शनिवार, 8 जून 2024

अपनी डाइट में शामिल करें 'अदरक' का जूस

अपनी डाइट में शामिल करें 'अदरक' का जूस 

सरस्वती उपाध्याय 
अदरक भारतीय रसोई में इस्तेमाल होने वाला एक अहम मसाला है। लोग आमतौर पर इसका इस्तेमाल खाने का स्वाद और खुशबू बढ़ाने के लिए करते हैं। अदरक न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है।
खाना बनाने के अलावा भारतीय लोग अदरक की चाय भी बड़े चाव से पीते हैं।
शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे अदरक की चाय पसंद न हो। इसलिए चाहे कोई भी मौसम हो लोग अदरक की चाय पीना नहीं छोड़ते। चाय और खाने का स्वाद बढ़ाने के अलावा यह सेहत को भी कई तरह से फायदा पहुंचाती है। पाचन क्रिया को दुरुस्त करने के साथ ही यह कई लोगों को गैस से भी राहत दिलाती है। अदरक अपने पौष्टिक गुणों के लिए जाना जाता है, जिसकी वजह से सदियों से भारतीय रसोई में इसका इस्तेमाल होता आ रहा है।
इसे रोजाना अपनी डाइट में शामिल करने से कब्ज, एसिडिटी, अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। खाना बनाने और चाय का स्वाद बढ़ाने के अलावा आप अदरक के जूस को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। लेकिन, इसके फायदे आपको तभी मिलेंगे, जब आप इसका जूस रोज सुबह खाली पेट पिएंगे। आइए जानते हैं कि रोज सुबह खाली पेट अदरक का जूस...!

पीने से क्या-क्या फायदे होते हैं ?

जी मिचलाना और उल्टी से राहत अदरक के औषधीय गुणों के कारण इसे जी मिचलाना या उल्टी रोकने में कारगर माना जाता है। गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस को रोकने में भी इसे काफी कारगर माना जाता है। इतना ही नहीं, यह कीमोथेरेपी और मोशन सिकनेस के कारण होने वाली जी मिचलाने से भी बचाता है।
ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करें यह इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाकर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मददगार साबित होता है। कई शोधों में पाया गया है कि अदरक ब्लड शुगर लेवल को तेजी से कम कर सकता है और एचएसबीसी के स्तर को भी बेहतर बनाता है।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें अदरक एलडीएल लेवल को कम करने और एचडीएल लेवल को बढ़ाने में कारगर साबित होता है। इसके साथ ही यह दिल को भी स्वस्थ रखता है। क्योंकि एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर हृदय रोग के बढ़ते जोखिम से जुड़ा होता है।
सर्दी-खांसी में कारगर रोजाना डाइट में अदरक का जूस शामिल करने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जो आपको मौसमी बीमारियों से दूर रखती है। इतना ही नहीं, यह शरीर में सूजन को कम करने में भी मदद करता है।

केदारनाथ धाम, श्रद्धालुओं का आंकड़ा 7 लाख पार

केदारनाथ धाम, श्रद्धालुओं का आंकड़ा 7 लाख पार 

पंकज कपूर 
रुद्रप्रयाग। विश्व प्रसिद्ध 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा सात लाख पार हो गया है। 10 मई को बाबा केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए थे। मात्र 28 दिनों की यात्रा के दौरान धाम में 7,10,698 श्रद्धालुओ ने पहुंचकर दर्शन किए हैं। यह अपने आप में एक नया कीर्तिमान है।
यात्रा को सुगम, सुव्यवस्थित एवं सुरक्षित ढंग से संचालित करने के लिए जिला प्रशासन एवं संबंधित विभागों द्वारा सभी आवश्यक सुविधाएं एवं व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जा रही है। केदारनाथ धाम में दर्शन करने पहुंच रहे किसी श्रद्धालुओं स्वास्थ्य खराब या किसी कारण से घायल होने के स्थिति में त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सोनप्रयाग से लेकर केदारनाथ धाम व यात्रा मार्ग के विभिन्न पडाव पर एमआरपी खोली गई हैं, जिससे कि संबंधित श्रद्धालु का तत्परता से उपचार किया जा सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एचसीएस मर्तोलिया ने बताया कि केदारनाथ यात्रा में शुक्रवार को ओपीडी के माध्यम से 3024 तीर्थ यात्रियों का उपचार किया गया, जिसमें 2329 पुरुष एवं 695 महिलाएं शामिल हैं। अब तक ओपीडी एवं इमरजेंसी के माध्यम से 70,406 श्रद्धालुओं का उपचार किया गया है, जिसमें 53,859 पुरुष, 16,547 महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक 4727 श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है, जबकि 29504 तीर्थ यात्रियों की स्क्रीनिंग भी कराई गई है।

