बुधवार, 26 जून 2024

पहली बारिश में ही टपकने लगी 'राम मंदिर' की छत

पहली बारिश में ही टपकने लगी 'राम मंदिर' की छत

संदीप मिश्र 
अयोध्या। श्रीराम मंदिर के उद्घाटन के 6 महीने में ही छत टपकने लगी है। मानसून की पहली बारिश में छत टपकने से गर्भगृह के सामने जलभराव हो गया। जिससे पुजारियों और श्रद्धालुओं को परेशानी हुई। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने मानसून की पहली बरसात में पानी के रिसाव होने पर राम जन्मभूमि राम मंदिर के भव्य निर्माण करने वाले संस्था के इंजीनियरों पर सवाल खड़ा कर दिया है।
आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि देश के बड़े-बड़े इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा भी हो गई है। लेकिन यह किसी को ज्ञान नहीं रहा कि जब पानी बरसेगा तो उसके छत से पानी टपकेगा। इसके पहले भी बरसात होती थी, लेकिन कभी भी इस तरह के हालात नहीं हुए है, जैसा इस बार हुआ है। इस बार जैसा पानी आंगन में गिरा, वह बहुत आश्चर्यजनक रहा। जब ऐसे-ऐसे इंजीनियर विश्व प्रसिद्ध मंदिर बना रहे हो और बारिश का पानी अंदर जाए तो आश्चर्यजनक है।
सत्येंद्र दास ने कहा कि इंजीनियर लोग किस प्रकार की व्यवस्था किए हैं, जिसके कारण पानी भर रहा है, यह बहुत ही निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि इस बार के बरसात में गर्भगृह के ठीक सामने पुजारी के स्थान पर और वीवीआईपी दर्शन करने वाले स्थान पर भर गया था। जब सुबह पुजारी और श्रद्धालु पहुंचे तो पानी भरा था। काफी मशक्कत के बाद पानी बाहर निकाला गया। इसके बाद राम लला की आरती हो सकी।
बता दें कि शनिवार देर रात दो से पांच बजे तक बारिश हुई थी। जिसके बाद गर्भगृह के सामने मंडप में चार इंच पानी भर गया था। जिसकी वजह से रविवार सुबह चार बजे की आरती टार्च की रोशनी में करनी पड़ी।

राहुल ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली

राहुल ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली और इस दौरान उन्होंने अपने हाथ में संविधान की प्रति ले रखी थी। राहुल गांधी ने अंग्रेजी भाषा में शपथ ली। शपथ के बाद उन्होंने ‘जय हिंद, जय संविधान’ का नारा भी लगाया। 
राहुल गांधी इस बार उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं। इससे पहले वह लोकसभा में केरल के वायनाड और उत्तर प्रदेश के अमेठी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। शपथ के लिए जब राहुल गांधी का नाम पुकारा गया तो कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और ‘जोड़ो जोड़ो, भारत जोड़ो’ के नारे लगाने लगे।
उनके शपथ लेने के बाद भी कांग्रेस सदस्यों ने ‘जोड़ो जोड़ो, भारत जोड़ो’ के नारे लगाए। राहुल गांधी ने वर्ष 2022 में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ और इस साल की शुरुआत में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ निकाली थी।

