मंगलवार, 2 जुलाई 2024

टी-20 क्रिकेट से संन्यास ले सकते हैं बुमराह

टी-20 क्रिकेट से संन्यास ले सकते हैं बुमराह 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। टीम इंडिया के बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक जसप्रीत बुमराह ने हाल ही में टी-20 वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। इस टूर्नामेंट में जसप्रीत बुमराह ने शानदार गेंदबाजी की और इसी गेंदबाजी की वजह से ही भारतीय टीम टी-20 वर्ल्ड कप 2024 को अपने नाम किया है।
लेकिन अब जसप्रीत बुमराह के बारे में एक ऐसी खबर सुनने को मिल रही है जिसके बाद सभी समर्थक बेहद ही मायूस हो गए हैं। दरअसल बात यह है कि, पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर यह खबर आ रही है कि, जसप्रीत बुमराह ने टी-20 क्रिकेट से संन्यास लेने का मन बना लिया है।

जसप्रीत बुमराह ले सकते हैं टी-20 से संन्यास !

टीम इंडिया के बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक जसप्रीत बुमराह के बारे में यह खबर आ रही है कि, ये अब जल्द से जल्द टी-20 क्रिकेट को अलविदा कहने के बारे में विचार सकते हैं। दरअसल बात यह है कि, जसप्रीत बुमराह भारतीय टीम के सबसे प्रमुख हथियार हैं और अगर ऐसे में ये अगर ज्यादा क्रिकेट में भाग लिए। तो फिर चोटिल होने का खतरा लगातार बना रहेगा। इसी वजह से कहा जा रहा है कि, बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए ये टी-20 क्रिकेट को अलविदा कहने के बारे में विचार कर लिया है।

युवा खिलाड़ियों को मिलेगा मौका

अगर जसप्रीत बुमराह टी-20 क्रिकेट से अपने संन्यास का ऐलान करते हैं, तो फिर उनकी जगह पर मैनेजमेंट युवा खिलाड़ियों को मौका देते हुए दिखाई दे सकती है। जसप्रीत बुमराह जब टी-20 क्रिकेट से संन्यास का ऐलान करेंगे तो फिर वो ओडीआई और टेस्ट क्रिकेट में अधिक ध्यान देंगे और इसी वजह से भारतीय क्रिकेट का फायदा होगा। एक्सपर्ट्स की मानें तो वर्कलोड कम होने की वजह से मैनेजमेंट इन्हें आगामी 'चैंपियंस ट्रॉफी 2025' और 'वर्ल्डटेस्ट चैम्पियनशिप 2025' की तैयारियों के लिए भेज सकती है।

कुछ इस प्रकार है जसप्रीत बुमराह का टी-20 करियर

अगर बात करें, टीम इंडिया के बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक जसप्रीत बुमराह के क्रिकेट करियर की तो इनका क्रिकेट करियर बेहद ही शानदार रहा है। इन्होंने भारतीय टीम के लिए खेले गए 70 मैचों की 69 पारियों में 17.74 की औसत और 6.27 की इकॉनमी रेट से 89 विकेट अपने नाम किए हैं। जसप्रीत बुमराह के इसी आकड़े देखने के बाद इन्हें दुनिया का सबसे खतरनाक गेंदबाज माना जाता है।

यूक्रेनी सैनिकों का बेलारूस सीमा पर जमावड़ा

यूक्रेनी सैनिकों का बेलारूस सीमा पर जमावड़ा 

अखिलेश पांडेय 
मॉस्को। रूस ने कहा है कि बेलारूस की सैन्य रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनी सैनिकों का उसकी सीमा पर लगातार जमावड़ा हो रहा है, यह चिंता का विषय है। वहीं, यूक्रेन के सीमा गार्ड की ओर से इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया है। बेलारूस 28 माह से चल रहे युद्ध में रूस का निकट सहयोगी है। वह रूस का लगातार समर्थन कर रहा है।

