शनिवार, 3 अगस्त 2024

संपूर्ण 'समाधान दिवस' का आयोजन किया

संपूर्ण 'समाधान दिवस' का आयोजन किया 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व मुख्य विकास अधिकारी मुजफ्फरनगर द्वारा तहसील बुढ़ाना पर संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। 
इस दौरान उन्होंने जनसमस्याओं को सुनकर उनके गुणवत्तापूर्ण व त्वरित निस्तारण हेतु सम्बन्धित को निर्देशित किया। 
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशों के क्रम में एसएसपी अभिषेक सिंह व मुख्य विकास अधिकारी सन्दीप भागिया द्वारा तहसील बुढ़ाना में सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। सम्पूर्ण समाधान दिवस के दौरान महोदय द्वारा जनता की जनसमस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना गया तथा समस्याओं के त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारीगण को मौके पर जाकर शिकायतों का शत-प्रतिशत निस्तारण करने हेतु निर्देशित किया गया। अफसरों द्वारा समस्त अधिकारी/कर्मचारीगण को निर्देशित किया गया कि समाधान दिवस में आईं सभी शिकायतों की मौके पर जाकर निष्पक्ष जाँच करें एवं समयावधि में गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें तथा महिला अपराध सम्बन्धी शिकायतों की जाँच प्राथमिकता के आधार पर की जाए। इसके अतिरिक्त अधिकारियों द्वारा समाधान दिवस में उपस्थित सभी अधिकारी/कर्मचारीगण व शिकायतकर्ताओं को साइबर अपराध एवं साइबर ठगी के सम्बन्ध में भी जागरूक किया तथा साइबर अपराध से बचने के उपायों के बारे में विस्तार से बताया। 
समाधान दिवस के दौरान क्षेत्राधिकारी बुढ़ाना गजेन्द्रपाल सिंह, क्षेत्राधिकारी फुगाना सन्त प्रसाद उपाध्याय सहित अन्य पुलिस, प्रशासनिक एवं राजस्व विभाग के अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

शाह को अब्दाली का 'राजनीतिक वंशज' बताया

शाह को अब्दाली का 'राजनीतिक वंशज' बताया 

कविता गर्ग 
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को एक रैली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें अहमद शाह अब्दाली का राजनीतिक वंशज बता दिया। उद्धव ठाकरे यही नहीं रुके उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को भी खटमल से संबोधित किया। 
गौरतलब है कि शनिवार को महाराष्ट्र के पुणे में शिवसेना उद्धव ठाकरे के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एक रैली को संबोधित कर रहे थे। रैली के संबोधन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अमित शाह पर एक बड़ी टिप्पणी करते हुए माहौल गरमा दिया। उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में बोलते हुए कहा कि अमित शाह अहमद शाह अब्दाली के राजनीतिक वंशज हैं और मैं आज से अमित शाह को अब्दाली ही बोलूंगा। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर मुझे आप नकली संतान बोलोगे तो मैं तुम्हें हर हाल में अब्दाली बोलूंगा। उद्धव ठाकरे ने अमित शाह के हिंदुत्व के मुद्दे को पर भी वार करते हुए कहा कि अमित शाह बताएंगे कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू क्या हिंदुत्व वादी व्यक्ति है। 
उन्होंने कहा कि अहमद शाह अब्दाली के नाम में भी शाह था और अमित शाह के नाम में भी शाह है। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर भी बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें लगता है कि मैं किसी को चुनौती दे रहा हूं तो मैं खटमल को चुनौती नहीं देता हूं। इसके साथ ही उन्होंने देवेंद्र फडणवीस पर वार करते हुए कहा कि अरे तेरी हैसियत ही नहीं है। खटमल को अंगूठे से कुचला जाता है और तुम खटमल हो।

