रविवार, 30 जून 2024

अभिनेता देवगन ने अमिताभ की प्रशंसा की

अभिनेता देवगन ने अमिताभ की प्रशंसा की

कविता गर्ग 
मुंबई। दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन इन दिनों अपनी फिल्म कल्कि 2898 एडी को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। फिल्म में उनके काम की खूब तारीफ की जा रही है। इसी बीच, अब अभिनेता अजय देवगन ने भी अमिताभ की प्रशंसा करते हुए उनके काम को लेकर काफी कुछ कहा।
अमिताभ बुद्धिमान इसलिए हैं, क्योंकि वो लगातार काम कर रहे हैं। एनएच स्टूडियोज यूट्यूब चैनल पर मौजूद एक वीडियो में अजय देवगन को बिग बी की तारीफ करते हुए सुना गया। अजय देवगन ने कहा कि अमिताभ बच्चन को काम करना पसंद है और वो इतनी उम्र में भी बिना रुके काम कर रहे हैं। अजय ने आगे कहा कि अमिताभ आज भी बुद्धिमान और समझदार इसलिए हैं, क्योंकि वो लगातार काम कर रहे हैं। अजय का मानना है कि कोई चाहे जितना भी जीएं, लेकिन हमेशा काम करते रहना चाहिए। अगर ये करना बंद कर देते हैं और काम के बजाय आराम करने को चुनते हैं तो आप तीन गुना तेजी से बूढ़े होने लगते हैं। 

अजय देवगन की आने वाली फिल्में

अजय देवगन की बात करें तो उनकी पिछली फिल्म मैदान थी, जो बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई थी। 5 जुलाई, 2024 को नई फिल्म औरों में कहां दम था रिलीज होने वाली है। इसके अलावा वो निर्देशक रोहित शेट्टी के कॉप यूनिवर्स की फिल्म 'सिंघम अगेन' में भी अभिनय करते नजर आएंगे। यह 'सिंघम' फ्रेंचाइजी की तीसरी फिल्म है। इसमें अजय देवगन के साथ-साथ करीना कपूर, दीपिका पादुकोण, अर्जुन कपूर, अक्षय कुमार, रणवीर सिंह और टाइगर श्रॉफ भी अभिनय कर रहे हैं।

जडेजा ने टी-20 से संन्यास की घोषणा की

जडेजा ने टी-20 से संन्यास की घोषणा की

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कप्तान रोहित शर्मा की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने रोमांचक उतार-चढ़ाव से भरे टी-20 विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को शनिवार को सात रन से पराजित कर 17 साल के लम्बे अंतराल के बाद दूसरी बार टी-20 विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया।
भारतीय टीम अजेय रहते टी20 विश्व कप जीतने वाली पहली टीम बनी। भारत के वर्ल्ड चैंपियन बनने के इस सफर में कई खिलाड़ियों ने योगदान दिया हर मैच में अलग-अलग मैच विनर मिले। लेकिन एक ऐसा खिलाड़ी भी था, जिसे टीम का मजबूत हथियार माना जाता था। लेकिन, उसने पूरे टूर्नामेंट के दौरान बार-बार कप्तान रोहित का भरोसा तोड़ा और टीम के लिए विलन साबित हुआ और अब उसने टी-20 इंटरनेशनल क्रिकेट को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है। 
आपको बता दें कि टीम के लिए विलन साबित होने वाला खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि भारत के स्टार आल राउंडर खिलाड़ी रविंद्र जडेजा है। टी20 विश्व कप 2024 में रवींद्र जडेजा कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए। लगातार खराब प्रदर्शन के बावजूद कप्तान रोहित ने उन्हें हर मैच में मौका दिया, लेकिन जडेजा उनके भरोसे पर खरे नहीं उतर सके। उनकी नाकामी का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि पूरे टूर्नामेंट में खेले गए आठ मैच में वह सिर्फ 35 रन ही बना सके, वहीं उन्हें मात्र एक विकेट मिला।

