शुक्रवार, 17 मई 2024

सीएम ने चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा की

सीएम ने चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा की

पंकज कपूर 
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने गुरुवार को राज्य सचिवालय में चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा की। तीर्थयात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए धामी ने तीन दिन तक के लिए ऑफलाइन पंजीकरण बंद करने के निर्देश दिए। यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीकरण हरिद्वार और ऋषिकेश स्थित केंद्रों पर किया जाता है। हालांकि 15 अप्रैल से शुरू हुआ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जारी रहेगा। मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सुरक्षित और सुचारू चारधाम यात्रा के लिए सरकार और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ग्राउंड जीरो पर यात्रा व्यवस्थाओं की जांच और निगरानी करें। यह सुनिश्चित करें कि सभी भक्त पंजीकरण के अनुसार दी गई तिथि पर ही दर्शन के लिए आएं। साथ ही कहा कि तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य जांच और मौसम पूर्वानुमान का पता लगाने के बाद ही आना चाहिए।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-209, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254

2. शुक्रवार, मई 17, 2024

3. शक-1945, बैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि-नवमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 06:03, सूर्यास्त: 06:43।

5. न्‍यूनतम तापमान- 32 डी.सै., अधिकतम- 17+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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मंगलवार, 14 मई 2024

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की 

अखिलेश पांडेय 
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म यानी सौर तूफान को पूरी तरह से समझने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच एक नई समस्या को लेकर चेतावनी सामने आ गई है। वैज्ञानिकों ने एक रेडिएशन स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की है। सूर्य की सतह से बड़ी लपटें उठ रही हैं, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का उत्सर्जन हो रहा है। इसमें बड़ी मात्रा में चार्ज्ड पार्टिकल्स हैं, जिनकी स्पीड सूर्य की सतह पर हो रही मैग्नेटिक एक्टिविटी के चलते बहुत तेज हो गई है।

स्टॉर्म को लेकर एक्सपर्ट्स ने क्या कहा ?

इनमें से कई पार्टिकल्स को धरती की दिशा में आगे बढ़ते हुए देखा गया है। ये पार्टिकल्स हमारे ग्रह की मैग्नेटिक फील्ड और एटमॉस्फेयर से इंटरैक्ट कर सकते हैं, जिससे सैटेलाइट कम्युनिकेशन में समस्या पैदा हो सकती है। इसके अलावा अंतरिक्ष में मौजूद एस्ट्रोनॉट्स के लिए रेडिएशन का खतरा भी उत्पन्न हो सकता है। ये पार्टिकल्स पावर ग्रिड्स को भी ठप कर सकते हैं। ये रेडिएशन स्टॉर्म इसी सप्ताह आ सकता है। इस तरह से सोलर स्टॉर्म के बाद हमारे ग्रह के सामने अब रेडिएशन स्टॉर्म के रूप में एक और बड़ा खतरा आ गया है।

क्या पहुंचा सकता है ज्यादा नुकसान ?

नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेयरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अनुसार आने वाला रेडिएशन स्टॉर्म पिछले सप्ताह आए जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म से अलग होगा। जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म इतना शक्तिशाली था कि अगर वह धरती को सीधा हिट करता तो ग्रह की प्रोटेक्टिव मैग्नेटिक फील्ड मैग्नेटोस्फेयर को नुकसान पहुंचा सकता था। रेडिएशन स्टॉर्म के अधिकांश हिस्से को मैग्नेटोस्फेयर  अब्जॉर्ब कर लेगा। लेकिन ग्रह के चुंबकीय ध्रुवों पर ऐसा नहीं हो पाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर यह मैग्नेटिक फील्ड नीचे की ओर कर्व हो जाती है।

स्वास्थ्य: बासी 'रोटी' खाना बेहद फायदेमंद, जानिए

स्वास्थ्य: बासी 'रोटी' खाना बेहद फायदेमंद, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
तवे से उतरी गर्मा-गर्म रोटी खाना हर कोई पसंद करता है। लेकिन जब बात रात की बची यानी बासी रोटी की आती है, तो लोगों की भूख ही मिट जाती है। अगर आप भी इसे खाने से परहेज करते हैं और इन रोटियों को जानवरों के आगे डाल देते हैं, तो ये आर्टिकल आपको जरूर पढ़ना चाहिए। बता दें, पुराने जमाने से ही लोग सुबह-सवेरे उठकर बासी रोटी खाते आए हैं, जिसके पीछे सेहत को मिलने वाले कई फायदे छिपे हुए हैं।

