बुधवार, 6 मार्च 2024

कोरोना की 200 से अधिक वैक्सीन की डोज लगी

कोरोना की 200 से अधिक वैक्सीन की डोज लगी 

अखिलेश पांडेय 
बर्लिन। जर्मनी के मैगडेबर्ग शहर में रहने वाले एक 62 वर्षीय बुजुर्ग शख्स ने हैरान करने वाला दावा किया है। उसने बताया कि उसे कोरोना वायरस की 200 से अधिक वैक्सीन की डोज लगी हैं। शख्स के इस दावे के बाद वैज्ञानिकों के होश उड़ गए। फ्रेडरिक-अलेक्जेंडर-यूनिवर्सिटीएट एर्लांगेन-नूर्नबर्ग (एफएयू) और यूनिवर्सिटाट्सक्लिनिकम एर्लांगेन के शोधकर्ताओं ने अखबार की रिपोर्टों से उस व्यक्ति के बारे में पता लगाया और उसकी इम्यून रिस्पॉन्स का अध्ययन किया।
इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी – क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी, इम्यूनोलॉजी एंड हाइजीन के डॉ. किलियन शॉबर ने कहा, “हमें अखबार के लेखों के माध्यम से उनके मामले के बारे में पता चला। हमने फिर उनसे संपर्क किया और उन्हें एर्लांगेन में विभिन्न परीक्षणों से गुजरने के लिए कहा। वह ऐसा करने में बहुत रुचि रखते थे।” प्रेस रिलीज में यह भी कहा गया है कि जर्मनी के यह व्यक्ति को 29 महीनों के निजी वजहों से 217 टीकाकरण लगाए गए।
शॉबर ने आगे बताया, “हाल के सालों में शख्स के कई ब्लड टेस्ट करवाए गए हैं। उन्होंने हमें इन विश्लेषणों के परिणामों का आकलन करने की अनुमति दी। कुछ मामलों में, नमूने फ्रीज कर दिए गए थे और हम स्वयं इसकी जांच करने में सक्षम थे। इसके अलावा, जब शख्स का एक और वैक्सीनेशन किया गया, तब हम लोगों ने खुद से भी उसका ब्लड सैंपल लिया। हम इन सैंपल्स का इस्तेमाल करके यह पता लगाना चाहते थे कि इतने वैक्सीनेशन के बाद कैसे इम्यून सिस्टम काम करता है।
टेस्टिंग के बाद पता चला है कि टी-इफेक्टर कोशिकाएं अधिक संख्या में थीं जो शरीर को कोविड-19 संक्रमण से बचा सकती हैं। जब तीन टीकाकरण प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के इम्यून सिस्टम की तुलना की गई, तो 62 साल के बुजुर्ग में अधिक टी-प्रभावक कोशिकाएं मिलीं। इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने पाया कि ये प्रभावकारी कोशिकाएं थकी हुई नहीं थीं और उन कोशिकाओं की तरह ही प्रभावी थीं जिन्हें सामान्य संख्या में टीकाकरण प्राप्त हुआ था। लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन की लेखक कैटरीना कोचर बताती हैं कि हमारे परीक्षण मामले में मेमोरी कोशिकाओं की संख्या उतनी ही अधिक थी जितनी नियंत्रण समूह में। कुल मिलाकर, हमें कमजोर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के लिए कोई संकेत नहीं मिला; बल्कि, यह इसके विपरीत था।

किसानों को टीम द्वारा प्रशिक्षित किया गया

किसानों को टीम द्वारा प्रशिक्षित किया गया 

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लखनऊ स्थित क्षेत्रीय केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र के प्रभारी डा. ज्ञान प्रकाश सिंह, संयुक्त निदेशक के निर्देशन एवं डा. मुकेश कुमार, जिला कृषि रक्षा अधिकारी के सहयोग से विकास भवन स्थित जिला कृषि रक्षा अधिकारी कार्यालय के सभागार में जिले के विभिन्न विकास खण्ड से आए हुए किसानों को नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम (एन पी एस एस) ऐप के बारे में भारत सरकार की टीम द्वारा प्रशिक्षित किया गया। केंद्रीय टीम के प्रभारी के पी पाठक, वनस्पति संरक्षण अधिकारी ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार के एन पी एस एस प्रशिक्षण कार्यक्रम से जनपद के किसान लाभान्वित होंगे और ऐप के माध्यम से फसलों में कीड़े-बीमारी का आई पी एम तकनीक से प्रबंधन कर कम लागत में दोगुनी आय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने एन.पी. एस. एस. ऐप की वर्तमान उपादेयता एवं प्रासंगिकता के बारे में बताया। जिला कृषि रक्षा आधिकारी डा मुकेश कुमार ने बताया कि इस ऐप के माध्यम से कीट - व्याधियों के प्रबंधन में प्रयुक्त होने वाले भारत सरकार के केंद्रीय कीटनाशी बोर्ड एवं पंजीकरण समिति द्वारा संस्तुत रासायानिक कीटनाशकों का भी सुझाव प्राप्त होगा । उन्होने कहा कि फसलों में लगने वाले नुकसानदायक कीड़े एवं बीमारियों की पहचान एवं उनके प्रबंधन में यह ऐप अत्यन्त प्रभावी साबित होगा। सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी अमित सिंह ने बताया कि इस ऐप के माध्यम से प्रशिक्षित किसान फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े -बीमारियों की पहचान आसानी से कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा तैयार किए गए एन पी एस एस ऐप के माध्यम से फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े - बीमारियों की पहचान के साथ -साथ किसान अपने खेत से उन कीड़े - बीमारियों की फोटो के साथ आवश्यक डाटा फीडिंग करके सीधे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार को अपने गांव से ही कीड़े - बीमारियों की सूचना भेज सकते हैं तथा उनके अत्यधिक प्रकोप की स्थिति में ऐप के माध्यम से ही उनके प्रबंधन से सम्बन्धित ऐडवाइजरी मोबाइल पर ही प्राप्त कर सकते हैं। सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी डा. केशवमूर्ति ने एन पी एस एस ऐप के उपयोग की विधि तथा पेस्ट सर्विलांस के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान किया। उन्होंने एन पी एस एस ऐप में किसानों को कीड़े बीमारियों के फोटो अपलोड करने एवं पेस्ट डेटा एंट्री की तकनीक के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान किया। राकेश मिश्रा, सहायक विकास अधिकारी कृषि रक्षा ने किसानों को कीड़े - बीमारियों की पहचान के बारे में बताया। कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न विकास खण्ड के प्रगतिशील कृषकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-138, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254

2. बृहस्पतिवार, मार्च 07, 2024

3. शक-1945, पौष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 07:13, सूर्यास्त: 06:52।

5. न्‍यूनतम तापमान- 16 डी.सै., अधिकतम- 25+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

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सोमवार, 4 मार्च 2024

बलात्कार के मामलें में 20 वर्ष की सजा, जुर्माना

बलात्कार के मामलें में 20 वर्ष की सजा, जुर्माना

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामलें में आरोपी रमेश को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 20 वर्ष की सजा सुनाई है और 30 हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया है। यह मामला 2021 में ग्राम घटायन में हुई थी।

अभियोजन के अनुसार गत 12 मई 2021 को मुजफ्फरनगर जिले के थाना जानसठ के ग्राम घटायन में एक नाबालिग लड़की के साथ एक खाली कोठे में ले जाकर दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी रमेश को 20 वर्ष की सजा व 30 हजार रुपये का जुर्माना किया गया, जबकि आरोपी रमेश के तीन लड़कों विजय पाल, पिंटो व संदीप को जान से मारने की धमकी के आरोप में सबूत के अभाव में बरी कर दिया है।

कोर्ट ने आदेश दिया कि जुर्माने के 30 हजार रुपये पीड़िता को मिलेंगे। इस मामले की सुनवाई विशेष अदालत पॉस्को के पीठासीन अधिकारी बाबूराम की कोर्ट में हुई। अभियोजन की ओर से विशेष अभियोजक दिनेश शर्मा व मनमोहन वर्मा ने पैरवी की।

42,000 से अधिक लोगों को राहत जारी रखेंगे

42,000 से अधिक लोगों को राहत जारी रखेंगे 

इकबाल अंसारी 
आइजोल। मिजोरम के गृहमंत्री के सपडांगा ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार यहां शरण लेने वाले म्यांमा, बांग्लादेश और मणिपुर के 42,000 से अधिक लोगों को राहत जारी रखेगी। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि म्यांमा और बांग्लादेश से शरण चाहने वालों और मणिपुर से यहां आए लोगों की संख्या बदलती रहती है और दैनिक आधार पर इसकी गणना मुश्किल है। सपडांगा ने कहा कि गृह विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, मणिपुर के 9,248, म्यांमा के 32,161 और बांग्लादेश के 1,167 लोग राज्य में हैं। सपडांगा ने मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) विधायक के लालदावंगलियाना द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा "हम म्यांमा और बांग्लादेश के शरण चाहने वालों और मणिपुर के आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को मानवीय आधार पर यथासंभव राहत जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र ने म्यांमा, बांग्लादेश और मणिपुर के लोगों की सहायता के लिए पिछली मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) सरकार को तीन करोड़ रुपये प्रदान किए थे। पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा था कि राज्य सरकार अपने उपलब्ध संसाधनों से लोगों को राहत मुहैया करा रही है। बता दें कि के सपडांगा ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के कार्यकारी अध्यक्ष आइजोल उत्तर-III निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं।

