सोमवार, 4 दिसंबर 2023

पुस्तक ‘मेरी योजना’ ई. बुक का विमोचन किया

पुस्तक ‘मेरी योजना’ ई. बुक का विमोचन किया

पंकज कपूर 
देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा तैयार की गई पुस्तक ‘‘मेरी योजना’’ ई. बुक का विमोचन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने क्रियान्वयन विभाग के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि आम जनता के हित में लागू की जाने वाली विभिन्न योजनाओं को पुस्तक के माध्यम से सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया गया है। इससे जन सामान्य को जनहितकारी योजनाओं को सरल भाषा में समझने में सुविधा होगी। यह पुस्तक आमजनमानस के लिए उपयोगी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया की जानकारी, आवेदन कैसे और कहां करना है, इससे संबंधित जानकारी को सुलभता से समझाने की प्रक्रिया को पुस्तक के रूप में लाना निश्चित रूप से सभी के लिए उपयोगी रहेगा।
सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन श्री दीपक कुमार ने बताया कि इस पुस्तक में लगभग 55 विभागों, संस्थाओं, संगठनों, बोर्ड, प्राधिकरण, एजेंसियों एवं आयोगों की लगभग 400 योजनाओं, नीतियों, कार्यक्रमों के मूलभूत सेवाओं, प्रमाण पत्रों, पोर्टल का समावेश किया गया है।

दो समूहों के बीच गोलीबारी, 13 लोग मारे गए

दो समूहों के बीच गोलीबारी, 13 लोग मारे गए

इकबाल अंसारी 
इंफाल। मणिपुर के तेंगनौपाल जिले में सोमवार को उग्रवादियों के दो समूहों के बीच हुई गोलीबारी में कम से कम 13 लोग मारे गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह घटना सोमवार दोपहर लीथू गांव में हुई।
तेंगनौपाल जिले के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘म्यांमा जा रहे उग्रवादियों के एक समूह पर इलाके में दबदबा रखने वाले उग्रवादियों के एक अन्य समूह ने घात लगाकर हमला किया।’’ अधिकारियों के अनुसार, मौके पर पहुंचे सुरक्षाबलों को अब तक 13 शव मिले हैं। मारे गए लोगों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वे स्थानीय नहीं थे। तेंगनौपाल जिले की सीमा म्यांमा से लगती है।

एजल पूर्व-1 की अपनी सीट से चुनाव हारे 'सीएम'

एजल पूर्व-1 की अपनी सीट से चुनाव हारे 'सीएम'

