लेखपाल को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया
इकबाल अंसारी
अंबेडकरनगर। एंटी करप्शन की टीम ने 20 हजार की रिश्वत लेते अकबरपुर तहसील के एक लेखपाल को रंगे हाथों दबोच लिया। वह लेखपाल संगठन का अकबरपुर तहसील अध्यक्ष भी है। गिरफ्तारी के बाद अकबरपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही आरोपी को स्थानीय पुलिस की सुपुर्दगी में दे दिया गया। दरअसल इस मामले का न्याय क्षेत्र गोरखपुर ही है, लिहाजा आज गोरखपुर कोर्ट में पेश किया गया।
अकबरपुर तहसील में कार्यरत लेखपाल रूपेश यादव ने सोमवार दोपहर करीब सोनगांव निवासी हरेंद्र कुमार को फोन कर चनवा चौराहे पर आने को कहा। वह वहां एक मेडिकल स्टोर पर मौजूद था। एक निर्माण जारी रखने के लिए उसने जैसे ही हरेंद्र से 20 हजार रुपये लिए, वहां मौजूद एंटी करप्शन टीम ने लेखपाल को पकड़ लिया। वह उस समय अपनी कार में मौजूद था। उसने हरेंद्र को भी मेडिकल स्टोर पहुंचने के बाद अपनी कार में बैठा लिया था। उसी में रकम लेने के बाद पहले से घेराबंदी कर रही टीम के हाथ कामयाबी लग गई।
एंटी करप्शन टीम के प्रभारी अयोध्या से आए निरीक्षक रायसाहब द्विवेदी के नेतृत्व में टीम ने लेखपाल को फौरन अपने वाहन में बैठाया और अकबरपुर कोतवाली लेकर आ गए। यहां रायसाहब की तहरीर पर भ्रष्टाचार का मुकदमा लिखा गया। आरोपी लेखपाल को कोतवाली पुलिस की सुपुर्दगी में दे दिया गया। उधर तहसील अध्यक्ष की गिरफ्तारी होते ही एसडीएम, सीओ व तहसीलदार भी अकबरपुर कोतवाली पहुंचे। कई लेखपालों के साथ पहुंचे जिलाध्यक्ष अभिषेक वर्मा ने कहा कि लेखपाल को साजिशन फंसाया गया है। नियम के अनुसार घूस देने वाले पर भी कार्रवाई हो। ऐसा न हुआ तो संगठन आंदोलन करेगा।
यह है पूरा मामला
सोनगांव निवासी सुरेंद्र कुमार यादव व संजय कुमार निषाद ने बीते दिनों शिकायत की थी कि उन्होंने गांव निवासी सितई निषाद से भूमि का बैनामा लिया है। उस पर निर्माण करा रहे हैं। लेखपाल द्वारा निर्माण जारी रखने के लिए अवैध रकम मांगी जा रही है। अधिकारियों से की गई शिकायत में कहा गया कि बगल में पुलिसकर्मी की भूमि होने का हवाला देकर लेखपाल द्वारा दबाव बनाया जा रहा जबकि पुलिसकर्मी ने स्पष्ट कर दिया है कि उसकी बैरीकेडिंग के बाहर निर्माण हो रहा है। इसी मामले में अब सुरेंद्र के भाई हरेंद्र द्वारा 20 हजार रुपये रिश्वत देते लेखपाल को गिरफ्तार कर लिया गया।