शनिवार, 3 फ़रवरी 2024

दर्शकों ने 'भारत माता की जय' का नारा नहीं लगाया

दर्शकों ने 'भारत माता की जय' का नारा नहीं लगाया

इकबाल अंसारी 
कोझिकोड। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने शनिवार को यहां एक युवा सम्मेलन में दर्शकों के एक वर्ग पर इस बात के लिए नाराजगी जताई कि बार-बार कहने के बावजूद उन्होंने 'भारत माता की जय' का नारा नहीं लगाया। स्पष्ट रूप से अप्रसन्न दिख रही लेखी ने उनसे पूछा कि क्या भारत उनकी मां नहीं है ?

यहां तक कि एक महिला को, जो नारा लगाने को राजी नही थी, उसे केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम स्थल छोड़ने का सुझाव भी दिया। इस सम्मेलन का आयोजन कुछ दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा किया गया था। अपने भाषण का समापन करते हुए, वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) नेत्री ने 'भारत माता की जय' का नारा लगाया और दर्शकों से इसे दोहराने के लिए कहा।

चूँकि दर्शकों की प्रतिक्रिया अपेक्षा के अनुरूप नहीं थी, उन्होंने पूछा कि क्या भारत उनका घर नहीं है। केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री ने कहा, "क्या भारत सिर्फ मेरी मां है या आपकी भी मां है? मुझे बताओ...मुझे बताओ...क्या इसमें कोई संदेह है? कोई संदेह नहीं?...उत्साह व्यक्त करने की जरूरत है।" उन्होंने नारा दोहराया और कहा कि बाईं ओर के दर्शकों की प्रतिक्रिया अभी भी अच्छी नही है।

दर्शकों में से एक महिला की ओर इशारा करते हुए लेखी ने कहा, "पीली पोशाक वाली महिला खड़ी हो सकती हैं। बगल की तरफ मत देखिए। मैं आपसे इसी तरह बात करने जा रही हूं। मैं आपसे एक सवाल पूछने जा रही हूं। सीधा सवाल। भारत आपकी माता नहीं हैं?... यह रवैया क्यों?” लेखी ने फिर भारत माता की जय के नारे लगाए।

लेकिन महिला अभी भी ऐसे ही खड़ी थी। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जिसे देश पर गर्व नहीं है और जिसे भारत के बारे में बोलना शर्मनाक लगता है, उसे युवा सम्मेलन का हिस्सा बनने की जरूरत नहीं है।

आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा

आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी को 96 साल की उम्र में देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा के संस्थापक सदस्य नाना जी देशमुख के बाद ये सम्मान पाने वाले भाजपा के तीसरे नेता हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर आडवाणी के साथ अपनी 2 तस्वीरें शेयर कीं और लिखा- मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। PM ने लिखा- मैंने उनसे बात भी की और उन्हें यह सम्मान दिए जाने पर बधाई दी। देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता। उन्होंने जमीनी स्तर से काम शुरू किया था और वे देश के उप-प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे।
आडवाणी 50वें ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें भारत रत्न दिया जाएगा। आडवाणी से पहले 23 जनवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने का ऐलान किया जा चुका है। केंद्र सरकार एक साल में 3 लोगों को यह सम्मान दे सकती है।

मोदी ने कहा- देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता
PM ने लिखा, ‘वे हमारे समय के सबसे सम्मानित स्टेट्समैन हैं। देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता। उन्होंने जमीनी स्तर से काम शुरू किया था और वे देश के उपप्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। वे देश के गृहमंत्री और सूचना-प्रसारण मंत्री भी रहे। उनकी संसदीय कार्यशैली हमेशा अनुकरणीय रहेगी।’ ‘सार्वजनिक जीवन में आडवाणी जी दशकों तक पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्ध रहे।
उन्होंने राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास किए हैं। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत मौके मिले।’

आडवाणी बोले- जो भी जिम्मेदारी मिली, वो प्रतिबद्धता से निभाई

भारत रत्न दिए जाने की घोषणा के बाद आडवाणी ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा- ये मेरे लिए केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि ये उन सिद्धांतों का सम्मान है, जो मैंने जिए। जब से मैंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता ली, तब से मैंने प्रतिबद्ध रहकर देशसेवा की, फिर चाहे मुझे कोई भी जिम्मेदारी दी गई हो। भारत रत्न दिए जाने को लेकर मैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद व्यक्त करता हूं।