इकबाल अंसारी 
आइजोल। मिजोरम विधान सभा चुनाव में सत्ता विरोधी तेज लहर के बीच प्रदेश के सबसे नए राजनीतिक दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने शानदार जीत दर्ज करते हुए 40 में से 27 सीटें जीत कर मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया। मुख्यमंत्री जोरमथांगा एजल पूर्व-1 की अपनी सीट से चुनाव हार गए हैं। इस चुनाव ने मिजोरम के राजनीतिक इतिहास को एक नया मोड़ दिया है।
मिजोरम को राज्य का दर्जा मिलने के बाद से यहां की सत्ता कांग्रेस और एमएनएफ के बीच घुमती चली आ रही थी । सत्ता की इस द्विध्रुवीय राजनीति को जेडपीएम ने भंग किया है। एमएनएफ लगातार तीन बार से राज्य में सत्ता में थी और पिछले विधानसभा चुनावों में इसे 26 सीटें हासिल हुई थीं, इस पार्टी ने उसके बाद हुए उपचुनावों में दो और सीटें हासिल की थीं। इस बार चार अन्य राज्यों के साथ नवंबर में कराए गए मिजोरम के चुनाव की सोमवार को हुई मत गणना के बाद एमएनएफ केवल 10 सीटों पर सिमट कर रह गई है।
भाजपा ने भी पिछले चुनाव में एक विधायक की तुलना में दो सीटें जीतकर कुछ बेहतर प्रदर्शन किया है। ईसाई-बहुल इस राज्य में कांग्रेस केवल एक सीट पर जीत हासिल कर पाई। वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता सी न्गुनलियानचुंगा लॉन्ग्टलाई पश्चिम सीट पर लगातार तीसरी बार विजय दर्ज करने में सफल रहीं। वहीं केन्द्र की सत्ता में आसीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दो सीटों पर ही जीत हासिल हुई है।
वर्ष 2017 में स्थापित जेडपीएम ने अपने गठन के बाद मिजोरम विधानसभा के दूसरे चुनाव में अपनी धाक जमायी है। इस पार्टी के उत्थान के साथ एमएनएफ और कांग्रेस जैसी राज्य की पुरानी पार्टियां इस बार हासिए पर चली गयीं। तीन बार के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और उप-मुख्यमंत्री तावंलुइया सहित कई दिग्गज समझे जाने वाले उम्मीदवारों को इस चुनाव में मुंह की खानी पड़ी है।
 जोरमथांगा (79) एजल पूर्व-1 विधान सभा सीट पर जेडपीएम उम्मीदवार और पूर्व विधायक लालथनसांगा से 2101 वोटों से हारे। उप मुख्यमंत्री और जेडपीएम के अस्सी वर्षीय उम्मीदवार तावंलुइया को तुइचांग निर्वाचन क्षेत्र में जेडपीएम उम्मीदवार डब्ल्यू छुआनावमा पराजित किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जोडिंटलुआंगा और निहार कांति चकमा, ( दोनों पूर्व मंत्री) को क्रमशः थोरांग और पश्चिम तुईपुई के अपने गृह क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा।
ये दोनों क्रमश: लगातार चार और पांच बार से जीतते आ रहे थे। मिजोरम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लालसावता को आइजोल पश्चिम-3 निर्वाचन क्षेत्र में जेडपीएम उम्मीदवार और मौजूदा विधायक वीएल जैथनजामा के सामने हार का सामना करना पड़ा। भारी चुनौतियों के बावजूद निवर्तमान सरकार में मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रॉयटे ने एजल-पूर्व-द्वितीय से ग्रामीण सीट छोड़ने के बाद हचेक निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की।
मंत्री लालचंदमा राल्ते ने अपनी तुइवावल सीट बरकरार रखी। एमएनएफ के प्रमुख विजेताओं में थोरांग से आर रोहमिंगलियाना, पश्चिमी तुइपुई से प्रावो चकमा और तुइचावंग से शांति जीबन चकमा शामिल हैं। जेडपीएम के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालदुहोमा ने सेरछिप सीट बरकरार रखी है। इसी पार्टी के चर्चित प्रत्याशी और फुटबॉल को बढ़ावादेने वाले लालनघिंगलोवा हमार आइजोल पश्चिम-द्वितीय सीट पर जीत हासिल की।
उन्होंने एमएनएफ के लालरुआत्किमा को हराया। जेडपीएम के उम्मीदवार भारतीय पूर्व फुटबॉलर जेजे लालपेख्लुआ ने दक्षिण तुईपुई में एमएनएफ के दिग्गज डॉ. आर लालथंगलियाना शिकस्त दी। आइजोल उत्तर-तृतीय में इसी पार्टी के पूर्व पत्रकार से राजनेता बने के सपडांगा ने सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक लालमुआनपुइया को हराया। वर्ष 2023 के मिजोरम चुनावों ने एक नया इतिहास रचा है।
राज्य में पहली बार तीन महिला विधायक चुनी गईं और तीनों अनारक्षित सीटों से जीतीं। आइजोल दक्षिण-तृतीय से जेडपीएम की उम्मीदवार बेरिल वन्नेइहसांगी तलाऊ, लुंगलेई पूर्व से लालरिनपुई और पश्चिम तुईपुई से एमएनएफ उम्मीदवार प्रवो चकमा ने जीत हासिल की।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

1. अंक-45, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. मंगलवार, दिसंबर 05, 2023

3. शक-1945, माघ, कृष्ण-पक्ष, तिथि-अष्टमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:36, सूर्यास्त: 05:18।

5. न्‍यूनतम तापमान- 15 डी.सै., अधिकतम- 29+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

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रविवार, 3 दिसंबर 2023

यह सभी के लिए एक अप्रत्याशित परिणाम है

यह सभी के लिए एक अप्रत्याशित परिणाम है

नरेश राघानी 
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बीच निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि यह सभी के लिए एक अप्रत्याशित परिणाम है। इसके साथ ही उन्होंने इस दावे को खारिज कर दिया कि अगर पार्टी चुनाव में ‘नये चेहरों’ को आगे लाती, तो दोबारा सत्ता में आ सकती थी।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा तथा आरोप लगाया कि उन्होंने (मोदी एवं शाह ने) चुनाव प्रचार के दौरान लोगों को धर्म के नाम पर भड़काया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि राज्य की जनता भाजपा नेताओं से ‘बदला’ लेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गहलोत ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राजस्थान की जनता के जनादेश को हम विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं।
यह सभी के लिए एक अप्रत्याशित परिणाम है। यह हार दिखाती है कि हम अपनी योजनाओं, कानूनों और नवाचारों को जनता तक पहुंचाने में पूरी तरह कामयाब नहीं रहे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं नई सरकार को शुभकामनाएं देता हूं।
मेरी उनको सलाह है कि हम काम करने के बावजूद कामयाब नहीं हुए, इसका मतलब यह नहीं कि वे (भाजपा) सरकार में आने के बाद काम ही न करें। पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस), चिरंजीवी सहित तमाम योजनाएं एवं इन पांच सालों में राजस्थान को हमारे द्वारा दी गयी विकास की रफ्तार को वे (भाजपा) आगे बढ़ाएं।
’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस चुनाव में पूरी मेहनत की एवं सभी मतदाताओं का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने हमारे ऊपर विश्वास किया।’’ बाद में पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने कहा, ‘‘हमने जो गारंटी दीं, वे शानदार थीं, लेकिन उसके बावजूद जो नतीजे आये हैं, वे चौंकाने वाले हैं।

