शनिवार, 15 जून 2024

'पीएम' मोदी ने आउटरीच सत्र को संबोधित किया

'पीएम' मोदी ने आउटरीच सत्र को संबोधित किया

अखिलेश पांडेय 
रोम। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर आउटरीच सत्र को संबोधित किया। उन्होंने समूह को इसकी 50वीं वर्षगांठ की बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मानव जाति के इतिहास में सबसे बड़े लोकतांत्रिक अभ्यास में फिर से चुने जाने के बाद शिखर सम्मेलन में भाग लेना उनके लिए बहुत संतोष की बात है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी को सफल बनाने के लिए इसे मानव-केंद्रित दृष्टिकोण से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। इस संदर्भ में, उन्होंने सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में भारत की सफलता को साझा किया।
"सभी के लिए एआई" पर आधारित भारत के एआई मिशन की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस तकनीक का उद्देश्य सभी की प्रगति और कल्याण को बढ़ावा देना होना चाहिए। उन्होंने रेखांकित किया कि इस व्यापक उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, भारत एआई के लिए वैश्विक भागीदारी के संस्थापक सदस्य के रूप में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दे रहा है। दूसरी ट्रेन की चपेट में आए प्रधानमंत्री ने भारत के ऊर्जा संक्रमण मार्ग पर विस्तार से बताया और कहा कि इसका दृष्टिकोण उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता पर आधारित है। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहा है। 
भारत के मिशन लाइफ [पर्यावरण के लिए जीवनशैली] का जिक्र करते हुए उन्होंने वैश्विक समुदाय से विश्व पर्यावरण दिवस पर उनके द्वारा शुरू किए गए वृक्षारोपण अभियान - "प्लांट4मदर" [एक पेड़ मां के नाम] में शामिल होने और इसे व्यक्तिगत स्पर्श और वैश्विक जिम्मेदारी के साथ एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने वैश्विक दक्षिण, विशेष रूप से अफ्रीका की चिंताओं को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। उन्होंने याद दिलाया कि यह भारत के लिए सम्मान की बात है कि एयू को उसकी अध्यक्षता में जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में स्वीकार किया गया।

सीएम धामी ने 'सिंचाई हेड' का लोकार्पण किया

सीएम धामी ने 'सिंचाई हेड' का लोकार्पण किया

पंकज कपूर 
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को डोईवाला के कालू वाला में सोंग नदी पर बने सिंचाई हेड का लोकार्पण किया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 3 करोड़ 80 लाख की लागत से बने सिंचाई हेड के बनने से सैकड़ो बीघा जमीन सिंचित होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज हमें जल के संरक्षण व संवर्धन की आवश्यकता है। सीएम ने जलवायु परिवर्तन पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जिस प्रकार से प्रचंड गर्मी देखने को मिल रही है और हमारे पुराने जल स्रोत सुख रहे हैं। वह आने वाले समय के लिए गंभीर संकेत हैं।

अधिक से अधिक वृक्ष लगाए: CM

सीएम धामी ने कहा कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर और पानी के संरक्षण और संवर्धन से हम प्रकृति को बचा सकते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कालू सिद्ध मंदिर में पूजा अर्चना कर पौधारोपण भी किया। इस दौरान उनके साथ वन मंत्री सुबोध उनियाल और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज समेत डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला भी मौजूद रहे।

जी-7 समिट में पहुंचे मोदी, पीएम ने वेलकम किया

जी-7 समिट में पहुंचे मोदी, पीएम ने वेलकम किया 

सुनील श्रीवास्तव 
रोम। इटली के अपुलिया में G7 शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। समिट में पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने वेलकम किया। वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक वीडियो मैसेज में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के ब्रिंडिसि एयरपोर्ट पहुंचे। अपनी इटली की यात्रा के दौरान पीएम मोदी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका-भूमध्यसागरीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसकी मेजबानी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी करेंगी। इसमें पोप फ्रांसिस भी शामिल होंगे। इस दौरान पोप, पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।
G7 समिट में पहुंचने से पहले पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मुलाकात को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि स्थिर और समृद्ध वैश्विक व्यवस्था के लिए भारत और फ्रांस के बीच मजबूत और भरोसेमंद रणनीतिक साझेदारी महत्वपूर्ण है। दोनों नेताओं ने 'मेक इन इंडिया' पर ज्यादा ध्यान देने के साथ ही रणनीतिक रक्षा सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति जताई।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने संबोधन में G-20 की अध्यक्षता को लेकर AI और DPI पर प्रधानमंत्री मोदी की पहल की प्रशंसा की।
G7 नेताओं की गुरुवार (13 जून) को मीटिंग हुई। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल शामिल हुए। इस दौरान उद्घाटन भाषण में वर्ल्ड लीडर्स ने कहा कि वैश्विक दक्षिण को एक स्ट्रॉन्ग मैसेज भेजने के लिए साउथ इटली को G7 समिट के लिए चुना गया है।

फ्रांस के राष्ट्रपति संग क्या-क्या हुई बात ? 

