उपराज्यपाल को 'एल्डरमैन' नियुक्त करने का हक
इकबाल अंसारी
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल की सहायता और सलाह के बिना दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में 10 'एल्डरमैन' नियुक्त करने का अधिकार है।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ ने नियुक्ति से संबंधित तीन और चार जनवरी 2023 के आदेशों और उसके बाद के गजट नोटिफिकेशन को रद्द करने की दिल्ली सरकार की याचिका खारिज करते हुए यह फैसला दिया। उपराज्यपाल ने एमसीडी में 10 मनोनीत सदस्यों की नियुक्ति की थी। पीठ ने अपने फैसले में कहा कि संसद ने वैधानिक रूप से उपराज्यपाल को एल्डरमैन नियुक्त करने का अधिकार दिया है। पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने फैसला सुनाते ने कहा कि दिल्ली सरकार एल्डरमैन की नियुक्ति के संबंध में अपनी राय नहीं दे सकती, क्योंकि यह अधिकार उपराज्यपाल को दिया गया है।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि पिछली पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने कहा था कि संसद दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले किसी भी विषय पर कानून बना सकती है। विचाराधीन एल्डरमैन के नामांकन दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 (डीएमसी अधिनियम) की धारा 3(3)(बी)(आई) के तहत किए गए थे। शीर्ष अदालत ने इस मामले में मई 2023 में सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा लिया था।