2015 में आडवाणी को पद्म विभूषण सम्मान मिला

2015 में आडवाणी को देश के दूसरे सबसे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसी साल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न दिया गया था। तब के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी खुद उनके घर गए थे और उन्हें यह सम्मान दिया। वाजपेयी तब 90 साल के थे और अस्वस्थ थें। मुखर्जी ने प्रोटोकोल से हट कर पूर्व प्रधानमंत्री के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित निवास पर जाकर उन्हें भारत रत्न दिया। वाजपेयी के अलावा इसी साल महामना मदन मोहन मालवीय को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया था। 2019 में प्रणब मुखर्जी को भी भारत रत्न से सम्मानित किया।

भाजपा के फाउंडर मेंबर्स, 7वें उपप्रधानमंत्री रहे

आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था। 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उपप्रधानमंत्री रहे। इससे पहले 1998 से 2004 के बीच NDA सरकार में गृहमंत्री रहे। वे भाजपा के फाउंडर मेंबर्स में शामिल हैं। राम मंदिर आंदोलन के लिए लालकृष्ण आडवाणी ने 63 साल की उम्र में गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली थी। 25 सितंबर 1990 से शुरू हुई इस यात्रा की कमान मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन से संभाली थी।
यह आडवाणी की रथ यात्रा का ही कमाल था कि 1984 में दो सीट जीतने वाली भाजपा को 1991 में 120 सीटें मिली। इतना ही नहीं आडवाणी ने पूरे देश में एक हिन्दूवादी नेता के तौर पर पहचान बनाई। इसके अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार जैसे राज्यों में भाजपा को नई पहचान मिली। इस यात्रा के बाद आडवाणी पूरे देश में हिंदूवादी नेता के तौर पर स्थापित हुए थे, लेकिन वह अपनी यात्रा पूरी नहीं कर पाए थे। उन्हें बिहार के समस्तीपुर में 23 अक्टूबर 1990 को अरेस्ट कर लिया गया था।

आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा पर किसने क्या कहा?

प्रतिभा आडवाणी (बेटी)
दादा को देश का सर्वोच्च सम्मान मिला है। मुझे और पूरे परिवार को इस बात की बहुत खुशी है। आज मुझे मेरी मां की बहुत याद आ रही है। दादा के निजी और राजनीतिक जीवन में मां का बहुत बड़ा योगदान रहा है। जैसे ही मुझे पता लगा और मैंने दादा को बताया तो वे बहुत खुश हुए। दादा ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगाया। जीवन के इस पड़ाव पर उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान मिला, इसके लिए पीएम मोदी, देश की जनता का धन्यवाद करते हैं।
अखिलेश यादव (सपा अध्यक्ष)
सभी सांसदों की टिकट कटने जा रही है। एक सांसद अपनी सीट बदलने जा रहे हैं। सोचिए, ऐसी परिस्थितियों में जिन्हें राजनीति करनी पड़ेगी तो वे क्या जीतेंगे ? उन्हें (भाजपा को) दूसरों की चिंता ज्यादा है। उन्हें अपनी चिंता होनी चाहिए। यह भारत रत्न वोट को बांधने के लिए दिया जा रहा है। यह सम्मान में नहीं दिया जा रहा।

मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस अध्यक्ष)
लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न देने की जो घोषणा की गई है, हम उसका स्वागत करते हैं।
जयराम रमेश (कांग्रेस नेता)
2002 में लालकृष्ण आडवाणी ने गोवा में नरेंद्र मोदी का मुख्यमंत्री पद बचाया था। 2014 में गांधीनगर में आडवाणी ने कहा था- नरेंद्र मोदी मेरे शिष्य नहीं हैं, वे गजब के इवेंट मैनेजर हैं। जब मैं दोनों (लालकृष्ण आडवाणी और पीएम नरेंद्र मोदी) को देखता हूं तो मुझे ये दोनों बातें याद आ जाती हैं। लालकृष्ण आडवाणी ने 2014 में मोदी का वास्तविक चरित्र देश के सामने रखा था।

