शुक्रवार, 1 दिसंबर 2023

धान खरीद की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की

धान खरीद की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की 

धान खरीद में अपेक्षित प्रगति न पाये जाने पर ए0आर0 कापरेटिव को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश

जिलाधिकारी ने की धान खरीद की प्रगति की विस्तृत समीक्षा अधिकारियों को धान खरीद में प्रगति लाने के निर्देश

कौशाम्बी। जिलाधिकारी सुजीत कुमार द्वारा उदयन सभागार में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ धान खरीद की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने केन्द्रवार धान खरीद की विस्तृत समीक्षा के दौरान धान खरीद में अपेक्षित प्रगति न पाये जाने पर कड़ी नाराजगी प्रकट करते हुए सभी सम्बन्धित अधिकारियों को प्रगति लाने तथा किसानों को समय से भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने क्रय एजेंसी पी0सी0एफ0 द्वारा लक्ष्य के सापेक्ष धान खरीद में अपेक्षित प्रगति न पाये जाने पर नाराजगी प्रकट करते हुए ए0आर0 कापरेटिव को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए। 
उन्होंने जिला खाद्य विपरण अधिकारी एवं ए0आर0 कापरेटिव को प्रतिदिन क्रय केन्द्रवार धान खरीद की समीक्षा कर अपेक्षित प्रगति सुनिश्चित करने तथा केन्द्रवार की गई खरीद की आख्या प्रतिदिन उन्हें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके साथ उन्होंने खरीद किये गये धान के उठान में भी प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को धान खरीद केन्द्रों का निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने ओसा मण्डी में बनाये गये 08 खरीद केन्द्रवार अब तक की गई खरीद की समीक्षा के दौरान एफ0सी0आई0 एवं मण्डी समिति द्वारा अन्य क्रय एजेंसी के सापेक्ष कम खरीद किये जाने पर नाराजगी प्रकट करते हुए सबन्धित अधिकारियों को अपेक्षित प्रगति लाने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रगति न पाये जाने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। बैठक में अपर जिलाधिकारी अरूण कुमार गोंड सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
सुशील केसरवानी

135 से अधिक सीट जीतकर, सरकार बनाएंगे

135 से अधिक सीट जीतकर, सरकार बनाएंगे 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 135 से अधिक सीट जीतकर सरकार बनाएगी तथा अपने वादों को पूरा करेगी। मध्य प्रदेश विधानसभा की सभी 230 सीट के लिए 17 नवंबर को मतदान संपन्न हुआ था।
मतदान के बाद आए दो प्रमुख एजेंसियों के एग्जिट पोल में भाजपा की सरकार बनने का अनुमान जताया गया है, हालांकि कुछ सर्वेक्षणों में कांग्रेस की बढ़त बताई गई है। कांग्रेस के मध्य प्रदेश प्रभारी सुरजेवाला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर राज्य के पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के लिए पोस्ट संदेश में कहा, ‘‘कांग्रेस के ऊर्जावान साथियों, आप दीपक की तरह 18 वर्षों तक भाजपाई सत्ता के घनघोर अंधियारे से लड़े हैं।
मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि 3 दिसंबर को जो सूर्योदय होगा, वह भाजपाई सत्ता के कुशासन का अंत करने वाला होगा तथा कांग्रेस 135 से अधिक सीट जीतकर अपने वचनों को पूरा करेगी ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘साथियों, यह चुनाव मध्य प्रदेश की जनता बनाम भाजपा के घोटाले तथा नाकामियों के बीच था।
हम पूरे आत्मविश्वास से कह सकते हैं कि जनता की जीत होगी।’’ सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘भारतीय जनता पार्टी उस तथाकथित सर्वे के भरोसे है, जिस सर्वे पर सर्वे करने वाली एजेंसी को खुद ही भरोसा नहीं है, क्योंकि भाजपा सरकार ने प्रदेश के हर नागरिक का भरोसा तोड़ा है। भर्ती घोटालों में युवाओं के भविष्य से लेकर बच्चों के पोषण आहार तक लूट की हैं। आदिवासी अपमान से लेकर महाकाल लोक में भगवान तक किसी को नहीं छोड़ा है।’’
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा को जनता ने नकारा है, अब उसे सर्वे का सहारा है। सुरजेवाला ने दावा किया कि भाजपा मतगणना वाले दिन प्रशासन पर दबाव बनाने की बदनीयती रखती है, जिसका उदाहरण बालाघाट में डाक मतपत्रों में ‘गड़बड़ी करने’ की कोशिश से साफ़ नज़र आता है।
उन्होंने कहा, ‘‘कार्यकर्ता साथियो, कांग्रेस मध्य प्रदेश में प्रचंड बहुमत से चुनाव जीत गई है। इस जीत की खुशी आप प्रदेश की जनता के चेहरों पर साफ़ पढ़ सकते हैं। बस 3 दिसंबर को मतगणना की औपचारिकताएं शेष हैं, मगर आप को तीन दिसंबर को सतर्कता रखनी है ताकि निष्पक्षता से मतगणना हो सके।’’