फाइनल में मनु को चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा

फाइनल में मनु को चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा

सुनील श्रीवास्तव 
पेरिस। पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय महिला शूटर मनु भाकर का पदकों की हैट्रिक बनाने का सपना पूरा नहीं हो सका। शनिवार को ओलंपिक में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल के फाइनल में 28 अंकों के साथ मनु को चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा। 
इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी रिपब्लिक ऑफ कोरिया की यांग जिन को मिला। जबकि, तीन बार विश्वकप की स्वर्ण पदक विजेता फ्रांस की निशानेबाज केमिली जेड्रेजेव्स्की को रजत एवं हंगरी की मेजर वेरोनिका को कांस्य पदक मिला। भाकर पहले चरण के बाद दूसरे स्थान पर थीं। जबकि, सातवें चरण के अंत तक पदक की दावेदार बनी हुई थीं। आठवीं सीरीज में अपने पांच शॉट में से केवल दो (10.2 या अधिक का स्कोर) लगाने के बाद, भाकर शीर्ष तीन के लिए शूट-ऑफ में चली गईं जहां हंगरी की वेरोनिका मेजर ने उसे पीछे ढकेल दिया। कोरिया की यांग जिन ने 37 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता, जो ओलंपिक रिकॉर्ड की बराबरी करने से केवल एक अंक कम है। 10वीं सीरीज के बाद शूट-ऑफ के बाद फ्रांसीसी निशानेबाज केमिली जेड्रजेजेवस्की को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। 
पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर इससे पहले दो कांस्य पदक हासिल कर इतिहास रच चुकी हैं। उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धा में पोडियम स्थान हासिल किया था। हरियाणा की 22 साल की भाकर ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय निशानेबाज हैं। आज उनसे पूरा देश तीसरे पदक की उम्मीद लगाये था मगर एलीमिनेशन राउंड के बाद वह अंतिम चार में ही अपना स्थान बना सकीं।

शक्तिशाली तूफान, कई विमान क्षतिग्रस्त हुए

शक्तिशाली तूफान, कई विमान क्षतिग्रस्त हुए 

अखिलेश पांडेय 
वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के कोलाराडो राज्य के फोर्ट कार्सन सैन्य प्रतिष्ठान में शक्तिशाली तूफान के कारण कई अमेरिकी सैन्य विमान क्षतिग्रस्त हो गए। 
फोर्ट कार्सन जनसंपर्क कार्यालय की विज्ञप्ति में शुक्रवार को कहा गया, “ एक अगस्त को लगभग आठ बजे, बट्स आर्मी हेलीपोर्ट पर शक्तिशाली तूफान के कारण कई अमेरिकी सैन्य विमान क्षतिग्रस्त हो गए। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, घटना में कॉम्बैट एविएशन ब्रिगेड और इन्फैंट्री डिवीजन के कई विमानों को नुकसान पहुंचा है।” 
विज्ञप्ति के अनुसार, मौसम के कारण अपाचे, चिनूक और ब्लैक हॉक सहित कई विमानों को नुकसान पहुंचा है। सैन्य अधिकारी नुकसान का आकलन करना जारी रखे हुये हैं। सोशल मीडिया पर फुटेज में दिखाया गया है कि गुरुवार को फोर्ट कार्सन में भयंकर तूफान के दौरान अपाचे और ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर पलट गए।