वीर भारत न्यास स्थापित करने की तैयारी शुरू

वीर भारत न्यास स्थापित करने की तैयारी शुरू 

मनोज सिंह ठाकुर 
उज्जैन। महाकाल नगरी उज्जैन में अब 100 करोड़ रुपयों की लागत का वीर भारत न्यास स्थापित करने की तैयारी शुरू हो गई है। विक्रमोत्सव के अंतर्गत 1 मार्च को इसका शिलान्यास किया जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर यह कवायद तेज हो गई है। पहले यह न्यास भोपाल में स्थापित करने की योजना थी। न्यास के अंतर्गत दुनिया का पहला ऐसा संग्रहालय होगा जहां भारत के सभी महापुरुषों से जुड़ी मूर्तियों, शिल्प, चित्रकला और साहित्य का संग्रहालय होगा।
कोठी पैलेस और उसके आसपास की जमीन को शामिल कर इस न्यास की स्थापना कर दुनिया का सबसे अलग संग्रहालय बनाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल पर इस जमीन का चिन्हांकन कर लिया गया है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो विक्रमोत्सव की शुरुआत के साथ ही इसका शिलान्यास भी कर दिया जाएगा। इस सिलसिले में विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी के साथ प्रशासन के अधिकारी जमीन चयन करने की कवायद कर रहे थे। आखिरकार कोठी पैलेस और उसके पीछे की जमीन का चयन इसके लिए किया गया है। इस न्यास के स्थापित होने से देश और दुनिया में उज्जैन की एक अलग पहचान बनेगी।

चौंकाने वाली लंबी कवायद… करोड़ों खर्च पर नहीं खुल सका दफ्तर!

2012-13 में इसकी योजना बनी और उसी साल सांकेतिक बजट का आवंटन भी कर दिया गया था।
अफसरों ने करीब 100 महान लोगों की एक सूची भी तैयार कर पेश कर दी थी।
इनमें धर्म, संस्कृति, ज्योतिष, गणित, विज्ञान जैसे क्षेत्रों की महान विभूतियों के नाम थे।
न्यास का दफ्तर नहीं खुला लेकिन संग्राहलय के लिए डेढ़ सौ एकड़ जमीन तलाशने का काम तेज हो गया था
योजना के लिए 2016-17 में 30 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया।
27 लाख रुपए का आवंटन हुआ और 27 लाख खर्च भी हो गए।
2017-18 के बजट में वीर भारत योजना के लिए 9 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान हुआ।
8 करोड़ 99 लाख की राशि खर्च भी हो गई।
2018-19 के बजट में भी वीर भारत के लिए 10 करोड़ का बजट आवंटित हुआ।
एक करोड़ राजस्व मद में और नौ करोड़ पूंजीगत व्यय में आवंटित किए गए।
दोनों मदों में पूरी आवंटित राशि भी खर्च हो गई।
2019-20 के बजट में वीर भारत के लिए करीब साढ़े चार करोड़ का बजट आवंटित किया गया।

क्या है योजना….

भारत को महान या वीर बनाने वालों के जीवन चरित्र लोगों को दिखाने के लिए दिल्ली के अक्षरधाम या आनंदपुर साहेब के विरासत-ए-खालसा संग्रहालय की तर्ज पर संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया गया। इसे नाम दिया गया वीर भारत योजना और प्रस्तावित संस्था को नाम दिया गया वीर भारत न्यास। इसे संस्कृति विभाग की इकाई स्वराज संस्थान संचालनालय से सम्बद्ध कर दिया गया था। पहले इसे भोपाल में बनाने की योजना थी। सीएम डॉ. यादव ने इसे उज्जैन में स्थापित करने का निर्देश दिया है।

