शनिवार, 15 जून 2024

जी-7 समिट में पहुंचे मोदी, पीएम ने वेलकम किया

जी-7 समिट में पहुंचे मोदी, पीएम ने वेलकम किया 

सुनील श्रीवास्तव 
रोम। इटली के अपुलिया में G7 शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। समिट में पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने वेलकम किया। वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक वीडियो मैसेज में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के ब्रिंडिसि एयरपोर्ट पहुंचे। अपनी इटली की यात्रा के दौरान पीएम मोदी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका-भूमध्यसागरीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसकी मेजबानी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी करेंगी। इसमें पोप फ्रांसिस भी शामिल होंगे। इस दौरान पोप, पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।
G7 समिट में पहुंचने से पहले पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मुलाकात को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि स्थिर और समृद्ध वैश्विक व्यवस्था के लिए भारत और फ्रांस के बीच मजबूत और भरोसेमंद रणनीतिक साझेदारी महत्वपूर्ण है। दोनों नेताओं ने 'मेक इन इंडिया' पर ज्यादा ध्यान देने के साथ ही रणनीतिक रक्षा सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति जताई।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने संबोधन में G-20 की अध्यक्षता को लेकर AI और DPI पर प्रधानमंत्री मोदी की पहल की प्रशंसा की।
G7 नेताओं की गुरुवार (13 जून) को मीटिंग हुई। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल शामिल हुए। इस दौरान उद्घाटन भाषण में वर्ल्ड लीडर्स ने कहा कि वैश्विक दक्षिण को एक स्ट्रॉन्ग मैसेज भेजने के लिए साउथ इटली को G7 समिट के लिए चुना गया है।

फ्रांस के राष्ट्रपति संग क्या-क्या हुई बात ? 

मेलोनी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि ये कोई संयोग नहीं है कि हम अपुलिया में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं। हमने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि अपुलिया दक्षिणी इटली का एक क्षेत्र है और हम जो संदेश देना चाहते हैं। वह यह है कि इतालवी अध्यक्षता के तहत हम वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ अपनी बातचीत को मजबूत करना चाहते हैं। रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की गुरुवार को G7 समिट में पहुंचे।

शुक्रवार, 14 जून 2024

कोलकाता के मॉल में लगी आग, 10 गाड़ियां पहुंचीं

कोलकाता के मॉल में लगी आग, 10 गाड़ियां पहुंचीं

मिनाक्षी लोढी
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक्रोपोलिस मॉल में शुक्रवार दोपहर अचानक भीषण आग लग गई। इस दौरान आग की लपटें और घना धुआं उठता देख वहां अफरा तफरी मच गई।
वहीं, आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन की टीम के साथ ही फायर ब्रिगेड की लगभग 10 गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं और आग को बुझाने की कोशिश की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, कुछ लोग मॉल के अंदर फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।

आर्मी को ड्रोन नागास्त्र-1 की पहली खेप मिली

आर्मी को ड्रोन नागास्त्र-1 की पहली खेप मिली

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। इंडियन आर्मी को भारत में बने आत्मघाती ड्रोन नागास्त्र-1 की पहली खेप मिल गई है। ड्रोन्स को नागपुर की कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज की इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव लिमिटेड की यूनिट ने बनाया है। सेना ने 480 लॉइटरिंग म्यूनिशन (आत्मघाती ड्रोन) की आपूर्ति का ऑर्डर दिया था। इनमें से 120 की डिलीवरी कर दी गई है।
नागस्त्र-1 ड्रोन की रेंज 30 किमी तक है। इसका एडवांस वर्जन दो किलो से ज्यादा गोला-बारूद जे जाने में सक्षम है। इसका इस्तेमाल दुश्मनों के ट्रेनिंग कैंप, ठिकानों और लॉन्च पैड पर हमला करने के लिए किया जाएगा। ताकि सैनिकों का जोखिम कम से कम हो।

जानिए कैसे काम करेगा नागास्त्र-1 ?

