रविवार, 4 फ़रवरी 2024

नामीबिया के राष्ट्रपति गिंगोब का निधन हुआ

नामीबिया के राष्ट्रपति गिंगोब का निधन हुआ 

अखिलेश पांडेय 
विंडहोक। रविवार सुबह राष्ट्रपति हेज गिंगोब का निधन हो गया। उन्होंने 82 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि हेज गिंगोब लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे और एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती थे। यहां उनका लंबे समय से उपचार चल रहा था और आज सुबह निधन हो गया।
नामीबिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति नांगोलो एमबुम्बा ने गिंगोब के निधन पर शोक जताया है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि गींगोब की रविवार को राजधानी विंडहोक के लेडी पोहाम्बा अस्पताल में मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि नामीबियाई राष्ट्र ने लोगों के एक प्रतिष्ठित सेवक, मुक्ति संघर्ष के प्रतीक, हमारे संविधान के मुख्य वास्तुकार और नामीबियाई घराने के स्तंभ को खो दिया है। इसके साथ ही कार्यवाहक राष्ट्रपति ने गिंगोब के परिवार के प्रति अपनी संवेदना भा जाहिर की।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति हेज गिंगोब ने पिछले महीने ही जनता को इस बात की जानकारी दी थी कि वो कैंसर से पीड़ित हैं और उनका उपचार चल रहा है। हालांकि गंभीर बीमारी के बाद उन्होंने अपना काम जारी रखा। लेकिन हालत बिगड़ने के बाद वो इलाज के लिए अमेरिका चले गए और 2 फरवरी को लौटने वाले थे। लेकिन उनके लौटने से पहले ही निधन की खबर आ गई।
आपको बता दें कि हेज गिंगोब ने 12 साल तक बतौर प्रधानमंत्री नामीबिया में काम किया। इसके बाद 2014 में वो नामीबिया के तीसरे राष्ट्रपति बने। पिछले कई सालों से गिंगोब स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का साना कर रहे थे। साल 2013 में उनके दिमाग की सर्जरी हुई थी। इसके बाद उन्होंने प्रोस्टेट कैंसर होने की जानकारी दी थी हालांकि वो ठीक हो गए थे। पिछले साल 2023 में गिंगोब ने बताया था कि दक्षिण अफ्रीका में उनकी ओर्टिक सर्जरी हुई है।

हिमाचल: भारी हिमपात को लेकर ‘अलर्ट’ जारी

हिमाचल: भारी हिमपात को लेकर ‘अलर्ट’ जारी 

श्रीराम मौर्य 
शिमला। हिमाचल प्रदेश में शिमला सहित ऊंचाई वाले इलाकों में एक बार फिर से बारिश और हिमपात का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग की तरफ से आज से पांच फरवरी तक मौसम के खराब रहने का अनुमान लगाया गया है। जबकि रविवार और सोमवार को प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी हिमपात को लेकर ‘अलर्ट’ जारी किया है।
तीन दिनों से हो रही बारिश व हिमपात के बाद तापमान में आई गिरावट से शिमला में हाड कंपाने वाली ठंड पड़ रही है। शिमला में आज सुबह से ही भारी बारिश हो रही है और राजधानी धुंध की आगोश में नजर आई। मौसम विभाग ने आज शिमला, कुल्लू, चंबा, लाहौल स्पीति, किन्नौर में भारी बारिश का अनुमान जताया है।
वहीं कल प्रदेश की ऊंची चोटियों पर हिमपात जबकि कुछ एक स्थानों पर बारिश हो सकती है। पिछले 24 घंटे में चंबा के भरमौर में 5.0 सेंटीमीटर किन्नौर के कल्पा में 5.6 पूह में 1.0 सांगला 1.0 लाहौल स्पीति के केलांग 3.0 कुकुमसेरी 1.6, शिमला के खदराला में 2.0 सेमी कुफरी 2.0 नारकंडा में 2.0 सिलारू में 5.00 सेमी ताजा हिमपात दर्ज की गई है।
प्रदेश में हिमपात से 518 सड़के, चार राष्ट्रीय राजमार्ग और 478 विद्युत ट्रांसफार्मर बाधित हैं जबकि 57 पानी की परियोजनाएँ ठप्प है। कई क्षेत्रों में बिजली और पानी भी गुल है। लोक निर्माण विभाग सड़कों को बहाल करने में जुटा हुआ है और 250 मशीन बर्फबारी हटाने के लिए लगाई गई है। शिमला की रिज मैदान में ताजा बर्फबारी देखकर पर्यटकों के चेहरे खिल उठे और पर्यटक हिमपात का आनंद उठाते हुए नजर आए।
शिमला घूमने पहुंचें पर्यटकों ने अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि पहली बार इस तरह की बर्फ गिरते हुए देख रहें है शिमला का ट्रिप सफल हो गया है। ताजा हिमपात के कारण हिमाचल प्रदेश में कड़ाकेदार ठंड पड़ रही है।
दो दिन पहले ही प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी हिमपात देखने को मिला था और अब एक बार फिर से हिमपात शुरू हो गया है जिससे स्थानीय लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई है। फिलहाल पांच फरवरी तक प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का सिलसिला जारी रहेगा।

