बुधवार, 24 अप्रैल 2024

'आईएफएस' के प्रशिक्षु अधिकारियों को बधाई दी

'आईएफएस' के प्रशिक्षु अधिकारियों को बधाई दी

पंकज कपूर 
देहरादून। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून में प्रशिक्षणरत व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के भारतीय वन सेवा के परिवीक्षार्थियों के दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने परिवीक्षार्थियों को प्रमाण पत्र और पदक प्रदान किए। वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) के परिसर में आयोजित समारोह में 2022-24 सत्र के 99 भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थी और मित्र देश भूटान के दो भी प्रशिक्षु अधिकारी पास आउट हुए।
इस मौके पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय वन सेवा के 2022 बैच के सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि इस बैच में 10 महिला अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज के प्रगतिशील बदलाव की प्रतीक हैं। राष्ट्रीय वन अकादमी की पर्यावरण के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारतीय वन सेवा के अधिकारियों पर जंगलों के संरक्षण, संवर्धन एवं पोषण की जिम्मेदारी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये अधिकारी अपने इस अप्रतिम दायित्व के प्रति सजग और सचेत होंगे एवं पूर्ण निष्ठा से अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहा की हमारी प्राथमिकताएं मानव केंद्रित होने के साथ-साथ प्रकृति केंद्रित भी होनी चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि पृथ्वी की जैव-विविधता एवं प्राकृतिक सुंदरता का संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे हमें अति शीघ्र करना है। वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण और संवर्धन के जरिए मानव जीवन को संकट से बचाया जा सकता है। भारतीय वन सेवा के श्री पी. श्रीनिवास, श्री संजय कुमार सिंह, श्री एस. मणिकन्दन जैसे अधिकारियों ने ड्यूटी के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए प्राण न्योछावर किए हैं। देश को भारतीय वन सेवा ने बहुत अधिकारी दिये हैं, जिन्होंने पर्यावरण के लिए अतुलनीय कार्य किए हैं। उनकी चर्चा बहुत सम्मान से की जाती है। उन सभी को आप अपना रोल मॉडल बनाएं एवं उनके दिखाए आदर्शों पर आगे बढ़ें।
राष्ट्रपति ने भारतीय वन अकादमी के विशेषज्ञों से अपेक्षा की कि जलवायु की आपातकालीन स्थिति को देखते हुए प्रशिक्षार्थियों के पाठ्यक्रम में यथोचित संशोधन करने पर विचार करें। विश्व के कई भागों में वन संसाधनों की क्षति बहुत तेजी से हुई है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद से हम क्षति-पूर्ति तेज गति से कर सकते हैं। विभिन्न विकल्पों का आकलन करके भारत की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप समाधान विकसित करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विकास-रथ के दो पहिये होते हैं – परंपरा और आधुनिकता। आज मानव समाज पर्यावरण संबंधी कई समस्याओं का दंश झेल रहा है। इसके प्रमुख कारणों में विशेष प्रकार की आधुनिकता है, जिसके मूल में प्रकृति का शोषण है। इस प्रक्रिया में पारंपरिक ज्ञान को उपेक्षित किया जाता है। जनजातीय समाज ने प्रकृति के शाश्वत नियमों को अपने जीवन का आधार बनाया है। जनजातीय जीवन शैली मुख्यतः प्रकृति पर आधारित होती है। इस समाज के लोग प्रकृति का संरक्षण भी करते हैं। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सदियों से जनजातीय समाज द्वारा संचित ज्ञान के महत्व को समझा जाए और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए उसका उपयोग किया जाए।