कांग्रेस ने पार्टी की कार्य समिति की बैठक बुलाई

कांग्रेस ने पार्टी की कार्य समिति की बैठक बुलाई

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में 99 सीटें जीतकर राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका को मजबूत करने के बाद, कांग्रेस ने शनिवार को पार्टी की कार्य समिति की बैठक बुलाई। कांग्रेस में निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था- सीडब्ल्यूसी की विस्तारित बैठक नई दिल्ली के अशोका होटल आयोजित की गई, जिसमें लोकसभा चुनाव परिणामों और भविष्य की रणनीतियों पर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श हुआ।
पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा पार्टी के अन्य शीर्ष नेता इस बैठक में शामिल हुए।
बैठक के दौरान सर्वसम्मति से राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाने की मांग उठीं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों ने प्रस्ताव पारित किया है, कि राहुल गांधी को लोकसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया जाना चाहिए। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए अपने नाम का प्रस्ताव पारित होने पर राहुल गांधी ने इस बारे में सोचने के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों से कुछ वक्त मांगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, 'मैं आपका ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि भारत जोड़ो यात्रा जहां भी गई, हमने वहां कांग्रेस पार्टी के वोट प्रतिशत और सीटों की संख्या में वृद्धि देखी।'

खड़गे ने इस चुनाव में कांग्रेस की उपलब्धियों का किया जिक्र

उन्होंने बैठक के दौरान अपने संबोधन में कहा, 'मणिपुर में, हमने दोनों सीटें जीतीं। हमने नागालैंड, असम और मेघालय में भी सीटें जीतीं। महाराष्ट्र में हम सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे। देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए सभी क्षेत्रों के लोगों ने कांग्रेस पार्टी का समर्थन किया। इसके अलावा, हमने एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक मतदाताओं के प्रभुत्व वाली सीटों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सीटों में वृद्धि देखी। आगे बढ़ते हुए, हमें शहरी क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी।' उन्होंने आगे कहा कि जब पार्टी अपने पुनरुद्धार का जश्न मना रही है, तो कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को थोड़ा रुकना चाहिए, क्योंकि कुछ राज्यों में हमने अपनी क्षमताओं और अपेक्षाओं के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया है।

जिन राज्यों में अपेक्षित सफलता नहीं मिली उनकी समीक्षा होगी 

मल्लिकार्जुन ने आगे कहा, 'हम उन राज्यों में अपना प्रदर्शन नहीं दोहरा सके जहां हमने पहले विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था और सरकार बनाई थी... हम जल्द ही ऐसे प्रत्येक राज्य पर अलग-अलग चर्चा करेंगे। हमें तत्काल उपचारात्मक कदम उठाने होंगे। ये वे राज्य हैं, जो परंपरागत रूप से कांग्रेस के समर्थक रहे हैं, जहां हमारे पास अवसर हैं, जिनका उपयोग हमें अपने फायदे के लिए नहीं, बल्कि अपने लोगों के लाभ के लिए करना है। मैं ऐसे राज्यों की समीक्षा बैठक बहुत जल्द आयोजित करने का प्रस्ताव करता हूं। अगर मैं इंडिया एलायंस के साझेदारों की बात नहीं करूंगा, तो मैं अपने कर्तव्य में असफल होऊंगा। इंडिया ब्लॉक में शामिल प्रत्येक पार्टी ने अलग-अलग राज्यों में अपनी भूमिका निभाई, प्रत्येक पार्टी ने दूसरे की जीत में योगदान दिया।'
चुनौतियों के बावजूद हमने 

