मलेरिया का प्रकोप, हर हफ्ते 70,000 लोग संक्रमित
अखिलेश पांडेय
प्रिटोरिया। मच्छरजनित कई प्रकार की बीमारियों के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दिनों कई अफ्रीकी देशों में मलेरिया के मामले तेजी से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। स्थानीय मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक पिछले कुछ महीने में इथियोपिया में मलेरिया के केस और मृतकों की संख्या में बड़ा उछाल आया है, यहां आठ महीनों में ही 32 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
पूर्वी अफ्रीकी देश के विभिन्न हिस्सों में बीमारी के तेजी से फैलने को लेकर चेतावनी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा सभी लोगों को मलेरिया से बचाव को लेकर प्रयास करते रहने की जरूरत है। हर हफ्ते यहां करीब 70,000 लोग संक्रमित हो रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस रोग के मामले अभी से काफी अधिक देखे जा रहे हैं। बरसात का मौसम बीमारी के प्रसार को और बढ़ा देगा, यह गंभीर संकट का समय हो सकता है, मलेरिया की रोकथाम को लेकर गंभीरता से प्रयास की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने कहा कि मौजूदा प्रकोप के परिणामस्वरूप इथियोपिया में मलेरिया से संबंधित मौतों की संख्या जनवरी में 611 से बढ़कर फरवरी में 764 हो गई है।
अफ्रीकी देशों में मलेरिया का प्रभाव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इथियोपिया के अलावा कई अन्य देशों जैसे केन्या में भी इस रोग के तेजी से बढ़ने की खबरें सामने आ रही हैं। यहां भी पिछले कुछ महीनों में तेजी से मलेरिया के मामले और मौत की संख्या बढ़ी है।
कई अफ्रीकी देशों में मलेरिया के खतरे को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने अलर्ट जारी करते हुए इस बीमारी से होने वाली मौतों को कम करने के लिए त्वरित कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताई है। विश्व स्तर पर मलेरिया से होने वाली 95% मौतें अफ्रीकी देशों में दर्ज की जाती रही हैं।
परजीवी के कारण होता है ये रोग
गौरतलब है कि मलेरिया रोग, संक्रमित मच्छरों द्वारा मनुष्यों में फैलने वाली एक जानलेवा बीमारी है। ये संक्रमण एक परजीवी के कारण होता है हालांकि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिन हिस्सों में मलेरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं वहां पर लोगों को मच्छरों के काटने से बचने के लिए गंभीरता से उपाय करने की जरूरत है।
मलेरिया की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों के टीकाकरण की सलाह देते हैं। इसी क्रम में वैज्ञानिकों की एक टीम ने नया टीका विकसित किया है, जिसके अच्छे परिणाम देखे गए हैं।
दो टीकों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल
दशकों के शोध और परीक्षणों के बाद मलेरिया की रोकथाम को लेकर वैज्ञानिकों ने नया टीका विकसित किया है जिसे इस रोग की रोकथाम को लेकर प्रभावी साबित होने का दावा किया जा रहा है। जनवरी से ही कैमरून जैसे देशों में शिशुओं और पांच साल से कम उम्र के बच्चों को टीके दिए जा रहे हैं।
अध्ययनकर्ता कहते हैं, परीक्षण में इस वैक्सीन को मलेरिया की रोकथाम को लेकर काफी प्रभावी पाया गया है, उम्मीद है कि इससे मलेरिया की रोकथाम की दिशा में बड़ी कामयाबी मिल सकती है।
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ ?
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आर21 वैक्सीन को दिसंबर में मंजूरी दी थी।। यह टीका पहले से ही कुछ अफ्रीकी देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, टीकाकारण के साथ-साथ मलेरिया से बचाव के लिए पूरी आस्तीन के सुरक्षात्मक कपड़े पहनने, मच्छरदानी और कीटनाशकों के उपयोग के साथ मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए उपाय करते रहने की जरूरत है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मलेरिया कुछ स्थितियों में घातक और जानलेवा हो सकता है इसलिए बचाव को लेकर निरंतर प्रयास किए जाते रहना चाहिए।