'आपातकाल' लगाने वालों को कोई अधिकार नहीं

'आपातकाल' लगाने वालों को कोई अधिकार नहीं 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कांग्रेस नीत इंडिया समूह के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ देश के संविधान के लिए सबसे बड़ा खतरा होने का नारा लगाए जाने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पलटवार करते हुए कहा कि आपातकाल लगाने वालों को संविधान के प्रति प्रेम का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है। मोदी ने सोशल मीडिया पर सिलसिलेवार पोस्ट में कांग्रेस पर 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाये गये आपातकाल के लिए हमला बोला। आपातकाल को ‘काले दिन’ के रूप में याद करते हुए उन्होंने कहा , “यह दिन हमें याद दिलाएगा कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रताओं को नष्ट किया और भारत के संविधान को रौंद दिया, जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है।” उन्होंने कहा , “जिस मानसिकता के कारण आपातकाल लगाया गया था, वह अभी भी उसी पार्टी में जीवित है। आज का दिन उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है , जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया।  प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब देश आज 25 जून को आपातकाल लागू होने की 49 साल पूरे हो रहे हैं। उन्होंने कहा , “सिर्फ सत्ता पर काबिज रहने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हर लोकतांत्रिक सिद्धांत की अवहेलना की और देश को जेल बना दिया। कांग्रेस से असहमत होने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रताड़ित और परेशान किया जाता था। सबसे कमजोर वर्गों को निशाना बनाने के लिए सामाजिक रूप से प्रतिगामी नीतियां लागू की गयी थी।”  कांग्रेस पार्टी पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए मोदी ने कहा, “आपातकाल लागू करने वालों को हमारे संविधान के प्रति अपने प्रेम का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है। ये वही लोग हैं जिन्होंने अनगिनत मौकों पर अनुच्छेद 356 लगाने के साथ ही प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने वाला विधेयक पारित किया तथा संघवाद को नष्ट किया और संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया।” उन्होंने दोहराया कि जिस मानसिकता के कारण आपातकाल लगाया गया, वह अभी भी उसी पार्टी में जीवित है। उन्होंने कहा, “वे अपने दिखावे के ज़रिये संविधान के प्रति अपनी घृणा को छिपाते हैं, लेकिन देश के लोगों ने उनकी हरकतों को समझ लिया है और इसीलिए उन्होंने उन्हें बार-बार नकार दिया है। आपातकाल की घोषणा ठीक 49 साल पहले 24-25 जून- 1975 की मध्यरात्रि को की गयी थी।”

भारत को 'रेल ट्रांजिट' सुविधा मुहैया, नुकसान नहीं

भारत को 'रेल ट्रांजिट' सुविधा मुहैया, नुकसान नहीं 

अखिलेश पांडेय 
ढाका। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने कहा है कि भारत को रेल ट्रांजिट सुविधा मुहैया कराने के फ़ैसले से उनके देश को कोई नुक़सान नहीं होगा।
उन्होंने अपने हालिया भारत दौरे को लेकर मंगलवार सुबह गणभवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही।
शेख़ हसीना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "चाहे कितना भी छोटा हो, यह हमारा संप्रभु देश है। हम उस संप्रभुता की रक्षा करने और दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंधों में अपनी पहचान बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं।" 
उन्होंने बांग्लादेश की ज़मीन पर भारत को रेल ट्रांजिट सुविधा का उपयोग करने देने के पैसले के संबंध में अलग-अलग हलकों में की जा रही आलोचनाओं पर भी सवाल उठाए। 
उन्होंने पूछा, "एक देश से दूसरे देश में जाने में क्या नुकसान है? यूरोप को देखिए। कहीं कोई सीमा नहीं है, तो क्या एक देश ने दूसरे देश को बेच दिया है ? तो हम दक्षिण एशिया में क्यों इससे पीछे रहें ?"
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के लोगों की भलाई को देखते हुए भारत के साथ रेल कम्युनिकेशन बढ़ाया जा रहा है। 
शेख हसीना ने कहा, "रेलवे (भारत के साथ) जो इतने लंबे समय से बंद थे, उसे धीरे-धीरे खोला जा रहा है।" 
"यह हमारे कारोबार को आसान बनाता है। हम सभी संचार प्रणालियां खोल दें, तो हमारे देश के लोगों को सबसे अधिक लाभ होगा।'' 
"यदि हम सभी कम्युनिकेशन सिस्टम खोल दें तो देश के लोगों को सबसे ज्यादा फ़ायदा होगा। लोग, पढ़ाई और इलाज के लिए भारत जाते हैं। उनका फायदा होगा। बिजनेस और कॉमर्स और ज्यादा खुलेगा।''
विपक्ष के आरोपों में शेख़ हसीना ने कहा कि वो सत्ता में बने रहने के लिए देश नहीं बेचतीं।

शेख हसीना बोलीं- 'मैं देश नहीं बेचती...'