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय वन सेवा के सभी अधिकारियों को भारत के प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं संवर्धन ही नहीं करना है, बल्कि परंपरा से संचित ज्ञान का मानवता के हित में उपयोग करना है। आधुनिकता एवं परंपरा का समन्वय करके वन संपदा की रक्षा करनी है तथा वनों पर आधारित लोगों के हितों को आगे बढ़ाना है। जब भी आप किसी दुविधा में हों, तब आप संविधान के मूल्यों और भारत के लोगों के हितों को ध्यान में रख कर फैसला लें।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के दीक्षांत समारोह के अवसर पर कहा कि यह समारोह हमारे राष्ट्रीय वन धरोहर के संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में नए योग्य नेतृत्व का उत्थान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय वन्य जीवन और वन्यजीव अध्ययन में उत्कृष्टता के लिए एक प्रमुख संस्था के रूप में, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी ने अपने क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस संस्था ने वन्य जीवन के प्रबंधन, और संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्टता के मानकों को स्थापित किया है और नए अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड, हिमालय की गोद में बसा हुआ है, जो इसे प्राकृतिक सौंदर्य की एक अतुलनीय धरोहर प्रदान करता है। उत्तराखंड अपनी समृद्ध और विविध वन संपदा के लिए जाना जाता है। हमारे राज्य की प्रमुख संपत्ति इसके वन हैं, जो बहुत समृद्ध जैव विविधता का घर हैं। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड जड़ी-बूटियों और सुगंधित पौधों की कई दुर्लभ प्रजातियों का घर है। उत्तराखण्ड के आम जन मानस वनों को देवतुल्य स्थान देते हुए इन्हें पूजते हैं, वास्तव में वनसंरक्षण के मामले में हमारा राज्य देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। भारतीय वन सेवा एक सम्मानित सेवा है जिसके साथ राष्ट्रसेवा की गौरवशाली परंपरा जुड़ी है। पश्चिमी घाट के घने जंगलों से लेकर विशाल हिमालय तक, सुंदरवन के मैंग्रोव क्षेत्रों से लेकर राजस्थान की मरुभूमि तक, आप अनेक विविधतापूर्ण स्थानों पर अपनी सेवाएं देंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को उस ज्ञान, कौशल और मूल्यों से परिपूर्ण किया गया होगा, जिसके बल पर वे प्रत्येक परिस्थिति में हर कसौटी पर खरे उतरेंगे।
उन्होंने कहा कि वानिकी पेशेवरों के रूप में, हमारे इन अधिकारियों का एक महत्वपूर्ण चरण आरंभ होने जा रहा है। जहां उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्यों के विषम क्षेत्रों में वनाग्नि और बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने की चुनौतियाँ सामने होंगी। इनका सामना केवल तकनीकी विशेषज्ञता के बल पर नहीं, बल्कि तकनीकी लचीलेपन, बेहतर अनुकूलन क्षमता और संरक्षण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के द्वारा ही किया जा सकता है। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि प्रशिक्षण पूर्ण कर चुके भारतीय वन सेवा सभी अधिकारी राष्ट्र की पारिस्थितिक सुरक्षा की रक्षा करने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक आवश्यकताओं तथा संरक्षण की अनिवार्यताओं को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, वन महानिदेशक और विशेष सचिव जितेन्द्र कुमार, इंदिरा गॉधी राष्ट्रीय वन अकादमी के निदेशक जगमोहन शर्मा एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-187, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254