छोटी-छोटी समस्याओं पर काम करने वाला सभासद

छोटी-छोटी समस्याओं पर काम करने वाला सभासद

दीपक राणा 
गाजियाबाद। नगर पालिका परिषद लोनी में उत्तर प्रदेश निकाय निदेशालय के द्वारा नए परिसीमन के बाद विधानसभा का अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र, नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत समाहित कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश की वृहद नगर पालिका अब क्षेत्रफल के आधार पर भी वृहद रूप धारण कर चुकी है। क्षेत्रफल और घनी आबादी के कारण नगर पालिका में विकास की गति बहुत धीमी हो गई है। इसके पीछे कुछ राजनीतिक कारण भी रहे हैं‌। इसके बावजूद भी नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रंजीता धामा और नगर पालिका के वार्डों के कर्मठ सभासद अपने क्षेत्र की जनता के विकास के प्रति समर्पण के भाव से कार्य कर रहे हैं। जहां राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो जाता है वहां विकास कार्यों की, विकास कार्यों के निर्माण की संभावनाएं बहुत कम हो जाती है। ऐसी स्थिति में जो जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र की जनता के साथ खड़ा रहता है। जनता का सानिध्य उसे हमेशा प्राप्त होता रहता है। 
हम बात कर रहे हैं वार्ड नंबर 29 की, रामेश्वर पार्क एक्सटेंशन का क्षेत्र है, जिसमें कई गांव स्थित है। यहां पर सभासद कुलबीर चौहान जुझारू जनप्रतिनिधि के रूप में जनता के साथ खड़े हैं। जनता की छोटी-छोटी समस्याओं के लिए कार्य कर रहे हैं, जल-जमाव, कूड़ा-कचरा निस्तारण के लिए सभासद वार्ड के प्रत्येक व्यक्ति की बात सुनते हैं, और उस पर त्वरित कार्य करने के लिए प्रेरित रहते हैं। वार्ड की जनता कुलबीर चौहान से पूरी तरह संतुष्ट है। 
हालांकि कुलबीर चौहान के हाथ में जो भी है वह उसे करने का भरसक प्रयास करते है। इसी के कारण वह सभी लोगों का चहिते बने हुए है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-107, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254

2. सोमवार, फरवरी 05, 2024

3. शक-1945, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 07:13, सूर्यास्त: 06:52।

5. न्‍यूनतम तापमान- 10 डी.सै., अधिकतम- 19+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

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शनिवार, 3 फ़रवरी 2024

दर्शकों ने 'भारत माता की जय' का नारा नहीं लगाया

दर्शकों ने 'भारत माता की जय' का नारा नहीं लगाया

इकबाल अंसारी 
कोझिकोड। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने शनिवार को यहां एक युवा सम्मेलन में दर्शकों के एक वर्ग पर इस बात के लिए नाराजगी जताई कि बार-बार कहने के बावजूद उन्होंने 'भारत माता की जय' का नारा नहीं लगाया। स्पष्ट रूप से अप्रसन्न दिख रही लेखी ने उनसे पूछा कि क्या भारत उनकी मां नहीं है ?