फंदे से लटका मिला महिला जज का शव

फंदे से लटका मिला महिला जज का शव

संदीप मिश्र 
बदायूं। शनिवार सुबह सरकारी आवास में महिला जज ज्योत्सना राय का शव फंदे से लटका मिला है। इसकी जानकारी होने पर पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। मौके पर डीएम-एसएसपी समेत तमाम अधिकारी पहुंच गए। घटनास्थल पर छानबीन कराई जा रही है। बताया जा रहा है कि मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट में क्या लिखा है, इसके बारे में कोई खुलासा नहीं किया गया है।
जानकारी के मुताबिक सिविल जज जूनियर डिवीजन न्यायालय की जज ज्योत्सना राय शनिवार सुबह न्यायालय नहीं पहुंचीं। उनके आवास का दरवाजा अंदर से बंद था। जब दरवाजा नहीं खुला तो उनके कर्मचारियों ने पुलिस और कंपाउंड में रहने वाले अन्य जजों को बताया, जिससे तत्काल सभी लोग मौके पर पहुंच गए।
पुलिस ने धक्का मारकर उनके आवास का दरवाजा खोला। पुलिस अंदर घर में दाखिल हुई। अंदर एक कमरे में पंखे से उनका शव फंदे से लटका हुआ था। घटना की सूचना पर डीएम मनोज कुमार और एसएसपी आलोक प्रियदर्शी समेत तमाम अधिकारी पहुंच गए हैं। फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुला लिया गया है। बताया जा रहा है कि ज्योत्सना राय मूल रूप से मऊ जिले की रहने वाली थीं। वह बदायूं में सिविल जज जूनियर डिवीजन की मुंसिफ मजिस्ट्रेट थीं। बदायूं से पहले वह अयोध्या में भी तैनात रह चुकी हैं। सरकारी आवास में महिला जज का शव मिलने से हर कोई स्तब्ध है।

रेलवे भर्ती बोर्ड ने वार्षिक कैलेडर जारी किया

रेलवे भर्ती बोर्ड ने वार्षिक कैलेडर जारी किया 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। रेलवे भर्ती बोर्ड ने असिस्टेंट लोको पायलट, तकनीशियन, नॉन-तकनीशियन, जूनियर इंजीनियर सहित विभिन्न भर्तियों के लिए वार्षिक कैलेडर जारी कर दिया है। जो भी उम्मीदवार रेलवे में नौकरी पाने के लिए तैयारी कर रहे हैं, वे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर वार्षिक कैलेंडर देख और डाउनलोड कर सकते हैं।
आधिकारिक कैलेंडर के अनुसार, असिस्टेंट लोको पायलट भर्ती प्रक्रिया जनवरी, 2024 से शुरू होकर मार्च, 2024 तक चलेगी। वहीं, आरआरबी तकनीशियन पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया अप्रैल से जून, 2024 के बीच संपन्न होगी। आरआरबी गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों – स्नातक (स्तर 4, 5 और 6), स्नातक (स्तर 2 और 3) की भर्ती जुलाई से सितंबर 2024 तक की जाएगी। जूनियर इंजीनियर और पैरामेडिकल श्रेणियों की भर्ती प्रक्रिया जुलाई से सितंबर 2024 तक की जाएगी। लेवल 1 और मिनिस्ट्रियल और आइसोलेटेड श्रेणियों की भर्ती अक्तूबर से दिसंबर तक की जाएगी।
भर्ती प्रक्रिया के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवार नीचे दिए गए आरआरबी वार्षिक कैलेंडर की जांच कर सकते हैं-
भर्ती प्रक्रिया अवधि भर्ती का नाम
जनवरी-मार्च, 2024 एएलपी
अप्रैल-जून, 2024 तकनीशियन
जुलाई-सितंबर, 2024 गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियां – स्नातक (स्तर 4, 5 और 6) गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियां – स्नातक (स्तर 2 और 3) जूनियर इंजीनियर पैरामेडिकल श्रेणियां
अक्तूबर-दिसंबर, 2024 स्तर 1

आरआरबी एएलपी सीबीटी परीक्षा अस्थायी रूप से जून और अगस्त 2024 के बीच आयोजित होने वाली है। दूसरे चरण (सीबीटी 2) की परीक्षा सितंबर 2024 में आयोजित की जाएगी। इस बीच, आरआरबी ने 20 जनवरी को एएलपी भर्ती 2024 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की। भर्ती अभियान का लक्ष्य भारतीय रेलवे में सहायक लोको पायलट के कुल 5,696 रिक्त पदों को भरना है। आरआरबी एएलपी भर्ती 2024 के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 19 फरवरी है। आरआरबी एएलपी आवेदन सुधार विंडो 20 फरवरी से 29 फरवरी, 2024 तक सक्रिय रहेगी।