71 स्थानों पर नाकेबंदी कराने का निर्णय लिया

71 स्थानों पर नाकेबंदी कराने का निर्णय लिया 

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस की ओर से तैयारियां तेज कर दी गई हैं। चुनाव में गड़बड़ी करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए कुल 71 स्थानों पर नाकेबंदी कराने का निर्णय लिया गया है। इन प्वाइंटों पर पुलिस की विशेष टीम तैनात की जाएगी, जो हर आने-जाने वाले पर नजर रखेगी। इनमें अंतरराज्यीय व अंतरजनपीय संग जनपद के भीतर बनाए जाने वाले चेक पोस्ट भी शामिल हैं।
चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के उद्देश्य से पुलिस की ओर से अंतरराज्यीय व अंतरजनपदीय सीमा पर खास चौकसी बरती जाती है। प्रयगराज की बात करें तो यह कुल छह जनपदों,जबकि एक राज्य से सटा हुआ है। इनमें चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, जौनपुर, भदोही और मिर्जापुर जनपद शामिल हैं। जनपद के दक्षिणी दिशा की सीमा मध्य प्रदेश से सटी हुई है। चुनाव के दौरान सीमा पार से अवांछित तत्वों के प्रवेश व गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए ही नाकेबंदी कराने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत कुल 71 ऐसे स्थान चिह्नित किए गए हैं जहां चेक पोस्ट बनाए जाएंगे।
जो चेक पोस्ट बनाए जाने हैं, उनमें से 13 मप्र सीमा पर काेरांव, शंकरगढ़ व खीरी थाना क्षेत्रों में बनाए जाएंगे। इसके अलावा अंतरजनपदीय चेक पोस्ट की बात करें तो यह पूरामुफ्ती, एयरपोर्ट, मऊआइमा,फूलपुर, हंडिया और मेजा थाना क्षेत्र में स्थापित होंगे, जिनकी कुल संख्या 15 होगी। यही नहीं जनपद के भीतर भी संवेदनशील स्थानाें पर कुल 43 चेकपोस्ट बनाए जाएंगे। इन चेक पोस्टों पर विशेष पिकेट तैनात रहेगी, जिसमें सशस्त्र जवानों को नियुक्त किया जाएगा। शिफ्टवार तैनात रहकर यहां पुलिसकर्मी 24 घंटे हर आने जाने वाले पर नजर रखेंगे।
इसके अलावा कुल 72 उड़नदस्ते भी गठित किए जाएंगे। यह सर्विलांस टीमें कहलाएंगी। इनमें से 35 स्टैटिक सर्विलांस, जबकि 35 फ्लाइंग सर्विलांस टीमें शामिल होंगी। स्टेटिक टीमें जनपद के भीतर भ्रमणशील रहकर चुनाव के दौरान अवांछित गतिविधियों को रोकेंगी। जबकि, फ्लाइंग सर्विलांस टीमें किसी भी सूचना पर तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेंगी।

कैंसर से पीड़ित हैं 'इसरो' के चीफ सोमनाथ

कैंसर से पीड़ित हैं 'इसरो' के चीफ सोमनाथ 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चीफ एस सोमनाथ कैंसर से पीड़ित हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान खुद उन्होंने ही इस गंभीर बीमारी का खुलासा किया है। उन्होंने जानकारी दी है कि Aditya-L1 मिशन की लॉन्चिंग के दौरान ही उन्हें कैंसर के बारे में पता लग गया था। इतना ही नहीं कहा जा रहा है कि ऐतिहासिक चंद्रयान-3 मिशन के दौरान ही उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होने लगी थीं। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में इंटरव्यू के हवाले से बताया गया कि सोमनाथ को आगे हुए स्कैन से बीमारी के बढ़ने के बारे में पता चला था। इसरो चीफ का कहना है, 'कुछ स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां चंद्रयान-3 के लॉन्चिंग के समय थी। हालांकि, तब तक इसके बारे में स्थिति साफ नहीं थी। कुछ भी तब पता नहीं था।' उन्होंने कहा कि जिस दिन आदित्य एल-1 मिशन लॉन्च हुआ, ठीक उसी दिन उन्हें बीमारी के बारे में पता लग गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, सोमनाथ का कहना है कि यह खबर सिर्फ उनके ही नहीं, बल्कि परिवार के लिए भी झटके के तौर पर सामने आई थी। बीते साल 23 अगस्त चंद्रयान-3 ने चांद पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर इतिहास रच दिया था। बीते साल 2 सितंबर को आदित्य एल-1 मिशन लॉन्च हुआ था। उस दौरान एस सोमनाथ के भी जांच हुई और स्कैनिंग में पेट में कुछ बढ़ने की बात का पता चला। रिपोर्ट के मुताबिक, जानकारी लगते ही वह आगे की जांच के लिए तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई रवाना हो गए। यहां उन्हें हेरेडिटरी बीमारी का पता चला। खबर है कि तब कुछ ही दिनों में साफ हो गया था कि वह गंभीर रूप से बीमार हैं।

बार-बार आंखों को रगड़ना बेहद नुकसानदायक

बार-बार आंखों को रगड़ना बेहद नुकसानदायक  सरस्वती उपाध्याय  आंख हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक हैं। जिसकी मदद से हम अपने आस-पास की ...