गुरुवार, 18 जुलाई 2024

पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप, धरना-प्रदर्शन

पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप, धरना-प्रदर्शन 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। मुज़फ्फरनगर के बुढ़ाना कोतवाली में पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाते हुए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। भाकियू पदाधिकारियों का आरोप है कि अटेरना गांव के निवासी लूट के आरोपियों को ग्रामीणों द्वारा खुद पुलिस को सौंपा गया था, लेकिन पुलिस ने आरोपियों का फर्जी एनकाउंटर करते हुए उनके पैरों में गोली मार दी।
भाकियू ने इंस्पेक्टर और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस धरने में भाकियू कार्यकर्ताओं के साथ राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के कार्यकर्ता भी मौजूद हैं। धरना दें रहे किसानों के बीच सांसद हरेंद्र मलिक भी पहुंचे और उन्होंने किसानों का समर्थन किया।

सद्भाव को नुकसान, बहाने ढूंढ़ती रहती है सरकार

सद्भाव को नुकसान, बहाने ढूंढ़ती रहती है सरकार 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। कांवड़ यात्रा के दौरान मुजफ्फरनगर पुलिस के फरमान पर विपक्षी दलों ने प्रहार करते हुए कहा है कि सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने के बहाने ढूढती रहती है। दरअसल, मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा शुरु होने से पहले रुट पर पड़ने वाले ठेले ढाबे वालों को अपना नाम लिखने का सुझाव दिया है। पुलिस की एडवाइजरी में बताया गया कि यात्रा के रूट पर पड़ने वाली दुकानों, ढाबों और ठेलों पर विक्रेता का नाम लिखना जरूरी होगा। इस मामले में एतराज जताने के बाद में पुलिस ने एक और निर्देश जारी कर बताया कि होटल, ढाबों के मालिक अपनी ‘इच्छा’ से अपना नाम और रेट कार्ड दुकान के बाहर लगा सकते हैं। पुलिस का कहना है कि कई बार रेट और धर्म को लेकर कांवड़ियों में लड़ाई हुई है। जिसे देखते हुए ये फैसला लिया गया था। उधर, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पुलिस के इस कृत्य को सरकार के इशारे पर की गई कार्रवाई करार दिया है। 
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सामाजिक सद्भाव की दुश्मन है। समाज का भाईचारा बिगाड़ने का वह कोई न कोई बहाना ढूंढ़ती रहती है। भाजपा का उद्देश्य समाज को बांटना और परस्पर सौहार्द को क्षति पहुंचाना होता है। भाजपा की इन्हीं विभाजनकारी नीतियों के चलते प्रदेश का सामाजिक वातावरण प्रदूषित हो रहा है। उन्होने कहा कि कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस ने नया फरमान जारी किया है कि ठेले-ढाबे सहित सभी दुकानदार अपना नाम बाहर जरूर लिखें। इसके पीछे सरकार की मंशा अल्पसंख्यक वर्ग को समाज से अलग बांटने और उन्हें शक के दायरे में लाने की है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर पोस्ट किया “ पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर जिला के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश यह गलत परम्परा है, जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है। जनहित में सरकार इसे तुरन्त वापस ले।”  मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ़ से कांवड़ियों के गुज़रने वाले रास्ते पर हर खाने-पीने की दुकान या ठेले वाले को अपना नाम का बोर्ड लगाने के आदेश की हम मज़म्मत करते हैं। इसलिए मज़म्मत करते हैं। क्योंकि, ये संविधान के धारा 17 के खिलाफ है।

सरकार ने असम रिपीलिंग बिल को मंजूरी दी

सरकार ने असम रिपीलिंग बिल को मंजूरी दी

इकबाल अंसारी 
दिसपुर। असम सरकार राज्य में मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को निरस्त करेगी। सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है। इन दोनों कानूनों को निरस्त करने के लिए गुरुवार को कैबिनेट में असम रिपीलिंग बिल यानी असम निरसन अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। सीएम सरमा ने ऐलान किया है कि अब इस निरसन विधेयक को विधानसभा में रखा जाएगा। 
विवाह और तलाक के पंजीकरण में समानता लाने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने गुरुवार को असम निरसन विधेयक को मंजूरी दे दी है। सीएम हिमंत ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि इस बिल का उद्देश्य असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 और असम  मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण नियम, 1935 को निरस्त करना है। असम कैबिनेट की ओर से मंजूर असम रिपीलिंग अधिनियम को अब विचार के लिए असम विधानसभा के अगले मानसत्र सत्र में रखा जाएगा। कैबिनेट ने यह भी फैसला किया है कि असम में मुस्लिम विवाहों के पंजीकरण के लिए एक उपयुक्त कानून लाया जाए, जिस पर विधानसभा के अगले सत्र तक विचार किया जाएगा। सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखी पोस्ट में कहा है कि हमने बाल विवाह के अतिरिक्त सुरक्षा उपाय कर अपनी बेटियों और बहनों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सीएम ने आगे लिखा है कि कैबिनेट की बैठक में हमने असम रिपीलिंग बिल 2024 के माध्यम से असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम और नियम 1935 को निरस्त करने का निर्णय लिया है।

