शुक्रवार, 7 जून 2024

एनडीए की बैठक, मोदी के पैर छूते नजर आए नीतीश

एनडीए की बैठक, मोदी के पैर छूते नजर आए नीतीश 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी की अगुआई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार बनाने वाली है। इसी क्रम में शुक्रवार 7 जून को एनडीए की संसदीय दल की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में गजब नजारा देखने को मिला। एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू के मुखिया और इस सरकार में ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा रहे नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के पैर छूते नजर आए।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी से हाथ मिलते हैं फिर उनके आगे थोड़ा झुकते हुआ हाथ नीचे करते नजर आते हैं। जिसके बाद वो नरेंद्र मोदी के हाथों को चुमते हैं। हालांकि, वीडियो में नीतीश कुमार पूरी तरह नरेंद्र मोदी के पैर छूते हुए नजर नहीं आ रहे पर देखकर ऐसा ही रहा कि वो पैर छूने की कोशिश कर रहे थे।

पहली दफा नहीं हुआ है ऐसा

ये पहला मौका नहीं है, जब नीतीश कुमार ने कुछ ऐसा किया हो। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अप्रैल में बिहार की एक रैली में भी सीएम नीतीश मंच पर पीएम मोदी के पैर छूते नजर आए थे। अगर उम्र के तकादे से देखें तो नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी हमउम्र हैं। दोनों ही 73 साल के हैं। हालांकि, नीतीश कुमार का जन्मदिन मार्च में और नरेंद्र मोदी का जन्मदिन सितम्बर में होता है, इस हिसाब से सीएम नीतीश, पीएम मोदी से 6 महीने बड़े हुए।

नीतीश कुमार ने मीटिंग के दौरान क्या कहा?

कार्यक्रम में बोलते हुए, बिहार के सीएम ने कहा, “बिहार के सभी लंबित काम किए जाएंगे। यह बहुत अच्छी बात है से कि हम सभी एक साथ आए हैं और हम सभी आपके (पीएम मोदी) साथ मिलकर काम करेंगे। रविवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन मैं चाहता था कि आप आज ही शपथ लें। जब भी आप शपथ लेंगे, हम आपके साथ होंगे… हम सब आपके नेतृत्व में मिलकर काम करेंगे…”।

NDA गठबंधन के वरिष्ठ नेता मंच पर आए एक साथ नजर

टीडीपी के एन चंद्रबाबू नायडू, शिवसेना के एकनाथ शिंदे, एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, अनुप्रिया पटेल, पवन कल्याण जैसे गठबंधन के वरिष्ठ सदस्य भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुख्य मंच पर मौजूद एनडीए नेताओं में से थे। एनडीए के पास 293 सांसद हैं, जो 543 सदस्यीय लोकसभा में बहुमत के आंकड़े 272 से काफी ऊपर है।

एक्स पर पोर्न वीडियोज अपलोड करने की इजाजत

एक्स पर पोर्न वीडियोज अपलोड करने की इजाजत 

अखिलेश पांडेय 
वाशिंगटन डीसी। आज के दौर सोशल मीडिया का है। इस प्लेटफॉर्म पर आए दि हर तरह के नए नए फोटो-वीडियोज अपलोड होते रहते हैं। हालांकि इसको लेकर यूजर्स काफी एक्टिव रहते हैं। इस बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ने हाल ही में अपनी पॉलिसी चेंज कर दी है। जिसके बाद एलन मस्क ने एक्स पर पोर्न वीडियोज अपलोड करने की इजाजत दे दी है। ये कंटेंट किसे दिखेंगे और किसे नहीं, इसे लेकर कंपनी ने गाइडलाइन भी जारी की है। एक्स पर एडल्ट कंटेंट को अनुमति मिलने के मायने अलग है।

एडल्ट कंटेंट की पोस्टिंग को अनुमति 

हालांकि, एक्स पर एडल्ट कंटेंट की मंजूरी के बाद एक सवाल खड़ा होता है कि क्या भारत में एक्स बैन होगा? जबकि भारत में पॉर्न वेबसाइट्स बैन कर दिया गया हैं। ऐसे में एडल्ट कंटेंट परोसने वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स कैसे काम कर सकता है। एलॉन मस्क खुद दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर न्यूडिटी प्रमोट करने का आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि, उनके प्लेटफॉर्म पर एडल्ट कंटेंट की पोस्टिंग को अनुमति दे दी गई है।

क्या है X की नई पॉलिसी? 