यहां तक कि एक महिला को, जो नारा लगाने को राजी नही थी, उसे केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम स्थल छोड़ने का सुझाव भी दिया। इस सम्मेलन का आयोजन कुछ दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा किया गया था। अपने भाषण का समापन करते हुए, वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) नेत्री ने 'भारत माता की जय' का नारा लगाया और दर्शकों से इसे दोहराने के लिए कहा।

चूँकि दर्शकों की प्रतिक्रिया अपेक्षा के अनुरूप नहीं थी, उन्होंने पूछा कि क्या भारत उनका घर नहीं है। केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री ने कहा, "क्या भारत सिर्फ मेरी मां है या आपकी भी मां है? मुझे बताओ...मुझे बताओ...क्या इसमें कोई संदेह है? कोई संदेह नहीं?...उत्साह व्यक्त करने की जरूरत है।" उन्होंने नारा दोहराया और कहा कि बाईं ओर के दर्शकों की प्रतिक्रिया अभी भी अच्छी नही है।

दर्शकों में से एक महिला की ओर इशारा करते हुए लेखी ने कहा, "पीली पोशाक वाली महिला खड़ी हो सकती हैं। बगल की तरफ मत देखिए। मैं आपसे इसी तरह बात करने जा रही हूं। मैं आपसे एक सवाल पूछने जा रही हूं। सीधा सवाल। भारत आपकी माता नहीं हैं?... यह रवैया क्यों?” लेखी ने फिर भारत माता की जय के नारे लगाए।

लेकिन महिला अभी भी ऐसे ही खड़ी थी। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जिसे देश पर गर्व नहीं है और जिसे भारत के बारे में बोलना शर्मनाक लगता है, उसे युवा सम्मेलन का हिस्सा बनने की जरूरत नहीं है।

आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा

आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी को 96 साल की उम्र में देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा के संस्थापक सदस्य नाना जी देशमुख के बाद ये सम्मान पाने वाले भाजपा के तीसरे नेता हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर आडवाणी के साथ अपनी 2 तस्वीरें शेयर कीं और लिखा- मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। PM ने लिखा- मैंने उनसे बात भी की और उन्हें यह सम्मान दिए जाने पर बधाई दी। देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता। उन्होंने जमीनी स्तर से काम शुरू किया था और वे देश के उप-प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे।
आडवाणी 50वें ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें भारत रत्न दिया जाएगा। आडवाणी से पहले 23 जनवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने का ऐलान किया जा चुका है। केंद्र सरकार एक साल में 3 लोगों को यह सम्मान दे सकती है।

मोदी ने कहा- देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता
PM ने लिखा, ‘वे हमारे समय के सबसे सम्मानित स्टेट्समैन हैं। देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता। उन्होंने जमीनी स्तर से काम शुरू किया था और वे देश के उपप्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। वे देश के गृहमंत्री और सूचना-प्रसारण मंत्री भी रहे। उनकी संसदीय कार्यशैली हमेशा अनुकरणीय रहेगी।’ ‘सार्वजनिक जीवन में आडवाणी जी दशकों तक पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्ध रहे।
उन्होंने राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास किए हैं। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत मौके मिले।’

आडवाणी बोले- जो भी जिम्मेदारी मिली, वो प्रतिबद्धता से निभाई

भारत रत्न दिए जाने की घोषणा के बाद आडवाणी ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा- ये मेरे लिए केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि ये उन सिद्धांतों का सम्मान है, जो मैंने जिए। जब से मैंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता ली, तब से मैंने प्रतिबद्ध रहकर देशसेवा की, फिर चाहे मुझे कोई भी जिम्मेदारी दी गई हो। भारत रत्न दिए जाने को लेकर मैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद व्यक्त करता हूं।

