गुरुवार, 6 जून 2024

आयुक्त ने राष्ट्रपति को चुने गए सदस्यों की सूची सौंपी

आयुक्त ने राष्ट्रपति को चुने गए सदस्यों की सूची सौंपी

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने दो अन्य चुनाव आयुक्तों के साथ गुरुवार शाम को राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 18वीं लोकसभा के लिए चुने गए सदस्यों की सूची सौंपी। इसके साथ ही 16 मार्च को लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही देश में लगाई गई आचार संहिता भी गुरुवार को समाप्त हो गई। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने गुरुवार शाम राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। राष्ट्रपति सचिवालय के मुताबिक जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा-73 के संदर्भ में भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी अधिसूचना की एक प्रति राष्ट्रपति को सौंपी गई। 
इसमें 18वीं लोकसभा के आम चुनावों के बाद लोकसभा के लिए चुने गए सदस्यों के नाम शामिल हैं। राष्ट्रपति ने मानव इतिहास की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक चुनावी प्रक्रिया के सफल समापन पर मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों को बधाई दी। पूरे देश की ओर से, उन्होंने चुनाव आयोग, उसके अधिकारियों और कर्मचारियों के सदस्यों, अभियान और मतदान के प्रबंधन और पर्यवेक्षण में शामिल अन्य सार्वजनिक अधिकारियों, पुलिस और सुरक्षा कर्मियों, केंद्र और राज्य के प्रयासों की सराहना की। राष्ट्रपति सचिवालय के मुताबिक लोगों के मतपत्र की पवित्रता को बनाए रखने और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए अथक और परिश्रमपूर्वक काम किया गया है।सबसे बढ़कर, उन्होंने लाखों मतदाताओं की सराहना की, जिन्होंने इतनी बड़ी संख्या में चुनाव प्रक्रिया में भाग लिया। राष्ट्रपति ने कहा, “यह पूरी तरह से हमारे संविधान और भारत की गहरी और अटल लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुरूप है।” राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू भी मौजूद रहे। इससे पहले बुधवार को राष्ट्रपति ने 17वीं लोकसभा को तत्काल प्रभाव से भंग किया था। यह फैसला राष्ट्रपति ने केंद्रीय कैबिनेट की सलाह पर लिया था।

9 जून को 'पीएम' के रूप में शपथ लेंगे मोदी

9 जून को 'पीएम' के रूप में शपथ लेंगे मोदी 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को बहुमत मिलने के बाद गठबंधन सरकार के गठन की तैयारी तेज हो गई है। शुक्रवार को राजग संसदीय दल की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना जाना है। उसके बाद राष्ट्रपति भवन जाकर दावा पेश किया जाएगा और नौ जून को मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री के रूप में मोदी शपथ लेंगे।

मंत्रिमंडल बंटवारे का फॉर्मूला तैयार

बुधवार को राजग दलों के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात की थी। वहीं मोदी के नेतृत्व पर सहमति बन गई थी। लेकिन नेता सदन का चुनाव संसदीय दल की बैठक में ही होता है। शुक्रवार को वह काम पूरा हो जाएगा। बुधवार की बैठक में ही सहयोगी दलों को यह बता दिया गया था कि मंत्रिमंडल में बंटवारे को लेकर ऐसा फॉर्मूला तैयार कर लिया जाएगा जिसपर सहमति होगी।

जदयू और टीडीपी को तीन तीन मंत्री पद

अपुष्ट सूत्रों के अनुसार किसी नंबर फार्मूले की बजाय सभी सहयोगी दलों को उचित प्रतिनिधित्व देने की योजना है। ऐसे मे जिस दल के पास पांच तक सदस्य है। उन्हें एक मंत्री पद और उनसे ज्यादा वाले जदयू और टीडीपी को तीन तीन मंत्री पद दिया जा सकता है। हालांकि इस बात की अटकलें तेज चलती रही कि इन दलों की ओर से चार मंत्री पद मांगा गया है और टीडीपी की ओर से लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी भी मांगी गई है।