2. बृहस्पतिवार, अप्रैल 25, 2024

3. शक-1945, बैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि-दूज, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 06:03, सूर्यास्त: 06:43।

5. न्‍यूनतम तापमान- 27 डी.सै., अधिकतम- 19+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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मंगलवार, 23 अप्रैल 2024

यूपी: लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे अखिलेश

यूपी: लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे अखिलेश 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके पीछे सियासी निहितार्थ हैं। वह उत्तर प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाना चाहते हैं और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए यूपी में बने रहना चाहते हैं। फ्लैशबैक में जाएं तो अखिलेश यादव ने मैनपुरी के करहल से विधायक बनने के बाद आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष का पद खुद संभाला। चाचा शिवपाल के साथ आने के बाद नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर कयासबाजी शुरू हुई, लेकिन वे अपने फैसले पर अडिग रहे।
लोकसभा चुनाव के दौरान उनके आजमगढ़ अथवा कन्नौज से मैदान में उतरने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव और कन्नौज से तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार घोषित कर उन्होंने इन संभावनाओं पर विराम लगा दिया। हालांकि इसके पीछे रणनीति बताई जा रही है। वरिष्ठ पत्रकार नागेंद्र का कहना है कि लोकसभा चुनाव न लड़ कर अखिलेश यादव ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। वह एक लोकसभा सीट पर खुद को बांधने के बजाय पूरे प्रदेश में चुनावी दौरे कर सकेंगे। दूसरी तरफ जनता के बीच मौजूद रहने का संदेश देंगे।
नेता प्रतिपक्ष के पास कैबिनेट मंत्री की तरह कई अधिकार होते हैं। प्रदेश की सियासत के आधार पर भी नेता प्रतिपक्ष का पद अहम माना जाता है। जबकि सांसद के पास निधि और कुछ विशेषाधिकार ही होते हैं। अखिलेश यादव ने कन्नौज से तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारकर पार्टी के अंदर किसी तरह के विरोध को उभरने से रोका है। कन्नौज से पहले डिंपल यादव सांसद थीं, लेकिन मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद वह मैनपुरी से लोकसभा उपचुनाव लड़ीं, जबकि यहां से तेज प्रताप सांसद रह चुके हैं। ऐसे में मैनपुरी के बदले कन्नौज देकर उन्होंने पारिवारिक एकजुटता का संदेश दिया है।
तेज प्रताप राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं, तो सपा से बगावत करने वाले हरिओम के नाती भी हैं। बता दें कि मैनपुरी से डिंपल यादव, बदायूं से आदित्य यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव को पहले ही उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है। इन सीटों पर पारिवार से इतर किसी उम्मीदवार के उतारने से भितरघात की आशंका थी।
भाजपा को लोकसभा के साथ ही 2027 के विधानसभा चुनाव में हराने के लिए इस बार सपा अध्यक्ष चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। वह जनता के बीच रहना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी भी चुनाव नहीं लड़ रही हैं। किसी नेता का चुनाव न लड़ना पार्टी की रणनीति का हिस्सा है।

'पतंजलि' आयुर्वेद को जमकर लताड़ लगाई: एससी

'पतंजलि' आयुर्वेद को जमकर लताड़ लगाई: एससी 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर औपचारिकता पूरी करने के लिए पतंजलि आयुर्वेद की ओर से अपनी दवा कोरोनिल को कोरोना से निजात की औषधि बताएं जाने के प्रचार पर कोने में दिए गए छोटे से माफीनामे को मंजूर नहीं करते हुए अदालत द्वारा एक बार फिर से पतंजलि आयुर्वेद को जमकर लताड़ लगाई गई है। अदालत ने अखबारों में छपे पतंजलि आयुर्वेद के माफी नामे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि आपके विज्ञापन तो इस माफ़ीनामे से बड़े होते हैं। मंगलवार को पतंजलि आयुर्वेद की ओर से अपनी दवा कोरोनिल को कोरोना से निजात दिलाने वाली औषधि बताएं जाने का प्रचार करने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक बार फिर से पतंजलि आयुर्वेद को जमकर लताड़ लगाई गई है। अदालत ने इस मामले में पतंजलि आयुर्वेद और बाबा रामदेव से कहा था कि वह भ्रामक विज्ञापन मामले को लेकर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे। इससे पहले बाबा रामदेव और पतंजलि के महाप्रबंधक आचार्य बालकृष्ण ने जब हाथ जोड़कर अदालत में माफी मांगी थी तो कोर्ट ने उसे खारिज करते हुए कहा था कि वह सार्वजनिक रूप से अपने किए के लिए माफी मांगे। लेकिन मंगलवार को जब अदालत में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की पेशी हुई तो बेंच ने सवाल उठाया कि आखिर माफीनामा बीते दिन ही क्यों प्रकाशित कराया गया है? इसके अलावा अदालत ने यह भी सवाल उठाया है कि क्या आपका माफीनामा उतने बड़े ही आकर में छपा है? जितने बड़े कंपनी के विज्ञापन होते हैं। इस पर पतंजलि आयुर्वेद के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस माफीनामे में सुप्रीम कोर्ट में वकीलों की पेशी के बाद भी प्रेस कांफ्रेंस करने और विज्ञापन में गलत दावा करने पर माफी मांगी गई है।  सुप्रीम कोर्ट की ओर से विज्ञापन और माफीनामे के साइज के लेकर सवाल उठाया गया तो उन्होंने कहा कि इसके प्रकाशन में 10 लाख रुपए का खर्च आया है। अदालत ने अब इस मामले को लेकर आगामी 30 अप्रैल को सुनवाई करने के लिए कहा है। अदालत ने बाबा रामदेव एवं बालकृष्ण से कहा है कि पतंजलि आयुर्वेद के माफीनामे को हाईलाइट करके पब्लिश्ड कराया जाए।

सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, 9 युवक-युवतियां अरेस्ट

सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, 9 युवक-युवतियां अरेस्ट 

संदीप मिश्र 
रामपुर। पटवाई थाना क्षेत्र में पुलिस ने बड़े सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए आरोपी मकान मालिक समेत नौ युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया है। 
पुलिस को मौके पर सेक्स वर्धक दवाएं भी मिलीं। क्षेत्र मे लंबे समय से ये गोरखधंधा चल रहा था। पुलिस ने सभी आरोपियों का चालान कर दिया। इनमें से कुछ मुरादाबाद और बरेली के भी हैं। सोमवार को पटवाई थाना की डायल 112 पुलिस को सूचना मिली थी कि पटवाई थाना क्षेत्र के नदनऊ गांव के एक घर में सेक्स रैकेट का करोवार काफी दिनों से चल रहा है। जिस कारण पास में रहने वाले बच्चों के साथ ही लोगों को काफी परेशानी होती है। मामले की सूचना मिलने पर डायल यूपी-112 ने जानकारी थाना पुलिस और सीओ को दी। सीओ बिलासपुर सूचना के बाद पटवाई थाने पहुंचे और पटवाई थाना पुलिस के साथ मकान पर छापा मार दिया। इस दौरान मकान में मौजूद लोगों में खलबली मच गई। पुलिस ने मौके से तीन युवतियां और छ: युवक पकड़ लिए। इनमें एक मकान स्वामी भी शामिल था। ये सभी आपत्तिजनक हाल में थे। जिस पर पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी। पुलिस की जांच में सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ। पुलिस का दावा है कि मौके से सेक्सवर्धक दवाएं भी बरामद की गई हैं। थाना प्रभारी पटवाई अजय शर्मा ने बताया कि पकड़े गए आरोपी बरेली, मुरादाबाद और रामपुर के है।

लाखों की चोरी कर फरार हुए बदमाश, लापरवाही

लाखों की चोरी कर फरार हुए बदमाश, लापरवाही 

मनोज सिंह ठाकुर 
नोरौजाबाद। कानून व्यवस्था को लेकर लोकसभा चुनाव के प्रचार में बड़े-बड़े दावे करने वाली राज्य सरकार की पुलिस की पोल दिनदहाड़े होने वाली चोरियां खोलकर सबके सामने रख रही है। इसके बावजूद मंत्री और नेता झूठे दावे करने से नहीं चूक रहे हैं। चोर उचक्के और बदमाश पिछले 50 दिनों के भीतर तकरीबन 50 लाख रुपए की दिनदहाड़े चोरियां कर पब्लिक को चपत लगा चुके हैं। इसके बावजूद पुलिस अभी तक किसी भी घटना का खुलासा नहीं कर पाई है। 
मंगलवार को सामने आई चोरी की एक बड़ी घटना के अंतर्गतरिश्तेदारी में गए परिवार की गैर मौजूदगी का फायदा उठाते हुए मकान में घुसे बदमाशों ने दिनदहाड़े ताले तोड़कर लाखों रुपए की नगदी और लाखों रुपए की कीमत सोने चांदी के जेवरात चोरी कर लिए और पुलिस सुरक्षा की पोल खोलते हुए आराम के साथ पुलिस को चुनौती देते हुए फरार हो गए। शहडोल जोन के एडीजीपी ने पीड़ित के घर पहुंच कर मामले के जल्द खुलासे का आश्वासन दिया है। उमरिया जिले के नौरोजाबाद थाना अंतर्गत छादा खुर्द वार्ड नं 7 मे रहने वीरेश कुमार मिश्रा के घर पर अज्ञात चोरों ने दिनदहाड़े एक बड़ी चोरी की घटना को अंजाम दिया है। घटनाक्रम के मुताबिक वीरेश कुमार मिश्रा अपनी पत्नी प्रार्थना मिश्रा एवं अपने पुत्र वेदू मिश्रा के साथ अपने निजी वाहन से जयसिंहनगर स्थित रिश्तेदारी में गए हुए थे! ज़ब वीरेश मिश्रा अपने परिवार के साथ वापस अपने घर छादा खुर्द पहुँचे और घर मे सामने के गेट मे लगे ताले को खोलकर अंदर गए तो दरवाजा अंदर से बंद होने के कारण नहीं खुला। फिर वे घर के पीछे के दरवाजे के पास गए तो उन्होंने देखा कि पीछे का दरवाजा टुटा हुआ है और अंदर मे लगा एलड्राप भी निकला हुआ है। 
उन्होंने घर के अंदर जाकर देखा तो अलमारी का ताला और लाॅकर भी टूटा हुआ है। टूटा लाॅकर देखने बाद पता चला कि लाॅकर मे रखे करीब साढ़े तीन लाख नगदी सहित, लगभग 40 लाख के सोने और चांदी के जेवरात अज्ञात चोरों के द्वारा चुरा लिए गए है। अपने घर मे हुई चोरी कि घटना कि सूचना वीरेश कुमार मिश्रा द्वारा नौरोजाबाद थाने में दी गई। नौरोजाबाद के छादा खुर्द वार्ड नं 7 मे हुई चोरी की बड़ी वारदात की गंभीरता को समझते हुए उमरिया एस पी ने घटना स्थल पहुंच कर मौका निरीक्षण किया। तत्पश्चात f. S. L टीम एवं बाँधवगढ़ पार्क से आए स्पेशल डॉग के द्वारा अज्ञात चोरो का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। नौरोजाबाद में दिन दहाड़े बड़ी चोरी होने की सूचना एडीजीपी शहडोल जोन दिनेश चंद्र सागर को लगी तो उन्होंने पीड़ित के घर पहुँचकर उनको आश्वासन दिया कि जल्द ही चोरी की घटना को अंजाम देने वाले अज्ञात चोर पुलिस के गिरफ्त मे होंगे। उन्होंने कहा चोरी करके फरार हुए बदमाशों पर 30000 रुपए का इनाम घोषित करते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति हमें अज्ञात चोरों के बारे में सूचना देगा, उसको यह इनाम दिया जाएगा और उसका नाम गुप्त रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस घटना से पहले भी दिनदहाड़े चोरी की कई घटनाएं हो चुकी है। सभी पीड़ितों ने पुलिस को मामले की जानकारी देते हुए चोरी की घटनाओं के खुलासे की डिमांड की है। लेकिन रोजाना गस्त के दावे करने वाली पुलिस अभी तक चोरों का पता लगाकर दिनदहाड़े चोरी किए गए माल को बरामद करने में पूरी तरह से असफल रही है।