मेलोनी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि ये कोई संयोग नहीं है कि हम अपुलिया में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं। हमने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि अपुलिया दक्षिणी इटली का एक क्षेत्र है और हम जो संदेश देना चाहते हैं। वह यह है कि इतालवी अध्यक्षता के तहत हम वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ अपनी बातचीत को मजबूत करना चाहते हैं। रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की गुरुवार को G7 समिट में पहुंचे।

शुक्रवार, 14 जून 2024

कोलकाता के मॉल में लगी आग, 10 गाड़ियां पहुंचीं

कोलकाता के मॉल में लगी आग, 10 गाड़ियां पहुंचीं

मिनाक्षी लोढी
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक्रोपोलिस मॉल में शुक्रवार दोपहर अचानक भीषण आग लग गई। इस दौरान आग की लपटें और घना धुआं उठता देख वहां अफरा तफरी मच गई।
वहीं, आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन की टीम के साथ ही फायर ब्रिगेड की लगभग 10 गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं और आग को बुझाने की कोशिश की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, कुछ लोग मॉल के अंदर फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।

आर्मी को ड्रोन नागास्त्र-1 की पहली खेप मिली

आर्मी को ड्रोन नागास्त्र-1 की पहली खेप मिली

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। इंडियन आर्मी को भारत में बने आत्मघाती ड्रोन नागास्त्र-1 की पहली खेप मिल गई है। ड्रोन्स को नागपुर की कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज की इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव लिमिटेड की यूनिट ने बनाया है। सेना ने 480 लॉइटरिंग म्यूनिशन (आत्मघाती ड्रोन) की आपूर्ति का ऑर्डर दिया था। इनमें से 120 की डिलीवरी कर दी गई है।
नागस्त्र-1 ड्रोन की रेंज 30 किमी तक है। इसका एडवांस वर्जन दो किलो से ज्यादा गोला-बारूद जे जाने में सक्षम है। इसका इस्तेमाल दुश्मनों के ट्रेनिंग कैंप, ठिकानों और लॉन्च पैड पर हमला करने के लिए किया जाएगा। ताकि सैनिकों का जोखिम कम से कम हो।

जानिए कैसे काम करेगा नागास्त्र-1 ?

पैदल चल रही सेना के जवानों को लेकर इसे डिजाइन किया गया है। ड्रोन में कम आवाज और इलेक्ट्रिक प्रोपल्सन है जो इसे एक साइलेट किलर बनाता है। इसका इस्तेमाल कई तरह के सॉफ्ट स्किन टारगेट के खिलाफ किया जा सकता है। पारंपरिक मिसाइलों और सटीक हथियारों से अलग ये कम लागत वाला ऐसा हथियार है, जिन्हें सीमा पर घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के ग्रुप को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इस ड्रोन की एक और खास विशेषता पैराशूट रिकवरी मैकेनिज्म है, जो मिशन निरस्त होने पर गोला-बारूद को वापस ला सकता है। ऐसे में इसे कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-238, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254

2. शनिवार, जून 15, 2024

3. शक-1945, ज्येष्ठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-नवमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 06:03, सूर्यास्त: 06:43।

5. न्‍यूनतम तापमान- 44 डी.सै., अधिकतम- 29+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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गुरुवार, 13 जून 2024

गर्मियों में सेहत के लिए फायदेमंद है 'लीची'

गर्मियों में सेहत के लिए फायदेमंद है 'लीची'  

सरस्वती उपाध्याय 
गर्मी का मौसम (समर सीजन) अपने मौसमी फलों के लिए जाना जाता हैं। इन दिनों में जहां आम का बोल-बाला हैं, वहीं लीची का स्वाद भी चखने को मिलता हैं। लीची गर्मियों के खास फलों में से एक है।
स्वाद के साथ सेहत के लिए भी लीची बहुत ज्यादा फायदेमंद होती है। गर्मियों में लीची के खाने से शरीर को कई समस्याओं से बचाया जा सकता है। ची में विटामिन सी, विटामिन बी6, नियासिन, राइबोफ्लेविन, फोलेट, तांबा, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्निशियम और मैग्नीज जैसे खनिज पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को बीमारियों से बचाने का काम करते हैं। रोजाना लीची खाने से चेहरे पर निखार आता है और बढ़ती उम्र के लक्षण कम नजर आते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि लीची के सेवन से किस तरह सेहत को फायदा मिलता हैं। आइये जानते हैं, इसके बारे में...

