तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में स्थान बनाएगा 'भारत'
इकबाल अंसारी
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को विश्वास जताया कि भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में स्थान बना लेगा और भारतीय अर्थव्यवस्था की आज दिख रही मजबूती उनकी सरकार के 10 साल के बुनियादी आर्थिक सुधारों का परिणाम है। मोदी 10वें वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे।
उन्होंने सम्मेलन में दुनियाभर से जुटे राजनेताओं, नीति-नियामकों और उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत एक भरोसेमंद भागीदार है और दुनिया इसे स्थिरता के एक मजबूत स्तंभ के रूप में देख रही है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत का बैंकिंग क्षेत्र आज दुनिया के सबसे मजबूत बैंकिंग क्षेत्रों में से एक है। सरकार ने 40 हजार से अधिक औपचारिकताओं को खत्म कर भारत में कारोबार करना आसान बनाया है तथा माल और सेवा कर (जीएसटी) के लागू करने से करों का जाल खत्म हुआ है।
मोदी ने कहा कि भारत में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के विविधीकरण का एक अच्छा वातावरण बना है। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के तेजी से हो रहे विस्तार के बारे में कहा, “ दस साल पहले भारत 11वें स्थान पर था, आज दुनिया की हर प्रमुख रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि देश कुछ वर्षों में दुनिया की शीर्ष-3 अर्थव्यवस्थाओं में आ जाएगा। दुनिया के लोग जो विशेषण करते रहें, मेरी गारंटी है कि यह होकर रहेगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक ऐसे समय में जब विश्व अनेक अनिश्चितताओं से घिरा हुआ है, भारत विश्व में आशा की एक नई किरण बनकर के उभरा है। भारत की प्राथमिकताएं बिल्कुल स्पष्ट हैं। आज स्वस्थ उद्योग, अवसंरचना और विनिर्माण भारत की प्राथमिकता है।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार नए दौर के कौशल, भविष्य की प्रौद्योगिकी, कृत्रिम मेधा (एआई) और नव-प्रवर्तन को बढ़ावा दे रही है। देश ग्रीन हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा और सेमीकंडक्टर उद्योग को प्रोत्साहन करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्रिका विकास कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों से सभी लोग भली-भांति परिचित हैं।
ऐसे में, आज अगर भारत की अर्थव्यवस्था में इतनी मजबूती दिख रही है और इसकी वृद्धि में सशक्त आवेग दिख रहा है, तो इसके पीछे बड़ी वजह पिछले 10 वर्षों में बुनियादी सुधारों पर हमारा फोकस है। इन सुधारों ने भारत की अर्थव्यवस्था की क्षमता, योग्यता और प्रतिस्पर्धा की शक्ति बढ़ाने का बहुत बड़ा काम किया है।”
उन्होंने कहा कि बैंकों में नई पूंजी डालने तथा दिवाला संहिता (आईबीसी) के लागू होने से हमारे बैंकिंग सिस्टम को दुनिया के सबसे मजबूत बैंकिंग प्रणाली में से एक बना दिया है। कारोबार को आसान बनाने के लिए हमने 40 हज़ार से ज्यादा औपचारिकताएं पूरा करने की जरूरत समाप्त कर दी है। मोदी ने कहा,“ भारत में कारोबार आसान बना है और देश विश्व के कारोबारियों के लिए पहले से अधिक आकर्षक हुआ है। जीएसटी ने भारत में विभिन्न करों के अनावश्यक जाल को खत्म किया है।
भारत में हमने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के विविधीकरण के लिए बेहतर माहौल बना है।” मोदी ने ऑस्ट्रेलिया और यूएई जैसे बाजारों के साथ हाल में मुक्त व्यापार समझौते किए हैं, जिससे देश बाहरी कंपनियों के लिए और भी आकर्षक बन गया है। भारत इस समय बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व स्तर पर निवेश कर रहा है तथा पिछले दस वर्षों में पूंजीगत निवेश पांच गुना बढ़ा है। उन्होंने वैश्विक निवेशकों से कहा कि भारत ने ऊर्जा के वैकल्पिक श्रोतों के विकास में अभूतपूर्व तेजी से कदम बढ़ाया है।
आज देश में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता तीन गुना हो गयी है जबकि सौर-ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 20 गुना वृद्धि हुयी है। उन्होंने डिजिटल प्रौद्गिकी और सेवाओं के उपयोग में प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा,“ सरकार के डिजीटल भारत मिशन ने देश में जीवन और व्यवसाय-दोनों का कायाकल्प किया है।
गांव-गांव तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाए जा रहे हैं। 5जी नेटवर्क प्रौद्योगिकी का विस्तार हो रहा है और आज हम दुनिया में तीसरे बड़े स्टार्ट अप इकोसिस्टम हैं।” मोदी ने कहा कि 10 वर्ष पहले भारत में कुछ 100 स्टार्ट-अप्स थे, आज इनकी संख्या एक लाख 15 हज़ार हो गयी है। उन्होंने कहा,“ भारत में जो ये बदलाव आ रहा है, वो भारत के नागरिकों की जिंदगी आसान हुयी है और लोग अधिकार संपन्न हुए हैं।
हमारी सरकार के पांच वर्षों में साढ़े 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। भारत में मिडिल क्लास की एवरेज इनकम लगातार बढ़ रही है। भारत में कामकाज में महिलाओं की भागीदारी में भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। भारत के भविष्य के लिए ये बहुत अच्छे संकेत हैं और इसलिए, मैं आप सभी का आह्वान करूंगा कि भारत की इस विकास यात्रा से जुड़िए, हमारे साथ चलिए।”
मोदी ने भारत में लॉजिस्टिक्स, परिवहन और संपर्क सुविधाओं के विस्तार के काम में प्रगति का जिक्र किया और कहा कि 10 साल में हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़कर 149 हो गयी है, हाइवे का नेटवर्क करीब-करीब दोगुना तथा मेट्रो नेटवर्क तीन गुना से ज्यादा हो चुका है। उन्होंने कहा कि जी-20 के दौरान जिस भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा की गयी है, वह निवेशकों के लिए कारोबार का बड़ा अवसर है।
मोदी ने वैश्विक निवेशकों से कहा, “भारत के कोने-कोने में आपके लिए नई संभावनाएं हैं। वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन इसकी एक झांसी है और यह भविष्य की एक झांकी है। भारत में निवेश सृजनशील युवापीढ़ी में निवेश है। यह उपभोक्ताओं की एक नयी पीढ़ी को तराशने वाला निवेश है। महत्वाकांक्षाओं से भरपूर भारत की युवापीढ़ी के साथ आपकी भागीदारी ऐसे परिणाम दे सकती है जिसकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी।”
उद्घाटन सत्र में मोजाम्बीक के राष्ट्रपति फिलिप नीयूसी, तिमोर के राष्ट्रपति रामोस-होर्टा, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री पैट्र फियाला, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और देश-विदेश के बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति तथा उद्यमी उपस्थित थे। वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन का सिलसिला 20 साल पहले मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में शुरू हुआ था, जिससे निवेश का एक नया वातावरण पैदा हुआ। आज विभिन्न राज्यों में इस तरह के निवेश सम्मेलन आयोजित किए जाने लगे हैं।