शुक्रवार, 21 जून 2024

सऊदी: 600 से अधिक हाजियों की मौत हुईं

सऊदी: 600 से अधिक हाजियों की मौत हुईं 

अखिलेश पांडेय 
रियाद। दुनिया के कई देशों में भयंकर गर्मी से हाहाकर मचा है। सऊदी अरब में गर्मी का बड़ा कहर बरपा। सऊदी में हज अदा करने गए 600 से अधिक हाजियों की मौत हो गई है। मृतक हाजियों में करीब 68 हाजी भारतीय बताए जा रहे हैं।
मक्का में इतनी बड़ी संख्या में गर्मी के कारण हुईं मौतों से हड़कंप मचा है। वहीं, जिन परिवार के हाजियों की मौत हुई है। उन्हें अपनों को खोने का गम ज़रूर है, लेकिन वह इस बात पर सब्र कर रहे हैं कि उनके घर के सदस्यों को मक्का में मौत नसीब हुई है। 
हज इस्लाम के पांच फर्ज यानी कर्तव्यों में से एक है। हर साल दुनियाभर से लाखों मुस्लिम हज पर जाते हैं। इस साल 2024 में करीब 20 लाख लोग हज यात्रा पर सऊदी पहुंचे हैं। लेकिन इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मक्का में औसत तामपान 52 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है। 20 लाख की भीड़ और उस पर 52 डिग्री टेम्परेचर ने हाजियों की ज़िंदगी दुश्वार कर दी। हालांकि हाजियों को गर्मी से बचाने के लिए भारी इंतजाम किए गए थे। जगह-जगह वॉलिंटियर्स खड़े थे, जो हाजियों पर पानी की फुहारे मार रहे थे। लेकिन हीट वेव पर इन पानी की बौछारें भी बेअसर रहीं और लगातार डेथ टोल बढ़ता रहा। 
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 600 ज्यादा लोगों की मौत हीट वेव के कारण हुई है। सैकड़ों मौतें ऐसी भी हुई हैं, जिनमें कोई पहले से बीमार थे, बुजुर्ग थे। हज के मृतकों में अलग-अलग देशों के नागरिक हैं। सर्वाधिक मौतें मिस्र के लोगों की हुई हैं। हज के दरम्यान मिस्र के करीब 323 हाजियों की मौत हुई है। 
वहीं, बात करें पिछले वर्ष के मृतकों की तो हज यात्रा के दौरान 240 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन इस बार हीट वेव यानी लू ने मृतकों की संख्या बढ़ा दी है। इतनी बड़ी संख्या में गर्मी की वजह से हुई मौतों ने दुनियाभर का ध्यान खींचा है। ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरे, क्लाइमेंट चेंज और पर्यावरण के मुद़्दे पर लोग बात करने लगे हैं। 
सऊदी अरब के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 17 जून को मक्का की ग्रैंड मस्जिद के अंदर का टेम्परेचर 51.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। एजेंसी के मुताबिक, सऊदी के मीना शहर में हाजी गर्मी से बेहाल थे।
गर्मी से राहत पाने के लिए वे अपने सिर पर पानी डाल रहे थे। वॉलिंटियर्स उन्हें ठंडा रखने के लिए कोल्ड ड्रिंक्स और आइसक्रीम दे रहे थे, ताकि किसी तरह से हाजियों को गर्मी से राहत मिलती रहे। हज यात्रा के दौरान की तमाम ऐसी तस्वीरें सामने आती रहीं, जिनमें हाजी गर्मी से बेहाल दिखे। लेकिन सिर पर कफन बांधकर मक्का की रस्म अदा करने पहुंचे हाजी मौत से बेफिक्र होकर कदम बढ़ाते रहे।

आज मनाया जाएगा 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस'

आज मनाया जाएगा 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' 

