शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2024

8 चरणों में होगा चुनाव, 13 मार्च को होगी घोषणा

8 चरणों में होगा चुनाव, 13 मार्च को होगी घोषणा

सुनील श्रीवास्तव 
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को अब महज कुछ ही महीने बचे हैं। चुनाव आयोग 13 मार्च के बाद कभी भी लोकसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान कर सकता है। इंडिया टुडे के अनुसार, चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि आम चुनाव की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग के अधिकारी विभिन्न राज्यों का अभी दौरा कर रहे हैं और जब ये पूरा हो जाएगा, तब लोकसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।
लोकसभा चुनाव में राज्य चुनाव आयोग की क्या तैयारियां हैं, इसके लिए चुनाव आयोग के अधिकारी तमिलनाडु का दौरा कर रहा है। जबकि पिछले दिनों बिहार में भी आयोग के अधिकारियों ने जायजा लिया था। अब आने वाले समय में उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों का चुनाव अधिकारी दौरा करेंगे। ये दौरे 13 मार्च से पहले खत्म हो जाएंगे। ऐसे में चुनाव आयोग 13 मार्च के बाद कभी भी लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है।
आम चुनाव को लेकर विभिन्न दलों की तैयारियां भी पूरी हैं। बीजेपी को जहां पीएम मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर से सरकार बनाने की उम्मीद है, तो वहीं, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत कई विपक्षी दलों ने साथ मिलकर इंडिया गठबंधन तैयार किया है। विपक्षी अलायंस ने भी लोकसभा चुनाव में अपनी जीत का दावा किया है। बीजेपीनीत एनडीए का सामना इंडिया गठबंधन से होगा। इसके अलावा, कई क्षेत्रीय दल भी अपने-अपने राज्यों में अहम भूमिका निभाएंगे।
बता दें कि पिछला लोकसभा चुनाव 2019 में हुआ था, जिसमें बीजेपी को बड़ी जीत हासिल हुई थी। 11 अप्रैल से 19 मई 2019 तक कुल सात चरणों में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान करवाए गए थे। वहीं, नतीजों का ऐलान 23 मई, 2019 को हुआ था। इन चुनावों में बीजेपी ने 303 सीटों के साथ बड़ी जीत दर्ज की थी। पार्टी को कुल 37.36 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस सिर्फ 52 सीटों पर ही सिमट कर रह गई थी। लगभग 91 करोड़ वोटर्स पिछले आम चुनाव में मतदान करने के लिए पात्र थे और वोटर टर्नआउट 67 फीसदी रहा था।

