जलाभिषेक: आज मनाई जाएगी 'महाशिवरात्रि'
सरस्वती उपाध्याय
सावन शिवरात्रि 2 अगस्त 2024 को है। भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए ये दिन बहुत खास है। इस दिन कांवड़ जल भी चढ़ेगा। जानें, सावन शिवरात्रि की महत्वपूर्ण जानकारी।
सावन शिवरात्रि पर करें पार्थिव शिवलिंग की पूजा
सावन शिवरात्रि पर मिट्टी के शिवलिंग बनाकर पूजा करें। सुबह स्नान के बाद सफेद रंग के वस्त्र पहने और जल, दूध, दही, घी की धारा बनाकर शिव का अभिषेक करें। फिर गन्ने के रस की धारा शिवलिंग पर अर्पित करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जप करते रहें। बेलपत्र, धतूरा चढ़ाएं। खीर का भोग लगाएं। शिव चालीसा का पाठ करें। अगले दिन मिट्टी के शिवलिंग को जल में प्रवाहित कर दें।
सावन शिवरात्रि पर शिव पूजा का मुहूर्त
चर (सामान्य) - सुबह 05.43 - सुबह 07.24
लाभ (उन्नति) - सुबह 07.24 - सुबह 09.05
अमतृ (सर्वोत्तम) - सुबह 09.05 - सुबह 10.46
प्रदोष काल - शाम 05.30 - रात 07.11।
सावन शिवरात्रि पूजा-सामग्री
सावन शिवरात्रि पर शिव पूजा के लिए गंगाजल, जल, दही, दूध, कलश, जौ की बालें, भांग, बेर, कपूर, धूप, दीप, गुलाल, अबीर, भस्म, सफेद चंदन, घी, शहद, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मदार पुष्प, पंच मिष्ठान्न, बेलपत्र, मौली जनेऊ, आम्र मंजरी, पुष्प, पूजा के बर्तन, कुशासन, धतूरा, पंच फल, दक्षिणा, गन्ने का रस, रूई, मलयागिरी, शिव जी और मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।
सावन शिवरात्रि पर 19 साल बाद दुर्लभ संयोग
सावन शिवरात्रि 19 साल बाद आर्द्रा नक्षत्र में मनाई जाएगी। आर्द्रा नक्षत्र के देवता रूद्र (शिव) माने गए हैं। आर्द्रा नक्षत्र 1 अगस्त को सुबह 10.24 से शुरू होगा और 2 अगस्त 2024 को सुबह 10.59 पर समाप्त होगा। ऐसे में इस दौरान शिव पूजा का दोगुना फल मिलेगा।
सावन शिवरात्रि पर चार प्रहर पूजा का मुहूर्त
रात्रि प्रथम प्रहर- रात 07:11 - रात 09:49
रात्रि द्वितीय प्रहर- रात 09:49 - प्रात: 12:27, 3 अगस्त
रात्रि तृतीय प्रहर- प्रात: 12:27 - प्रात: 03:06, 3 अगस्त
रात्रि चतुर्थ प्रहर- प्रात: 03:06 - सुबह 05:44, 3 अगस्त।
शिवरात्रि पर जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त
निशिता काल पूजा मुहूर्त - सावन शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की पूजा रात में होती है। ऐसे में सावन शिवरात्रि पर प्रात: 12.06 मिनट से सुबह 12.49 के बीच जलाभिषेक का मुहूर्त बन रहा है। कहते हैं, इस दिन प्रदोष काल और रात्रि काल में शिवलिंग में महादेव का वास होता है।