T-20 वर्ल्डकप में रवींद्र जडेजा की ऐसी रही पारी

इंग्लैंड के खिलाफ 27 जून को खेले गए मैच में 17 रन बनाए।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 24 जून को 9 रन बनाकर नाबाद रहे, मैच ग्रॉस आइलेट में खेला गया।
बांग्लादेश के खिलाफ मैच में उनकी बैटिंग नहीं आई, और इसके साथ ही बॉलिंग कराकर बिना विकेट लिए 24 रन दिए। 
अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में 7 रन बनाए, 20 रन देकर 1 विकेट लिए।
यू.एस.ए. के खिलाफ न बॉलिंग की और न ही बैटिंग।
पाकिस्तान के खिलाफ 0 पर हुए आउट, बॉलिंग में दिए 10 रन।
आयरलैंड के खिलाफ बैटिंग नहीं आई, बिना विकेट लिए 7 रन दिए।

जडेजा ने की टी-20 से संन्यास की घोषणा

बता दें कि विराट कोहली और रोहित शर्मा के बाद रवींद्र जडेजा ने भी टी-20 अंतरराष्ट्रीय प्रारुप से संन्यास की घोषणा कर दी है। रविवार को उन्होंने इसकी जानकारी इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए दी। जडेजा ने लिखा, 'पूरे दिल से आभार जताते हुए मैं टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों को अलविदा कहता हूं। गर्व से सरपट दौड़ने वाले एक दृढ़ घोड़े की तरह मैंने हमेशा अपने देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है और अन्य प्रारूपों में भी ऐसा करना जारी रखूंगा। टी20 विश्व कप जीतना एक सपना सच होने जैसा था, मेरे टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर का एक शिखर। यादों, उत्साह और अटूट समर्थन के लिए धन्यवाद। जय हिंद।'

रवींद्र जडेजा का टी-20 करियर

भारत के लिए रवींद्र जडेजा ने 2009 में डेब्यू किया था। इस प्रारूप में उन्होंने कुल 74 मैच खेले। इनमें स्टार ऑलराउंडर ने 127.16 के स्ट्राइक रेट से 515 रन बनाए और 54 विकेट अपने नाम किए। इसके अलावा बाएं हाथ के गेंदबाज ने भारतीय टीम का टी20 विश्व कप में 2009 से 2024 तक प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान उन्होंने कुल 30 मैच खेले। इनमें जडेजा ने कुल 130 रन बनाए और 22 विकेट अपने नाम किए। वहीं, एशिया कप में उन्होंने छह मैच खेले। इनमें उन्होंने दो पारियों में 35 रन बनाए और चार विकेट चटकाए।

कई वयस्क प्रतिभागियों ने नग्न होकर मार्च किया

कई वयस्क प्रतिभागियों ने नग्न होकर मार्च किया

अखिलेश पांडेय 
ओटावा। कनाडा में टोरंटो प्राइड परेड 2024 विवादों में घिर गई है। जब कई वयस्क प्रतिभागियों ने "परिवार के अनुकूल" होने के दावे के बावजूद नग्न होकर मार्च किया और सार्वजनिक रूप से यौन व्यवहार में शामिल हुए।
परेड की वीडियो ऑनलाइन सामने आने के बाद इंटरनेट यूजर्स में गुस्से की लहर दौड़ गई।

LGBTQ+ संस्कृति का जश्न, लेकिन क्या ये सही है?