इम्युनिटी बूस्टर

बासी रोटी का सेवन आपके लिए इम्युनिटी बूस्टर भी साबित हो सकता है, बस जरूरत है इसका सही ढंग से सेवन करने की। कई लोग रात में बची रोटी को कढ़ाई में तेल डालकर सब्जी की तरह छोंकते हैं या फिर चीनी और मक्खन लगाकर खाने की कोशिश करते हैं, जो कि सेहत के लिए लिहाज से बिल्कुल भी सही नहीं है और ऐसा करने से इसमें मौजूद प्रीबायोटिक्स भी नष्ट हो जाते हैं।

पाचन को बनाए बेहतर

बासी रोटी खाने से पाचन से जुड़ी समस्याओं से निजात मिलती है और अगर आपको कब्ज की भी दिक्कत रहती है, तो उस लिहाज से भी इसका सेवन काफी मददगार साबित हो सकता है। सुबह इसे खाने से आपको पेट फूलने और एसिडिटी जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिल सकता है।

वेट लॉस में मददगार

बढ़ते वजन को काबू में रखने के लिए भी बासी रोटी खाना फायदेमंद हो सकता है। बता दें, ताजी रोटियों की तुलना में बासी रोटी में कैलोरी कम पाई जाती है, जिससे वेट लॉस कर रहे लोगों को मदद मिलती है।

ब्लड प्रेशर को करे कंट्रोल

बासी रोटी खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है, ऐसे में डायबिटीज के रोगियों के लिए सुबह सवेरे दूध के साथ यह एक बढ़िया नाश्ता साबित हो सकती है। बस आपको ध्यान इस बात का रखना है कि, इसमें चीनी डालने की भूल नहीं करनी है।

मांसपेशियों को बनाए मजबूत

बासी रोटी में मौजूद न्यूट्रिएंट्स वर्कआउट करने वाले लोगों के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं। खासतौर से जब रोटी गेहूं से तैयार की गई हो। इसके सेवन से मसल्स को स्ट्रांग बनाया जा सकता है और इसे दूध के साथ डाइट में शामिल करने से भी फायदे दोगुने हो जाते हैं।

परस्पर लाभ पहुंचाने से जुड़े मामलों की जांच कराएं

परस्पर लाभ पहुंचाने से जुड़े मामलों की जांच कराएं 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। दो गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि वह चुनावी बॉन्ड योजना में राजनीतिक दलों, कॉरपोरेट संस्थाओं और जांच एजेंसियों के अधिकारियों की ओर से कथित तौर पर परस्पर लाभ पहुंचाने से जुड़े मामलों की जांच अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल से कराएं।
उन्होंने अदालत से इस संबंध में उनकी जनहित याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने की अपील की। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने गैर सरकारी संगठनों ‘कॉमन कॉज’ और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण की इस दलील का संज्ञान लिया कि याचिका को जल्द से जल्द सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की आवश्यकता है। न्यायमूर्ति खन्ना ने भूषण से कहा, ”सीजेआई के कार्यालय को इसकी जानकारी है। इसे सूचीबद्ध किया जाएगा। ”पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को भाजपा सरकार की ओर से शुरू की गई चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था। एनजीओ की ओर से दायर याचिका में चुनावी बॉन्ड योजना को घोटाला करार देते हुए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने वाली मुखौटा कंपनियों व घाटे में चल रही कंपनियों के स्रोतों की जांच के लिए प्राधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।याचिका में अधिकारियों को कंपनियों द्वारा दान में दिए गए धन को जहां यह अपराध की आय के रूप में अर्जित किया गया हो, वापस लेने के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है।
शीर्ष अदालत के फैसले के बाद चुनावी बॉन्ड योजना के तहत अधिकृत वित्तीय संस्थान भारतीय स्टेट बैंक ने चुनाव आयोग (ईसी) के साथ योजना की जानकारी साझा किया की थी, जिसने बाद में इसे सार्वजनिक कर दिया।

