संपत्ति लालसा में करती रहीं परिजनों की हत्याएं
दीपक राणा
यह कहानी है जोलियम्मा उर्फ जॉली जोसेफ की। जॉली जोसेफ को उसके पड़ोसी एक परफेक्ट महिला मानते थे। वह कोझिकोड के प्रतिष्ठित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में ‘प्रोफेसर’ थी।
सब की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहती थी। लेकिन उसकी असल कहानी कुछ और ही निकली जो बताती है कि जो दिखता है वह हमेशा सच नहीं होता। और तो और उसकी हकीकत कहीं ज्यादा घिनौनी और भरोसा तोड़ने वाली हो सकती है।
जॉली की सास का निधन एक रहस्यमयी बीमारी के चलते हुआ था। उसके तीन करीबी रिश्तेदारों ने दिल के दौरे की वजह से दम तोड़ा था और उसकी दो साल की भतीजी की दम घुटने से मौत हो गई थी। कई दिनों तक जॉली अपने घर पर किसी का साया होने की बात कहती रही थी। उसने अपने घर और पड़ोस में ऐसा मायाजाल बुना था कि सबको यही लगता था कि वह एनआईटी में प्रोफेसर है। लेकिन इन सबकी असलियत कुछ और थी।
अक्टूबर 2019 में पुलिस ने एक नई कहानी सुनाई। पुलिस की इस कहानी में किसी का साया होने का जिक्र नहीं था बल्कि जॉली ने इन सभी को एक-एक करके सायनाइड जहर देकर मारा था। जब तक पुलिस ने इन घटनाओं का पर्दाफाश नहीं किया था तब तक उसके पड़ोसियों को उस पर रत्ती भर भी शक नहीं था। पड़ोसियों को कभी भी किसी भी तरह की जरूरत होती थी तो जॉली जोसेफ उनकी मदद के लिए हमेशा हाजिर रहती थी।
शादी के पांच साल बाद शुरू हुआ मर्डर का सिलसिला
साल 1997 में जॉली ने रॉय थॉमस के साथ शादी की थी। इसके पांच साल बाद हत्याओं का सिलसिला शुरू हुआ जब साल 2002 में रॉय की 57 वर्षीय मां अन्नम्मा की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई। लेकिन वह पहले ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रही थी तो उनकी मौत पर किसी को कोई शक नहीं हुआ और न ही पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद साल 2008 में रॉय के पिता टॉम थॉमस (66) की तबीयत अचानक बिगड़ गई।
उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित करते हुए मौत का कारण हार्ट अटैक बताया। टॉम ने अपनी वसीयत में संपत्ति रॉय और जोसेफ के नाम की थी। इसके तीन साल बाद रॉय थॉमस की मौत भी हो गई। लेकिन इस बार रॉय के चाचा मैथ्यू ने पोस्टमार्टम पर जोर दिया। पोस्टमार्टम में पता चला कि रॉय थॉमस की मौत सायनाइड के चलते हुई है। इसका आम तौर पर माइनिंग और ज्वैलरी बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया और मामला बंद कर दिया। लेकिन इसके बाद भी जॉली ने सबको रॉय की मौत का कारण हार्ट अटैक ही बताया। रॉय की मौत पर सवाल उठाने वाले मैथ्यू (67) की भी 2014 में मौत हो गई और जॉली ने इसका कारण भी सबको दिल का दौरा बताया। इसी साल रॉय के चचेरे भाई शाजी सखरियास की दो साल की बेटी की कुछ खाते समय दम घुटने से जान चली गई। फिर 2016 में शाजू की पत्नी सिली की भी मौत हो गई।
नई वसीयत सामने आने के बाद हुई शक की शुरुआत
जॉली पर शक की शुरुआत रॉय की मौत के बाद हुई थी जब वसीयत का एक नया वर्जन सामने आया था। इसमें पारिवारिक घर को जॉली के नाम करने की बात थी। रॉय के भाई रोजो थॉमस ने इसकी असलियत जानने की कोशिश शुरू की जिसमें पता चला कि जॉली असल में एनआईटी में काम ही नहीं करती थी। जब रोजो ने अपने परिवार को यह बात बताई तो सब उसी के खिलाफ हो गए। कोई भी उसकी बात मानने को तैयार नहीं हुआ।
2017 में जॉली ने शाजू के साथ ही दूसरी शादी की थी। 2019 में रोजो ने अपने सभी परिजनों की मौत पर शक जताते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। जांच में पुलिस ने चार अक्टूबर 2019 को सभी की कब्र खुदवाई थीं और इसमें पता चला था कि ये सभी मौत असल में हत्याएं थीं। मामले में जॉली के साथ उसके एक संबंधी एमएस मैथ्यू और एक सुनाव प्राजिकुमार को भी गिरफ्तार किया गया था जो सायनाइड सप्लाई करने के लिए जिम्मेदार थे।