'पतंजलि' आयुर्वेद ने देश के लोगों से माफी मांगी

'पतंजलि' आयुर्वेद ने देश के लोगों से माफी मांगी 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। अपनी दवाइयों को लेकर भ्रामक विज्ञापन देने के मामलें में फंसी पतंजलि आयुर्वेद ने विभिन्न अखबारों में विज्ञापन जारी करते हुए देश के लोगों से माफी मांगी है। 
पतंजलि की ओर से अदालत में माफीनामा फाइल करते हुए अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा है कि हमने माफी नामा फाइल कर दिया है और विज्ञापन 67 अखबारों में प्रकाशित किया गया है। मंगलवार को पतंजलि विज्ञापन मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान पतंजलि के एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने जस्टिस हिमा कोहली एवं जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच के सम्मुख कहा है कि हमने माफीनामा फाइल कर दिया है और कोर्ट के मुताबिक पतंजलि की ओर से 67 विज्ञापनों में अखबारों में माफी नाम प्रकाशित कराया गया है। सुनवाई कर रही बेंच ने कहा है कि आपका विज्ञापन जैसे रहते हैं क्या इस विज्ञापन का साइज भी वैसा ही था? इस पर पतंजलि के वकील ने कहा कि नहीं, इसमें बहुत पैसा खर्च होता है कोर्ट ने कहा कि ठीक है। डॉक्टर पतंजलि के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा है कि पतंजलि आयुर्वेद ने सोमवार को 67 न्यूज़ पेपर में अपना माफीनामा प्रकाशित किया है। 
इसमें लिखा गया है कि पतंजलि आयुर्वेद सुप्रीम कोर्ट का पूरा सम्मान करता है। सुप्रीम कोर्ट में हमारे वकीलों ने हलफनामा पेश किया है, उसके बाद हमने विज्ञापन प्रकाशित किया और प्रेस कॉन्फ्रेंस की। हम इसके लिए माफी मांगते हैं और भविष्य में हम कभी ऐसी गलती दोबारा नहीं करेंगे।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...