सरस्वती उपाध्याय 
योग के मामलें में भारत विश्व गुरु है। भारत ने योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और योग के जरिए सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा दिया है। शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए योग बेहद फायदेमंद है। यह शरीर को रोगमुक्त रखता है और मन को शांत करने में मदद करता है। भारतीय संस्कृति से जुड़ी ये क्रिया अब विदेशों तक फैल चुकी है। हर साल विश्व योग दिवस मनाया जाता है। इस दौरान दुनियाभर के लोग सामूहिक रूप से योगाभ्यास करते हैं। इस साल 10वां 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' 21 जून को मनाया जाएगा।

योग दिवस 2024 की थीम

हर योग दिवस अलग अलग थीम के तहत मनाया जाता है। साल 2024 के लिए योग दिवस की थीम - योगा फॉर सेल्फ एंड सोसाइटी रखी गई है। इस साल योग दिवस के दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू कश्मीर में रहेंगे। वो डल झील के किनारे 21 जून को सुबह 6.30 योगाभ्यास करेंगे।

योग दिवस की शुरूआत

भारत से योग का संबंध सालों पुराना है। आप ये भी कहते हैं कि भारतीय संस्कृति और वेदों में योग एक प्रमुख अंग है‌ आज जब पूरी दुनिया योग के अहमियत को समझ रही है, तो इसका श्रेष्य भारत के योगगुरुओं को जाता है। जिनके प्रयास से दुनियाभर में योग पहुंचा है। अब सवाल है कि योग दिवस की शुरूआत कैसे हुई थी ? बता दें कि पहली बार 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। उसी वर्ष 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। बता दें कि इस प्रस्ताव को 177 देशों का समर्थन मिला था‌। जिसके बाद पहली बार दुनियाभर में योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। इस दिन विश्व के लाखों लोगों ने सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया था।

योग दिवस के लिए 21 जून ही क्यों ?

अब दूसरा सवाल है कि आखिर हर साल 21 जून के दिन ही क्यों योग दिवस मनाया जाता है। आखिर इस दिन को योग दिवस के लिए चुनने के पीछे की वजह क्या है ? जानकारी के मुताबिक योग दिवस मनाने के लिए 21 जून का ही दिन निर्धारित करने के पीछे एक खास वजह है। दरअसल, 21 जून उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं। यह दिन साल का सबसे लंबा दिन मना जाता है। ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन में प्रवेश करता है, जिसे योग और अध्यात्म के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यही कारण है कि 21 जून को योग दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला लिया गया था।

मनी लॉन्ड्रिंग मामलें में केजरीवाल को जमानत दी

मनी लॉन्ड्रिंग मामलें में केजरीवाल को जमानत दी

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाला मामलें से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलें में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी है। जानकारी के मुताबिक, केजरीवाल को ये जमानत 1 लाख रुपये के बेल बांड पर मिली है।

कल बाहर आ सकते हैं केजरीवाल

इससे पहले 19 जून को अरविंद केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका पर कोर्ट ने उनकी मांग खारिज कर दी थी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई के बाद अरविंद केजरीवाल की हिरासत तीन जुलाई तक बढ़ा दी थी। हालांकि, आज गुरुवार 20 जून को कोर्ट ने केजरीवाल को राहत दे दी और 1 लाख के मुचलके पर जमानत दे दी। जानकारी के मुताबिक, केजरीवाल शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते हैं। 

इन शर्तों के साथ जमानत

कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं। कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। कोर्ट ने केजरीवाल को जरूरत पड़ने पर अदालत में पेश होने और जांच में सहयोग करने का भी निर्देश दिया है।

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जमानत

जानकारी के मुताबिक, विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदु ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का आग्रह भी खारिज कर दिया जिसमें अरविंद केजरीवाल के जमानत आदेश पर 48 घंटे के लिए रोक लगाने का अनुरोध किया गया था। न्यायाधीश ने नियमित जमानत के लिए केजरीवाल द्वारा दायर किये गये आवेदन पर अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया। 

AAP ने क्या कहा ?