पैदल चल रही सेना के जवानों को लेकर इसे डिजाइन किया गया है। ड्रोन में कम आवाज और इलेक्ट्रिक प्रोपल्सन है जो इसे एक साइलेट किलर बनाता है। इसका इस्तेमाल कई तरह के सॉफ्ट स्किन टारगेट के खिलाफ किया जा सकता है। पारंपरिक मिसाइलों और सटीक हथियारों से अलग ये कम लागत वाला ऐसा हथियार है, जिन्हें सीमा पर घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के ग्रुप को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इस ड्रोन की एक और खास विशेषता पैराशूट रिकवरी मैकेनिज्म है, जो मिशन निरस्त होने पर गोला-बारूद को वापस ला सकता है। ऐसे में इसे कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-238, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254

2. शनिवार, जून 15, 2024

3. शक-1945, ज्येष्ठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-नवमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 06:03, सूर्यास्त: 06:43।

5. न्‍यूनतम तापमान- 44 डी.सै., अधिकतम- 29+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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गुरुवार, 13 जून 2024

गर्मियों में सेहत के लिए फायदेमंद है 'लीची'

गर्मियों में सेहत के लिए फायदेमंद है 'लीची'  

सरस्वती उपाध्याय 
गर्मी का मौसम (समर सीजन) अपने मौसमी फलों के लिए जाना जाता हैं। इन दिनों में जहां आम का बोल-बाला हैं, वहीं लीची का स्वाद भी चखने को मिलता हैं। लीची गर्मियों के खास फलों में से एक है।
स्वाद के साथ सेहत के लिए भी लीची बहुत ज्यादा फायदेमंद होती है। गर्मियों में लीची के खाने से शरीर को कई समस्याओं से बचाया जा सकता है। ची में विटामिन सी, विटामिन बी6, नियासिन, राइबोफ्लेविन, फोलेट, तांबा, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्निशियम और मैग्नीज जैसे खनिज पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को बीमारियों से बचाने का काम करते हैं। रोजाना लीची खाने से चेहरे पर निखार आता है और बढ़ती उम्र के लक्षण कम नजर आते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि लीची के सेवन से किस तरह सेहत को फायदा मिलता हैं। आइये जानते हैं, इसके बारे में...

कैंसर के जोखिम को करें कम

इसमें एंटीकैंसर प्रभाव होते हैं, प्रतिदिन किसी भी रूप में लीची के सेवन से इस खतरनाक रोग से काफी हद तक बचाव करती है। चूंकि, इसके जूस में एंटीऑक्सीडेंट और फ्लैवोनॉए़ड्स होते हैं, जिनमें एंटीकैंसर प्रभाव होते हैं। यह स्तन के कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने नहीं देते हैं।

मोतियाबिंद से बचाव

लीची फ्रूट के फायदे में मोतियाबिंद के लक्षणों को कम करना भी शामिल है। बता दें कि मोतियाबिंद बढ़ती उम्र में होने वाली आंखों से जुड़ी समस्या है, जिसमें देखने की सकती कमजोर पड़ जाती है। इस समस्या से बचाव के लिए भी लीची खाना फायदेमंद हो सकता है। इस पर हुए एक शोध में यह बताया गया है कि लीची मोतियाबिंद से बचाव करने में सहायक साबित हो सकती है। इसके अलावा, लीची में विटामिन-सी मौजूद होता है, जो मोतियाबिंद के जोखिमों को कम करने में लाभकारी हो सकता है।

ब्लड सर्कुलेशन के लिए

लीची का सेवन, ब्लड सर्कुलेशन के लिए भी लाभकारी साबित हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के मुताबिक, लीची ब्लड सर्कुलेशन में सुधार ला सकता है। हालांकि इसके पीछे इसका कौन-सा गुण काम करता है, फिलहाल इस बारे में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

वजन करे कम

क्या आप जानते हैं कि लीची के सेवन से वजन भी कम हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि लीची में कैलोरी, फैट बिल्कुल नहीं होता है और इसमें पानी, फाइबर अधिक होता है। ऐसे में जो लोग अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, वो लीची भी खाना शुरू कर दें।