प्राइड परेड, LGBTQ+ समुदाय के समावेशीपन और जीवंत संस्कृति के प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। लेकिन, इस बार हुए नग्न प्रदर्शन और यौन व्यवहार ने कई लोगों को हैरान कर दिया। वीडियो देखकर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाया- "क्या आप अपने बच्चों को इस मार्च में ले जाएंगे?"
परंपरागत रूप से, प्राइड परेड में परिवार और बच्चे भी शामिल होते हैं। ऐसे में कई लोगों ने कहा कि सार्वजनिक जगह पर इस तरह का यौन प्रदर्शन अनुचित है। कई लोगों ने इस घटना पर नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि इस तरह का स्पष्ट यौन सामग्री एक परिवार के अनुकूल कार्यक्रम के लिए अनुपयुक्त है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-254, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254

2. सोमवार, जुलाई 01, 2024

3. शक-1945, आषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि-दशमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 06:03, सूर्यास्त: 06:43।

5. न्‍यूनतम तापमान- 40 डी.सै., अधिकतम- 27+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

2040 तक इंसान को चांद पर भेजेगा 'भारत'

2040 तक इंसान को चांद पर भेजेगा 'भारत' 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक बार फिर से अपने विज्ञान और तकनीक के अद्वितीय कारनामों से दुनिया को चौंकाने की तैयारी में है। इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि भारत 2040 तक इंसान को चांद पर भेजने की दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है।
उन्होंने बताया कि यह मिशन चंद्रयान मिशनों की एक अहम कड़ी होगी, जो भारत को अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।

चंद्रयान-4 लाएगा चंद्रमा से नमूने

पिछले साल, इसरो ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के निकट चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतार कर इतिहास रच दिया था। यह उपलब्धि न केवल भारत के अंतरिक्ष मिशनों में मील का पत्थर साबित हुई, बल्कि दुनिया भर में इसरो की वैज्ञानिक क्षमता और तकनीकी कौशल की सराहना भी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट का नाम 'शिव शक्ति' रखा, जो अब इसरो के आगामी चंद्र मिशनों का एक महत्वपूर्ण बिंदु बनेगा।
एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में एस. सोमनाथ ने बताया कि इसरो का लक्ष्य 'शिव शक्ति' प्वाइंट से अगले कुछ वर्षों में चंद्र नमूने को पृथ्वी पर लाना है। इसरो के इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की संरचना और उसके रहस्यों को और गहराई से समझना है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले चीन ने भी सफलतापूर्वक चंद्रमा से नमूने वापस लाने में सफलता प्राप्त की थी, और अब भारत भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।

2040 तक चांद पर पहुंचेंगे भारतीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2040 तक चांद पर इंसान को भेजने के आह्वान पर एस. सोमनाथ ने कहा, "हमें चांद पर उतरने के लिए कई चीजों में निरंतरता बनाए रखनी होगी, जिसमें मानव अंतरिक्ष उड़ान और ट्रांस-लूनर मानव अंतरिक्ष उड़ान शामिल हैं। हमें चंद्रयान मिशनों को जारी रखना होगा क्योंकि चांद पर जाना और वापस आना भी हमारी पहुंच में हो। हमें एक ऐसे स्तर तक पहुंचना होगा जहां शायद हमारे लोग चांद पर जा सकें और वापस आ सकें।"
इसरो के अध्यक्ष के अनुसार, चंद्रमा पर भारतीयों को भेजने के लिए कई तकनीकी और वैज्ञानिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इसके लिए अत्याधुनिक अंतरिक्ष यान, जीवन रक्षक प्रणाली, और चंद्रमा पर सुरक्षित लैंडिंग की तकनीक विकसित करनी होगी। इसके अलावा, अंतरिक्ष यात्री के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न परीक्षण और अनुसंधान भी आवश्यक होंगे।

इसरो ने लहराया था परचम

इसरो की इस महत्वाकांक्षी योजना ने भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक नई उमंग और उत्साह भर दिया है। यह मिशन न केवल भारत के वैज्ञानिक समुदाय के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बनेगा। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की यह नई दिशा न केवल चांद की सतह पर भारतीयों की उपस्थिति सुनिश्चित करेगी, बल्कि अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत को विश्व गुरु बनने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

अमेरिका के साथ पुराना समझौता तोड़ने का फैसला

अमेरिका के साथ पुराना समझौता तोड़ने का फैसला 

अखिलेश पांडेय 
मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के साथ करीब 36 साल पुराना समझौता तोड़ने का फैसला लिया है। अमेरिका के साथ हुई संधि को खत्म करने की घोषणा करते हुए रूस परमाणु हथियार से लेकर 5,500 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों का निर्माण फिर से शुरू करने का आदेश दिया है।

रूस और अमेरिका के बीच क्या समझौता ?