गंगा में डूबा आधा गुरुद्वारा, बाढ़ का खतरा

गंगा में डूबा आधा गुरुद्वारा, बाढ़ का खतरा 

संदीप मिश्र 
कानपुर। मानसूनी बारिश लगातार अपना कहर बरपाते हुए लोगों को जान और माल का नुकसान पहुंचाने में लगी है। गंगा के तट पर बना गुरुद्वारा आधा पानी में डूब गया है। बाढ़ से हो रही तबाही ऐसे हालातों में है, जब राज्य के 63 शहरों में बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी है। 
बृहस्पतिवार को कानपुर में पूरी तरह से उफान पर आई गंगा में सरसैया घाट स्थित गुरुद्वारा आधे से ज्यादा पानी में डूब गया है। गंगा का जल स्तर लगातार तेजी के साथ ऊपर की तरफ बढ़ रहा है। सरसैया घाट स्थित गुरुद्वारा और घाट को पूरी तरह से जलमग्न कर चुका बाढ़ का पानी अब किसी भी समय लोगों के घरों के भीतर घुसकर अपना डेरा जमा सकता है। 
हालांकि, पुलिस और प्रशासन की ओर से लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन पानी के आगे उनका कोई इंतजाम मूर्त रूप नहीं ले रहा है। उधर लखनऊ में दोपहर के आसमान में छाये बादलों ने कुछ इलाकों में बरसना शुरू कर दिया है। हालात ऐसे हैं कि बारिश के बाद भी भीषण उमस की स्थिति बनी हुई है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-272, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. शुक्रवार, जुलाई 19, 2024

3. शक-1945, आषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि-त्रयोदशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 32 डी.सै., अधिकतम- 37 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय  (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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बुधवार, 17 जुलाई 2024

राशि वृश्चिक पर संचार करने वाले हैं 'चंद्रमा'

राशि वृश्चिक पर संचार करने वाले हैं 'चंद्रमा' 

सरस्वती उपाध्याय 
17 जुलाई दिन बुधवार को चंद्रमा मंगल ग्रह की राशि वृश्चिक पर संचार करने वाले हैं और सूर्य व चंद्रमा एक दूसरे से नौवें और पांचवे भाव में मौजूद रहेंगे, जिससे नवपंचम योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही कल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है और इस तिथि को हरिशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है और इसी दिन से चातुर्मास 2024 की शुरुआत भी हो रही है। हरिशयनी एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, बुधादित्य योग और अनुराधा नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है, जिससे कल के दिन का महत्व और भी बढ़ गया है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कल बन रहे शुभ योग का फायदा 5 राशियों को मिलने वाला है। इन राशियों के अटके हुए कार्य पूरे होंगे और परिवार में चल रही परेशानियां खत्म होंगी। राशियों के साथ कुछ ज्योतिष उपाय भी बताए गए हैं, इन उपायों को करने से कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होगी और भगवान विष्णु के साथ गौरी पुत्र गणेशजी की भी कृपा बनी रहेगी, जिससे इन 5 राशियों के जीवन में चल रहीं सभी विघ्न और बाधाएं दूर होंगी। आइए जानते हैं कल यानी 17 जुलाई का दिन किन किन राशियों के 17 जुलाई का दिन वृषभ राशि वालों के लिए बेहद स्पेशल रहने वाला है। वृषभ राशि वाले कल बुद्धिमानी तरीके से फैसला लेने में सक्षम होंगे और अपने हितों को बढ़ावा देंगे। विद्यार्थी अगर उच्च शिक्षा के लिए विदेश में किसी शिक्षण संस्थान में प्रवेश लेना चाहते हैं तो उन्हें सफलता मिलेगी। व्यापार करने वाले अधिक मुनाफे कमाने में कामयाब रहेंगे और अपना वर्चस्व बनाने में कामयाब रहेंगे। वहीं नौकरी पेशा जातकों को कल किसी दूसरी कंपनी से अच्छी आमदनी के साथ ऑफर मिल सकता है। ससुराल पक्ष के साथ संबंधों में मजबूती आएगी और जीवनसाथी के साथ भी संबंध मजबूत रहेंगे। परिवार में किसी सदस्य की सेहत को लेकर चिंतित हैं, तो कल स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा और माथे की लकीरें भी कम होंगी। वहीं लव लाइफ में अगर कोई गलतफहमी चल रही है तो कल वह दूर हो जाएगी और रिश्तों में फिर से मजबूती आएगी।
सिंह राशि वालों के लिए कल यानी 17 जुलाई का दिन अत्यंत फलदायी रहने वाला है। सिंह राशि वाले कल एकादशी तिथि की वजह से धर्म कर्म के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे और हर काम को फोकस के साथ पूरा करेंगे। कल आपको पैतृक संपत्ति या फिर निवेश के माध्यम से धन प्राप्त होगा और कर्जों से भी राहत मिलती नजर आएगी। नौकरी पेशा जातकों को कल प्रमोशन के साथ अन्य लाभ मिलने के योग बन रहे हैं और वहीं व्यापारी योजनाओं के माध्यम से प्रतिद्वंदियों को टक्कर देने की क्षमता मजबूत होगी, जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। माता पिता की सलाह और आशीर्वाद से आपके कई काम बनते चले जाएंगे और संतान के भविष्य के लिए कुछ निवेश भी कर सकते हैं। वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा और जीवनसाथी के साथ मिलकर किसी संपत्ति की खरीदारी भी कर सकते हैं।