’’ उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि छत्तीसगढ़ में भी उम्मीद के विपरीत नतीजे आये हैं... मध्य प्रदेश में भी उल्टे नतीजे आये हैं। इसलिए जब तीन राज्यों में परिणाम उल्टे आये हैं तो मैं समझता हूं कि यह एक सोच का और जांच का विषय है कि (हार के) क्या कारण रहे होंगे ?
’’ इस सवाल का जवाब देते हुए कि (क्या) चुनाव में चेहरा बदलने से सकारात्मक परिणाम आ सकते थे, गहलोत ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि नये चेहरे लाने से पार्टी चुनाव जीत सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम भी जानते हैं कि नये चेहरे लाने की बात थी.. नये उम्मीदवार आने चाहिए.. परन्तु यह मांग मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में नहीं थी, लेकिन वहां भी हम चुनाव हारे। (ऐसे में) यह कहना कि यदि हम नये चेहरे लाते तो जीत जाते..गलत बात है।
’’ साल 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चलती रही है। साल 2020 में पायलट ने कुछ विधायकों के साथ गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत की, जिसके बाद उन्हें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह किसी भी पद पर रहें या न रहें, लोगों के लिए काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह आखिरी सांस तक राज्य की जनता के लिए काम करते रहेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या इस हार का असर 2024 के लोकसभा चुनावों पर पड़ सकता है, गहलोत ने जवाब दिया, ‘‘ये सभी चीजें प्रभावित करती हैं।

विपक्षी दल अपने दम पर जीतने में सक्षम नहीं

विपक्षी दल अपने दम पर जीतने में सक्षम नहीं 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। जनता दल (यूनाइटेड) ने रविवार को हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर उसे आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मुख्य विपक्षी दल अपने दम पर जीतने में सक्षम नहीं है। जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव के परिणाम कांग्रेस की पराजय और भाजपा की विजय का संकेत देते हैं । उन्होंने कहा कि चुनावों में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन गायब था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इन राज्यों के चुनाव में ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के अपने एक भी सहयोगी दल को न कभी आमंत्रित किया और ना ही उससे सलाह-मशविरा किया। त्यागी ने कहा कि समाजवाद की विचाराधारा वाले दलों से भी परामर्श नहीं किया गया, जिनकी इन राज्यों में ऐतिहासिक रूप से मौजूदगी रही है।
वह चुनाव से पहले भोपाल में विपक्षी गठबंधन की एक प्रस्तावित रैली को निरस्त किये जाने के लिए एक तरह से कांग्रेस नेतृत्व पर प्रहार कर रहे थे। ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक छह दिसंबर को बुलाई गई है। त्यागी ने कहा, ‘‘इस समय सभी के लिए बहुत जरूरी है कि ‘इंडिया’ गठजोड़ को मजबूत किया जाए। यदि कुछ महीने पहले गठबंधन की बैठक बुलाई गई होती तो कारगर होती।’’

वायरस के खिलाफ ‘टीका पैच’ विकसित किया

वायरस के खिलाफ ‘टीका पैच’ विकसित किया 

अखिलेश पांडेय 
वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिकों ने मच्छर जनित जीका वायरस के खिलाफ सुई रहित ‘टीका पैच’ विकसित किया है, जो लगाने में आसान होगा। ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा विकसित प्रायोगिक टीके ने चूहों में जीका वायरस के प्रति प्रभावी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न की।
इस टीके से संबंधित विवरण ‘मॉलिक्यूलर थेरेपी न्यूक्लिक एसिड’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। जीका वायरस प्रशांत, दक्षिण पूर्व एशिया, भारत, अफ्रीका और दक्षिण एवं मध्य अमेरिका के लोगों के लिए खतरा है।
फरवरी 2016 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तब अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था, जब जीका वायरस लातिन अमेरिका के 40 देशों में फैल गया, जिससे छह महीने की अवधि में 15 लाख से अधिक पुष्ट या संदिग्ध मामले सामने आए। टीका पैच प्रौद्योगिकी के मुख्य लक्ष्यों में से एक है। पैच में पानी में घुलनशील करीब 100 सुइयां होती हैं, जिनमें टीका होता है। पैच की मदद से लगाए जाने वाले टीके में ये सुइयां मिनटों में त्वचा के भीतर घुल जाती हैं।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...