'विकसित भारत संकल्प यात्रा' कार्यक्रम, आयोजन
विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की दी जानकारी
ग्राम पंचायत- बारातफरिक, पारा हसनपुर, पट्टी परवेजाबाद, बसुहार, बेरूई, चम्पहा बाजार, शाखा, तैयबपुर मगौरा, जलालपुर बोरियों, मोहिउद्दीनपुर बहुरंगी, नन्दौली एवं बरौली में आयोजित हुआ “विकसित भारत संकल्प यात्रा” कार्यक्रम
कौशाम्बी। जनपद की ग्राम पंचायत-बारातफरिक, पारा हसनपुर, पट्टी परवेजाबाद, बसुहार, बेरूई, चम्पहा बाजार, शाखा, तैयबपुर मगौरा, जलालपुर बोरियों, मोहिउद्दीनपुर बहुरंगी, नन्दौली एवं बरौली मेंं “विकसित भारत संकल्प यात्रा” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। “विकसित भारत संकल्प यात्रा” कार्यक्रम में सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी तथा छूटे हुए पात्र लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया गया।
कार्यक्रम में बैंक के स्टॉल के माध्यम से कृषकों की ई-केवाईसी, आधार सीडिंग, केसीसी एवं अन्य लोन से सम्बन्धित समस्याओं का निस्तारण किया। किसानों को रासायनिक उर्वरकों के वैकल्पिक उर्वरकों यथा-नैनो यूरिया के विषय में जागरूक किया गया। स्वास्थ्य विभाग एवं कृषि विभाग आदि विभागों के स्टॉल भी लगायें गयें। “मेरी कहानी मेरी जुबानी” के तहत विभिन्न योजनाआें के लाभार्थियों ने योजना के लाभ से जीवन में आये परिवर्तन एवं उन्नति का अनुभव सभी से साझा किया। कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामवासियों ने प्रधानमंत्री का रिकार्ड किया गया संदेश भी सुना।
मृदा वैज्ञानिक डा0 मनोज कुमार ने ग्राम पंचायत बारातफरीक में आयोजित “विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम” को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष 5 दिसंबर को ’विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाया जाता है। “विश्व मृदा दिवस” बढती हुई जनसंख्या एवं रासायनिक उर्वरक के असंतुलित उपयोग की वजह से मिट्टी की भौतिक एवं रासायनिक संरचना में परिवर्तन को रोकने एवं लोगों को उपजाऊ मिट्टी के बारे में जागरूक करने तथा संसाधन के रूप में मिट्टी के स्थायी प्रबंधन की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। कृषि में मिट्टी का एक विशिष्ट स्थान है, अगर किसानों के खेतों में फसलों के मुताबिक मिट्टी न हो तो फसलों का अच्छा उत्पादन नहीं हो सकता है, इसलिए मिट्टी का संरक्षण आवश्यक है। उन्हांने बताया कि इस वर्ष विश्व मृदा दिवस 2023 की थीम-“मिट्टी और पानी, जीवन का श्रोत हैं“। मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को अपने खेत की मिट्टी के अनुसार फसल लगाने एवं संतुलित उर्वरक प्रयोग के बारे जानकारी देता है, जिससे उपज अधिक एवं मिट्टी की उर्वराशक्ति संरक्षित रहती है।