शेख हसीना ने कहा, "मैं हमेशा देश के हितों की रक्षा करती हूं। शेख हसीना इस देश को नहीं बेचती। क्योंकि हमने इस देश को स्वतंत्र कराया है।"
उन्होंने कहा, "जो लोग ऐसा कहते हैं कि हसीना देश बेच रही है, वही भारत के प्रभाव में आ जाते हैं। सैन्य शासक ज़िया, इरशाद और खालिदा ज़िया ने पहले भारत विरोधी बातें कहीं और फिर उनके कदमों में जाकर बैठ गए. ये तो हमने खुद देखा और जाना है।" 
शेख़ हसीना ने ये बातें उस समय कही है, जब कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान दस समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे।
उनमें से एक है रेल ट्रांजिट समझौता। अगर ये समझौता लागू हो गया, तो भारत को बांग्लादेश की ज़मीन का इस्तेमाल कर अपने माल को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक रेल से सीधे पहुंचाने में मदद मिलेंगी।
शेख हसीना ने कहा कि सरकार ने भारत और बांग्लादेश की सीमा पर और अधिक हाट और बाज़ार लगाने लगाने का शुरुआती फैसला किया गया है।

क्या है रेल ट्रांजिट सुविधा ?

रेल ट्रांजिट समझौता शेख़ हसीना की भारत यात्रा के दौरान हुए दस समझौतों में से एक है। 
अगर ये लागू होता है कि भारत को बांग्लादेश की ज़मीन का इस्तेमाल कर अपना माल रेल से एक हिस्से से दूसरे हिस्से में सीधे पहुंचाने की सुविधा मिल जाएगी। 
भारत ने कहा है कि जुलाई में बांग्लादेश के रास्ते वह अपनी रेलें चला सकता है। 
इससे पहले साल 2018 में दोनों देशों के बीच एक और समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। 
इस के तहत भारत को बांग्लादेश के चटगांव और मोंगला बंदरगाहों का उपयोग करके सड़क मार्ग से पूर्वोत्तर राज्यों तक माल परिवहन करने की भी अनुमति दी गई थी। 
वर्तमान में बांग्लादेश-भारत ट्रेनें पांच रूटों पर चलती हैं। इनमें से तीन यात्री इंटरचेंज हैं, जबकि शेष दो माल ढुलाई इंटरचेंज हैं।
हालांकि, मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक़, सीमा पर पहुंचने के बाद ट्रेन बांग्लादेशी इंजन लेकर बांग्लादेश में प्रवेश करती है।
नए समझौते के मुताबिक, भारतीय मालगाड़ियां पश्चिम बंगाल के गेडे बॉर्डर से बांग्लादेश के चुआडांगा में प्रवेश करेंगी। 
इसके बाद भारत दर्शन रेलवे स्टेशन से पाबना के ईश्वरडी, नटोर के अब्दुलपुर, दिनाजपुर के पार्वतीपुर, निलफामारी के चिलाहाटी से पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के हल्दीबाड़ी स्टेशन तक अपनी मालगाड़ियों को ले जा सकता है।