हड्डियों को बनाएं मजबूत

अगर हड्डियां कमजोर हो तो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या, एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती है और टूटने लगती है। इस समस्या से बचाव के लिए हड्डियों का मजबूत रहना जरूरी है और इसमें लीची खाने के फायदे देखे जा सकते है। बताया जाता है कि लीची हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक साबित हो सकती है।

पाचन को रखे दुरुस्त

लीची खाने से गर्मी के मौसम में पाचन संबंधित समस्याएं नहीं होती हैं। लीची में मौजूद फ्लेवोनॉएड्स, फिनोलिक कम्पाउंड डाइजेशन को दुरुस्त रखता है। ऐसे में पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए आप गर्मी के मौसम में लीची का सेवन जरूर करें।

सनबर्न से राहत

अधिक समय तक सूरज की हानिकारक किरणों के संपर्क में आने के कारण त्वचा लाल हो जाती है, जिसे सनबर्न के नाम से जाना जाता है। इससे राहत पाने के लिए लीची के फायदे देखे जा सकते है। बताया जाता है कि लीची सनबर्न को कम कर सकता है। हालांकि इस विषय में अभी और रिसर्च किए जाने की आवश्यकता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता करें मजबूत

यदि आप बार-बार बीमार पड़ते हैं, सर्दी-खांसी होती रहती है, तो लीची खा सकते हैं। यह इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने से कई तरह की बीमारियों, इंफेक्शन से बचाव होता है। इसमें मौजूद सैपोनिन कम्पाउंड प्रतिरक्षा प्रणाली को बूस्ट करने के लिए जिम्मेदार होता है।

हृदय के लिए अच्छा

लीची खाने के फायदे हृदय स्वास्थ्य के लिए भी देखे जा सकते हैं। दरअसल, लीची में क्वेरसेटिन नामक बायो एक्टिव कंपाउंड मौजूद होता है, जो कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ यानी हृदय को स्वस्थ रखने और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में मददगार साबित हो सकता है। इसके अलावा, लीची में पॉलीफेनोल की अधिक मात्रा पाई जाती है, जो सीने से संबंधित समस्याओं के लिए उपयोगी हो सकता है। इसे हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जा सकता है।

फिल्म 'जिगरा' की रिलीज डेट का खुलासा किया

फिल्म 'जिगरा' की रिलीज डेट का खुलासा किया 

कविता गर्ग 
मुंबई। आलिया भट्ट के दीवानों के लिए खुशखबरी आ रही है। इस साल की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'जिगरा' की रिलीज डेट सामने आ गई है। खुद अभिनेत्री ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से इस फिल्म के पोस्टर को अपने फैंस के संग साझा करते हुए फिल्म की रिलीज डेट का भी खुलासा कर दिया है।
वेदांग रैना के साथ आलिया इस फिल्म में धमाल मचाती नजर आने वाली हैं। चलिए, आपको भी बताते हैं कि किस दिन रिलीज होने जा रही है 'जिगरा' और इसके पोस्टर में क्या खास हैं ?
साल 2024 की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'जिगरा' की रिलीज डेट सामने आ गई है। आलिया भट्ट ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से फिल्म के पोस्टर को साझा करते हुए लिखा है, '11 अक्तूबर 2024 को 'जिगरा' के साथ सिनेमाघरों में मिलते हैं'। सोशल मीडिया पर आलिया का यह पोस्ट वायरल हो रहा है। उनके फैंस लगातार उनके इस पोस्ट कर कमेंट कर रहे हैं।
आलिया भट्ट के लिए फिल्म 'जिगरा' काफी खास होने वाली है। इस फिल्म में वे अभिनेत्री होने के अलावा को-प्रोड्यूसर भी हैं। आलिया ने साल 2023 में इस फिल्म की घोषणा की थी। 'जिगरा' में उनके साथ वेदांग रैना भी नजर आने वाले हैं।
आलिया भट्ट की फिल्म 'जिगरा' के पोस्टर में आलिया का एक एनिमेटेड अवतार देखने को मिल रहा है। पोस्टर में एक लड़की पीठ पर बैग टांगे खड़ी नजर आ रही है। इस पोस्टर को देखकर दर्शकों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। 
रिपोर्ट्स की मानें तो आलिया भट्ट और वेदांग रैना की इस फिल्म की कहानी एक बास्केटबॉल खिलाड़ी के इर्द-गिर्द बुनी गई है। सूत्रों की मानें तो इस फिल्म के लिए आलिया भट्ट ने बास्केटबॉल खेलना सीखा है। वे 'जिगरा' के कई दृश्यों में बास्केटबॉल खेलती नजर आने वाली हैं।