बेलारूस की सैन्य रिपोर्ट चिंता बढ़ाने वाली

क्रेमलिन ने सोमवार को कहा कि बेलारूस की सैन्य रिपोर्ट चिंता बढ़ाने वाली है। यह पहली बार नहीं है, जब बेलारूस यूक्रेनी सैनिकों को लेकर खतरा जता रहा है। रूस ने कहा कि यह रिपोर्ट केवल बेलारूस के लिए नहीं बल्कि रूस के लिए भी चिंता का विषय है। बेलारूस हमारा निकट सहयोगी और साझेदार है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बेलारूस के नेता अलेक्जेंडर लुकाशेंको दोनों कजाखस्तान में 3-4 जुलाई को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन में भाग लेंगे। उस दौरान दोनों नेता यदि जरूरी हुआ तो इस पर चर्चा करेंगे।

यूक्रेन की गोलाबारी में एक नागिरक की मौत

उधर, रूस के बेलगोरोद रीजन के गवर्नर ने सोमवार को दावा किया कि यूक्रेन की गोलाबारी में एक नागिरक की मौत हो गई। बेलेगोरोद यूक्रेन की सीमा खार्कीव से सटा है। रूस ने कहा कि फरवरी, 2022 में शुरू रूसी सैन्य अभियान के बाद से यूक्रेन की ओर से यहां लगातार हमले किए जा रहे हैं।

एक दिन में जंग का समाधान निकाल सकते हैं

एक दिन में जंग का समाधान निकाल सकते हैं 

अखिलेश पांडेय 
वाशिंगटन डीसी। रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। भले ही जंग रूस और यूक्रेन के बीच चल रही हो। लेकिन, अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में यह बड़ मुद्दा बन गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार कहा है, कि अगर वह दोबारा राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो एक दिन में रूस और यूक्रेन के बीच जंग का समाधान निकाल सकते हैं। भले ही ट्रंप कुछ भी कह रहे हों लेकिन संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत का कहना है कि ट्रंप ऐसा नहीं कर सकते हैं। 

एक दिन में हल नहीं हो सकता संकट

रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार के दावे के बारे में पूछे जाने पर रूसी राजदूत वैसिली नेबेंजिया ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यूक्रेन का संकट एक दिन में हल नहीं किया जा सकता है।’’ नेबेंजिया ने कहा कि यह जंग अप्रैल 2022 में खत्म हो सकती थी जब इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन एक समझौते के ‘‘बेहद करीब’’ पहुंच गए थे। उन्होंने यूक्रेन का साथ दे रहे पश्चिमी देशों पर अप्रैल 2022 में होने वाले शांति समझौते को अवरुद्ध करने का दोष मढ़ा।

नहीं दिया गया जवाब

रूसी राजदूत ने कहा कि अब जेलेंस्की ‘‘अपने ऐसे तथाकथित शांति समझौते पर बात कर रहे हैं, जो जाहिर तौर पर कोई शांति समझौता नहीं, बल्कि एक मजाक है।’’ ट्रंप के प्रचार अभियान दल ने नेबेंजिया की टिप्पणियों पर अभी कोई जवाब नहीं दिया है। रूसी राजदूत वैसिली नेबेंजिया ने जिस तरह की बात कही है उससे अंदाजा साफ लगाया जा सकता है कि यूक्रेन में स्थिति को लेकर रूस किस तरह से गंभीर है। 

बार-बार यह दावा करते रहे हैं ट्रंप

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ने मई 2023 में सीएनएन टाउन हॉल में कहा था, ‘‘रूसी और यूक्रेनी नागरिक मर रहे हैं। मैं उन्हें मरने से रोकना चाहता हूं और मैं 24 घंटे में यह कर सकता हूं।’’ उन्होंने कहा कि उनके यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने के बाद यह होगा। वह अपने प्रचार अभियान में बार-बार यह दावा करते रहे हैं। ट्रंप ने पिछले सप्ताह भी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ बहस के दौरान दावा किया था, ‘‘अगर हमारे पास ऐसा राष्ट्रपति होता जिसका पुतिन सम्मान करते हैं, तो वह कभी यूक्रेन पर हमला नहीं करते।’’

'पीएम' मोदी ने लोकसभा को संबोधित किया

'पीएम' मोदी ने लोकसभा को संबोधित किया 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर इशारों-इशारों में तंज कसा। पीएम मोदी के तंज को सुनकर एनडीए सांसदों के साथ ही सदन में मौजूद विपक्षी दलों के सांसद भी हंसने लगे।

पीएम मोदी ने क्या कहा ?