बसपा की सेंधमारी गठबंधन को नुकसान करेगी

बसपा की सेंधमारी गठबंधन को नुकसान करेगी

अकांशु उपाध्याय 
लखनऊ। यूपी के लोकसभा के चुनावी रण में सपा-कांग्रेस का एक साथ रहना तय हो चुका है। सीटों के बंटवारे में कांग्रेस के खाते में वही सीटें गई हैं जिन पर उसका अपना प्रभाव कभी रहा करता था। यूपी की 80 लोकसभा सीटों के इतिहास पर नजर डाला जाए तो सपा-कांग्रेस गठबंधन का सीधा असर 25 सीटों पर सीधा दिखाई दे रहा है। इसमें सबसे अधिक 13 सीटें मुस्लिम बाहुल्य वाली हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात तो यह है कि वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा इनमें से पांच सीटें जीतने में कामयाब रही थी। इन सीटों पर मुस्लिमों की आबादी 35 से लेकर 45 प्रतिशत तक बताई जा रही है।
एक समय था कि यूपी में कांग्रेस, सपा व बसपा का दबदबा हुआ करता था, लेकिन पिछले दो लोकसभा चुनावों में भाजपा ने इन सभी को पीछे छोड़ दिया। बात सिर्फ तीन लोकसभा चुनावों की करें तो भाजपा ने सभी पार्टियों को पीछे धकेला है। वर्ष 2009 के चुनाव में सपा ने 23 तो कांग्रेस ने 21 सीटें यूपी में जीती थीं। इन दोनों पार्टियों का वोट प्रतिशत भी भाजपा से कहीं अधिक था, लेकिन वर्ष 2014 और 2019 के चुनावों में इनका वोटिंग प्रतिशत काफी नीचे चला गया।
यह माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्र्रेस के एक साथ आने से मुस्लिम वोटों का बंटवारा काफी हद तक रुकेगा। अब देखने वाला यह होगा कि बसपा कितने सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारती है, क्योंकि वह इनके साथ नहीं है और अपने दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है। बसपा के मुस्लिम दांव पर वोटों का बंटवारा रोकने के लिए सपा और कांग्रेस की रणनीति कितनी कारगर होती है यह तो समय बताएगा। बसपा मुस्लिम वोट बंटवारा कराने में सफल रही तो इसका सीधा नुकसान सपा-कांग्रेस गठबंधन पर पड़ेगा। जिसकी संभावना बहुत कम प्रतीत होती है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा के साथ गठब्ंधन पर चुनाव लड़ी थी। इस चुनाव में मुस्लिम बाहुल्य 13 सीटों पर मुस्लिमों का वोट एकतरफा गठबंधन को गया था। इसका सीधा फायदा यह हुआ की मुस्लिम प्रभाव वाली 13 सीटों में आठ इस गठबंधन के पास गई। इसमें से पांच बसपा तो तीन सपा जीती थी।
सपा मैनपुरी, एटा, बदायूं, कन्नौज, रामपुर, मुरादाबाद व आजमगढ़। कांग्रेस रायबरेली, अमेठी, कानपुर, झांसी, बासगांव। इसके अलावा मुस्लिम बाहुल्य बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, कैराना, सहारनपुर, संभल, नगीना, बहराइच, बरेली व श्रावस्ती हैं।

किसान की मौत, दोषियों को कड़ी सजा दिलाएंगे

किसान की मौत, दोषियों को कड़ी सजा दिलाएंगे

इकबाल अंसारी 
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने घोषणा की है कि राज्य सरकार किसान आंदोलन  शुभकरण के हत्यारों को सलाखों के पीछे डालने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि इस युवक की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दिलाई जाएंगी। सीएम मान ने अफसोस जताया कि जब वह केवल अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे थे तो उन्हें ‘घृणित लहजे’ का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार व्यक्ति किसी भी तरह की नरमी के पात्र नहीं हैं और उन्हें उनके अपराध के अनुरूप सजा दी जाएगी।
सीएम मान ने कहा कि जांच के बाद इस युवक की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और अनुकरणीय सजा सुनिश्चित की जाएगी। सीएम मान ने कहा कि इस कठिन समय में भी राज्य सरकार पंजाब के अन्नदाताओं के साथ खड़ी है, जिनकी राह में पंजाब विरोधी ताकतें बाधाएं डाल रही हैं ताकि वे अपनी जायज मांगों के लिए शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में न जा सकें।
उन्होंने कहा कि पंजाबियों ने देश की आजादी, देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने और देश की सीमाओं की रक्षा करने में अतुलनीय योगदान दिया है, लेकिन इसके बावजूद पंजाबियों को निशाना बनाया जा रहा है, जो सरासर अन्याय और बदमाशी है।

धरनारत किसानों और पुलिस के बीच टकराव हुआ

धरनारत किसानों और पुलिस के बीच टकराव हुआ

राणा ओबरॉय 
हिसार। एमएसपी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर किसान 11 दिन से धरने पर हैं। हरियाणा के हिसार में किसानों और पुलिस के बीच शुक्रवार को झड़प हो गई। खनौरी बॉर्डर जाने के लिए किसान खेड़ी चौपटा में इकट्ठा हुए थे। पुलिस ने उन्हें वहां जाने से रोका, जिसे लेकर बवाल हो गया। किसानों का कहना है कि पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले बरसाए।
पुलिस ने किसानों के टैक्टरो की हवा निकाल दी। किसानों ने पुलिस पर पथराव किया है और पुलिस के वाहन को भी तोड़ दिया।
बता दें कि हिसार के खेड़ी चौपटा के पक्के मोर्चे पर किसानों ने शुक्रवार दोपहर बाद खनौरी बॉर्डर जाने का आह्वान किया था। यहां पर 18 फरवरी से किसानों का धरना चल रहा है।