एक्स पर पहले भी कई ऐसे अकाउंट्स हैं, जो एडल्ट कंटेंट शेयर करते हैं। ऐसे अकाउंट्स को एनएसएफडब्ल्यू (Not Safe For Work) कहा जाता है। चूंकि, एक्स पर पहले से ही ऐसे अकाउंट्स मौजूद हैं, इसलिए इस पॉलिसी ने बहुत से लोगों को आश्चर्य में नहीं डाला है। 
रिपोर्ट के मुताबिक इस प्लेटफॉर्म पर यूजर्स सहमति से NSFW कंटेंट पोस्ट कर सकते हैं, जब तक कि इसे मुख्य तौर पर लेबल किया गया हो। प्लेटफॉर्म की तरफ से इस बात को साफ कर दिया गया है कि एआई जनरेटेड वीडियो और छवियों की भी लेबलिंग करनी होगी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने अपनी एडल्ट कंटेंट पॉलिसी में लिखा है कि हम मानते हैं कि यूजर्स तब तक सेक्सुअल थीम्स पर कंटेंट क्रिएट, डिस्ट्रीब्यूट और कंज्यूम कर सकते हैं, जब तक उसे सर्वसम्मति से बनाया और डिस्ट्रीब्यूट किया जाए। सेक्सुअल एक्सप्रेशन, विजुअल या टेक्स्ट फॉर्मेट में आर्टिस्टिक एक्सप्रेशन का वैध तरीका हो सकता है।

ऐसे मिलेगा कंटेंट का एक्सेस ? 

जानें सीमाएं और गाइडलाइन 
कंपनी का कहना है कि वे कम उम्र वाले यूजर्स को इस तरह के पोस्ट्स से बचाएंगे। इस तरह के कंटेंट्स की पहुंच बच्चों या ऐसे लोगों तक नहीं होगी, जो इन्हें देखना नहीं चाहते हैं। ऐसे लोग जो रेगुलर एडल्ट कंटेंट पोस्ट करते हैं, उन्हें अपनी पोस्ट को सेंसिटिव मार्क करना होगा। ऐसे लोग जिन्होंने अपनी उम्र को वेरिफाई नहीं किया है, उन्हें ऐसे कंटेंट का एक्सेस नहीं मिलेगा। 

क्या भारत में बैन हो जाएगा X?
अब ऐसे में एक आम सवाल बहुत से लोगों के जेहन में आ रहा है कि भारत में पॉर्न साइट्स पर बैन है। लेकिन, एक्स ने सीधे तौर पर ऐसा कंटेंट अपलोड करने की मंजूरी दे दी है तो क्या भारत में बैन एक्स हो जाएगा। तो इसका जवाब फिलहाल तो ना है। हालांकि भविष्य में इसपर एक्शन लिया जा सकता है। बता दें कि दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी ऐसे कंटेंट मौजूद होते हैं, लेकिन उन्होंने इसे सीधे तौर पर मंजूरी नहीं दी है। ऐसे कंटेंट्स को रिपोर्ट करने पर रिमूव कर लिया जाता है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-231, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254

2. शनिवार, जून 08, 2024

3. शक-1945, ज्येष्ठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दूज, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 06:03, सूर्यास्त: 06:43।

5. न्‍यूनतम तापमान- 40 डी.सै., अधिकतम- 23+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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गुरुवार, 6 जून 2024

