ब्राह्मण समाज पंचायत में बयानों का मुद्दा उठा
संदीप मिश्र
लखनऊ। समाजवादी पार्टी की महा ब्राह्मण समाज पंचायत में अखिलेश यादव के सामने स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों का मुद्दा उठा। ब्राह्मण नेताओं ने किसी का नाम लिए बगैर अखिलेश से इसकी शिकायत की, साथ ही समझाया कि इससे समाज का एक वर्ग पार्टी से दूर जा रहा है।
सपा प्रबुद्ध सभा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में भी कुछ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने बिना नाम लिए स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने इस पर रोक लगाने की मांग की थी। महा ब्राह्मण समाज पंचायत में अखिलेश यादव की भी चिंता और विवादित बयानों को लेकर नाराजगी नज़र आई। उन्होंने माना कि किसी धर्म या जाति विशेष पर किसी भी द्वारा टिप्पणी किया जाना कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पर हर हाल में अंकुश लगाया जाएगा।
रविवार को लखनऊ में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में कन्नौज के प्रबुद्ध समाज और महा ब्राह्मण समाज पंचायत के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा कि इस प्रवृत्ति पर हर हाल में अंकुश लगाया जाएगा।
अखिलेश के सख्त हुए रुख को मिशन-2024 के लिए हर वर्ग को साथ लाने की उनकी कोशिशों की एक कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अब जब लोकसभा चुनाव में चंद महीने ही बचे रह गए हैं तब समाजवादी पार्टी अपने समीकरणों को दुरुस्त करने में जुट गई है। अखिलेश यादव ने पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) का नारा दिया हुआ है।
इस वर्ग के लोगों को पार्टी से जोड़ने की कवायद चल रही है। इसके साथ ही सवर्णों को भी पार्टी से जोड़ने की कोशिश है। इसी कड़ी में अब ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। रविवार को लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर आयोजित महा ब्राह्रमण पंचायत के सम्मेलन में पार्टी मुखिया अखिलेश यादव भी शामिल हुए।
बताया जा रहा है कि सम्मेलन में अखिलेश यादव के सामने कुछ नेताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों का मुद्दा जोरशोर से उठाया। स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार विवादित बयान देते रहते हैं। वह रामचरित मानस पर भी ऐसी टिप्पणियां कर चुके हैं जिससे साधु-संन्यासियों और धार्मिक आस्था रखने वाला का एक बड़ा वर्ग उनके खिलाफ हो गया।
मिली जानकारी के अनुसार सपा के ब्राह्मण सम्मेलन में भी जोरशोर से स्वामी प्रसाद मौर्य का मुद्दा उठा। ब्राह्मण समाज के कई नेताओं और पार्टी पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं ने नाम लिए बगैर विवादित बयानों पर आपत्ति जताई और इन पर रोक लगाने की मांग की। इस पर अखिलेश यादव ने पदधिकारियों-कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि वह इस पर रोक लगाएंगे। अखिलेश यादव ने कहा कि धर्म और जाति को लेकर कोई टिप्प्णी नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने नेताओं को इससे बचने की हिदायत दी।