महिला का दावा, 16 सालों से कुछ खाया-पिया नहीं

महिला का दावा, 16 सालों से कुछ खाया-पिया नहीं 

सुनील श्रीवास्तव 
अदिस अबाबा। कुछ घंटे बिना खाए-पिए रहने से शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है, कमजोरी महसूस होने लगती है। लेकिन एक महिला का दावा है कि उसने 16 साल से ना तो कुछ खाया और ना ही कुछ पिया है। महिला ने कहा कि जब वह दस साल की थी, तब उसने आखिरी बार खाना खाया था।

16 सालों से कुछ नहीं खाया

इथियोपिया की रहने वाली मुलुवर्क अंबाव नाम की महिला का कहना है कि 16 सालों से उसने कुछ नहीं खाया और ना ही उसे भूख लगती है। पिछली बार उसने तब खाना खाया था, जब वह दस साल की थी। आज वह 26 साल की हो गई है। मुलुवर्क अंबाव एक बच्चे की मां भी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, मुलुवर्क अंबाव का कहना है कि वह अपने परिवार के लिए खाना बनाती है लेकिन उसे भूख ही नहीं लगती है। मुलुवर्क ने बताया कि भारत, कतर और दुबई के कई डॉक्टर्स ने जांच-पड़ताल की लेकिन उसके शरीर में खामी नहीं मिली और ना ही कोई ये बता सका कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है ?
महिला ने कहा कि जब मैं दस साल की थी और परिवार के लोग मुझे खाना खाकर स्कूल जाने के लिए कहते तो मैं उनसे झूठ बोलती थी कि मैंने खाना खा लिया है। धीरे-धीरे ये बढ़ता गया और मैंने खाना-पीना छोड़ दिया। मुलुवर्क अंबाव ने बताया कि वह सिर्फ नहाने के लिए बाथरूम जाती है।
महिला का कहना है कि उसने पिछले 16 सालों से एक बार भी टॉयलेट का इस्तेमाल नहीं किया है। वह बाथरूम तभी जाती है, जब उसे नहाना होता है। मुलुवर्क अंबाव ने जब एक बच्चे को जन्म दिया तो उनके शरीर में दूध ही नहीं थे, ऐसे में बच्चे को कृत्रिम दूध पिलाया गया।

'बीएसएनएल' ने एक साथ दो प्लान पेश किए

'बीएसएनएल' ने एक साथ दो प्लान पेश किए 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। टेलीकॉम कंपनियां अपने ग्राहकों के लिए रिचार्ज से संबंधित ऑफर लाती रहती हैं। हम सभी ऐसे प्लान की तलाश में रहते हैं, जो सस्ता हो। ऐसे में अगर आप भी किसी सस्ते प्लान की तलाश में हैं तो बीएसएनएल ने एक साथ दो जबरदस्त प्लान पेश किए हैं। 
बता दें BSNL के इन प्लान की कीमतें 58 रुपये और 59 रुपये हैं। इनमें से 59 रुपये वाला एक रेगुलर सर्विस वैलिडिटी प्लान है, जबकि 58 रुपये वाला एक डाटा प्लान है। तो चलिए इन दोनों प्लान के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

58 रुपये वाले प्लान के फायदे

BSNL के 58 रुपये वाले प्लान के फायदों की बात करें तो इस प्लान में हर रोज 2 जीबी डाटा मिलेगा और इसकी वैधता 7 दिनों की है। वहीं डाटा खत्म होने के बाद इंटरनेट की स्पीड 40Kbps हो जाएगी। यदि आपको डाटा की जरूरत है तो यह प्लान आपके लिए हो सकता है क्योंकि इसमें महज 58 रुपये में आपको 14 जीबी डाटा मिलता है।

59 रुपये वाले प्लान के फायदे

बता दें BSNL के इस प्लान के साथ हर रोज 1 जीबी डाटा मिलता है। वहीं इसके अलावा इस प्लान के साथ 7 दिनों की सर्विस वैलिडिटी मिलती है। अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा भी मिलती है। इस प्लान में एसएमएस नहीं मिलेगा। यह प्लान उनके लिए है जिन्हें डाटा के साथ कॉलिंग भी चाहिए।

अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की

अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की  कविता गर्ग  मुंबई। भोजपुरी सिनेमा की बोल्ड अदाकारा नम्रता मल्ला ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर ...