शुक्रवार, 12 जुलाई 2024

स्मृति पर किए गए भद्दे कमेंट को लेकर चिंता जताई

स्मृति पर किए गए भद्दे कमेंट को लेकर चिंता जताई 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से सांसद निर्वाचित हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को लेकर भद्दे और अपमानजनक कमेंट करने वाले लोगों को नसीहत देते हुए उनसे ऐसा नहीं करने के लिए कहा है। 
शुक्रवार को कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर किए जाने वाले भद्दे कमेंट को लेकर चिंता जताते हुए लोगों को नसीहत देते हुए कहा है कि हार जीत जीवन में लगी रहती है। मैं सभी से इस बात का आग्रह करता हूं कि वह स्मृति ईरानी अथवा अन्य किसी नेता के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई अपमानजनक भाषा या भद्दी टिप्पणी का इस्तेमाल नहीं करें। एक्स पर की गई पोस्ट में उन्होंने कहा कि किसी का अपमान करना या किसी को नीचा दिखाना यह हमारे शक्तिशाली होने का नहीं, बल्कि कमजोर होने का प्रदर्शन करता है। किसी को भी ऐसा नहीं करना चाहिए।

नेपाल: दहल ने 'पीएम' पद से इस्तीफा दिया

नेपाल: दहल ने 'पीएम' पद से इस्तीफा दिया 

अखिलेश पांडेय 
काठमांडू। संसद में विश्वास में हासिल करने के दौरान हार के बाद प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अब नई सरकार के गठन की चर्चा शुरू हो गई है। गौरतलब है कि नेपाल में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल "प्रचंड" को 19 महीने के अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान कई बार विश्वास मत हासिल करने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी लेकिन इस बार प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल संसद में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए जिसके कारण उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। 
दरअसल, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड 25 दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री बने थे। प्रधानमंत्री बनने के लगभग 19 महीने बाद उनकी सरकार को पांचवीं बार विश्वास मत हासिल करने का नंबर आया , जिसमें नेपाल की 275 सदस्य वाली संसद में उन्हें 63 वोट मिले जबकि उनके खिलाफ 194 वोट पड़े। अब नेपाल में नई सरकार के गठन की चर्चाएं शुरू हो चुकी है, कि अब नेपाल का प्रधानमंत्री कौन बनेगा। इसके साथ ही नेपाल की नेपाल कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के बीच समझौता हो गया है, जिसमें 3 साल तक शेर बहादुर देउबा और ओली प्रधानमंत्री के रूप में काम करेंगे।

आहार 'संपादकीय'

आहार    'संपादकीय'
शाकाहार की एक अत्यंत तार्किक परिभाषा यह है कि शाकाहार में वे सभी चीजें शामिल हैं जो वनस्पति आधारित हैं। पेड़-पौधों से मिलती हैं एवं पशुओं से मिलने वाली चीजें, जिनमें कोई प्राणी जन्म नहीं ले सकता जैसे दूध-घी आदि, इसके अतिरिक्त शाकाहार में और कोई चीज़ शामिल नहीं है। इस परिभाषा की मदद से शाकाहार का निर्धारण किया जा सकता है। 
उदाहरण के लिये दूध, शहद आदि से बच्चे नहीं होते जबकि अंडे जिसे कुछ तथाकथित बुद्धजीवी शाकाहारी कहते है, उनसे बच्चे जन्म लेते हैं। अतः अंडे मांसाहार है। प्याज़ और लहसुन शाकाहार हैं किन्तु ये बदबू करते हैं अतः इन्हें शुभकर्म और पूजा-उपासना के अवसरों पर प्रयोग नहीं किया जाता है। यदि कोई मनुष्य अनजाने में, भूलवश, गलती से या किसी के दबाव में आकर मांसाहार कर लेता है तो भी उसे शाकाहारी ही माना जाता है।
सनातन धर्म भी शाकाहार पर आधारित है। जैन धर्म भी शाकाहार का समर्थन करता है एवं जैन भोजन में जिमीकन्द आदि त्याजय है। सनातन धर्म के अनुयायी जिन्हें हिन्दू भी कहा जाता है वे शाकाहारी होते हैं। यदि कोई व्यक्ति खुद को हिन्दू बताता है किंतु मांसाहार करता है तो वह धार्मिक तथ्यों से (सनातन) हिन्दू नहीं रह जाता। अपना पेट भरने के लिए या महज़ जीभ के स्वाद के लिए किसी प्राणी की हत्या करना मनुष्यता कदापि नहीं हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त एक अवधारणा यह भी है कि शाकाहारियों में भोलापन और बीमारियों से लड़ने की क्षमता ज़्यादा होती है।
नैतिक, स्वास्थ्य, पर्यावरण, धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सौंदर्य, आर्थिक, या अन्य कारणों से शाकाहार को अपनाया जा सकता है। अनेक स्वादिष्ट, लाभदायक और गुणकारी शाकाहारी आहार हैं। एक लैक्टो-शाकाहारी आहार में दुग्ध उत्पाद शामिल हैं' लेकिन अंडे नहीं। एक ओवो-शाकाहारी के आहार में अंडे शामिल होते हैं लेकिन गोशाला उत्पाद नहीं और एक ओवो-लैक्टो शाकाहारी के आहार में अंडे और दुग्ध उत्पाद दोनों शामिल हैं। एक वेगन अर्थात अतिशुद्ध शाकाहारी आहार में कोई भी 'प्राणी' उत्पाद शामिल नहीं हैं, जैसे कि दुग्ध उत्पाद, अंडे और सामान्यतः शहद। अनेक वेगन प्राणी-व्युत्पन्न किसी अन्य उत्पादों से भी दूर रहने की चेष्टा करते हैं, जैसे कि कपड़े और सौंदर्य प्रसाधन (चमड़े के जूते अथवा बेल्ट)।
अर्द्ध-शाकाहारी भोजन में बड़े पैमाने पर शाकाहारी खाद्य पदार्थ हुआ करते हैं, लेकिन उनमें मछली या अंडे शामिल हो सकते हैं। या यदा-कदा कोई अन्य मांस भी हो सकता है। एक पेसेटेरियन आहार में मछली होती है, मगर मांस नहीं। 
जिनके भोजन में मछली और अंडे-मुर्गे होते हैं वे "मांस" को स्तनपायी के गोश्त के रूप में परिभाषित कर सकते हैं और खुद की पहचान शाकाहार के रूप में कर सकते हैं। हालाँकि, शाकाहारी सोसाइटी जैसे शाकाहारी समूह का कहना है कि जिस भोजन में मछली और पोल्ट्री उत्पाद शामिल हों, वो शाकाहारी नहीं है, क्योंकि मछली और पक्षी भी प्राणी हैं।
राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-266, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254

2. , शनिवार, जुलाई 13, 2024

3. शक-1945, आषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि-सप्तमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:35, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 31 डी.सै., अधिकतम- 34 डी.सै.।

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7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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गुरुवार, 11 जुलाई 2024

'चुकंदर की खीर' बनाने की रेसिपी, जानिए

'चुकंदर की खीर' बनाने की रेसिपी, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
सब्जियों में से एक चुकंदर की बात की जाए तो, शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाने के लिए इसका सेवन किया जाता है। इसका सेवन हम सलाद के रूप में प्राय: करते हैं तो वहीं पर कई बार इसका जूस पीना भी पसंद करते है।
लेकिन आज हम आपको इसकी और अन्य डिश के बारे में बताने जा रहे है, जो टेस्टी होने के साथ हेल्दी भी होती है। इस खास डिश का नाम चुकंदर की खीर है।

इन विधि से बनाएं आसान चुकंदर की खीर...

घर पर आप कम समय में चुकंदर की खीर बना सकते है, फायदेमंद है, जो इस प्रकार है...

अगर आप भी कुछ हेल्दी और टेस्टी पीना चाहते हैं। आप कम समय में घर पर चुकंदर की खीर बना सकते हैं। यह सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी गई है।

क्या चाहिए आपको ?

घर में चुकंदर की खीर बनाने के लिए आपको कई चीजों की आवश्यकता होगी, जो इस प्रकार है…

1- चुकंदर -कद्दूकस किया हुआ
2- दूध
3- इलायची और दूध मसाला।

जानिए, कैसे बनाएं ?

चुकंदर की खीर बनाने के लिए चुकंदर को छील कर उसे कद्दूकस कर लें।
दूसरी तरफ एक बर्तन में दूध को अच्छी तरह उबाल लें। इस पैन में कद्दूकस किया हुआ चुकंदर डाल दें, जब यह अच्छी तरह भून जाए, तो इसे उबले हुए दूध में डालकर 10 मिनट तक पकाएं।
इसे अच्छी तरह पकाने के बाद इसमें इलायची पाउडर और दूध मसाला पाउडर डालकर थोड़ी देर तक चम्मच की मदद से घुमाते रहे।
अब आपकी खीर तैयार हो गई है। आप इसे एक कटोरी में निकालकर ऊपर से कुछ ड्राई फ्रूट डालकर सर्व कर सकते हैं।

अभियान: 'पौधारोपण' कार्यक्रम आयोजित किया

अभियान: 'पौधारोपण' कार्यक्रम आयोजित किया

पौधारोपण करते न्यायाधीश एवं अधिकारी

एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत 125 पौधों का रोपण  
तहसील विधिक सेवा समिति एवं विद्युत विभाग का संयुक्त आयोजन

मुस्तान खान 
गाडरवारा। तहसील विधिक सेवा समिति एवं मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड गाडरवारा के संयुक्त तत्वाधान में कार्यपालन अभियंता संरक्षण संधारण संभाग गाडरवारा के परिसर में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधारोपण  कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मनीष कुमार श्रीवास्तव प्रथम जिला न्यायाधीश, सूरज सिंह राठौड़ जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, आरती ढींगरा तृतीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, अश्विन परमार द्वितीय न्यायाधीश वर्ग एक, अजय सिंह यादव अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश, विनय सोनी अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश, शंभावी सिंह द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड, यश शर्मा अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश वर्ग एक कनिष्ठ खंड के साथ कार्यपालन अभियंता आशुतोष कुमार ओझा, सहायक अभियंता शुभम मेहरा, कनिष्ठ अभियंता सुबोध सिंह, रोहित यादव, अनुभाग अधिकारी शैलेंद्र कौरव, अधिवक्ता बसंत तपा के साथ संभागीय कार्यालय गाडरवारा, वितरण केंद्र गाडरवारा शहर, वितरण केंद्र गाडरवारा ग्रामीण के समस्त कर्मचारियों ने मिलकर पूरे परिसर में लगभग 125 पौधों को रोपित किया गया। रोपित किए गए पौधों में पीपल, आम, नीम, जामुन, अशोक, अमरूद आदि के पौधे रोपित किए गए। उक्त कार्यक्रम का पौधारोपण मप्र शासन के वायुदूत अंकुर ऐप पर फोटो अपलोड किए गए। कार्यक्रम में उपस्थित न्यायधीश का सम्मान कार्यपालन अभियंता आशुतोष कुमार ओझा ने किया। उक्तावसर पर न्यायाधीश मनीष कुमार श्रीवास्तव ने उपस्थित सभी लोगों से अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाने एवं उनकी देखभाल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि वृक्षों से संपूर्ण वायुमंडल शुद्ध होता है। पंच-ज अभियान-जल, जंगल,जन, जमीन और जानवर का संरक्षण है। उन्होंने मानव का आधार विषय पर भी प्रकाश डाला।

कौशाम्बी: रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

कौशाम्बी: रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया 

परिवार नियोजन जन-जागरूकता रैली को डीएम ने दिखाई हरी झंडी

कौशाम्बी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी तथा मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुष्पेंद्र कुमार ने परिवार नियोजन जन-जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रैली मंझनपुर पीएचसी से प्रारम्भ होकर मंझनपुर चौराहा होते हुए पुनः मंझनपुर पीएचसी पर समाप्त की गई। 
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि विश्व जनसंख्या दिवस हर वर्ष 11 जुलाई को मनाया जाता है, यह वैश्विक जनसंख्या और उससे जुड़ी चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित दिन है। यह अभियान 11 जुलाई से 31 जुलाई तक संचालित किया जाएगा, जिसमें सभी क्लाइंट को सेवा प्रदान किया जायेंगा। परिवार नियोजन पखवाड़ा का स्लोगन-“विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपति की शान” थीम के तहत मनाया जाएगा। परिवार नियोजन के लिए सामुदायिक स्तर पर अलख जगाने के लिए वर्ष 1989 से 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा हैं। प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान न केवल अनचाहे गर्भधारण को रोकने के लिए, बल्कि मातृ और शिशु स्वास्थ्य कल्याण के लिए भी महत्व रखता हैं। इसलिए विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर इस प्रतिकूल परिदृश्य में पूरे माह जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा को जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर पर चलाया जा रहा है।
परिवार कल्याण के नोडल डॉ0 हिंद प्रकाश मणि ने बताया कि सीमित परिवार हर मायने में खुशहाली का प्रतीक होता हैं, छोटे परिवार में ही बच्चों की बेहतर परवरिश संभव होती है एवं उन्हें जरुरी संसाधन उपलब्ध हो पाता है, इसलिए विश्व जनसंख्या दिवस के माध्यम से आम-लोगों को नियोजित परिवार के विषय में संकल्प दिलाया जाता हैं। उन्होंने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में ही जिले के समस्त ब्लॉक में 2-2 महिला नसबंदी कैंप एवम 1-1 पुरुष नसबंदी कैंप का आयोजन किया गया हैं, जिसमे अधिक से अधिक लोगों को परिवार नियोजन की सेवाएं प्रदान की जायेंगी, इसके तहत पंजीकृत दंपति को परिवार नियोजन का स्थाई एवं अस्थाई साधन उपलब्ध कराया जायेगा। इस दौरान जिला स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर तक विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि खुशहाल परिवार, स्वस्थ परिवार के लिए भी परिवार नियोजन जरूरी है, इसके लिए परिवार नियोजन के किसी भी विधि को अपनाया जा सकता है, जो सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है, स्वस्थ जच्चा एवं बच्चा के लिए लड़की की शादी 18 साल के बाद एवं लड़के की शादी 21 वर्ष के बाद ही करना चाहिए। 20 साल के बाद ही महिला द्वारा गर्भधारण सुरक्षित होता हैं। 11 जुलाई से 31 जुलाई तक सेवा प्रदान पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस अवसर पर प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ0 नीरज, यू.पी.टी.एस.यू प्रभाकर दूबे, बी.पी.एम श्री अवनीश मिश्र, बी.सी.पी.एम घनश्याम पाल एवं एएनएम, संगिनी, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्री उपस्थित रहीं।
सुशील केसरवानी

चेन्नई टेस्ट: टीम 'इंडिया' ने 339 रन बनाएं

चेन्नई टेस्ट: टीम 'इंडिया' ने 339 रन बनाएं  अकांशु उपाध्याय  चेन्नई। भारत ने चेन्नई टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ पहले दिन गुरुवार क...