सरकारी स्कूलों में 'डिजिटल अटेंडेंस' स्थगित की

सरकारी स्कूलों में 'डिजिटल अटेंडेंस' स्थगित की

संदीप मिश्र 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश शिक्षकों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। फिलहाल, दो महीने के लिए सरकारी स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस स्थगित कर दी गई है। इस नये नियम को सरकार ने दो माह के लिए होल्ड पर रख द‍िया है।
डिजिटल अटेंडेंस को लेकर श‍िक्षक संघ ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से मुलाकात की। इस पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आश्वासन देते हुए कहा है कि एक कमेटी बनाकर समस्या का निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की शिक्षा में ट्रांसफॉर्मेशन होना चाहिए। फिलहाल दो माह के लिए इसे होल्ड पर कर दिया गया है। गौरतलब है कि ऑनलाइन अटेंडेंस के सरकारी फरमान के विरुद्ध प्रदेश भर के सरकारी टीचर लामबंद हो गए हैं। शिक्षकों को जब उनके धरने प्रदर्शन के बावजूद सरकार से कोई राहत नहीं मिली, तो सामूहिक रूप से उन्होंने संकुल पद से त्यागपत्र देने का फैसला किया। बता दें कि रामपुर जिले के 375 शिक्षकों ने इस पद से त्यागपत्र देने की घोषणा कर दी। जिसमें शिक्षक बिना किसी मानदेय या खर्च की विद्यालयों के पत्र और सूचनाओं पहुंचने तक सरकारी काम करते रहे हैं।

क्वालिटी टैब को शिक्षकों ने बताया समस्या

डिजिटल अटेंडेस का विरोध करते हुए यूपी के शिक्षकों ने कई कारण दिए हैं। शिक्षक संतोष कुमार ने आजतक से बातचीत के दौरान कि प्रशासन ऑनलाइन अटेंडेंस पर जोर दे रहा है। लेकिन उसे लागू करने में जो संसधान इस्तेमाल किए जा रहे हैं, वे ही सही नहीं हैं। उन्होंने बताया कि डिजिटल अटेंडेंस के लिए जो टैब स्कूलों को दिया गया है, वह एकदम लो क्वालिटी का है। कभी काम करता है, कभी नहीं। कई बार सर्वर डाउन दिखाता है। 
समय को बताया मुख्य कारण
बिजनौर जिले के विकास क्षेत्र अलहैपुर धामपुर में प्राथमिक विद्यालय चांदनवाला के शिक्षक संतोष कुमार (स.अ.) ने आजतक.इन से कहा कि एक शिक्षक की हाजिरी तीन बार मांगी गई है, एक सुबह के समय, एक शिक्षण कार्य के बीच और एक स्कूल से निकलने से पहले। प्रशासन का मानना है कि ऑनलाइन हाजिरी होने से शिक्षक विद्यालय से नदारत नहीं रह पाएगा। वह चाहे कितनी भी कोशिश कर ले विद्यालय नहीं छोड़ पाएगा। ऐसे में अगर किसी शिक्षक की तबियत बिगड़ती है या उसके किसी परिचित के साथ कोई ट्रेजडी हो जाती है तो उसका क्या होगा ? क्योंकि ऐसे स्थिति में शिक्षकों के लिए कोई प्रावधान नहीं है ना कोई हाफ डे ना कोई EL. शिक्षक को सालभर में मात्र 14 CL मिलती हैं।

काली पट्टी बांधकर शिक्षकों ने जताया विरोध

बता दें कि प्रदेश सरकार ने शिक्षकों को 11 जुलाई से अनिवार्य रूप से डिजिटल अटेंडेंस दर्ज कराने का आदेश दिया था। सरकार के इस आदेश के खिलाफ शिक्षकों ने मोर्चा खोला। शिक्षकों के कई संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। शिक्षकों ने सरकार के आदेश को अव्यवहारिक बताया है। यूपी के कई जिलों में शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। कई संगठनों से जुड़े शिक्षकों ने जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। इसके बाद बाराबंकी-उन्नाव में डिजिटल अटेंडेंस न लगाने पर शिक्षकों का वेतन रोकने का आदेश दिया गया। अब इस नए नियम को होल्ड पर रखा गया है।

चेन्नई टेस्ट: टीम 'इंडिया' ने 339 रन बनाएं

चेन्नई टेस्ट: टीम 'इंडिया' ने 339 रन बनाएं  अकांशु उपाध्याय  चेन्नई। भारत ने चेन्नई टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ पहले दिन गुरुवार क...