शपथ ग्रहण समारोह को लेकर बैठक

इन मांगों को दोनों दलों में किसी ने भी औपचारिक रूप से नहीं बताया है। भाजपा सूत्रों के अनुसार भी अभी तक इन दलों की ओर से कोई मांग नहीं रखी गई है। शपथ ग्रहण समारोह को लेकर गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर भी लंबी बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। इस बैठक में तैयारियों के साथ साथ चुनावी समीक्षा भी हुई।

स्कूल पर हमला, 5 बच्चों सहित 30 लोग मारे गए

स्कूल पर हमला, 5 बच्चों सहित 30 लोग मारे गए 

अखिलेश पांडेय 
देर अल-बला। बृहस्पतिवार को मध्य गाजा में एक स्कूल पर इजरायली हमलें में पांच बच्चों सहित कम से कम 30 लोग मारे गए। इजराइली सेना ने कहा कि इस स्कूल का इस्तेमाल हमास के अड्डे के रूप में किया जा रहा था। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह हमला तब हुआ जब सेना ने कहा कि वह मध्य गाजा में नए हवाई और जमीनी अभियान शुरू कर रही है और एक अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा समूह ने हताहतों की संख्या में वृद्धि की सूचना दी है।
अस्पताल के रिकॉर्ड और अस्पताल में एसोसिएटेड प्रेस के एक संवाददाता के अनुसार, देर अल-बला में अल-अक्सा शहीद अस्पताल में स्कूल पर हमले की वजह से कम से कम 30 शव मिले और एक घर पर अलग से किए गए हमले के बाद छह और शव मिले। इससे पहले हमास द्वारा संचालित मीडिया ने स्कूल पर किए गए हमले में अधिक संख्या में लोगों के मारे जाने की सूचना दी थी। इजराइली सेना ने कहा कि उसके लड़ाकू विमानों ने फलस्तीनियों को सहायता प्रदान करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी द्वारा संचालित स्कूल पर हमला किया। एजेंसी को ‘यूएनआरडब्ल्यूए’ के नाम से जाना जाता है।
‘हमास’ और ‘इस्लामिक जिहाद’ संगठनों ने स्कूल का इस्तेमाल ढाल के रूप में किया
इजराइली सेना ने दावा किया कि ‘हमास’ और ‘इस्लामिक जिहाद’ संगठनों ने अपनी गतिविधियों के लिए स्कूल का इस्तेमाल ढाल के रूप में किया। हालांकि, सेना ने तत्काल इसका कोई सबूत पेश नहीं किया। गाजा में ‘यूएनआरडब्ल्यूए’ स्कूल युद्ध की शुरुआत से ही आश्रय के रूप में काम कर रहे हैं। इस युद्ध के कारण 23 लाख से अधिक फलस्तीनियों की अधिकांश आबादी विस्थापित हो गई है। इजराइली सेना ने दावा किया, हमले के दौरान निर्दोष नागरिकों को नुकसान पहुंचने के जोखिम को कम करने के लिए हमला करने से पहले कई कदम उठाए गए थे, जिनमें हवाई निगरानी करना और अतिरिक्त खुफिया जानकारी शामिल हैं। नुसेरात शरणार्थी शिविर गाजा पट्टी के मध्य में है।
यह मध्य गाजा में बना एक फलस्तीनी शरणार्थी शिविर है जो 1948 के अरब-इजराइल युद्ध के समय से है। युद्ध की शुरुआत सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले से हुई। जिसमें कम से कम 1,200 लोग मारे गए और 250 अन्य लोगों को बंधक बनाया गया। गाजा पट्टी में इजराइली सैन्य अभियान में कम से कम 36,000 फलस्तीनी मारे गए हैं, जबकि इजराइली कब्जे वाले ‘वेस्ट बैंक’ में अभियानों में सैकड़ों अन्य मारे गए हैं।