राहुल ने 'एग्‍ज‍िट पोल' को घपला करार दिया

राहुल ने 'एग्‍ज‍िट पोल' को घपला करार दिया

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्‍होंने एग्‍ज‍िट पोल को घपला करार दिया। कहा, कि चुनावी एग्‍ज‍िट पोल की वजह से शेयर बाजार में लोगों के 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए। इसकी क्रोनोलॉजी समझ‍िए। पहली बार हमने नोट किया की चुनाव के समय प्रधानमंत्री ने, गृहमंत्री ने और फाइनेंस मिनिस्टर ने स्टॉक मार्केट पर टिप्पणी दी। प्रधानमंत्री ने कहा, कि स्टॉक मार्केट तेजी से आगे बढ़ने वाला है। गृहमंत्री और वित्‍तमंत्री ने भी यही कहा है। इससे बाजार में उछाल आया। बाद में यह डूब गया, यह एक घपला है। इसकी संयुक्‍त संसदीय समि‍त‍ि (JPC) से जांच होनी चाह‍िए। राहुल गांधी ने कहा, कि शेयर बाजार पर भ्रम फैलाया गया। पूरे मामले की जेपीसी से जांच होनी चाह‍िए। एग्‍ज‍िट पोल करने वाली कंपन‍ियों पर कार्रवाई की जाए। भारत के शेयर बाजार का यह सबसे बड़ा घोटाला है। भारत के स्‍टॉक मार्केट का यह सबसे बड़ा घोटाला है। पूरा मामला आपराध‍िक है। जांच की जाए और कार्रवाई भी की जाए। जब उनसे पूछा गया क‍ि क्‍या कोर्ट में जाएंगे ? इस पर राहुल गांधी ने कहा, हम जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं। जो भी होगा, हम करेंगे। राहुल गांधी ने कहा, चुनाव से पहले बीजेपी का इंटरनल सर्वे भी उन्‍हें सिर्फ 220 सीटें दे रहा था। इसल‍िए एग्‍ज‍िट पोल के जर‍िये भ्रम फैलाया गया। इसके बाद 3 जून को शेयर बाजार ने रिकॉर्ड तोडा और काफी ऊंचाई पर चला गया। हम जनता को बता रहे हैं क‍ि यहां एक स्‍कैम हुआ है। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और वित्‍त मंत्री सीधे तौर पर इसके ल‍िए जिम्‍मेदार हैं। जब राहुल गांधी से पूछा गया क‍ि अगर सरकार जेपीसी जांच के ल‍िए नहीं मानी तो क्‍या करेंगे ? इस पर उन्‍होंने कहा क‍ि संसद में विपक्ष काफी मजबूत होगा। इसबार उन्‍हें हमारी बात माननी होगी। हम दबाव बनाएंगे और उन्‍हें जेपीसी की मांग माननी ही होगी। ईमानदार लोगों का पैसा शेयर बाजार में लगा हुआ था।

आयुक्त ने राष्ट्रपति को चुने गए सदस्यों की सूची सौंपी

आयुक्त ने राष्ट्रपति को चुने गए सदस्यों की सूची सौंपी

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने दो अन्य चुनाव आयुक्तों के साथ गुरुवार शाम को राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 18वीं लोकसभा के लिए चुने गए सदस्यों की सूची सौंपी। इसके साथ ही 16 मार्च को लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही देश में लगाई गई आचार संहिता भी गुरुवार को समाप्त हो गई। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने गुरुवार शाम राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। राष्ट्रपति सचिवालय के मुताबिक जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा-73 के संदर्भ में भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी अधिसूचना की एक प्रति राष्ट्रपति को सौंपी गई। 
इसमें 18वीं लोकसभा के आम चुनावों के बाद लोकसभा के लिए चुने गए सदस्यों के नाम शामिल हैं। राष्ट्रपति ने मानव इतिहास की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक चुनावी प्रक्रिया के सफल समापन पर मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों को बधाई दी। पूरे देश की ओर से, उन्होंने चुनाव आयोग, उसके अधिकारियों और कर्मचारियों के सदस्यों, अभियान और मतदान के प्रबंधन और पर्यवेक्षण में शामिल अन्य सार्वजनिक अधिकारियों, पुलिस और सुरक्षा कर्मियों, केंद्र और राज्य के प्रयासों की सराहना की। राष्ट्रपति सचिवालय के मुताबिक लोगों के मतपत्र की पवित्रता को बनाए रखने और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए अथक और परिश्रमपूर्वक काम किया गया है।सबसे बढ़कर, उन्होंने लाखों मतदाताओं की सराहना की, जिन्होंने इतनी बड़ी संख्या में चुनाव प्रक्रिया में भाग लिया। राष्ट्रपति ने कहा, “यह पूरी तरह से हमारे संविधान और भारत की गहरी और अटल लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुरूप है।” राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू भी मौजूद रहे। इससे पहले बुधवार को राष्ट्रपति ने 17वीं लोकसभा को तत्काल प्रभाव से भंग किया था। यह फैसला राष्ट्रपति ने केंद्रीय कैबिनेट की सलाह पर लिया था।

9 जून को 'पीएम' के रूप में शपथ लेंगे मोदी

9 जून को 'पीएम' के रूप में शपथ लेंगे मोदी 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को बहुमत मिलने के बाद गठबंधन सरकार के गठन की तैयारी तेज हो गई है। शुक्रवार को राजग संसदीय दल की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना जाना है। उसके बाद राष्ट्रपति भवन जाकर दावा पेश किया जाएगा और नौ जून को मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री के रूप में मोदी शपथ लेंगे।

मंत्रिमंडल बंटवारे का फॉर्मूला तैयार

बुधवार को राजग दलों के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात की थी। वहीं मोदी के नेतृत्व पर सहमति बन गई थी। लेकिन नेता सदन का चुनाव संसदीय दल की बैठक में ही होता है। शुक्रवार को वह काम पूरा हो जाएगा। बुधवार की बैठक में ही सहयोगी दलों को यह बता दिया गया था कि मंत्रिमंडल में बंटवारे को लेकर ऐसा फॉर्मूला तैयार कर लिया जाएगा जिसपर सहमति होगी।

