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक) के सदस्य देशों के बीच मजबूत व्यापार और निवेश संबंधों के माध्यम से अधिक क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा व्यापार, वाणिज्य और उद्योग के साथ-साथ ऊर्जा के क्षेत्र से बिम्सटेक सदस्य देशों के कई मंत्री, उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी, नीति निर्माता, उद्यमी और उद्योग संघ इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। यह आयोजन बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के 300 से अधिक प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाएगा, ताकि आर्थिक सहयोग को सुगम बनाया जा सके और व्यापार सुविधा, क्षेत्रीय संपर्क, ऊर्जा सुरक्षा, समावेशी विकास तथा सतत विकास जैसे फोकस क्षेत्रों में आगे के रास्ते तलाशे जा सकें।
मंत्रालय ने कहा, भारत बिम्सटेक को बहुत महत्व देता है, जो दक्षिण एशिया के पांच देशों (बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, भारत और श्रीलंका) और दक्षिण-पूर्व एशिया के दो देशों (म्यांमार और थाईलैंड) को जोड़ता है।
इससे पहले जयशंकर ने राष्ट्रीय राजधानी में जुलाई में बिम्सटेक सदस्य देशों के अपने समकक्षों की मेजबानी भी की थी। बिम्सटेक के विदेश मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान भारत ने अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ और ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के साथ ही सागर दृष्टिकोण पर फोकस किया था।

पृथ्वी से दूर हो रहा चंद्रमा, 25 घंटों का 1 दिन होगा

पृथ्वी से दूर हो रहा चंद्रमा, 25 घंटों का 1 दिन होगा 

सरस्वती उपाध्याय 
अभी एक दिन का मतलब 24 घंटे थें। वहीं, अब यह एक घंटे बढ़ कर 25 घंटों का एक दिन होने वाला है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अब पृथ्वी पर एक दिन का मतलब 25 घंटे हो सकता है, क्योंकि चंद्रमा लगातार हमसे दूर होता जा रहा है। विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, चंद्रमा प्रति वर्ष लगभग 3.8 सेंटीमीटर की दर से पृथ्वी से दूर होता जा रहा है।
अध्ययन में बताया गया है कि चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 3.8 सेंटीमीटर प्रति वर्ष की दर से दूर जा रहा है। जिसका हमारे ग्रह पर दिनों की लंबाई पर बहुत वास्तविक प्रभाव पड़ेगा। अंततः इसका परिणाम यह होगा कि 200 मिलियन वर्षों में पृथ्वी पर दिन 25 घंटे तक चलेगा। अध्ययन से पता चलता है कि 1.4 बिलियन वर्ष पहले, पृथ्वी पर एक दिन 18 घंटे से थोड़ा अधिक समय तक चलता था।

पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण बल

विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के प्रोफेसर स्टीफन मेयर्स का सुझाव है कि पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण संबंध इसका मुख्य कारण हो सकता है। मेयर्स ने कहा कि जैसे-जैसे चंद्रमा दूर होता जाता है, पृथ्वी एक घूमते हुए फिगर स्केटर की तरह होती है जो अपनी बाहें फैलाते ही धीमी हो जाती है। प्रोफेसर ने आगे कहा कि वे समय बताने में सक्षम होने के लिए ‘एस्ट्रोक्रोनोलॉजी’ का उपयोग करने का लक्ष्य बना रहे हैं। मेयर ने कहा कि हम उन चट्टानों का अध्ययन करने में सक्षम होना चाहते हैं, जो अरबों साल पुरानी हैं, जिस तरह से हम आधुनिक भूगर्भीय प्रक्रियाओं का अध्ययन करते हैं।

चांद का पीछे हटना कोई नई बात नहीं 

जबकि चंद्रमा के पीछे हटने का सिद्धांत मनुष्य को वर्षों से ज्ञात है। विस्कॉन्सिन अनुसंधान का उद्देश्य इस घटना के ऐतिहासिक और भूवैज्ञानिक संदर्भ में गहराई से जाना है। शोधकर्ता प्राचीन भूवैज्ञानिक संरचनाओं और तलछट परतों की जांच करके अरबों वर्षों में फैले पृथ्वी-चंद्रमा प्रणाली के इतिहास को ट्रैक करने में सक्षम हैं।
निष्कर्षों से पता चला है कि चंद्रमा की वर्तमान गति अपेक्षाकृत स्थिर रही है। हालांकि, विभिन्न कारकों के कारण भूगर्भीय समय-सीमाओं में इसमें उतार-चढ़ाव होता रहा है। पृथ्वी की घूमने की गति और महाद्वीपीय बहाव को प्रमुख कारणों के रूप में पहचाना गया है।