त्रिपुरा: एक परिवार के तीन सदस्यों ने की खुदकुशी

त्रिपुरा: एक परिवार के तीन सदस्यों ने की खुदकुशी 

इकबाल अंसारी 
अगरतला। त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले में दिव्यांग बेटी के भविष्य को लेकर चिंतित एक परिवार के तीन सदस्यों ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने यह जानकारी दी। प्रभारी अधिकारी (ओसी) देबाशीष दास ने फोन पर बताया कि मृतकों की पहचान चिंताहरण पॉल (70), प्रतिभा पॉल (60) और माणिका पॉल (20) के रूप में हुई है।
उन्होंने कहा, “जब तीनों सुबह आठ बजे तक सोकर नहीं उठे तो चिंताहरण के बड़े भाई गुरुंग ने उनके कमरे का दरवाजा खोला। अंदर घुसने के बाद उन्होंने देखा कि उनके भाई, भाभी और भतीजी बिस्तर पर पड़े थे।” अधिकारी ने कहा कि सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर पहुंची पुलिस शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले गई।
उन्होंने कहा, “प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने बृहस्पतिवार रात जहर खा लिया था।” अधिकारी ने कहा, “70 वर्षीय माटी कलाकार (चिंताहरण) अपनी 20 वर्षीय दिव्यांग बेटी के भविष्य को लेकर चिंतित था। शायद इसी के चलते पूरे परिवार ने यह आत्मघाती कदम उठाया।”

विधेयकों को मंजूरी के लिए नहीं भेजा जा सकता

विधेयकों को मंजूरी के लिए नहीं भेजा जा सकता

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को व्यवस्था दी कि राज्य विधानसभा द्वारा पारित और पुन: अपनाए गए विधेयकों को राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए नहीं भेजा जा सकता। न्यायालय ने तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि से कहा कि मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के साथ बैठक करें और राज्य विधानसभा द्वारा पारित 10 लंबित विधेयकों पर बने गतिरोध को सुलझाएं। रवि और स्टालिन के बीच ऐसे अनेक मुद्दों पर गतिरोध बना हुआ है।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी की दलीलों पर संज्ञान लिया कि राज्यपाल ने अब पुन: अपनाए गए विधेयकों को राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भेज दिया है। पीठ ने कहा, ‘‘हम चाहेंगे कि राज्यपाल गतिरोध को सुलझा लें।
यदि राज्यपाल मुख्यमंत्री के साथ गतिरोध को सुलझा लेते हैं तो हम इसे सराहेंगे। मुझे लगता है कि राज्यपाल को मुख्यमंत्री को आमंत्रित करना चाहिए और वे बैठ कर इस बारे में चर्चा करें।’’ राज्यपाल के कार्यालय पर ‘संवैधानिक हठ’ का आरोप लगाते हुए सिंघवी ने कहा कि राज भवन ने विधेयकों को लंबे समय तक लंबित रखने के बाद 28 नवंबर को राष्ट्रपति को भेजा जो संवैधानिक नियमों का उल्लंघन है।
राज्यपाल के कार्यालय की ओर से पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने दलील दी कि जब राज्यपाल किसी विधेयक को विधानसभा को वापस भेजते हैं तो वह मंजूरी को रोक नहीं रहे हैं बल्कि केवल सदन से उस पर पुनर्विचार करने को कह रहे हैं। शीर्ष विधि अधिकारी ने कहा कि जब विधानसभा कहती है कि वह विधेयक पर अपना रुख नहीं बदलेगी तो राज्यपाल इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेज सकते हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने संविधान के अनुच्छेद 200 का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘राज्यपाल को पहली बार में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए सुरक्षित रखना चाहिए। अगर उन्होंने इसे विधानसभा को वापस भेज दिया है और इसे पुन: अपनाया गया है तो राज्यपाल इसे राष्ट्रपति को नहीं भेज सकते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान के अनुच्छेद 200 के अनुसार, राज्यपाल के पास तीन विकल्प हैं - वह अनुमति दे सकते हैं या अनुमति रोक सकते हैं या वह विधेयक को राष्ट्रपति के लिए सुरक्षित रख सकते हैं। ये सभी विकल्प हैं। इस मामले में, राज्यपाल ने शुरू में कहा कि मैं अनुमति रोकता हूं। एक बार जब वह सहमति रोक लेते हैं, तो इसे राष्ट्रपति के लिए आरक्षित करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। वह नहीं कर सकते।
उन्हें तीन विकल्पों में से एक का पालन करना होगा - सहमति, सहमति रोकना या इसे राष्ट्रपति के पास भेजना।’’ शीर्ष अदालत तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें राज्यपाल रवि द्वारा विधेयकों को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया गया था।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