छोटे किसानों को 'खाद्य सुरक्षा' की ताकत बताया

छोटे किसानों को 'खाद्य सुरक्षा' की ताकत बताया 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में छोटे किसानों को देश की खाद्य सुरक्षा की ताकत बताते हुए शनिवार को कहा कि भारतीय कृषि की विविधता इस देश को विश्व की खाद्य सुरक्षा के लिए आशा की किरण बनाती है। मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित “कृषि अर्थशास्त्रियों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएई)” का उद्घाटन करते हुए ये बातें कहीं। 
यह सम्मेलन भारत में 65 साल बाद आयोजित किया गया है। सात दिवसीय इस सम्मेलन में दुनिया भर के करीब 1000 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जिसमें 40 प्रतिशत से अधिक महिला प्रतिनिधि हैं। मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि 65 साल पहले जब भारत ने मैसूर में इस सम्मेलन का आयोजन किया था। उस समय भारत की खाद्य सुरक्षा दुनिया की चिंता का विषय था, आज भारत दुनिया की खाद्य सुरक्षा की चिंता कर रहा है। 
उन्होंने कहा कि विश्व की चुनौतियों को एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य के समग्र दृष्टिकोण से ही ही निपटा जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 65 साल पहले जब आईसीएई की कॉन्फ्रेंस यहां हुई थी, तो भारत नया-नया आजाद हुआ था और देश की खाद्य सुरक्षा और भारत की कृषि “दुनिया की चिंता का विषय था।” आज भारत, अपनी जरूरत से अधिक अन्न पैदा करने वाला देश है। आज भारत, दूध, दाल और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत अनाज, फल, सब्जियों, कपास, चीनी, चाय, जलीय मछली का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। ‘एक वो समय था, जब भारत की खाद्य सुरक्षा, दुनिया की चिंता का विषय था। एक आज का समय है, जब भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा के समाधान देने में जुटा है।’ इसलिए, ‘फूड सिस्टम ट्रांसफॉर्मेशन’ ( खाद्य प्रणाली का कायाकल्प) जैसे विषय पर चर्चा करने के लिए भारत के अनुभव बहुमूल्य हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ विशेषकर ग्लोबल साउथ को मिलना तय है। सत्र को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, कृषि वैज्ञानिकों के अंतराष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएई) के अध्यक्ष डॉक्टर मतीन कैम और नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद ने भी संबोधित किया। 
प्रधानमंत्री ने कहा, “कृषि क्षेत्र भारत की आर्थिक नीति में केंद्रीय महत्व रखता है। हमारे यहां, करीब 90 प्रतिशत कृषक परिवार ऐसे हैं, जिनके पास बहुत कम जमीन है। ये छोटे किसान ही भारत की खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत हैं। यही स्थिति एशिया के कई विकासशील देशों में है। इसलिए, भारत का मॉडल कई देशों के काम आ सकता है।” उन्होंने कहा कि स्वस्थ कृषि के लिए भारत में बड़े पैमाने पर रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है और इसके अच्छे परिणाम भी आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में भी स्वस्थ और जलवायु परिवर्तन को सहन करने में समर्थ कृषि पर बड़े पैमाने पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा, “हम अपने किसानों का सहयोग करने के लिए एक पूरा वातावरण विकसित कर रहे हैं। भारत का बहुत जोर जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशील फसलों से जुड़ी अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने पर है।” श्री मोदी ने प्रतिनिधियों को बताया कि बीते 10 वर्षों में भारत ने फसलों की करीब 900 ऐसी नयी किस्मों का विकास कर उनको किसानों का दिया है जो वातावरण के बढ़ते तापमान को सहन करने में समर्थ हैं। अपने किसानों को दी हैं। उन्होंने कहा, “हमारे यहाँ धान की कुछ किस्में ऐसी भी हैं, जिनको परंपरागत किस्मों के मुकाबले, एक चौथाई कम पानी चाहिए।” भारतीय कृषि की विविधता को विश्व की खाद्य सुरक्षा के लिए आशा की किरण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैदानी इलाकों की खेती अलग है.. हिमालय की खेती अलग है...मरुभूमि...शुष्क मरुप्रदेश की खेती अलग है...जहां पानी कम होता है, वहां की खेती अलग है....औऱ तटीय क्षेत्रों की खेती अलग है। ये जो विविधता है, यही वैश्विक खाद्य की सुरक्षा के लिए के लिए भारत को उम्मीद की किरण बनाती है। भारत में हम आज भी छह मौसम को ध्यान में रखते हुए सबकुछ योजनबद्ध तरीके से करते हैं। हमारे यहां 15 अलग-अलग कृषि जलवायु क्षेत्र हैं, जिनकी अपनी खासियत है। भारत में अगर आप कुछ 100 किलोमीटर की दूरी तय करें, तो खेती बदल जाती है।” उन्होंने कहा कि आज के समय में पानी की कमी और जलवायु परिवर्तन के साथ ही पोषण भी एक बड़ी चुनौती है। इसका समाधान भी भारत के पास है। भारत, ज्वार बाजारा का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है। जिन्हें दुनिया सुपरफूड कहती है और उसे हमने श्री अन्न की पहचान दी है। ये ज्वारबाजार की खेती न्यूनतम पानी , अधिकतम उपज के सिद्धांत पर चलते हैं। भारत के अलग-अलग सुपरफूड, पोषण की समस्या का समाधान करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। श्री मोदी ने कहा कि जीवन और अन्न को लेकर, भारत की ज्ञान परंपरा हज़ारों वर्ष प्राचीन है। उसके आधार पर देश में खेती-बाड़ी का विकास हुआ है। भारत में करीब दो हज़ार वर्ष पहले “कृषि पराशर” नाम से जो ग्रंथ लिखा गया था, वो पूरे मानव इतिहास की धरोहर है। ये वैज्ञानिक खेती का एक विषद ग्रंथ है, जिसका अब अनुवाद भी मिल सकता है। 