सीआईएसएफ कर्मी ने कंगना को मारा थप्पड़, सस्पेंड

सीआईएसएफ कर्मी ने कंगना को मारा थप्पड़, सस्पेंड 

अमित शर्मा 
चंडीगढ़। हिमाचल प्रदेश के मंडी से लोकसभा चुनाव जीतने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर एक महिला सीआईएसएफ कर्मी ने थप्पड़ मार दिया था। आरोपी महिला CISF कर्मी पर अब सख्त एक्शन लेते हुए CISF डीजी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है। साथ ही जांच के लिए निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक, CISF की महिला सुरक्षाकर्मी की चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर पर कंगना रनौत से बहस हो गई थी। इस बहस के बाद सुरक्षाकर्मी ने कथित तौर पर कंगना रनौत को थप्पड़ मार दिया। बताया जा रहा है कि महिला सिपाही सांसद कंगना रनौत के किसान आंदोलन के दौरान दिए गए कुछ बयानों को लेकर आहत थी।
इस मामले में वरिष्ठ अफसरों की निगरानी में जांच कमेटी गठित कर दी गई है, जो इस घटना की पड़ताल करेगी। वहीं कंगना रनौत भी इस घटना के बाद दिल्ली पहुंच गई हैं।

वकील हत्याकांड: 5 हत्यारोपियों को फांसी की सजा

वकील हत्याकांड: 5 हत्यारोपियों को फांसी की सजा 

भानु प्रताप उपाध्याय 
सहारनपुर। रास्ते में कार रोककर दिनदहाड़े अंजाम दिए गए वकील कर्मवीर हत्याकांड में दोषी पाए गए पांच हत्यारोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। जिला अदालत की ओर से सुनाई गई फांसी की सजा मिलते ही दोषी सन्न रह गए हैं। बृहस्पतिवार को एडीजीसी विक्रम सिंह वर्मा की और से दी गई जानकारी में बताया गया है कि वर्ष 2015 की 26 दिसंबर को दिनदहाड़े अंजाम दी गई अधिवक्ता की हत्या के मामले में दोषी पाए गए पांच हत्यारोपियो को अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई है। 
घटनाक्रम के मुताबिक, वर्ष 2015 की 26 दिसंबर को प्रॉपर्टी डीलर सतपाल छाबड़ा अपने बेटे एडवोकेट कर्मवीर सिंह के साथ कार में सवार होकर जा रहे थे। रास्ते में पहले से ही घात लगाकर बैठे 64 वर्षीय भूपेंद्र बत्रा उसके भाई 71 वर्षीय अमरजीत और भूपेंद्र के 34 वर्षीय बेटे गुरु प्रताप सिंह के अलावा अमरजीत के 36 वर्षीय बेटे गुरमीत सिंह और 59 वर्षीय गुरमीत सिंह ने उनकी गाड़ी को घेरकर उनके ऊपर हमला कर दिया था। इस दौरान आरोपियों द्वारा एडवोकेट कर्मवीर सिंह के शरीर पर 10 मर्तबा चाकू से प्रहार किए गए। जिससे वकील का दिल भी बुरी तरह से डैमेज हो गया था। सतपाल छाबड़ा पर भी जान लेवा हमला करते हुए उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। घटना के बाद मौके पर इकट्ठा हुए लोग दोनों को आनन-फानन में अस्पताल ले गए थे, जहां डॉक्टरों ने कर्मवीर सिंह को अमृत घोषित कर दिया था। दोषी और वकील आपस में रिश्तेदार थे और दोनों का प्रॉपर्टी डीलिंग का कारोबार था।‌ इसी के विवाद में वकील कर्मवीर सिंह की हत्या की गई थी।