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी नेताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद X पर ट्वीट किया और लिखा कि सत्यमेव जयते। माना जा रहा है कि जल्द ही केजरीवाल जेल से बाहर आ सकते हैं।

'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' की शुभकामनाएं दी

'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' की शुभकामनाएं दी 

पंकज कपूर 
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं दी है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि योग हमारी प्राचीन विरासत का बहुमूल्य उपहार है, जो मनुष्य की मानसिक व शारीरिक शक्ति में वृद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाने में सहायता करता है। नियमित योग अभ्यास तनाव कम करने, जीवन को संतुलित बनाए रखने तथा असंभव लक्ष्य को पाने में विशेष भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि योग भारत की प्राचीनतम और समृद्ध परम्परा की एक पहचान है। पूरी मनुष्यता को हमारे ऋषि-मुनियों की यह महत्वपूर्ण देन है। योग साधना के द्वारा हम शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग के द्वारा आज दुनिया में हमारी विशिष्ट पहचान बनी है। योग के लिये दुनिया भारत की ओर देख रही है। योग ने देश व दुनिया को स्वस्थता का भी संदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योग ने मनुष्य की सुख शान्ति की राह प्रशस्त की है। महान ऋषि पतंजलि ने योग के माध्यम से लोगों को जीने की राह दिखाई है। हर मनुष्य का परम लक्ष्य सुख और शांति की प्राप्ति है, जिसमें योग की बड़ी भूमिका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शरीर और मन दोनों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए नियमित रूप से दिनचर्या में योगासनों को शामिल करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है। योग से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। योग का अभ्यास शरीर, श्वास और मन को जोड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच के कारण आज योग को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना देशवासियों के लिये गर्व की बात है। प्रधानमंत्री जी के सार्थक प्रयासों से आज योग जन जन तक पहुंचा है। प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे ऐतिहासिक कार्यकाल में इस वर्ष 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन 21 जून 2024 को ”स्वयं एवं समाज के लिए योग” सूत्र के साथ किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी गौरवशाली सनातन संस्कृति का मूल आधार ’’वसुधैव कुटुम्बकम’’ है। अनेकों वैश्विक चुनौतियों और षड्यंत्रों का सामना करने के बावजूद भारत ने कभी भी मानवीय मूल्यों से हटकर आचरण नहीं किया और हमारी इस लोक कल्याणकारी अवधारणा का आधार हमारी संस्कृति है, जिसके मुख्य स्तंभों में एक योग भी है। इसी वजह से योग आज दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया है, जो विश्व को भारतीय संस्कृति के साथ और अधिक प्रगाढ़ता से जोड़ने का काम कर रहा है।
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राज्य में मुख्य कार्यक्रम पार्वतीकुण्ड आदि कैलाश पिथौरागढ़ में आयोजित किया जाएगा। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करेंगे। इसके साथ ही प्रदेश के समस्त जनपद मुख्यालयों में और 300 आयुष्मान आरोग्य मंदिरो में योग दिवस के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने को लेकर निशाना साधा

यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने को लेकर निशाना साधा

संदीप मिश्र 
लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा और अभी तक कई परीक्षाओं में हुई धांधली का मुद्दा उठाते हुए कोर्ट द्वारा सख्ती से जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ये हमारे देश के लिए मानव संसाधन के खिलाफ साजिश भी हो सकती है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि … और अब गड़बड़ी की ख़बर के बाद नेट-यूजीसी की परीक्षा भी रद्द कर दी गई है। 
भाजपा के राज में पेपर माफ़िया एक के बाद एक, हर एग्ज़ाम में धांधली कर रहा है। ये देश के ख़िलाफ़ किसी की बड़ी साजिश भी हो सकती है। पुलिस भर्ती की परीक्षा का पेपर लीक होगा तो कानून-व्यवस्था नहीं सुधरेगी। जिससे देश-प्रदेश में अशांति और अस्थिरता बनी रहेगी। नीट की परीक्षा में घपला होगा तो ईमानदार लोग डॉक्टर नहीं बन पाएंगे और देश के लोगों के इलाज के लिए भविष्य में डॉक्टरों की कमी और बढ़ जाएगी और बेईमान लोग, जनता के जीवन के लिए खतरा बन जाएंगे। 
यूजीसी- नेट परीक्षा न होने से पहले से शिक्षकों की जो कमी चली आ रही है, उसमें और भी ज्यादा इजाफा होगा। शिक्षकों की कमी से देश के मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न होगी, जो कालांतर में देश के लिए बेहद घातक साबित होगी। इन सबसे प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था चौपट हो जाएगी। ये हमारे देश के शासन-प्रशासन व देश के मानव संसाधन के विरूद्ध कोई बहुत बड़ा षड्यंत्र भी हो सकता है, जिसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम निकलेंगे। इसीलिए कोर्ट की निगरानी में इसकी कठोर जांच हो और दोषियों को कठोरतम सजा दी जाए और कोई भी अपराधी छोड़ा न जाए, फिर वो चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो या फिर उसके सिर पर सत्ता का हाथ ही क्यों न हो ? 
लोग कह रहे हैं, जो भ्रष्ट लोग कोरोना के वैक्सीन में चुनावी चंदे के नाम पर पीछे से करोड़ों रूपये खा सकते हैं, वो भला परीक्षा-प्रणाली को क्या छोड़ेंगे ?