प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा कि साल 1984 में हुए चुनावों को याद कीजिए। उसके बाद से अब तक लोकसभा के 10 चुनाव हो चुके हैं। तब से लेकर अब तक कांग्रेस पार्टी 250 सांसदों के आंकड़े को छू नहीं पाई है। इस बार तो ये 99 के चक्कर में फंस गए हैं। मुझे एक किस्सा याद आ रहा है। एक बच्चा एग्जाम में मिले 99% मार्क्स लेकर घूम रहा था। लोग उसे वाहवाही दे रहे थे। बाद में टीचर ने कहा कि ये बच्चा 100 में से 99 नंबर नहीं लाया है, बल्कि 543 में से 99 लाया है।

परजीवी पार्टी बनी कांग्रेस

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मुझे नहीं पता कि कांग्रेस के साथी दलों ने लोकसभा चुनाव 2024 का विश्लेषण किया है या नहीं। लेकिन उनके लिए ये काफी महत्वपूर्ण है। 2024 से कांग्रेस पार्टी एक परजीवी पार्टी के रूप में जानी जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि परजीवी उसे कहते हैं, जो जिस शरीर के साथ रहता है, उसी को खाता रहता है। कांग्रेस पार्टी जिसके साथ रहती है, उसी के वोटों को खा जाती है।

25 वर्षों में सबसे उच्च स्तर पर 'भारत' का भंडार

25 वर्षों में सबसे उच्च स्तर पर 'भारत' का भंडार 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। केंद्र में जब से बीजेपी की सरकार आई हैं, तब से भारत की परमाणु नीति में भी बदलाव देखने को मिल रहा हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का परमाणु भंडार 25 वर्षों में सबसे उच्च स्तर पर हैं।
भारत के पास एशिया में चीन के बाद सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं।
खबर के अनुसार 25 वर्षों में पहली बार भारतीय परमाणु हथियारों का भंडार पाकिस्तान से ज्यादा हुआ हैं। भारत के पास वर्तमान में 172 परमाणु हथियार हैं। वहीं, इन परमाणु हथियारों को ले जानें के लिए भारत के पास लंबी दूरी की मिसाइलें भी मौजूद हैं। 
बता दें की हाल ही में भारत ने Agni-V मिसाइल का परीक्षण किया था। जिससे पाकिस्तान के साथ-साथ चीन में भी डरा का महौल बना हुआ हैं। क्योंकि, युद्ध की स्थिति में भारत इस मिसाइल से चीन और पाकिस्तान के किसी भी शहर को टारगेट कर सकता हैं। 
दरअसल, अग्नि-5 टेस्ट के बाद चीन और पाकिस्तान ने ये चिंता जताई थी की मिसाइल परीक्षण के जरिए भारत अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ा रहा है। वहीं, कई जानकार बताते हैं की भारत बहुत जल्द हाइपरसोनिक मिसाइल का भी टेस्ट करेगा।

जीडीपी के चार ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान

जीडीपी के चार ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने वैश्विक विकास दर को पीछे छोड़ते हुए इस साल जीडीपी के चार ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान जताया है।
सान्याल ने कहा, 'इस साल भारत की जीडीपी चार ट्रिलियन डालर तक पहुंच जाएगी और इस तरह हम जापान की बराबरी पर जाएंगे। हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ना जारी रखेंगे। पिछले साल हमारी विकास दर 8.2 प्रतिशत रही और इस साल हमें सात प्रतिशत से अधिक की विकास दर हासिल करने की उम्मीद है।'

एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने में लगे 17 साल

कैंब्रिज इंडिया कांफ्रेंस के दौरान सान्याल ने कहा कि उदारीकरण के बाद हमें एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने में 16-17 साल लग गए। दो ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में सात साल लग गए। 2021-22 में हम तीन ट्रिलियन डॉलर की आर्थिकी वाले देश बने। इस काम में हमें पांच साल लगने चाहिए, लेकिन कोरोना महामारी के चलते दो साल बर्बाद हो गए। उन्होंने कहा कि अब हम चार ट्रिलियन का आंकड़ा केवल तीन साल में पार कर लेंगे। अगर कोई बड़ा झटका नहीं लगता है तो पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में सिर्फ दो साल लगेंगे।

नौकरशाही में सुधार, वैश्विक व्यापार बढ़ाने की जरूरत

चर्चा के दौरान सान्याल ने व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने, बैंकों का एनपीए कम होने, नौकरशाही में सुधार, वैश्विक व्यापार से जुड़ाव को बढ़ाने और नवीकरणीय और हरित प्रौद्योगिकियों के माध्यम से स्थायी ऊर्जा में निवेश करने के महत्व को रेखांकित किया। सान्याल ने भारत की कानूनी प्रणाली को आधुनिक बनाने का भी आह्वान किया। सान्याल ने निष्पक्ष परामर्श के बिना पर्यावरण, सामाजिक और शासन संबंधी मानक लागू करने की भी आलोचना की।