अद्भुत प्रदर्शन किया है: वेणुगोपाल

कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने सीडब्ल्यूसी मीटिंग के दौरान हुए निर्णयों के बारे में जानकारी देते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, 'लोकसभा चुनावों पर चर्चा के लिए विस्तारित सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई, 37 में से 32 नेता बैठक में शामिल हुए। स्थायी सदस्य, विशेष सदस्य भी शामिल हुए। हमने साढ़े तीन घंटे तक चर्चा की। हमने चुनाव प्रचार और हमारी गारंटी योजनाओं के बारे में चर्चा की है। चुनाव के समय नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा हमारे सामने बहुत परेशानियां खड़ी की गईं। हमने पहले ही बताया था कि यह संसदीय चुनाव कुछ मामलों में नया था। हम समान अवसर की मांग कर रहे थे, जो हमें नहीं मिला। उन्होंने हमारा काम रोक दिया, हमारे अकाउंट्स फ्रीज कर दिए। उन्होंने हमारे नेताओं को सीबीआई और ईडी के जरिए ब्लैकमेल किया। कुछ नेता जाल में फंस गए। इन सब चुनौतियों के बावजूद हमने अद्भुत प्रदर्शन किया है।'

बांग्लादेश ने श्रीलंका को 2 विकेट से हराया

बांग्लादेश ने श्रीलंका को 2 विकेट से हराया 

इकबाल अंसारी 
डैलस। खेल के हर विभाग में श्रीलंका को बौना साबित करते हुए बांग्लादेश ने शनिवार को टी-20 विश्वकप के रोमांचक मुकाबले में दाे विकेट से हरा दिया। ग्रैंड प्रायरी स्टेडियम में श्रीलंका के पहले खेलते हुए नौ विकेट पर 124 रन बनाये जिसके जवाब में बांग्लादेश ने 125 रनों का निर्धारित लक्ष्य छह गेंदे शेष रहते आठ विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया। टी20 विश्वकप के इतिहास में श्रीलंका के खिलाफ बांग्लादेश की यह पहली जीत है। 
सिटी ग्रुप डी के उतार-चढ़ाव वाले अहम मुकाबले में श्रीलंका एक समय चार विकेट पर 100 रन बना कर एक मजबूत स्कोर की तरफ बढ़ रहा था। मगर, रिशाद हुसैन ((22 रन पर तीन विकेट) ने पारी के 15वें ओवर में लगातार दो गेंदों पर चरिथ असलंका (19) और कप्तान वानिंदु हसरंगा (0) का विकेट झटक कर श्रीलंका को तगड़ा झटका दिया वहीं उन्होने अपने अगले ओवर में धनंजय डिसिल्वा (21) को चलता कर दिया जिसके बाद श्रीलंका की पारी का पतन तेजी से शुरु हो गया और उसके पांच पुछल्ले खिलाड़ी अपनी टीम के स्कोर में महज 24 रन का ही इजाफा कर सके। रिशाद हुसैन के अलावा मुस्तफ़िज़ुर रहमान (17 रन पर तीन विकेट) ने श्रीलंका को शुरुआती झटके देकर उन्हे रफ्तार पकड़ने का मौका नहीं दिया। तस्किन अहमद ने दो विकेट चटकाये। पथुम निसंका (47) ने हालांकि एक छोर पकड़ कर बांग्लादेश के गेंदबाजों का कड़ा इम्तिहान लिया। उन्होने 28 गेंदो की संक्षिप्त पारी में सात चौके और एक छक्का लगाया। 
लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश एक समय तीन विकेट मात्र 28 रनों पर खोकर संघर्ष की स्थिति में आ गया था। मगर, तौहीद हृदोय (40) और लिटन दास (36) ने आक्रामक अंदाज अपना कर श्रीलंका के गेंदबाजों को जमकर धुना। तौहीद ने मात्र 20 गेंदो में 200 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की और चार छक्के लगाये। वह हसरंगा की गेंद पर आउट हुये, दूसरे छोर पर दास भी हसरंगा के 108वां शिकार बने जिसके साथ ही हसरंगा ने टी-20 करियर में अपने वरिष्ठ लसिथ मलिंगा के सबसे ज्यादा विकेट चटकाने के रिकार्ड को तोड़ दिया है। पारी के 18वें ओवर में नुवान तुषारा में रिशाद हुसैन और तस्किन अहमद को लगातार दो गेंदो पर आउट कर मैच में रोमांच पैदा कर दिया था। मगर, जीत के लिए आखिरी दो ओवर में जरुरी 12 रनों को महमुदउल्लाह (16 नाबाद) ने 19वें ओवर में पाकर बांग्लादेश की जीत का मार्ग प्रशस्त कर दिया।