इस ग्रंथ में कृषि पर ग्रह नक्षत्रों का प्रभाव... बादलों के प्रकार...वर्षा को नापने का तरीका और भविष्यवाणी, वर्षाजल संभरण...जैविक खाद...पशुओं की देखभाल, बीज की सुरक्षा कैसे की जाए, भंडारण कैसे किया जाए... ऐसे अनेक विषयों पर इस ग्रंथ में विस्तार से बताया गया है। इसी विरासत को आगे बढ़ाते हुए भारत में कृषि से जुड़ी शिक्षा और अनुसंधान का एक मजबूत इकोसिस्टम बना हुआ है। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत कृषि शिक्षा और अनुसंधान के विशाल नेटवर्क पर भी प्रकाश डाला और कहा कि भारत में 700 से ज्यादा कृषि विज्ञान केंद्र हैं, जो किसानों तक नई टेक्नॉलॉजी पहुंचाने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत विश्व बंधु के तौर पर, मानवता के कल्याण को सर्वोपरि रखता है। जी-20 के दौरान भारत ने ‘एक धरती, एक परिवार, और एक भविष्य’ का विजन सामने रखा था। भारत ने पर्यावरण को बचाने के लिए जीवन शैली में बदलाव के लिए या मिशन लाइफ का मंत्र भी दिया। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2024- 25 के बजट में भारतीय कृषि प्रणाली को नैसर्गिक दृष्टि से स्वस्थ और जलवायु परिवर्तन के समक्ष जुझारू बनाने के लिए किए गए प्रावधानों का भी उल्लेख किया। उन्होंने सम्मेलन के प्रतिनिधियों को भारत में मृदा स्वास्थ्य कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, ड्रोन दीदी, इलेक्ट्रॉनिक कृषि मंडी और किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 10 करोड़ किसानों को डिजिटल तरीके से किया जा रहे भुगतान जैसी अनेक पहल कभी उल्लेख किया। श्री मोदी ने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन की चर्चाओं से किसी को स्वस्थ बनने की चुनौतियों के विषय में महत्वपूर्ण सुझाव सामने आएंगे और हमें एक दूसरे के अनुभव से सीखने का लाभ मिलेगा। श्री मोदी ने अपने संबोधन के प्रारंभ में देश के 12 करोड़ किसानों और पशुपालकों की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा, “आप उस देश में हैं, जहां 55 करोड़ पशु पाले जाते हैं। कृषि प्रधान देश भारत में, जीव प्रेमी भारत में आपका स्वागत है, अभिनंदन है।” श्री मोदी ने कहा भारत जितना प्राचीन है, उतनी ही प्राचीन कृषि और खाद्य को लेकर हमारी मान्यताएं हैं, हमारे अनुभव हैं और भारतीय कृषि परंपरा में, विज्ञान को, तर्क को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि आज अन्न और पोषण को लेकर इतनी चिंता दुनिया में हो रही है। लेकिन हज़ारों साल पहले हमारे ग्रंथों में कहा गया है- अन्नं हि भूतानां ज्येष्ठम्, तस्मात् सर्वौषधं उच्यते। अर्थात्, सभी पदार्थों में अन्न श्रेष्ठ है, इसीलिए अन्न को सभी औषधियों का स्वरूप, उनका मूल कहा गया है। हमारे अन्न को औषधीय प्रभावों के साथ इस्तेमाल करने का पूरा आयुर्वेद विज्ञान है। ये पारंपरिक ज्ञान प्रणाली भारत के समाज जीवन का हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने एक दशक में हमने खेती को आधुनिक टेक्नॉलॉजी से जोड़ने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। आज, एक किसान मृदास्वास्थ्यकार्ड की मदद से ये जान सकता है कि उसे क्या उगाना है। वह सोलर पावर की मदद से पंप चलाता है और बंजर भूमि में सोलर पंप से सींचाई हो रही है। किसान वो ई-नाम इलेक्ट्रानिक कृषि मंडल मंचसे अपनी पैदावार को बेच सकता है, वो किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग करता है। वो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से अपनी फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। किसानों से लेकर कृषि स्टार्टअपतक, नैचुरल फार्मिंग से लेकर फर्मस्टे और फार्म-टू-टेबल की व्यवस्था तक, भारत में कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र लगातार संगठित क्षेत्र का रूप ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत में पिछले दस वर्षों में ही 90 लाख हेटक्टेयर क्षेत्र को माइक्रो सिंचाई से जोड़ा गया है। हमारे पेट्रोल में एथनॉल मिलाने के कार्यक्रम से भी खेती और पर्यावरण दोनों को लाभ हो रहा है। पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाने के लक्ष्य की ओर प्रगति तेज है। उन्होंने सम्मेलन को बताया कि भारत में कृषि क्षेत्र में डिजिटल टेक्नॉलॉजी का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से, एक क्लिक पर 10 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 30 सेकेंड में पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं। सरकार फसलों के डिजिटल सर्वे के लिए सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना बना रही हैं। जिससे किसानों को अपनी फसल की स्थिति के बारे में सीधी सूचना मिलेगी और वे तथ्य के आधार पर फसलों के लिए उपयुक्त उपाया और उपचार कर सकेंगे। उन्होंने कहा, “हमारी इस पहल से करोड़ों किसानों को फायदा होगा, उनकी आर्थिक स्थिति और बेहतर होगी।” प्रधानमंत्री ने कृषि भूमि के रिकार्ड के डिजिटलीकरण अभियान, खेती में ड्रोन के उपयोगकी भी जानकारी दी और कहा कि इन अनुपयोगों से विश्व को भी लाभ हो सकता है।