सीएम ने फिर से 'जनता दर्शन' कार्यक्रम शुरू किया

सीएम ने फिर से 'जनता दर्शन' कार्यक्रम शुरू किया 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर से 'जनता दर्शन' कार्यक्रम शुरू कर दिया है। चुनाव की घोषणा के बाद यह कार्यक्रम बंद कर दिया गया था। गुरुवार से यह कार्यक्रम फिर से शुरू हो गया है। पूरे प्रदेश से आए लोगों से सीएम ने समस्याएं जानी। मालूम हो कि यह कार्यक्रम लखनऊ में रोजाना होता है। यदि सीएम प्रदेश में होते हैं, तो वह एक घंटा जनता के साथ मिलते हैं। यदि वह गोरखपुर में होते हैं, तो वहां जनता दर्शन कार्यक्रम करते हैं।
बता दें कि दो माह पूर्व आचार संहिता लगने से पहले तक सीएम योगी तकरीबन प्रतिदिन अपने सरकारी आवास पर जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान आमजन से मुलाकात करते रहे हैं। सीएम योगी ने पहले ही स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि थानों और तहसीलों की साप्ताहिक समीक्षा जिलास्तर के वरिष्ठ अधिकारी करें, किसी भी फरियादी के साथ अशोभनीय व्यवहार नहीं होना चाहिए और उसकी समस्या का तत्काल यथोचित निराकरण जिलास्तर पर ही होना चाहिए। इसके अलावा जिले की समीक्षा मंडल स्तर और मंडल की समीक्षा लखनऊ मुख्यालय से प्रतिमाह होनी चाहिए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार की सुबह सभी अपर मुख्य सचिवों और प्रमुख सचिवों की बैठक बुलाई है। इसमें प्रदेश के कामों को गति देने पर मंथन होगा। साथ ही पिछले कामकाज की समीक्षा भी होगी।

नमक का अधिक मात्रा में सेवन, एक्जिमा का खतरा

नमक का अधिक मात्रा में सेवन, एक्जिमा का खतरा 

सुनील श्रीवास्तव 
लंदन/वाशिंगटन डीसी। एक नए शोध में पता चला है कि सोडियम युक्त नमक के अधिक मात्रा में सेवन से एक्जिमा का खतरा बढ़ सकता है, जिसमें त्वचा रूखी हो जाती है और उस पर चकत्ते पड़ जाते हैं, जिनमें खुजली होती है। पिछले शोधों में पाया गया है कि त्वचा में सोडियम अधिक मात्रा में होने से एक्जिमा समेत लंबे समय तक जलन और ऑटोइम्यून समस्याएं हो सकती हैं। 
इन शोध में यह भी पता चला है कि सोडियम की अत्यधिक मात्रा वाले फास्ट फूड के सेवन से भी किशोरों में एक्जिमा होने का खतरा बढ़ जाता है, जो बहुत गंभीर भी हो सकता है। नए शोध में पता चला है दैनिक अनुशंसित सीमा से एक ग्राम अधिक सोडियम खाने से भी एक्जिमा का खतरा 22 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। एक ग्राम सोडियम लगभग आधा चम्मच नमक या अंतररष्ट्रीय फास्ट फूड चेन मैकडोनाल्ड के हैमबर्गर बिग मैक में मौजूद मात्रा के बराबर होता है। 
विश्व स्वास्थ्य संगठन एक दिन में दो ग्राम से कम सोडियम सेवन की सिफारिश करता है। जबकि ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के अनुसार, अनुशंसित सोडियम सेवन प्रतिदिन 2.3 ग्राम है। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (यूसीएफसी) के शोधकर्ताओं ने कहा कि हाल के वर्षों में, विशेष रूप से औद्योगिक देशों में, यह दीर्घकालिक त्वचा रोग आम हो गया है, जिसका अर्थ है कि इसमें पर्यावरण और जीवनशैली संबंधी कारकों (जैसे आहार) की भूमिका है।
उन्होंने कहा कि सोडियम का सीमित सेवन एक्जिमा रोगियों के लिए बीमारी को नियंत्रित करने का एक आसान तरीका हो सकता है। ये शोध द जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। 
यूसीएसएफ में त्वचा विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर और शोध के लेखकों में से एक कैटरीना अबुबारा ने कहा, "रोगियों के लिए एक्जिमा के प्रकोप से निपटना कठिन हो सकता है, खासकर तब जब वे इसका पूर्वानुमान नहीं लगा पाते और उनके पास इससे बचने के लिए कोई सुझाव नहीं होता।" शोध के लिए टीम ने यूके बायोबैंक से 30-70 वर्ष की आयु के दो लाख से अधिक लोगों के डेटा का उपयोग किया, जिसमें मूत्र के नमूने और इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड शामिल थे।

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