तूफान: तबाही के कारण राज्य सुर्खियों में रहा
इकबाल अंसारी
अहमदाबाद। गुजरात के सूरत की एक अदालत में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने और 'बिपरजॉय' तूफान से होने वाली तबाही के कारण 2023 में यह राज्य सुर्खियों में रहा। कांग्रेस नेता ने सजा सुनाये जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता खो दी, जिसकी बहाली के लिए उन्हें कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी।
इस वर्ष इन दो घटनाओं के अलावा कई अन्य ऐसे कारण थे जिससे गुजरात देश भर में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सुर्खियों में रहा। इनमें यूनेस्को द्वारा राज्य के पारंपरिक नृत्य गरबा को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया जाना, सूरत में डायमंड बोर्स का उद्घाटन तथा ऑस्ट्रेलिया के दो विश्वविद्यालयों के परिसर गांधीनगर स्थित ‘गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक’ (गिफ्ट) सिटी में स्थापित किया जाना शामिल है।
सूरत की अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को उनकी ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी को लेकर दायर मानहानि मामले में दो साल के कारावास की सजा सुनाई। राज्य के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ उनके उस बयान के लिए आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘सभी चोरों के उपनाम मोदी कैसे है।’’
यह टिप्पणी कांग्रेस नेता ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली में की थी। अदालत से दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाये जाने के बाद राहुल गांधी को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। अदालत से दो साल या उससे अधिक की सजा मिलने के बाद जनप्रतिनिधि की संबंधित सदन की सदस्यता स्वत: समाप्त हो जाती है।
नियमों के अनुसार, गांधी को सांसद के रूप में तभी बहाल किया जा सकता था, जब अदालत उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दे। अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगवाने के राहुल गांधी के प्रयास सूरत सत्र अदालत और गुजरात उच्च न्यायालय में विफल रहे, क्योंकि वहां उनकी याचिकाएं खारिज कर दी गयीं।
उच्चतम न्यायालय ने अंततः अगस्त में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी, जिससे उनकी लोकसभा सदस्यता की बहाली का मार्ग प्रशस्त हो गया। गांधी केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
गुजरात उच्च न्यायालय ने 31 मार्च को केंद्रीय सूचना आयोग के सात साल पुराने उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था और उन पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
इस मामले में केजरीवाल की समीक्षा याचिका भी उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया। अप्रैल में, गुजरात विश्वविद्यालय ने प्रधानमंत्री की डिग्री के मुद्दे पर विश्वविद्यालय के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।
मामले की सुनवाई अब भी जारी है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव भी अपने उस बयान को लेकर आपराधिक मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं’। तेजस्वी के खिलाफ मामला मई में अहमदाबाद की अदालत में दायर किया गया था। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय 15 जून को गुजरात के कच्छ जिले में आया था, जिससे क्षेत्र में फसलों और बिजली आपूर्ति को भारी नुकसान हुआ।
हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि तटीय क्षेत्र से 1.10 लाख से अधिक लोगों को सावधानीपूर्वक निकाल लिये जाने के कारण प्राकृतिक आपदा में कोई जन हानि नहीं हुई। ‘बिपरजॉय’ का बांग्ला भाषा में अर्थ आपदा होता है। इस साल अप्रैल में एक बार फिर गुजरात उस वक्त सुर्खियों में आया जब अहमदाबाद की एक अदालत ने 2002 के नरोदा दंगों के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व मंत्री माया कोडनानी समेत सभी 67 आरोपियों को बरी कर दिया।
इन दंगों में 11 लोग मारे गए थे। गुजरात के पारंपरिक नृत्य गरबा को इस महीने की शुरुआत में यूनेस्को द्वारा अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया गया था। गुजरात सरकार ने अहमदाबाद जिले के साणंद में भारत की पहली सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधा की स्थापना के लिए कंप्यूटर स्टोरेज चिप निर्माता माइक्रोन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इनके अलावा अन्य कारणों से भी गुजरात सुर्खियों में रहा।