तनाव को कम करने हेतु बैठक की: चीन-फिलीपींस

तनाव को कम करने हेतु बैठक की: चीन-फिलीपींस

अखिलेश पांडेय 
बीजिंग/मनीला। चीन और फिलीपींस ने विवादित दक्षिण चीन सागर में अपने सबसे खराब टकराव के बाद बढ़ते तनाव को कम करने के लिए मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की। जिससे व्यापक संघर्ष की आशंका पैदा हो गई, जिसमें मनीला के सहयोगी संयुक्त राज्य अमेरिका भी शामिल हो सकता है।
17 जून को सेकंड थॉमस शोल में हुई अराजक झड़प की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए किसी भी बड़े समझौते का कोई उल्लेख नहीं किया गया, जिसमें फिलिपिनो नौसेना के कर्मियों को चोटें आईं और दो सैन्य नौकाओं को नुकसान पहुंचा। उत्तर-पश्चिमी फिलीपींस का शोल विवादित जल में सबसे खतरनाक फ्लैशपॉइंट के रूप में उभरा है, जिस पर चीन लगभग पूरी तरह से दावा करता है। चाइनीज नेवी और नागरिक जहाजों ने एक ज़मीनी जहाज पर सवार फिलीपींस के नौसैनिकों को घेर लिया, उनकी फिर से आपूर्ति को रोकने की कोशिश की और फिलीपींस से वापस जाने की मांग की। मंगलवार देर रात मनीला में विदेश मामलों के विभाग ने एक बयान में कहा कि चीनी और फिलीपींस के प्रतिनिधिमंडलों ने "अपने-अपने पदों के प्रति पूर्वाग्रह के बिना तनाव को कम करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।" "समुद्र में स्थिति को संभालने के लिए उपाय विकसित करने में पर्याप्त प्रगति हुई है, लेकिन महत्वपूर्ण मतभेद बने हुए हैं।" फिलीपीन पक्ष के अनुसार, फिलीपीन विदेश अवर सचिव थेरेसा लाज़ारो ने अपने चीनी समकक्ष, उप विदेश मंत्री चेन शियाओडोंग से कहा कि "फिलीपींस अपने हितों की रक्षा करने और दक्षिण चीन सागर में अपनी संप्रभुता, संप्रभु अधिकारों और अधिकार क्षेत्र को बनाए रखने में अथक प्रयास करेगा।
समुद्र में आपात स्थितियों के दौरान संचार में सुधार के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और दोनों पक्षों ने अपने तट रक्षकों के बीच संबंधों को बढ़ाने पर बातचीत जारी रखने पर सहमति व्यक्त की, लेकिन कोई विवरण नहीं दिया गया। समुद्री वैज्ञानिक सहयोग को बेहतर बनाने के लिए वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों के बीच एक अकादमिक मंच आयोजित करने की एक और विश्वास-निर्माण योजना भी थी। बैठक से पहले, फिलीपींस ने औपचारिक रूप से चीन के प्रतिनिधिमंडल से कम से कम सात राइफलें वापस करने के लिए कहने की योजना बनाई, जिन्हें चीनी तट रक्षक कर्मियों ने 17 जून को तट पर आमने-सामने की झड़प के दौरान जब्त किया था और नुकसान की भरपाई करने के लिए कहा, एक फिलीपीन अधिकारी ने संवेदनशील मामले पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करने के अधिकार की कमी के कारण नाम न बताने की शर्त पर एसोसिएटेड प्रेस को बताया।
एशियाई पड़ोसी देशों ने अपने संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए 2017 में पहली बार आयोजित की गई द्विसदनीय परामर्शदात्री तंत्र बैठकों को आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की। लेकिन उच्च-समुद्री टकराव विशेष रूप से राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर के अधीन जारी रहे हैं, जिन्होंने अपने पूर्ववर्ती के विपरीत, चीन के प्रतिकार के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ घनिष्ठ सैन्य और रक्षा संबंधों को बढ़ावा दिया है।फिलीपींस और चीन के अलावा, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई भी रणनीतिक समुद्र पर अतिव्यापी दावे करते हैं, जिसमें समृद्ध मछली पकड़ने के क्षेत्र हैं और संभावित रूप से गैस के अधिक भंडार हैं जो अब तक कुछ तटीय राज्यों द्वारा सीमांत क्षेत्रों में पाए गए हैं। चीनी सेनाओं और वियतनाम, मलेशिया और इंडोनेशिया के बीच अतीत में छिटपुट टकराव हुए हैं, लेकिन दक्षिण पूर्व एशियाई देशों ने अपने पर्याप्त आर्थिक संबंधों को अस्थिर करने के डर से चीन का आक्रामक रूप से सामना करने का विरोध किया है। मार्कोस के नेतृत्व में, जिन्होंने 2022 में पदभार संभाला, फिलीपींस ने वीडियो और तस्वीरें सार्वजनिक करके और पत्रकारों को कोस्ट गार्ड पेट्रोल जहाजों में शामिल होने की अनुमति देकर आक्रामक चीनी कार्रवाइयों को उजागर करने के लिए एक अभियान शुरू किया, जो बीजिंग की सेनाओं के साथ खतरनाक टकरावों में शामिल रहे हैं। विवादित जल पर अमेरिका का कोई दावा नहीं है, लेकिन उसने गश्त के लिए युद्धपोत और लड़ाकू जेट तैनात किए हैं, जिसका उद्देश्य नेविगेशन और ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना और फिलीपींस और जापान जैसे सहयोगियों को आश्वस्त करना है, जिनका पूर्वी चीन सागर में द्वीपों को लेकर चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद भी है। पिछले महीने सेकंड थॉमस शोल में टकराव के बाद, जहां चीनी सेना को चाकू, कुल्हाड़ी और तात्कालिक भाले लहराते हुए वीडियो में पकड़ा गया था, वाशिंगटन ने चेतावनी दी कि अगर दक्षिण चीन सागर सहित तट रक्षक सहित फिलिपिनो सेना सशस्त्र हमले की चपेट में आती है, तो 1951 की पारस्परिक रक्षा संधि के तहत फिलीपींस की रक्षा करने में उसकी मदद करना उसका दायित्व है। मार्कोस ने कहा कि चीनी कार्रवाइयों से संधि सक्रिय नहीं होगी क्योंकि कोई गोली नहीं चलाई गई।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

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