2015 में आडवाणी को पद्म विभूषण सम्मान मिला

2015 में आडवाणी को देश के दूसरे सबसे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसी साल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न दिया गया था। तब के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी खुद उनके घर गए थे और उन्हें यह सम्मान दिया। वाजपेयी तब 90 साल के थे और अस्वस्थ थें। मुखर्जी ने प्रोटोकोल से हट कर पूर्व प्रधानमंत्री के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित निवास पर जाकर उन्हें भारत रत्न दिया। वाजपेयी के अलावा इसी साल महामना मदन मोहन मालवीय को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया था। 2019 में प्रणब मुखर्जी को भी भारत रत्न से सम्मानित किया।

भाजपा के फाउंडर मेंबर्स, 7वें उपप्रधानमंत्री रहे

आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था। 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उपप्रधानमंत्री रहे। इससे पहले 1998 से 2004 के बीच NDA सरकार में गृहमंत्री रहे। वे भाजपा के फाउंडर मेंबर्स में शामिल हैं। राम मंदिर आंदोलन के लिए लालकृष्ण आडवाणी ने 63 साल की उम्र में गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली थी। 25 सितंबर 1990 से शुरू हुई इस यात्रा की कमान मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन से संभाली थी।
यह आडवाणी की रथ यात्रा का ही कमाल था कि 1984 में दो सीट जीतने वाली भाजपा को 1991 में 120 सीटें मिली। इतना ही नहीं आडवाणी ने पूरे देश में एक हिन्दूवादी नेता के तौर पर पहचान बनाई। इसके अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार जैसे राज्यों में भाजपा को नई पहचान मिली। इस यात्रा के बाद आडवाणी पूरे देश में हिंदूवादी नेता के तौर पर स्थापित हुए थे, लेकिन वह अपनी यात्रा पूरी नहीं कर पाए थे। उन्हें बिहार के समस्तीपुर में 23 अक्टूबर 1990 को अरेस्ट कर लिया गया था।

आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा पर किसने क्या कहा?

प्रतिभा आडवाणी (बेटी)
दादा को देश का सर्वोच्च सम्मान मिला है। मुझे और पूरे परिवार को इस बात की बहुत खुशी है। आज मुझे मेरी मां की बहुत याद आ रही है। दादा के निजी और राजनीतिक जीवन में मां का बहुत बड़ा योगदान रहा है। जैसे ही मुझे पता लगा और मैंने दादा को बताया तो वे बहुत खुश हुए। दादा ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगाया। जीवन के इस पड़ाव पर उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान मिला, इसके लिए पीएम मोदी, देश की जनता का धन्यवाद करते हैं।
अखिलेश यादव (सपा अध्यक्ष)
सभी सांसदों की टिकट कटने जा रही है। एक सांसद अपनी सीट बदलने जा रहे हैं। सोचिए, ऐसी परिस्थितियों में जिन्हें राजनीति करनी पड़ेगी तो वे क्या जीतेंगे ? उन्हें (भाजपा को) दूसरों की चिंता ज्यादा है। उन्हें अपनी चिंता होनी चाहिए। यह भारत रत्न वोट को बांधने के लिए दिया जा रहा है। यह सम्मान में नहीं दिया जा रहा।

मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस अध्यक्ष)
लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न देने की जो घोषणा की गई है, हम उसका स्वागत करते हैं।
जयराम रमेश (कांग्रेस नेता)
2002 में लालकृष्ण आडवाणी ने गोवा में नरेंद्र मोदी का मुख्यमंत्री पद बचाया था। 2014 में गांधीनगर में आडवाणी ने कहा था- नरेंद्र मोदी मेरे शिष्य नहीं हैं, वे गजब के इवेंट मैनेजर हैं। जब मैं दोनों (लालकृष्ण आडवाणी और पीएम नरेंद्र मोदी) को देखता हूं तो मुझे ये दोनों बातें याद आ जाती हैं। लालकृष्ण आडवाणी ने 2014 में मोदी का वास्तविक चरित्र देश के सामने रखा था।