कन्नौज को 59 परियोजनाओं की सौगात दी

कन्नौज को 59 परियोजनाओं की सौगात दी

संदीप मिश्र 
कन्नौज। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज अगर समाजवादी पार्टी की सरकार होती तो अयोध्या में कभी भी श्रीराम का भव्य मंदिर नहीं बन पाता। सपाई अयोध्या में भगवान श्रीराम का और कन्नौज में अंबेडकर का विरोध करते हैं। मगर, डबल इंजन की सरकार जहां एक तरफ विकास कार्यों को स्पीड से पूरा करती है, वहीं, आस्था का सम्मान भी करती है।
मुख्यमंत्री योगी ने शनिवार को अशोक नगर स्थित केके इंटर कॉलेज के बोर्डिंग ग्राउंड में जनसभा के दौरान कन्नौज को 352 करोड़ रुपए की 59 परियोजनाओं की सौगात दी। उन्होंने कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक के पिता स्व. ओम प्रकाश पाठक की पांचवीं पुण्यतिथि पर नमन किया। उनकी याद में सांसद द्वारा प्रतिवर्ष दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग और ट्राईसाइकिल देने की मुख्यमंत्री ने प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ समाजसेवी, उद्योग व्यापार के साथ राष्ट्रवादी मिशन के लिए जीवन समर्पित करने वाले स्व. ओम प्रकाश पाठक और भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व. बनवारी लाल दोहरे को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
सीएम योगी ने कहा कि दिव्यांगजनों को अगर समाज और सरकार से सपोर्ट मिले तो बड़ी से बड़ी उपलब्धि भी उनके कदमों में होती है। सपा कार्यकाल में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर संचालित कन्नौज के मेडिकल कॉलेज का नाम बदल दिया गया। सपा को ना जाने क्यों बाबा साहेब से चिढ़ है। सपा वोट तो जाति के नाम पर लेती है मगर काम केवल परिवार के लिए करती है।
उन्होंने आश्वस्त किया कि कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम फिर से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर किया जाएगा। महाराज हर्षवर्धन अपनी दानवीरता के लिए जाने जाते हैं, जिन्होंने प्रयागराज के कुंभ को भव्यता प्रदान की। महाराज हर्षवर्धन ने कन्नौज से ही देश में रामराज्य की अवधारणा को पूरा किया था। आज एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 500 साल के दंश को मिटाकर भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरा कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भी कन्नौज को योग्य जनप्रतिनिधि का चुनाव करना है, जो उनके सुख-दु:ख में सहभागी बने और शासन की योजनाओं को जन-जन तक बिना भेदभाव के पहुंचाए। उन्होंने कन्नौज के इत्र व्यापारियों को भी भरोसा दिलाया कि सरकार हमेशा उनके साथ है। इत्र के कारोबार में तकनीकि, पैकेजिंग, मार्केटिंग और एक्सपोर्ट के लिए बेहतरीन वातावरण तैयार किया जा रहा है।

संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया: डीएम

संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया: डीएम 

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। डीएम नवनीत सिंह चहल की अध्यक्षता में शनिवार को सदर तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। सम्पूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर डीएम ने लोगों की शिकायतों को सुनते हुए राजस्व, पुलिस एवं अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को शिकायतों को गुणवत्तापूर्वक एवं समयबद्धता के साथ निस्तारित करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही साथ उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि शिकायतों के निस्तारण से शिकायतकर्ता को संतुष्ट भी होना चाहिए। डीएम ने प्रार्थना पत्रों की समयबद्ध जांच, कार्रवाई एवं समस्याओं के निस्तारण के लिए निर्देशित किया साथ ही अधिकारियों को चेतावनी दी कि निस्तारण में विलम्ब पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी। डीएम ने कहा कि जन-शिकायतों का निस्तारण शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले बिंदुओं में से एक है, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता स्वीकार्य नहीं है।
सम्पूर्ण समाधान दिवस पर कुल 123 शिकायतें आयीं, जिनमें से 07 शिकायतों को मौके पर ही निस्तारित कर दिया गया। डीएम ने शिकायतों के निस्तारण हेतु सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को आज ही अपने विभागों से सम्बंधित शिकायती प्रार्थना पत्रों को प्राप्त करते हुए निर्धारित समय सीमा में गुणवत्ता के साथ निस्तारित करने के निर्देश दिये है। इस अवसर पर एडीएम सिटी मदन कुमार, एसडीएम सदर सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...