जदयू और टीडीपी को तीन तीन मंत्री पद

अपुष्ट सूत्रों के अनुसार किसी नंबर फार्मूले की बजाय सभी सहयोगी दलों को उचित प्रतिनिधित्व देने की योजना है। ऐसे मे जिस दल के पास पांच तक सदस्य है। उन्हें एक मंत्री पद और उनसे ज्यादा वाले जदयू और टीडीपी को तीन तीन मंत्री पद दिया जा सकता है। हालांकि इस बात की अटकलें तेज चलती रही कि इन दलों की ओर से चार मंत्री पद मांगा गया है और टीडीपी की ओर से लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी भी मांगी गई है।

शपथ ग्रहण समारोह को लेकर बैठक

इन मांगों को दोनों दलों में किसी ने भी औपचारिक रूप से नहीं बताया है। भाजपा सूत्रों के अनुसार भी अभी तक इन दलों की ओर से कोई मांग नहीं रखी गई है। शपथ ग्रहण समारोह को लेकर गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर भी लंबी बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। इस बैठक में तैयारियों के साथ साथ चुनावी समीक्षा भी हुई।

स्कूल पर हमला, 5 बच्चों सहित 30 लोग मारे गए

स्कूल पर हमला, 5 बच्चों सहित 30 लोग मारे गए 

अखिलेश पांडेय 
देर अल-बला। बृहस्पतिवार को मध्य गाजा में एक स्कूल पर इजरायली हमलें में पांच बच्चों सहित कम से कम 30 लोग मारे गए। इजराइली सेना ने कहा कि इस स्कूल का इस्तेमाल हमास के अड्डे के रूप में किया जा रहा था। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह हमला तब हुआ जब सेना ने कहा कि वह मध्य गाजा में नए हवाई और जमीनी अभियान शुरू कर रही है और एक अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा समूह ने हताहतों की संख्या में वृद्धि की सूचना दी है।
अस्पताल के रिकॉर्ड और अस्पताल में एसोसिएटेड प्रेस के एक संवाददाता के अनुसार, देर अल-बला में अल-अक्सा शहीद अस्पताल में स्कूल पर हमले की वजह से कम से कम 30 शव मिले और एक घर पर अलग से किए गए हमले के बाद छह और शव मिले। इससे पहले हमास द्वारा संचालित मीडिया ने स्कूल पर किए गए हमले में अधिक संख्या में लोगों के मारे जाने की सूचना दी थी। इजराइली सेना ने कहा कि उसके लड़ाकू विमानों ने फलस्तीनियों को सहायता प्रदान करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी द्वारा संचालित स्कूल पर हमला किया। एजेंसी को ‘यूएनआरडब्ल्यूए’ के नाम से जाना जाता है।
‘हमास’ और ‘इस्लामिक जिहाद’ संगठनों ने स्कूल का इस्तेमाल ढाल के रूप में किया
इजराइली सेना ने दावा किया कि ‘हमास’ और ‘इस्लामिक जिहाद’ संगठनों ने अपनी गतिविधियों के लिए स्कूल का इस्तेमाल ढाल के रूप में किया। हालांकि, सेना ने तत्काल इसका कोई सबूत पेश नहीं किया। गाजा में ‘यूएनआरडब्ल्यूए’ स्कूल युद्ध की शुरुआत से ही आश्रय के रूप में काम कर रहे हैं। इस युद्ध के कारण 23 लाख से अधिक फलस्तीनियों की अधिकांश आबादी विस्थापित हो गई है। इजराइली सेना ने दावा किया, हमले के दौरान निर्दोष नागरिकों को नुकसान पहुंचने के जोखिम को कम करने के लिए हमला करने से पहले कई कदम उठाए गए थे, जिनमें हवाई निगरानी करना और अतिरिक्त खुफिया जानकारी शामिल हैं। नुसेरात शरणार्थी शिविर गाजा पट्टी के मध्य में है।
यह मध्य गाजा में बना एक फलस्तीनी शरणार्थी शिविर है जो 1948 के अरब-इजराइल युद्ध के समय से है। युद्ध की शुरुआत सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले से हुई। जिसमें कम से कम 1,200 लोग मारे गए और 250 अन्य लोगों को बंधक बनाया गया। गाजा पट्टी में इजराइली सैन्य अभियान में कम से कम 36,000 फलस्तीनी मारे गए हैं, जबकि इजराइली कब्जे वाले ‘वेस्ट बैंक’ में अभियानों में सैकड़ों अन्य मारे गए हैं।

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...