मोदी ने 'एनडीए' को सबसे सफल गठबंधन बताया

मोदी ने 'एनडीए' को सबसे सफल गठबंधन बताया

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के संसदीय दल की बैठक में नरेंद्र मोदी को नेता चुन लिया गया है। एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी ने एनडीए को सबसे सफल गठबंधन बताया और विपक्ष पर, खासकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईवीएम को लेकर शोर से लेकर मतगणना तक का जिक्र किया। उन्होंने कि मतगणना के दिन जिस तरह के बयान दिए जा रहे थे, वह बहुत गंभीर है।
उन्होंने चुनाव नतीजों को लेकर कहा कि 2024 के जो नतीजे हैं, हर पैरामीटर से देखेंगे तो दुनिया ये मानती है और मानेगी कि एनडीए की ये महाविजय है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि आपने देखा दो दिन कैसा चला, जैसे हम तो हार चुके हैं। चारो तरफ यही दिखता था क्योंकि उनको अपने कार्यकर्ताओं का मोरल हाई करने के लिए ऐसे काल्पनिक सब करने पड़ रहे थे। उन्होंने कहा कि गठबंधन के इतिहास में अगर आंकड़ों के हिसाब से देखें, तो ये सबसे मजबूत गठबंधन की सरकार है। लेकिन कोशिश ये की गई कि इस विजय को स्वीकार न कर पराजय की छाया में डुबोकर रखा जाए।
पीएम मोदी ने कहा कि देशवासी जानते हैं कि हम न तो हारे थे और ना ही हारे हैं। उन्होंने कहा कि 4 तारीख के बाद हमारा जो व्यवहार रहा है, वह बताता है कि हम विजय को पचाना जानते हैं। हमारे संस्कार ऐसे हैं कि विजय की गोद में उन्माद पैदा नहीं होता है और ना ही पराजित लोगों का उपहास उड़ाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आप किसी भी बालक से पूछो कि चुनाव के पहले सरकार किसकी थी, बोलेगा एनडीए। चुनाव के बाद किसकी आई, एनडीए तो हारे कहां से भाई। कल भी एनडीए की सरकार थी, आज भी एनडीए की सरकार है और कल भी एनडीए की रहेगी।
उन्होंने कहा कि 10 साल बाद भी कांग्रेस सौ के आंकड़े को नहीं छू पाई। अगर 2014, 2019 और 2024 तीन चुनाव जोड़कर कहूं तो तीनों में मिलाकर जितनी सीटें कांग्रेस को मिली है, उससे ज्यादा हमें इस चुनाव में मिली है। पीएम मोदी ने कहा कि साफ देख रहा हूं कि इंडी वालों को अंदाजा नहीं है, धीरे-धीरे पहले तो ये डूब रहे थे, अब तेज गति से गर्त में जाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि 4 तारीख के बाद इन लोगों का जो व्यवहार रहा है, आशा करता था कि वे लोकतंत्र का सम्मान करेंगे लेकिन उनके व्यवहार से लगता है कि शायद उनमें ये संस्कार आएं, इसके लिए और इंतजार करना पड़ेगा।
पीएम मोदी ने नाम लिए बिना राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये वो लोग हैं। जो खुद की पार्टी के पीएम का अपमान करते थे, उनके निर्णयों को फाड़ देते थे। कोई विदेशी मेहमान आ जाए तो चेयर नहीं होती थी। ये सारे दृश्य आपने देखे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हमें सबका सम्मान करना सिखाता है। विपक्ष में भी जो हमारे सांसद जीतकर आए हैं, उनको बधाई देता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में एक चीज मिस कर रहा था- डिबेट, पार्टिसिपेशन, क्वालिटी ऑफ डिबेट्स। आशा करता हूं कि नया सदन जो बना है, ये कमी मुझे खलेगी नहीं और नए साथी भी राष्ट्रहित की भावना से आएंगे।
उन्होंने कहा कि भले ही वो विपक्ष में हैं। वो राष्ट्र के विपक्ष में नहीं हैं, वो हमारे विपक्ष में हैं। पीएम मोदी ने कहा कि 2024 का जनादेश एक बात को बार-बार मजबूती दे रहा है कि देश को आज के वातावरण में सिर्फ और सिर्फ एनडीए पर ही भरोसा है और जब इतना अटूट विश्वास है, तो स्वाभाविक है कि देश की अपेक्षाएं भी बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि इसे अच्छा मानता हूं। पहले भी कहा था कि 10 वर्ष काम किया है, वो तो ट्रेलर है। वो मेरा चुनावी वाकया नहीं, कमिटमेंट है और तेजी से देश की आकांक्षाओं को पूर्ण करने में रत्तीभर भी विलंब नहीं करना है। जनता जनार्दन चाहती है कि हम और ज्यादा डिलीवर करें, अपना ही रिकॉर्ड तोड़ें। पीएम मोदी ने एनडीए संसदीय दल की बैठक में अगले 10 साल के रोडमैप की भी चर्चा की और एनडीए का मतलब भी बताया।