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-244, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254

2. शुक्रवार, जून 21, 2024

3. शक-1945, ज्येष्ठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 06:03, सूर्यास्त: 06:43।

5. न्‍यूनतम तापमान- 38 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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मंगलवार, 18 जून 2024

चीन ने तरीके नहीं बदले, परिणाम भुगतना होगा

चीन ने तरीके नहीं बदले, परिणाम भुगतना होगा

अखिलेश पांडेय 
ब्रुसेल्स। नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा है कि चीन यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध का समर्थन कर रहा है और अगर चीन ने अपने तरीके नहीं बदले, तो उसे परिणाम भुगतना होगा।
जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि चीन रूस को युद्ध में समर्थन भी कर रहा है और यूरोपीय सहयोगियों के साथ संबंध बनाए रखने की भी कोशिश कर रहा है। 
स्टोल्टेनबर्ग ने वाशिंगटन की यात्रा के दौरान बीबीसी से बात करते हुए चीन की पोल खोली। नाटो के प्रमुख ने कहा कि चीन जो कर रहा है वह लंबे समय तक काम नहीं कर सकता। उनकी यह टिप्पणी तब आई है, जब रूस ने यूक्रेन के खिलाफ अपने युद्ध को समाप्त करने की कोई इच्छा नहीं जताई है। 
रूस के प्रति चीन के समर्थन के बारे में नाटो सदस्यों के संभावित कदमों के बारे में बात करते हुए स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि संभावित प्रतिबंधों के बारे में बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि चीन रूस के साथ बहुत सारी तकनीकें साझा कर रहा है। वह माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण बनाने में रूस का सहयोग कर रहा है, जो मिसाइलें, हथियार बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन हथियारों का उपयोग रूस यूक्रेन के खिलाफ करता है। उन्होंने कहा कि अगर चीन अपना व्यवहार नहीं बदलता है, तो हमें किसी प्रकार की आर्थिक लागत पर विचार करना चाहिए। हालांकि रूस के समर्थन के कारण बीजिंग पहले से ही कुछ प्रतिबंधों के अधीन है। पिछले महीने, अमेरिका ने प्रतिबंधों की घोषणा की थी जो चीन और हांगकांग में स्थित लगभग 20 फर्मों लागू थे।
दूसरी तरफ चीन ने मॉस्को के साथ अपने व्यापार का बचाव करते हुए कहा है कि वह घातक हथियार नहीं बेच रहा है और कानूनों और नियमों के अनुसार दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात को संभालता है।
नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग की ये टिप्पणी हाल ही में स्विट्जरलैंड में आयोजित शांति शिखर सम्मेलन के बाद आई है। इसमें दर्जनों देशों ने कीव का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई थी। लेकिन रूस ने इसे समय की बर्बादी बताया और कहा कि वह शांति वार्ता के लिए तभी सहमत होगा, जब यूक्रेन अनिवार्य रूप से आत्मसमर्पण करेगा।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...