बांग्लादेश: हसीना ने 'पीएम' पद से इस्तीफा दिया

बांग्लादेश: हसीना ने 'पीएम' पद से इस्तीफा दिया 

सुनील श्रीवास्तव 
ढाका। बांग्लादेश में 2 महीने से चल रहे आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार, 5 अगस्त को पद से इस्तीफा दे दिया। हिंसक माहौल के चलते शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। 
वे सेना के विमान से रवाना हुईं। खबरों के मुताबिक, उनकी बहन रेहाना भी साथ हैं। वे बंगाल के रास्ते दिल्ली पहुंच गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका विमान गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतर गया है। उसके बाद वे लंदन, फिनलैंड या दूसरे देश जा सकती हैं।
बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने कहा, "हम अंतरिम सरकार बनाएंगे, देश को अब हम संभालेंगे। आंदोलन में जिन लोगों की हत्या की गई है, उन्हें इंसाफ दिलाया जाएगा।"
इससे पहले पड़ोसी देश श्रीलंका में आर्थिक संकट के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार के खिलाफ हिंसक आंदोलन हुआ था। जुलाई 2022 में ऐसी स्थिति बनी थी। लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर थे और राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे।

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के 8 सबसे बड़े अपडेट...

प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में दाखिल हुए। तोड़फोड़ और आगजनी की।
राजधानी ढाका में 4 लाख लोग सड़कों पर हैं, जगह-जगह तोड़फोड़ की जा रही है।
पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में सोमवार को 6 लोग मारे गए। प्रदर्शनकारियों ने 2 हाईवे पर कब्जा किया। अब तक 300 लोगों की जान गई है। इनमें ज्यादातर छात्र हैं।
BSF ने भारत-बांग्लादेश पर अलर्ट बढ़ा दिया है।
आर्मी ने देश की प्रमुख पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक की है। 18 सदस्यीय अंतरिम सरकार प्रस्तावित की गई है। सेना इस सरकार को बनाएगी।
भारत ने बांग्लादेश जाने वाली सभी ट्रेनें रद्द कर कीं। एयर इंडिया ने भी विमान सेवा सस्पेंड की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम मोदी से मुलाकात की है और उन्हें अपडेट दिया। प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी ने भी विदेश मंत्री से मुलाकात की।
सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना से एक घंटे मुलाकात की। हसीना C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से भारत पहुंची हैं।

उपराज्यपाल को 'एल्डरमैन' नियुक्त करने का हक

उपराज्यपाल को 'एल्डरमैन' नियुक्त करने का हक

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल की सहायता और सलाह के बिना दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में 10 'एल्डरमैन' नियुक्त करने का अधिकार है। 
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ ने नियुक्ति से संबंधित तीन और चार जनवरी 2023 के आदेशों और उसके बाद के गजट नोटिफिकेशन को रद्द करने की दिल्ली सरकार की याचिका खारिज करते हुए यह फैसला दिया। उपराज्यपाल ने एमसीडी में 10 मनोनीत सदस्यों की नियुक्ति की थी। पीठ ने अपने फैसले में कहा कि संसद ने वैधानिक रूप से उपराज्यपाल को एल्डरमैन नियुक्त करने का अधिकार दिया है। पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने फैसला सुनाते ने कहा कि दिल्ली सरकार एल्डरमैन की नियुक्ति के संबंध में अपनी राय नहीं दे सकती, क्योंकि यह अधिकार उपराज्यपाल को दिया गया है।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि पिछली पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने कहा था कि संसद दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले किसी भी विषय पर कानून बना सकती है। विचाराधीन एल्डरमैन के नामांकन दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 (डीएमसी अधिनियम) की धारा 3(3)(बी)(आई) के तहत किए गए थे। शीर्ष अदालत ने इस मामले में मई 2023 में सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा लिया था।

कौशाम्बी: 'पीएम' नेहरू की जयंती मनाई गई

कौशाम्बी: 'पीएम' नेहरू की जयंती मनाई गई  गणेश साहू  कौशाम्बी। जिला कांग्रेस कार्यालय में कौशाम्बी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गौरव पाण्डे...