13 सीटों पर चुनाव, बसपा मुक्त हो जाएगा सदन
संदीप मिश्र
लखनऊ। विधान परिषद की 13 सीटों पर होने वाले चुनाव में भाजपा को दस और सपा को तीन सीट मिल सकती हैं। भाजपा के पास 288 और सपा के पास 108 वोट हैं। एक सीट के लिए चुनाव में 29 वोट की आवश्यकता होगी, ऐसे में भाजपा दस सीटें जीत सकती है। जबकि सपा को तीन सीट आसानी से मिल जाएगी।
विधान परिषद में भाजपा के सदस्य बुक्कल नवाब, सरोजनी अग्रवाल, निर्मला पासवान, अशोक धवन का टिकट कटना लगभग तय है। परिषद में भाजपा के सदस्य यशवंत ने स्थानीय निकाय क्षेत्र विधान परिषद चुनाव में आजमगढ़ क्षेत्र से अपने बेटे विक्रांत सिंह को भाजपा के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ाया था। विक्रांत सिंह चुनाव जीत गए और भाजपा चुनाव हार गई थी। उसके बाद से पार्टी नेतृत्व यशवंत से नाराज चल रहा है।
ऐसे में यशवंत को दोबारा टिकट मिलने में भी संशय है। वहीं डॉ. महेंद्र कुमार सिंह, विजय बहादुर पाठक, विद्यासागर सोनकर, अशोक कटारिया को दोबारा टिकट मिल सकता है। अपना दल एस के आशीष पटेल का भी परिषद का सदस्य निर्वाचित होना तय है। पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जातीय समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन के हिसाब से प्रत्याशी चयन करेगी। पार्टी के पास करीब 35 ऐसे दावेदारों की सूची है, जिन्हें समायोजित किया जाना है, उन्हीं में से अधिकांश प्रत्याशी तय होंगे।
विधान परिषद में बसपा के एक मात्र सदस्य डॉ. भीमराव आंबेडकर हैं। उनका कार्यकाल 5 मई को समाप्त हो रहा है। विधान सभा में बसपा के एक मात्र विधायक उमाशंकर सिंह हैं। ऐसे में बसपा के पास नामांकन दाखिल करने के लिए भी पर्याप्त सदस्य नहीं हैं। बसपा उसी स्थिति में प्रत्याशी मैदान में उतार सकेगी जब उसका भाजपा या सपा के साथ कोई गठबंधन हो। यदि बसपा का भाजपा के साथ गठबंधन नहीं हुआ तो उच्च सदन बसपा मुक्त हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि परिषद में कांग्रेस का भी एक भी सदस्य नहीं हैं। अब केवल भाजपा, सपा, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक, निषाद पार्टी, अपना दल (एस), शिक्षक दल गैर राजनीतिक और निर्दलीय सदस्य रहेंगे।
विधान परिषद में विधानसभा क्षेत्र की 13 सीटों पर चुनाव 21 मार्च को होंगे। परिषद में भाजपा के सदस्य यशवंत, विजय बहादुर पाठक, विद्यासागर सोनकर, डॉ. सरोजनी अग्रवाल, अशोक कटारिया, अशोक धवन, बुक्कल नवाब, महेंद्र कुमार सिंह, निर्मला पासवान, मोहसिन रजा, अपना दल एस के आशीष पटेल, सपा के नरेश उत्तम पटेल और बसपा के भीमराव आंबेडकर का कार्यकाल 5 मई को समाप्त हो रहा है। मई में लोकसभा चुनाव होने हैं ऐसे में निर्वाचन आयोग ने परिषद का चुनाव 21 मार्च को सुबह 9 से शाम 4 बजे तक कराने का फैसला किया है। मतदान के बाद मतगणना होगी।