जी-7 के 50वें समिट में शामिल हुए पीएम, रवाना

जी-7 के 50वें समिट में शामिल हुए पीएम, रवाना 

अखिलेश पांडेय 
नई दिल्ली/रोम। इटली में आज से शुरू हो रहे जी-7 के 50वें समिट में शामिल होने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से गुरुवार को रवाना हुए। ये पीएम नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल संभालने के बाद पहला विदेशी दौरा है।
लेकिन, इसी समिट में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने जाने से इनकार कर दिया है।
सऊदी क्राउन प्रिंस जी-7 समिट में क्यों नहीं जा रहे हैं, इसका कारण भी बताया गया है। दरअसल, इस वक्त में सऊदी में हज यात्रा चल रही है। दुनिया भर से लाखों तीर्थयात्री सऊदी गए हुए हैं और सऊदी सरकार का पूरा ध्यान हज को सफल बनाने पर केंद्रित है। ऐसे में क्राउन प्रिंस ने अपनी प्रोग्राम टाल दिया है।
सऊदी प्रेस एजेंसी ने बुधवार को बताया कि क्राउन प्रिंस सलमान ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी को एक संदेश भेजकर निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि हज के मौके पर अधिकारियों के काम की निगरानी करने की वजह से वह G7 में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। इसके साथ ही प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दोनों देशों के अच्छे रिश्तों की सराहना की और G7 के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।

सऊदी प्रिंस ने मांगी माफी

सऊदी सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'प्रिंस सलमान ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से माफी मांगी है। क्योंकि वे हज कार्यक्रमों की वजह से इस समिट में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। हज 14 जून से शुरू होने वाला है, जिसमें 10 लाख से ज़्यादा लोग सऊदी अरब के मक्का आए हैं।' वहीं, G 7 समिट इटली में 13 जून से 15 जून तक आयोजित होगा।

प्रधानमंत्री मोदी जा रहे इटली

नरेंद्र मोदी गुरुवार को 50वें G7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए गुरुवार को इटली के लिए रवाना हुए। तीसरे कार्यकाल का कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा होने वाली है। मोदी एक हाई एंड डेलिगेशन के साथ 14 जून को G7 के आउटरीच सत्र में हिस्सा लेंगे‌। यह सत्र AI, एनर्जी, अफ्रीका और भूमध्य सागर से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित रहेगा।

G7 समिट

G7 शिखर सम्मेलन इटली के अपुलिया रीजन में बोर्गो एग्नाज़िया के लक्जरी रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक आयोजित होगा। इस बार के G7 समिट की रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास युद्ध जैसे मुद्दों पर केंद्रित रहने उम्मीद है। जी-7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। ये सातों देश सैन्य और आर्थिक लिहाज से दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में शामिल हैं। इन 7 देशों के पास दुनिया की 10 फीसदी आबादी और 40 फीसद GDP है। G7 में शामिल 7 में 3 देशों के पास UN में वीटो पावर है। G7 समिट में ये सभी देश दुनिया के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं और उनको सुलझाने के लिए रूपरेखा तैयार करते हैं।
भारत और यूरोपीय संघ जैसे देश और संगठन G 7 का हिस्सा नहीं हैं। लेकिन, वे इटली के निमंत्रण पर मेहमान के तौर शामिल हो रहे हैं। भारत के अलावा, इटली ने G7 समिट के लिए अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, मिस्र, केन्या, मॉरिटानिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ट्यूनीशिया, तुर्की, यूएई और संयुक्त राष्ट्र सहित कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भी आमंत्रित किया है। अब तक हुए 49 G7 सम्मेलनों में से भारत 10 में शामिल हो चुका है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...