पिता ने 3 वर्षीय पुत्र की गला दबाकर हत्या की

पिता ने 3 वर्षीय पुत्र की गला दबाकर हत्या की

संदीप मिश्र 
सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के थाना सदरपुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बुजुर्ग खावा में शनिवार को एक पिता ने अपने तीन वर्षीय पुत्र की कथित रूप से गला दबाकर हत्या कर दी। 
घटना की सूचना मिलने पर सदरपुर पुलिस मौके पर पहुंची और अभियुक्त को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस के अनुसार थाना सदरपुर के ग्राम बुजुर्ग खावा में नितिन (03) पुत्र बबलू को इसका पिता बबलू शनिवार की सुबह से लेकर चला गया था। इसकी पत्नी जगदंबा देवी और परिवार के सदस्य इसको ढूंढ रहे थे। ग्रामीणों ने बबलू को गन्ने के खेत में नितिन की लाश के पास बैठे देखा। ग्रामीणों को देखकर वह भागा लेकिन ग्रामीणों ने इसे दौड़कर पकड़ लिया और घटना की सूचना पुलिस को दी। 
पुलिस ने अभियुक्त को हिरासत में लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस का प्रथम दृष्ट्या अनुमान है, कि पिता ने ही अपने तीन वर्षीय पुत्र की हत्या की है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-288, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. रविवार, अगस्त 04, 2024

3. शक-1945, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि-अमावस्या, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 36 डी.सै., अधिकतम- 40 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7. स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय  (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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