एमएसपी के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे: सिंह

एमएसपी के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे: सिंह

अमित शर्मा 
चंडीगढ़। किसान आंदोलन के बीच पंजाब विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने ऐलान किया है कि केंद्र और हरियाणा की बीजेपी सरकार द्वारा किसानों पर किए जा रहे अत्याचार को देखते हुए किसानों की मांगों में शामिल एमएसपी की जरूरत क्यों है? इसके प्रति आम लोगों को जागरूक किया जायेगा। इसलिए राज्य के सभी तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए एमएसपी पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।
पंजाब स्टेट इंटर पॉलिटेक्निक यूथ फेयर के दूसरे दिन वे विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार देने पहुंचे। स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने बताया कि विजेता विद्यार्थियों को 51 हजार, 31 हजार और 21 हजार के नकद पुरस्कार दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जो छात्र कृषि कानूनों के संदर्भ में भारत की कृषि अर्थव्यवस्था में एमएसपी की मांग के महत्व और आवश्यकता पर सर्वश्रेष्ठ निबंध लिखेंगे, उन्हें पंजाब विधानसभा में आमंत्रित करके सम्मानित किया जाएगा।
इस मौके पर संधवन ने किसानों के चल रहे आंदोलन के समर्थन में किसान मजदूर एकता का नारा बुलंद किया। उन्होंने कहा कि पंजाब की किसी दूसरे धर्म या व्यक्ति से कोई दुश्मनी नहीं है बल्कि हमारा विरोध गुंडागर्दी के खिलाफ है। उन्होंने युवा छात्रों को देश की राजनीति में सुधार के लिए शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं अनिश्चित कालीन धरने पर बैठी

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं अनिश्चित कालीन धरने पर बैठी

श्रीराम मौर्य 
उत्तरकाशी। अपनी चार सूत्रीय मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गई हैं। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मतदान बहिष्कार करने का भी ऐलान कर दिया है।
उत्तरकाशी मे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन करने की बात कही है। अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपना धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। धरने पर बैठी इन वर्करों का कहना है कि सरकार द्वारा उन्हें बहुत कम मानदेय दिया जा रहा है जिसको बढ़ाकर 18000 किया जाए।
मतदान का भी किया बहिष्कार
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि रिटायरमेंट होने पर आंगनबाड़ी वर्करों को दो लाख रूपए दिए जाएं। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों को नहीं माना जाता है तो वो आने वाले लोकसभा चुनावों में बीएलओ के कार्य के साथ ही चुनाव बहिष्कार करेंगी।

भोपाल से सीमा नाथ को प्रत्याशी बनाने की मांग

भोपाल से सीमा नाथ को प्रत्याशी बनाने की मांग

हरिओम उपाध्याय 
भोपाल। महापौर चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी सीमा नाथ ने तीसरा स्थान हासिल किया था। जिसको ध्यान में रखते हुए भोपाल नाथ योगी समाज ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में लाखों की संख्या में नाथ योगी समाज निवास करता है और वह भारतीय जनता पार्टी में पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण भाव के साथ जुडा है और कार्य कर रहा है। लेकिन आज तक पार्टी ने उन्हें कोई भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से नहीं नवाजा है। इस बार नाथ योगी समाज ने भी लोकसभा में टिकट की मांग करते हुए भोपाल से महापौर चुनाव में रही निर्दलीय प्रत्याशी सीमा नाथ को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था। उसी को ध्यान में रखते हुए नाथ योगी जोगी समाज ने भारतीय जनता पार्टी से लोकसभा चुनाव में सीमा नाथ को प्रत्याशी बनाने की मांग की है। नाथ योगी समाज के योगीराज देवेंद्र ने बताया कि सीमा नाथ योग्य और कर्मठ जुझारू नेत्री है, उन्हें भोपाल महापौर चुनाव में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था तो पार्टी अगर टिकट देती है तो भोपाल में निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी की जीत निश्चित होगी। उनका टिकट मिलता है तो संपूर्ण मध्य प्रदेश में नाथ योगी समाज का सम्मान भी बढ़ेगा और नाथ योगी समाज हमेशा भारतीय जनता पार्टी का ऋणी भी रहेगा। हमें भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर पूर्ण भरोसा है कि हमारी छोटी सी मांग को अवश्य पूरा करेंगे। इस अवसर पर कई नाथ योगी समाज के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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