1. अंक-42, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. शनिवार, दिसंबर 02, 2023

3. शक-1945, माघ, कृष्ण-पक्ष, तिथि-पंचमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:36, सूर्यास्त: 05:18।

5. न्‍यूनतम तापमान- 15 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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गुरुवार, 30 नवंबर 2023

एसपी द्वारा थाने का आकस्मिक निरीक्षण किया

एसपी द्वारा थाने का आकस्मिक निरीक्षण किया 

संदीप मिश्र 
मिर्जापुर। गुरुवार को पुलिस अधीक्षक अभिनन्दन द्वारा थाना मड़िहान का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के क्रम में पुलिस अधीक्षक द्वारा थाना कार्यालय एवं कार्यालाय में रखे विभिन्न अभिलेखो व रजिस्टरों का गहनता से चेक किया गया। थाना परिसर भ्रमण के दौरान थाना परिसर में रखे माल मुकदमाती वाहनों के रख-रखाव व परिसर की साफ-सफाई तथा परिसर में अवस्थित महिला पुलिस चौकी का निरीक्षण कर सम्बन्धित को अभिलेखों के रख-रखाव सहित अन्य आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया, इसी दौरान निर्माणाधीन महिला रिपोर्टिंग पुलिस चौकी का भ्रमण कर सम्बन्धित को निर्धारित समयावधि में निर्माण कार्य को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया।
निरीक्षण के क्रम में साइबर हेल्प डेस्क, महिला हेल्प डेस्क, जनशिकायत डेस्क आदि का निरीक्षण कर कार्यालयी अभिलेखों के समुचित रख-रखाव तथा सीसीटीएनएस कक्ष, मालखाना, हवालात, भोजनालय व बैरक आदि का भ्रमण/निरीक्षण कर सम्बन्धित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। इस दौरान थाना परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की क्रियाशीलता एवं मॉनिटरिंग कक्ष का निरीक्षण किया गया। थानाध्यक्ष मड़िहान को थाने पर आने वाले फरियादियों के साथ विनम्रता पूर्ण व्यवहार करते हुए उनकी समस्या सुनकर समय से गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करने का निर्देश दिया गया। थाना क्षेत्रांतर्गत बाजार, मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों, कस्बों आदि जगहों पर नियमित रुप से गश्त व चेकिंग आदि के सम्बन्ध में सम्बन्धित को निर्देशित किया गया। उक्त निरीक्षण के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन, क्षेत्राधिकारी ऑपरेशन व थानाध्यक्ष मड़िहान सहित पुलिस के अन्य अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।

नायडू की याचिका पर सुनवाई 12 तक स्थगित

नायडू की याचिका पर सुनवाई 12 तक स्थगित 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने फाइबरनेट मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध करने वाले तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुनवाई बृहस्पतिवार को 12 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने मामले को यह कहते हुए स्थगित कर दिया कि 371 करोड़ रुपये के कौशल विकास घोटाला मामले में प्राथमिकी को रद्द करने के संबंध में नायडू द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर फैसला जल्द ही आने की संभावना है।
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि राज्य पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ पहले की व्यवस्था जारी रहनी चाहिए। आंध्र प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत को आश्वासन दिया कि यह व्यवस्था जारी रहेगी।
शीर्ष अदालत ने पूर्व में आंध्र प्रदेश पुलिस से कहा था कि वह फाइबरनेट मामले में नायडू को तब तक गिरफ्तार न करे जब तक कि वह कौशल विकास घोटाला मामले में तेदेपा सुप्रीमो की याचिका पर अपना फैसला नहीं सुना देती। राज्य पुलिस ने 13 अक्टूबर को शीर्ष अदालत को बताया था कि वह नायडू को हिरासत में नहीं लेगी।
फाइबरनेट मामला आंध्र प्रदेश फाइबरनेट परियोजना के चरण-एक के तहत एक पसंदीदा कंपनी को 330 करोड़ रुपये का कार्य आदेश आवंटित करने के लिए निविदा में हेरफेर से संबंधित है। आंध्र प्रदेश पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने आरोप लगाया है कि निविदा देने से लेकर काम पूरा होने तक परियोजना में अनियमितताएं की गईं, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।
नायडू (73) को 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए कौशल विकास निगम से धन का कथित दुरुपयोग करने के आरोप में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। बताया जाता है कि इस मामले में राज्य के खजाने को 371 करोड़ रुपये का कथित नुकसान हुआ।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...