कैंसर के जोखिम को करें कम

इसमें एंटीकैंसर प्रभाव होते हैं, प्रतिदिन किसी भी रूप में लीची के सेवन से इस खतरनाक रोग से काफी हद तक बचाव करती है। चूंकि, इसके जूस में एंटीऑक्सीडेंट और फ्लैवोनॉए़ड्स होते हैं, जिनमें एंटीकैंसर प्रभाव होते हैं। यह स्तन के कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने नहीं देते हैं।

मोतियाबिंद से बचाव

लीची फ्रूट के फायदे में मोतियाबिंद के लक्षणों को कम करना भी शामिल है। बता दें कि मोतियाबिंद बढ़ती उम्र में होने वाली आंखों से जुड़ी समस्या है, जिसमें देखने की सकती कमजोर पड़ जाती है। इस समस्या से बचाव के लिए भी लीची खाना फायदेमंद हो सकता है। इस पर हुए एक शोध में यह बताया गया है कि लीची मोतियाबिंद से बचाव करने में सहायक साबित हो सकती है। इसके अलावा, लीची में विटामिन-सी मौजूद होता है, जो मोतियाबिंद के जोखिमों को कम करने में लाभकारी हो सकता है।

ब्लड सर्कुलेशन के लिए

लीची का सेवन, ब्लड सर्कुलेशन के लिए भी लाभकारी साबित हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के मुताबिक, लीची ब्लड सर्कुलेशन में सुधार ला सकता है। हालांकि इसके पीछे इसका कौन-सा गुण काम करता है, फिलहाल इस बारे में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

वजन करे कम

क्या आप जानते हैं कि लीची के सेवन से वजन भी कम हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि लीची में कैलोरी, फैट बिल्कुल नहीं होता है और इसमें पानी, फाइबर अधिक होता है। ऐसे में जो लोग अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, वो लीची भी खाना शुरू कर दें।

हड्डियों को बनाएं मजबूत

अगर हड्डियां कमजोर हो तो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या, एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती है और टूटने लगती है। इस समस्या से बचाव के लिए हड्डियों का मजबूत रहना जरूरी है और इसमें लीची खाने के फायदे देखे जा सकते है। बताया जाता है कि लीची हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक साबित हो सकती है।

पाचन को रखे दुरुस्त

लीची खाने से गर्मी के मौसम में पाचन संबंधित समस्याएं नहीं होती हैं। लीची में मौजूद फ्लेवोनॉएड्स, फिनोलिक कम्पाउंड डाइजेशन को दुरुस्त रखता है। ऐसे में पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए आप गर्मी के मौसम में लीची का सेवन जरूर करें।

सनबर्न से राहत

अधिक समय तक सूरज की हानिकारक किरणों के संपर्क में आने के कारण त्वचा लाल हो जाती है, जिसे सनबर्न के नाम से जाना जाता है। इससे राहत पाने के लिए लीची के फायदे देखे जा सकते है। बताया जाता है कि लीची सनबर्न को कम कर सकता है। हालांकि इस विषय में अभी और रिसर्च किए जाने की आवश्यकता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता करें मजबूत

यदि आप बार-बार बीमार पड़ते हैं, सर्दी-खांसी होती रहती है, तो लीची खा सकते हैं। यह इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने से कई तरह की बीमारियों, इंफेक्शन से बचाव होता है। इसमें मौजूद सैपोनिन कम्पाउंड प्रतिरक्षा प्रणाली को बूस्ट करने के लिए जिम्मेदार होता है।

हृदय के लिए अच्छा

लीची खाने के फायदे हृदय स्वास्थ्य के लिए भी देखे जा सकते हैं। दरअसल, लीची में क्वेरसेटिन नामक बायो एक्टिव कंपाउंड मौजूद होता है, जो कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ यानी हृदय को स्वस्थ रखने और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में मददगार साबित हो सकता है। इसके अलावा, लीची में पॉलीफेनोल की अधिक मात्रा पाई जाती है, जो सीने से संबंधित समस्याओं के लिए उपयोगी हो सकता है। इसे हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जा सकता है।

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...