रूस और अमेरिका के बीच 1988 में मध्यम दूरी तक मार करने वाली इन मिसाइलों का निर्माण रोकने का समझौता हुआ था। उस समय सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के साथ इस पर समझौता किया था। हालांकि, अमेरिका 2019 में रूस पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए इससे अलग हो गया था, लेकिन रूस की ओर से पुतिन ने समझौता खत्म होने की औपचारिक घोषणा उसके पांच साल बाद यानी बीते शुक्रवार को की है।

रूस की सुरक्षा के लिए जरूरी 

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में पुतिन ने कहा कि अपने आक्रमण को नई मजबूती देने के लिए अब हम फिर से इन मिसाइलों का निर्माण करेंगे। रूस की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ऐसा करना बेहद जरूरी है।

रूस का अमेरिका पर आरोप

पुतिन ने कहा कि समझौते से 2019 अमेरिका के हटने के बाद भी रूस ने मध्यम दूरी वाली इन मिसाइलों का उत्पादन शुरू नहीं किया था, लेकिन अमेरिका ने न केवल इन मिसाइलों का उत्पादन किया बल्कि अब वह इन्हें यूरोप को भी भेज रहा है। इसलिए अब हमें भी अपनी सुरक्षा के लिए इन मिसाइलों का उत्पादन करना पड़ेगा।

'रिमपैक' में भाग लेने पहुंचा आईएनएस शिवालिक

'रिमपैक' में भाग लेने पहुंचा आईएनएस शिवालिक

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना का स्वदेशी स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस शिवालिक दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास 'रिम ऑफ द पैसिफिक' (रिमपैक) के 29वें संस्करण में भाग लेने पर्ल हार्बर पहुंचा। इसका आयोजन हवाई में हो रहा है। 
भारतीय नौसेना ने इसे भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती को और मजबूती देने का एक और उदाहरण करार दिया। उन्होंने कहा कि अभ्यास का बंदरगाह चरण सात जुलाई तक चलेगा। रिमपैक का समुद्री चरण तीन उप-चरणों में विभाजित किया गया है, जिसमें विभिन्न अभ्यास शामिल हैं। यह अभ्यास एक अगस्त तक चलेगा।

सेनाएं युद्ध लड़ने की क्षमताओं को लेकर अभ्यास करेंगी

अमेरिकी प्रशांत फ्लीट के कमांडर द्वारा आयोजित अभ्यास में भाग लेने वाली सेनाएं आपदा राहत से लेकर समुद्री सुरक्षा अभियानों और जटिल युद्ध लड़ने की क्षमताओं को लेकर अभ्यास करेंगी। रिम ऑफ द पैसिफिक पिछले कुछ वर्षों में दुनिया का सबसे बड़ा और प्रमुख संयुक्त समुद्री प्रशिक्षण अवसर बन गया है। इसका उद्देश्य संबंध बनाना, अंतरसंचालनीयता और दक्षता को बढ़ाना और अंतत: शांति और स्थिरता में योगदान करना है।

ये देश लेंगे युद्धाभ्यास में भाग

भाग लेने वाले देशों में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्राजील, ब्रुनेई, कनाडा, चिली, कोलंबिया, डेनमार्क, इक्वाडोर, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इजरायल, इटली, जापान, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, पेरू, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, टोंगा, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका शामिल हैं।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...