वीर भारत न्यास स्थापित करने की तैयारी शुरू

वीर भारत न्यास स्थापित करने की तैयारी शुरू 

मनोज सिंह ठाकुर 
उज्जैन। महाकाल नगरी उज्जैन में अब 100 करोड़ रुपयों की लागत का वीर भारत न्यास स्थापित करने की तैयारी शुरू हो गई है। विक्रमोत्सव के अंतर्गत 1 मार्च को इसका शिलान्यास किया जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर यह कवायद तेज हो गई है। पहले यह न्यास भोपाल में स्थापित करने की योजना थी। न्यास के अंतर्गत दुनिया का पहला ऐसा संग्रहालय होगा जहां भारत के सभी महापुरुषों से जुड़ी मूर्तियों, शिल्प, चित्रकला और साहित्य का संग्रहालय होगा।
कोठी पैलेस और उसके आसपास की जमीन को शामिल कर इस न्यास की स्थापना कर दुनिया का सबसे अलग संग्रहालय बनाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल पर इस जमीन का चिन्हांकन कर लिया गया है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो विक्रमोत्सव की शुरुआत के साथ ही इसका शिलान्यास भी कर दिया जाएगा। इस सिलसिले में विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी के साथ प्रशासन के अधिकारी जमीन चयन करने की कवायद कर रहे थे। आखिरकार कोठी पैलेस और उसके पीछे की जमीन का चयन इसके लिए किया गया है। इस न्यास के स्थापित होने से देश और दुनिया में उज्जैन की एक अलग पहचान बनेगी।

चौंकाने वाली लंबी कवायद… करोड़ों खर्च पर नहीं खुल सका दफ्तर!

2012-13 में इसकी योजना बनी और उसी साल सांकेतिक बजट का आवंटन भी कर दिया गया था।
अफसरों ने करीब 100 महान लोगों की एक सूची भी तैयार कर पेश कर दी थी।
इनमें धर्म, संस्कृति, ज्योतिष, गणित, विज्ञान जैसे क्षेत्रों की महान विभूतियों के नाम थे।
न्यास का दफ्तर नहीं खुला लेकिन संग्राहलय के लिए डेढ़ सौ एकड़ जमीन तलाशने का काम तेज हो गया था
योजना के लिए 2016-17 में 30 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया।
27 लाख रुपए का आवंटन हुआ और 27 लाख खर्च भी हो गए।
2017-18 के बजट में वीर भारत योजना के लिए 9 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान हुआ।
8 करोड़ 99 लाख की राशि खर्च भी हो गई।
2018-19 के बजट में भी वीर भारत के लिए 10 करोड़ का बजट आवंटित हुआ।
एक करोड़ राजस्व मद में और नौ करोड़ पूंजीगत व्यय में आवंटित किए गए।
दोनों मदों में पूरी आवंटित राशि भी खर्च हो गई।
2019-20 के बजट में वीर भारत के लिए करीब साढ़े चार करोड़ का बजट आवंटित किया गया।

क्या है योजना….

भारत को महान या वीर बनाने वालों के जीवन चरित्र लोगों को दिखाने के लिए दिल्ली के अक्षरधाम या आनंदपुर साहेब के विरासत-ए-खालसा संग्रहालय की तर्ज पर संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया गया। इसे नाम दिया गया वीर भारत योजना और प्रस्तावित संस्था को नाम दिया गया वीर भारत न्यास। इसे संस्कृति विभाग की इकाई स्वराज संस्थान संचालनालय से सम्बद्ध कर दिया गया था। पहले इसे भोपाल में बनाने की योजना थी। सीएम डॉ. यादव ने इसे उज्जैन में स्थापित करने का निर्देश दिया है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...