बांग्लादेश को कितना फ़ायदा

बांग्लादेश और भारत के बीच इस नए समझौते के फायदों के बारे में अभी तक कोई ज्यादा स्पष्टता नहीं है क्योंकि दोनों ही सरकार ने इसका ब्योरा जारी नहीं किया है। लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि इससे बांग्लादेश को कोई ख़ास फायदा नहीं होगा।
बांग्लादेश के पूर्व विदेश सचिव तौहीद हुसैन ने बीबीसी बांग्ला से कहा, "अब तक के अनुभव से यह कहा जा सकता है कि बांग्लादेश को इस नए समझौते के बदले में बहुत कुछ नहीं मिलेगा। 2010 में ट्रांजिट समझौते पर हस्ताक्षर के बाद बांग्लादेश सरकार ने कहा था कि इससे देश को आर्थिक फायदा होगा।"
असल में भारत माल परिवहन के लिए बांग्लादेश को प्रति टन ट्रांजिट शुल्क का भुगतान करता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश को प्रति टन सिर्फ 300 रुपये मिलते हैं।
तौहीद हुसैन कहते हैं, "तब कहा गया था कि प्रति वर्ष लगभग 50 करोड़ डॉलर का मुनाफ़ा होगा।  लेकिन क्या इतनी कमाई हुई?''

जैन की याचिका पर 9 को फैसला सुनाएं 'एचसी'

जैन की याचिका पर 9 को फैसला सुनाएं 'एचसी' 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत ने शराब घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जेल भेजे गए सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर 9 जुलाई को फैसला सुनाए जाने के हाईकोर्ट को निर्देश दिए हैं। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने  दिल्ली उच्च न्यायालय से प्रवर्तन निदेशालय द्वारा शराब घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामलें में जेल भेजे गए आम आदमी पार्टी के नेता एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र कुमार जैन की जमानत याचिका पर आगामी 9 जुलाई को अपना फैसला सुनाने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मनोज मिश्रा एवं एसवीएन भट्टी की पीठ ने हाई कोर्ट को यह निर्देश में कहा है कि जमानत के मामलों को अनावश्यक रूप से टालना ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह आदेश सत्येंद्र जैन की उस याचिका पर दिया गया है। जिसमें पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने हाई कोर्ट की ओर से उनकी जमानत याचिका पर 6 सप्ताह के स्थगन के खिलाफ देश की शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए इस मामले में निर्देश जारी किए जाने की डिमांड की। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि इसी तरह का एक मामला शीर्ष अदालत में लंबित है और इसलिए उनकी याचिका को इसके साथ में ही लगाया जाना चाहिए।

18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली

18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। एआईएमआईएम अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। अपनी शपथ का समापन "जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन" शब्दों के साथ किया। लोकसभा में सांसद पद की शपथ के दौरान हैदराबाद के सांसद ओवैसी द्व्रारा जय फिलिस्तीन का नारा लगाए जाने के संसद और बाहर भी हंगामा मच गया है। हालांकि प्रोटेम स्पीकर ने इस शब्द को संसद की कार्यवाही से हटा दिया है।
जब इस मामले पर विवाद बढ़ा तो एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि किसने क्या कहा, क्या नहीं कहा सब आपके सामने है। हमने कहा- 'जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन'... यह कैसे (संविधान के) खिलाफ है?
जानकारी के मुताबिक, जब ओवैसी ने अपने शपथ में जय फिलिस्तीन बोला तो केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद शोभा करंदलाजे ने इस पर ऐतराज जताया। इसके बाद लोकसभा में पीठासीन अधिकारी राधामोहन सिंह ने असद्दुदीन ओवैसी के इस बयान को रिकार्ड से निकालने को बोला। हालांकि, ओवैसी के इस बयान का वीडियो अब वायरल हो गया है। 

भाजपा नेताओं ने घेरा

वहीं, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि आज AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में जय फिलिस्तीन का जो नारा दिया है, वह बिल्कुल गलत है। यह सदन के नियम के खिलाफ है। ये भारत में रहकर भारत माता को जय नहीं बोलते... लोगों को समझना चाहिए कि ये देश में रहकर असंवैधानिक कार्य करते हैं।
संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि फलस्तीन या किसी और देश से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है। शपथग्रहण के दौरान ऐसे किसी देश के लिए नारे लगाना नियमों में है या नहीं, ये हमें देखना पड़ेगा।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-249, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254

2. बुधवार, जून 26, 2024

3. शक-1945, आषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि-पंचमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 06:03, सूर्यास्त: 06:43।

5. न्‍यूनतम तापमान- 38 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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