सीएम ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ बैठक की

सीएम ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ बैठक की

संदीप मिश्र 
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के यूपी में निराशाजनक नतीजों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ बैठक की और सभी को निर्देश दिए। उन्होंने मंत्रियों को जनता के बीच जाने, उनकी समस्याएं सुनने और उन्हें सुलझाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरकार जनता के लिए है। मंत्री लोग जनता के बीच जाएं। हमें वीआईपी कल्चर स्वीकार नहीं है। जनता के साथ संवाद, समन्वय और संवेदनशीलता की नीति अपनाएं।
मुख्यमंत्री योगी ने मंत्रियों से कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों का सोशल मीडिया पर व्यापक प्रचार-प्रसार करें। जनसुनवाई और सीएम हेल्पलाइन को और प्रभावी बनाने पर जोर दें। मंत्रिपरिषद की बैठकों के लिए ई-कैबिनेट व्यवस्था और सभी विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली प्रभावी ढंग से लागू करें।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन की बनाने का लक्ष्य हर विभाग का है। कार्ययोजना के अनुरूप मंत्रीगण समीक्षा करें। शीघ्र ही पुनः क्षेत्रीय दौरों पर जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रीगण बजट आवंटन और खर्च की समीक्षा करें और परियोजनाओं की समयबद्धता और गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखें। उन्होंने पौधारोपण, स्कूल चलो अभियान और संचारी रोग नियंत्रण के प्रयासों को सफल बनाने के भी निर्देश दिए। बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक शामिल नहीं हुए।

नई सरकार के शपथ लेते ही शुरू होगा बदलाव का दौर

लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पहली बार यूपी में मंत्रिमंडल की बैठक हो रही थी। भाजपा नेतृत्व यूपी में आए चुनाव परिणाम से खुश नहीं है। ऐसे में सरकार व संगठन के स्तर पर समीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र में नई सरकार के शपथ लेते ही यूपी में भी मंत्रिमंडल और पार्टी में बदलाव शुरू हो जाएंगे। लोकसभा चुनाव में भाजपा यूपी में अपने दम पर 33 सीटें ही प्राप्त कर सकी जबकि चुनाव से पहले प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत के दावे किए जा रहे थे।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी में सपा-बसपा के विपक्षी गठबंधन के बावजूद 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2014 में 71 सीटें जीती थीं।

सोनिया को पार्टी संसदीय दल का प्रमुख चुना

सोनिया को पार्टी संसदीय दल का प्रमुख चुना 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को शनिवार को एक बार फिर से पार्टी संसदीय दल का प्रमुख चुना गया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
संविधान सदन (पुरानी संसद) के केंद्रीय कक्ष में हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी को सीपीसी प्रमुख नियुक्त करने का प्रस्ताव पेश किया जिसका पार्टी के सांसदों ने सर्वसम्मति से अनुमोदन किया।
सोनिया गांधी को सीपीसी प्रमुख चुने जाने से पहले पार्टी की कार्य समिति की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी से आग्रह किया गया कि वह लोकसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभालें। इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीट जीती हैं।

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...